Gyanvapi 2023: ज्ञानवापी का इतिहास क्या है? जानें क्यों हो रही है, इसकी चर्चा

Gyanvapi Mosque Case 2023

Gyanvapi 2023: देश के अंदर ज्ञानवापी (Gyanvapi) का मामला तेजी के साथ चर्चा का विषय बना हुआ है।जैसे कि आप लोगों को मालूम है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट (Banaras Court) में ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है । कोर्ट के द्वारा कुछ दिन पहले ज्ञानवापी माजिद (Gyanvapi Masjid) परिसर का वीडियोग्राफी किया गया था। जिसके माध्यम से कई अहम सबूत प्राप्त हुए थे  जो इस बात का दावा करते हैं’ कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण ज्ञानवापी मंदिर पर हुआ था। कोर्ट के अंदर हिंदू पक्षकारों का कहना है कि पहले यहां मंदिर हुआ करता था और साथ में दावा किया जा रहा है कि यहां पर बजरंगबली की मूर्ति थी । इसके अलावा असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाना में छुपा हुआ है। हालांकि सच्चाई तभी आएगी जब ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे होगा।  उसके माध्यम से ही अहम जानकारी प्राप्त हो पाएगी यहां पर पहले मस्जिद या मंदिर था। 

ऐसे में हर एक भारतीय ज्ञानवापी मस्जिद या मंदिर के बारे में जानना चाहता है। पूरी जानकारी के लिए आप हमारा आर्टिकल पूरा पढ़े क्योंकि हम आपको इस लेख में ज्ञानवापी का इतिहास ज्ञानवापी मंदिर | Gyanvapi Temple, ज्ञानवापी मस्जिद | Gyanvapi Masjid, ज्ञानवापी मसज़िद केस | Gyanvapi Masjid Case, ज्ञानवापी मसज़िद बनारस कोर्ट | Gyanvapi Mosque Varanasi Court, ज्ञानवापी न्यूज | Gyanvapi News, ज्ञानवापी मसज़िद केस | Gyanvapi Mosque Case के बारे में विस्तार से बताएंगे, तो चलिए शुरु करते हैं:-

ज्ञानवापी मंदिर | Gyanvapi Temple

हिंदू समुदाय के द्वारा कोर्ट में इस बात का दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर है। क्योंकि जब यहां पर वीडिय ग्राफी की गई तो कई प्रकार के अहम सबूत सामने आए जो इस बात का प्रमाण है कि ज्ञानवापी मस्जिद ज्ञानवापी मंदिर  ( Gyanvapi Temple) के ऊपर ही बनाई गई थी।इसके संबंध में इतिहासकारों के द्वारा भी कई प्रकार के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं । जिसके मुताबिक काशी विश्वनाथ जिसे आज ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जानते हैं । उसका निर्माण राजा टोडरमल के द्वारा किया गया था’ लेकिन जब भारत में मुगल शासक की स्थापना हुई तो औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ (kashi Vishwanath) को तोड़कर यहां पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया था था। 1991 में पहली बार वाराणसी कोर्ट में पहला मुकदमा दाखिल हुआ था। जिसमें कोर्ट से ज्ञानवापी परिसर में  पूजा करने की अनुमति मांगी गई। उसके ठीक बाद सरकार ने 1991 में संसद के माध्यम से पूजा स्थल कानून बना दिया था, जिसके मुताबिक 15 अगस्त 1947 के पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। अगर कोई भी ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है। हालांकि कोर्ट में इस कानून को भी चैलेंज किया गया है ।

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ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid)

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बनारस में स्थित है। इसका निर्माण एक पुराने शिव मंदिर की जगह पर किया गया है जिसे औरंगजेब ने 1659 में  बर्बाद कर दिया था।  इस जगह पर मूल रूप से विश्वेश्वर मंदिर था,जिसे टोडर मल (Todar Mal) ने नारायण भट्ट के द्वारा स्थापित किया गया था। जो बनारस के मशहूर ब्राह्मण परिवार के मुखिया माने जाते थे। इतिहास में इस बात का विवरण है कि यह मुगल शासक जहांगीर के  करीबी सहयोगी वीर सिंह देव बुंदेला  ने कुछ हद तक मंदिर का नवीनीकरण किया था ‘ परंतु 1669 में औरंगजेब ने अपने इस मंदिर को नष्ट करने का आदेश जारी किया था और उसकी जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया। मस्जिद का नाम एक निकटवर्ती कुएं, ज्ञान वापी (“ज्ञान का कुआं”) से लिया गया है। किवदंतियों के अनुसार शिव ने इस कुएं को शिवलिंग को ठंडा करने के लिए निर्माण किया था।

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ज्ञानवापी मसज़िद केस | Gyanvapi masjid case

उत्तर प्रदेश के बनारस कोर्ट (Banaras Court) में ज्ञानवापी माजिद केस (Gyanvapi Masjid Case) चल रहा है, जिसमें आए दिन कोर्ट द्वारा नए-नए फैसले आ रहा है, ताकि इस केस का निपटारा जल्द से जल्द किया जा सके। इस संबंध में हाल के दिनों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्कत टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि इस मामले का फैसला 6 महीने के अंदर करना आवश्यक है। ताकि दो समुदाय के लोगों के बीच में तनाव की जो स्थिति बनी है । उसे समाप्त किया जा सके कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर कोई भी Party मामले को टालने की कोशिश करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए।

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ज्ञानवापी मस्जिद केस (Gyanvapi Masjid Case) में बनारस कोर्ट के द्वारा आर्कियोलॉजिकल सर्वे करने के आदेश जारी किए ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके। सर्वे का काम पूरा होने के बाद इस रिपोर्ट को कोर्ट में जमा किया जाएगा। इसके बाद Court अपना फैसला 21 दिसंबर को सुनवाएगी बनारस कोर्ट के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दिया गया था लेकिन कोर्ट के द्वारा सर्वे पर स्टे लगाने की यशिका को खारिज कर दिया गया है । 

ज्ञानवापी मसज़िद बनारस कोर्ट | Gyanvapi Mosque Varanasi Court

ज्ञानवापी मस्जिद का मामला (Gyanvapi Mosque Case) बनारस कोर्ट में चल रहा है। 18 दिसंबर 2023 को बनारस कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का आर्कियोलॉजिकल सर्वे करने का आदेश पारित कर दिया गया है। ताकि इस बात की जानकारी हासिल की जा सके कि ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर। ताकि Court अपना फैसला इस मामले पर सुना सकें 1991 में बनारस कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद संबंधित मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष के लोगों ने इस मुकदमा को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था’ लेकिन हाई कोर्ट ने उनके याचिका को खारिज कर दिया है। बनारस कोर्ट को मामले का निपटारा करने का आदेश जारी किया |

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ज्ञानवापी न्यूज (Gyanvapi News)

बनारस कोर्ट के द्वारा जब आर्कियोलॉजिकल सर्वे करने के आदेश जारी किया तो उसे फैसले को चुनौती देने के लिए मुस्लिम पंच इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा  जहां पर उनकी पांच याचिकाओं को  इलाहाबाद उच्चतम न्यायालय के द्वारा खारिज कर दिया गया है ।  इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ के द्वारा कहा गया है ।  प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 से सिविल वाद बाधित नहीं है ।  कोर्ट ने आगे कहा है कि आजकल सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि मंदिर का स्वामित्व किसके पास होगा इसलिए कोर्ट बनारस कोर्ट के फैसले को बरकरार रखती है । 

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Conclusion: ज्ञानवापी मसज़िद केस

Gyanvapi Mosque Case:- उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल ज्ञानवापी मस्जिद केस (Gyanvapi Mosque Case) आपको पसंद आएगा आर्टिकल से जुदा अगर आपका कोई अहम सुझाव है या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे और जैसे ही ज्ञानवापी मस्जिद केस में कोई नहीं अपडेट आएगी हम आपको तुरंत जानकारी प्रदान करेंगे इसलिए आप हमारे वेबसाइट को बुकमार्क कर लीजिए ताकि ज्ञानवापी मस्जिद केस में कोई नया अपडेट आए तो उसका नोटिफिकेशन आपको मिल सके |  

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FAQ’s: Gyanvapi Mosque Case 2023

Q. ज्ञानवापी मस्जिद कहां है? 

Ans. ज्ञानवापी मस्जिद उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक विवादित मस्जिद है ।

Q. ज्ञानवापी मस्जिद का असली नाम क्या है?

इस मस्जिद का असली नाम आलमगीरी मस्जिद है,आज की तारीख में इसे ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।

Q. ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में क्या मिला? 

Ans. हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि ASI के सर्वे में ज्ञानवापी के तहखाने में मंदिर से जुड़ी कलाकृतियां ‘त्रिशूल, कलश, कमल और स्वास्तिक के निशान मिले हैं. जो इस बात का प्रमाण है कि यहां पर पहले मंदिर था’ लेकिन मुस्लिम पक्ष के  लोगों का कहना है कि इस प्रकार के कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं जो साबित कर सके कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर है।

Q. ज्ञानवापी मंदिर को किसने नष्ट किया?

Ans. ज्ञानवापी मंदिर को औरंगजेब के द्वारा 1659 में नष्ट किया गया था। 

Q. ज्ञानवापी मंदिर का निर्माण किसने करवाया था? 

Ans. ज्ञानवापी मंदिर का निर्माण राजा टोडरमल और नारायण दत्त ने करवाया था।

Q. ज्ञानवापी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है?

Ans. सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दे दी है |

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