जोशीमठ उत्तराखंड ( Joshimath Uttarakhand) जोशीमठ उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख पर्यटक और धार्मिक स्थल है यहां पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु जोशीमठ नरसिंह मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं I जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्र स्तर से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है । यह शहर बर्फ से ढकी हिमालय पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। यह स्थल हिंदू धर्म के लोगों के लिए प्रतिष्ठित जगह है . हाल के दिनों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि जोशीमठ में आपदा की घटना घटित हुई है . जिसके कारण इसकी चर्चा आज की तारीख में अखबारों और टीवी चैनलों पर सबसे अधिक हो रही है ऐसे में आपके मन में भी सवाल आएगा कि जोशीमठ आपदा क्या है? जोशीमठ में भू-धंसाव जोशीमठ नरसिंह मंदिर ,जोशीमठ का इतिहास अगर आप इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि आप हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं-
बागेश्वर धाम सरकार की महिमा जाने
Joshimath Uttarakhand 2023
आर्टिकल का प्रकार | धार्मिक स्थल |
आर्टिकल का नाम | जोशीमठ कहाँ पर |
कहां पर है | उत्तराखंड राज्य में |
कैसे पहुंचे | सड़क रेल हवाई मार्ग के द्वारा |
समुद्र तल से जोशीमठ की ऊंचाई कितनी | यह समुद्रतल से 2500 मी० (8200 फीट) से 3050 मी० (10,010 फीट) तक की ऊंचाई पर स्थित |
क्या जोशीमठ में हवाई अड्डा है? | जॉली ग्रांट हवाई अड्डा जोशीमठ का निकटतम हवाई अड्डा है जो 272 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। |
जोशीमठ आपदा क्या है? | Joshimath Disaster
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं ने चारों तरफ हाहाकार मचा दिया है जगह-जगह पर जमीन फट रही है और घर होटलों में बड़ी-बड़ी दरारे हो रही है लोगों में अफरा-तफरी का माहौल मचा हुआ है ऐसे हालात जोशीमठ में नहीं बल्कि उसके करीबी के इलाके कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी में भी हो गए हैं. ताकि लोगों को लग रहा था कि यह जमीन धंसने की घटना जोशीमठ से शुरू हुई है लेकिन इसके पीछे कुछ और ही कहानी है I दावा किया जा रहा है कि इसकी शुरुआत महीनों पहले हो चुकी थी जानकारी के जोशीमठ से करीब 8 किमी. ऊपर जाने पर 7000 फुट की ऊंचाई पर सुनील नाम का गांव है. सबसे पहले इसी गांव में जमीन धंसने की शुरुआत हुई थी. इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां पर महीनों पहले ही घर की दीवारों में दरारें दिखाई पड़ रही थी और पिछले 8 महीने में दरार इतनी बड़ी हो गई कि घर के घर टूट रहे हैं और इस गांव के बारे में दावा किया जा रहा है गांव का अस्तित्व समाप्ति के तरफ है I
जोशीमठ में भू-धंसाव | Joshimath Landslide
जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना तेजी के साथ बढ़ गई है यही वजह है कि सरकार के द्वारा ऐसे घरों को चिन्हित कर कर उन्हें. जमींदोज करने का काम शुरू हो चुका है I इस संदर्भ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे घटनाक्रम का विवरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है और मोदी के द्वारा हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है I इस घटनाक्रम पर लगातार जल शक्ति मंत्रालय अपनी नजर बना कर रखा है क्योंकि हालात काफी खराब है और लोगों को यहां से निकालने का भी काम तेजी से चल रहा है ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके I
जोशीमठ नरसिंह मंदिर | Joshimath Narsingh Mandir
जोशीमठ नरसिंह मंदिर (Joshimath Uttarakhand) हिंदुओं का एक सबसे पवित्र मंदिर है इस मंदिर में भगवान विष्णु के उग्र अवतार नरसिंह भगवान विराजमान है I मंदिर की स्थापना के विषय में कई प्रकार की पौराणिक कथाएं प्रचलित है कुछ लोगों का मानना है कि इसकी स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने करवाया था। इसके अलावा मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसकी स्थापना महाभारत काल में पांडव के द्वारा की गई थी I
जोशीमठ का इतिहास | Joshimath History
जोशीमठ का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है I प्राचीन काल में जोशीमठ को योषि के नाम से जाना जाता रहा है जिसका विवरण धार्मिक ग्रंथों में दिया गया है इसके मुताबिक जोशीमठ चार धामों में से प्रमुख था और इसे आध्यात्मिकता का केंद्र भी मान जाता है I मध्यकाल में गढ़वाल एवं कुमाऊँ के भूभागों पर शासन करने वाली प्रथम ऐतिहासिक राजनैतिक शक्ति कार्तिकेयपुर वंश के राजाओं ने जोशीमठ के कार्तिकेयपुर नामक स्थान को अपनी राजधानी बनाया था इसके बाद जोशीमठ एक राजनीतिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ ऐसा कहा जाता है कि कार्तिकेयपुर वंश के राजाओं के समय ही आदि गुरु शंकराचार्य का उत्तराखंड में आगमन हुआ थाजिन्होंने इस स्थान पर ज्योर्तिमठ की स्थापना की थी। जिसके बाद जोशीमठ हिंदुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया वर्तमान में भी जोशीमठ बद्रीनाथ धाम का मुख्य केंद्र बिंदु है।
FAQ’s Joshimath Uttarakhand
Q.जोशीमठ की भौगोलिक स्थिति क्या है ?
जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित प्राचीन स्थल है। इस स्थल की समुद्र तल से ऊँचाई 6150 फीट है।
Q.जोशीमठ का प्राचीन नाम क्या था ?
Ans.जोशीमठ का प्राचीन नाम योषि था। इसे हिंदू धर्म के प्रमुख चार धामों में से एक धाम के रूप में वर्णित किया गया I
Q.ज्योर्तिमठ की स्थापना किसने की थी ?
Ans.ज्योर्तिमठ की स्थापना जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा की गयी थी।
Q.शीतकाल में भगवान बद्रीनाथ की पूजा कहाँ की जाती है ?
Ans.शीतकाल में भगवान बद्रीनाथ की पूजा जोशीमठ में स्थित नरसिंह मंदिर में की जाती है I
Q.जोशीमठ कैसे पहुंचे?
Ans.जोशीमठ पहुंचना बहुत आसान है। इसके लिए आप दिल्ली, हरियाणा या पंजाब आदि कई शहरों से आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा देहरादून, ऋषिकेश या फिर मसूरी जैसे शहर से भी आप आसानी से बस या लोकल टैक्सी लेकर जोशीमठ पहुंच सकते हैं I
जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण
जोशीमठ में जमीन क्यों धंस रही है
जोशीमठ की जमीन धसने के वैज्ञानिक कारण
जोशीमठ पर सरकार के फैसला