हजरत अली का जन्मदिन 2023 | Hazrat Ali Birthday

Hazrat ali birthday

हजरत अली का जन्मदिन:- इस्लामी कैलेंडर (Islamic Calendar) के रज्जब माह की 13 तारीख को मतलब 601 ई. में हजरत अली (Hazrat Ali) का जन्म मक्का, काबा (Makka,Kaba) में हुआ था, जो कि इस्लाम का सबसे पवित्र स्थान है। इस बार 2023 ईस्वी में अंग्रेजी कैलेंडर (English Calendar) के मुताबिक अली का जन्म 5 फरवरी को पड़ रहा है। इनका असली नाम अली इब्ने अबी तालिब था। इस दिन सभी मुसलमान (Muslims) एक-दूसरे को हजरत अली के जन्मदिन (Hazrat Ali Birthday) की बधाई देते हैं और उनके द्वारा कहे गए शांति संदेशों को याद करते हैं।

हजरत अली लोगों को अमन का पैगाम (Message of peace) दिया करते थे। हजरत अली के जन्मदिन का जश्न India और मुस्लिम आबादी वाले देशों में मनाया जाता है। इस्लाम धर्म के लिए हजरत अली की सच्चाई और समर्पण का सम्मान के तौर पर यह विशेष दिन मनाया जाता है। इस दिन दावत की तैयारी की जाती है, बच्चों को इस्लाम के प्रसार ( Spread of Islam ) में अली के योगदान के बारे में बताया जाता है।

इस खुशी के मौके पर मस्जिदों में रौनक बढ़ जाती है। मस्जिदों (Mosques) को रौशनी में सजाया जाता है, कव्वाली का आयोजन होता है। इस लेख में हम आपको हजरत अली से जुड़ी और भी जानकारियां देंगे। इस लेख को हजरत अली का जन्मदिन(hazarat ali’s birthday) हजरत अली की कितनी बीवी थी,हजरत अली के कितने बेटे थे,हज़रत अली की नसीहत,हजरत अली की प्यारी बातें इन सभी बिंदूओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। हजरत अली के बारे में जनने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

Hazrat Ali Birthday in Hindi

टॉपिकहजरत अली का जन्मदिन
लेख प्रकारआर्टिकल
साल2023
हजरत अली का जन्म मक्का, काबा
हजरत अली लोगों क्या दिया करते थेअमन का पैगाम
साल 2023 में हजरत अली का जन्मदिन कब मनाया जाएगा5 फरवरी 2023
5 फरवरी 2023 कौन सा दिन हैरविवार

 हजरत अली कौन थे? | Who is Hazrat Ali

About Hazrat Ali:-हजरत अली शिया मुस्लिम समुदाय (Hazrat Ali Shia Muslim Community) के पहले इमाम (Muslim spiritual or religious leader ) थे। वहीं हजरत मोहम्मद पैगंबर ( The Prophet Muhammad) के बाद सुन्नी मुसलमानों (Sunni Muslims) के चौथे खलीफा भी थे। इनका जन्म मक्का में हुआ था। यह मुहम्मद के चचेरे भाई और दामाद भी थे। मुहम्मद के अलावा हजरत अली (Hazrat Ali) को इस्लाम धर्म (Islam Religion) में परिवर्तित होने वाले पहले पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है।

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इनके पिता का नाम अबू तालिब और मां का नाम फातिमा बिन्त असदा था। Hazrat Ali के बेटे हुसैन ने कर्बला की लड़ाई में भूखे- प्यासे रहकर बताया कि जेहाद किसे कहते हैं? Hazrat Ali Birthday) हजरत अली ने अमन और चैन का पैगाम दिया और बताया कि Islam Nonviolence के पक्ष में है। उन्होंने कहा था कि इस्लाम इंसानियत का धर्म है। उन्होंने हमेशा राष्ट्रप्रेम और समाज से भेदभाव हटाने की कोशिश की। Hazrat Ali ने कहा था कि अपने दुश्मन से भी प्यार करो तो वह भी तुम्हारा दोस्त हो जाएगा। उनका कहना था कि अत्याचार करने वाला, जालिम का साथ देने वाला और आततायी का साथ देने वाला भी जालिम ही कहलाता है।

Hazrat Ali को उनकी बहादुरी, नैतिकता, ईमानदारी और इस्लाम धर्म के प्रति उनके समर्पण के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें काफी सम्मान देते हैं। हैं।सुन्नी हजरत अली को चौथा रशीदुन खलीफा मानते हैं, जबकि शिया उन्हें पैगंबर मोहम्मद के बाद पहला खलीफा और इमाम मानते हैं। शिया और सुन्नी अलग-अलग तरीकों से हजरत अली का सम्मान करते हैं, लेकिन दोनों इस बात पर सहमत हैं कि वो एक ईमानदार शासक और सच्चे मुसलमान थे।

 हजरत अली की कितनी बीवी थी

नोट – (यहां जो जानकारी दी जा रही है वो किताब “अली-ए-मुर्तजा के फैसले” में सफा नंबर 370-388 तक ये बाते लिखी हुई हैं, जहां से आप चेक कर सकते हैं।) Hazrat Ali की नौ शादियां हुई थीं, जिसमें सबसे ज्यादा लगाव उन्हें Fatima से था। अली जब बड़े हुए तब नबी हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अली से कहा कि अल्लाह ने उन्हें कहा है कि उन्हें अपनी बेटी फातिमा की शादी अली से करनी है, तब उनकी शादी फातिमा से हुई।

इसके बाद उन्होंने उम्मह बिंत जैनब, उम्म उल-बनीन, लैला बिंत मसऊद, आसमा बिंत उमायास, सैय्यदा उमामा, ख्वाला बिंत जाफर, साभा बिंत राबियाह, मुखयाद बिंत इबराऊल कैस, उम्मे सरीद बिंत मसरूद संते से निकाह किया था। 


हजरत अली के कितने बेटे थे | How Many Sons did Hazrat Ali have

Hazrat Ali और Fatina से जो औलादें हुईं उन्हें सैय्यद (Sayyid ) कहा गया । इसके अलावा अन्य बीवियों से जो औलादें हुईं उन्हें अलहवी सैय्यद (Alhavi Sayyed) कहा गया। हजरत अली के बच्चों के नाम अल-हसन, अल-हुसैन, जैनब, उम्म कुलसुम, मोहसिन, मुहम्मद, अब्बास, अब्दुल्ला, हिलाल, मुहम्मद, इब्न अबी बक्र (दत्त पुत्र) है।बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि Hazrat Ali ने साल 661 तक शासन किया । कुफा की महान मस्जिद में प्रार्थना करते वक्त इब्न मुलजाम ने उनके सिर पर जहरीली तलवार से हमला कर दिया। उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि दो दिनों के भीतर ही वो शहीद हो गए। उनकी मौत रमजान के 19वें दिन हुआ था। वर्तमान में कुफा की ये महान मस्जिद इराक (Iraq) में स्थित है। 

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कातिल को नमाज के लिए उठाया था |

Hazrat Ali Birthday:-तकरीबन, आज से 1363 साल पहले 660 ई. में रमजान (Ramzaan) महीने में कूफे की मस्जिद में सुबह की नमाज के दौरान Hazrat Ali  की हत्या की गई थी। इसके बावजूद उन्होंने अपने कातिल को माफ करने के बारे में फरमाया । ऐसा माना जाता है कि Hazrat Ali अपने कातिल के बारे में जानते थे, इसके बावजूद उन्होंने सुबह की नमाज के लिए उसे उठाया और नमाज अता करने के लिए उसे शामिल किया था। 

हजरत अली की प्यारी बातें

  • नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती हैं, क्योकि हवा जब फूलो से गुज़रती हैं, तो वो भी खुशबूदार हो जाती हैं।
  • जब ज्ञान की बात आती है तो मौन में कोई अच्छाई नहीं होती है, जिस तरह अज्ञान की बात होने पर बोलने में कोई भलाई नहीं होती है।
  • यदि आप दयालुता के प्राप्तकर्ता हैं, तो इसे याद रखें। यदि आप दयालुता के दाता हैं, तो इसे भूल जाइए!
  • ज्ञान धन से बेहतर है, ज्ञान आपकी रक्षा करता है लेकिन धन, आपको इसकी रक्षा करनी होगी।
  • एक दोस्त द्वारा ईर्ष्या का मतलब उसके प्यार में दोष है।
  • किसी के नुक़सान में खुशी न दिखाएँ, क्योंकि आपके पास भविष्य में आपके लिए क्या है, इसका आपको कोई ज्ञान नहीं है।
  • उन पापों से डरें जो आप गुप्त रूप से करते हैं क्योंकि उन पापों का गवाह खुद न्यायाधीश है। अल्लाह से डरे। अल्लाह तुम्हारे कृत्यों को देख रहा है।
  • कभी-कभी आपकी प्रार्थनाएँ स्वीकार नहीं की जाती हैं, क्योंकि आप अक्सर अनजाने में वो चीज़े मांगते हैं जो वास्तव में आपके लिए हानिकारक हैं।
  • खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते हैं, लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।
  • यदि आप किसी को याद करते हैं जब आप खुश होते हैं, तो बस यह जान लें कि आप उनसे प्यार करते हैं और अगर आप दुखी होने पर किसी को याद करते हैं तो बस यह जान लें कि वे आपसे प्यार करते हैं।
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हजरत अली की इंसानों को नसीहतें

1.सोच समझकर बोलें। बोलने से पहले शब्द आपके गुलाम होते हैं, लेकिन बोलने के बाद आप लफ्जों के गुलाम बन जाते हैं।

2.भीख मांगने से बदतर कोई और चीज नहीं होती है। 

3.अपनी सोच को पानी की बूंदों से भी ज्यादा साफ रखो। क्योंकि बूंदो से दरिया और सोच से ईमान बनता है।

4.चुगली करना उसका काम होता है, जो अपने आपको बेहतर बनाने में असमर्थ होता है। 

5.अपनी जुबान की हिफाजत इस तरह करो, जिस तरह अपने माल की हिफाजत करते हो।

6.अगर इंसान को तकब्बुर (घमंड) के बारे में अल्लाह की नाराजगी का इल्म हो जाए तो बंदा सिर्फ फकीरों और गरीबों से मिले और मिट्टी पर बैठा करे। 

7.मैं तुम पर दो चीजों से बहुत ज्यादा खौफजदा हू एक तो ख्वाहिश की पैरवी और दूसरी लम्बी उम्मीदें।

8.जो शख्स यह गुमान रखता है कि नेक आ’माल अपनाए बगैर जन्नत में दाखिल होगा, तो वह झूठी उम्मीद का शिकार है। 

9.गुनाहों की नुहूसत से इबादत में सुस्ती और रिज्क में तंगी आती है।
10.इंसान का कद 22 साल तक बढ़ता है, अक्ल 28 साल तक बढ़ती है, इसके बाद मरते दम तक तजरिबात का सिलसिला रहता है।

FAQ’s:- हजरत अली का जन्मदिन | Hazrat Ali Birthday

Q. हजरत अली कौन थे?

Ans. मोहम्मद पैगंबर के चचेरे भाई और दामाद।

Q हजरत अली की मौत कहां हुई थी?

Ans. कुफा में  हजरत अली की मौत  हुई थी

Q. हजरत अली और फातिमा की औलादों को क्या कहा जाता है?

Ans. हजरत अली और फातिमा की औलादों को सैय्यद कहा जाता है

Q. हजरत अली की कितनी शादियां हुई थी

Ans. हजरत अली  की  नौ शादियां हुई थी।


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