Pandit Jawaharlal Nehru Biography in Hindi:- जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे भारत की आजादी में उनका योगदान अतुल्य रहा था I 1947 में जब भारत को अंग्रेजों के 200 वर्षो की गुलामी के बाद आजादी मिली उस समय देश की बागडोर जवाहरलाल नेहरू ने अपने हाथों में लिया और भारत को पद के अवसर पर ले जाने का काम उन्होंने किया ऐसे में पंडित जवाहर नेहरू के जीवन के बारे में जानना आपके लिए आवश्यक है . जैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय, शिक्षा, राजनीतिक सफर, परिवार ,उपलब्धियां, देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल कैसा रहा इसके बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं
Pandit Jawaharlal Nehru Biography in Hindi
आर्टिकल का प्रकार | जीवनी |
आर्टिकल का नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरु की जीवनी |
जन्म कब हुआ था | 14 नवंबर 1889 |
प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल | 17 वर्षों तक |
पेशा | बैरिस्टर |
राजनीतिक गुरु | महात्मा गांधी |
प्रधानमंत्री कब बने | 1952 में |
Pandit Jawahar lal Nehru Jivani
Jawahar Lal Nehru Bio | Pandit Jawahar Lal Nehru Bio Wiki |
पूरा नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरु |
जन्मतिथि | 14 नवम्बर 1889 |
जन्म कहां हुआ | इलाहबाद, उत्तरप्रदेश |
पिता का नाम | मोतीलाल नेहरु |
माता का नाम | स्वरूपरानी नेहरु |
पत्नी का नाम | कमला नेहरु (1916) |
बच्चे | इंदिरा गाँधी |
मृत्यु कब हुआ | 27 मई 1964 |
पंडित नेहरू का प्रारम्भिक जीवन परिचय Pandit Jawaharlal Nehru Biography in hindi
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर अट्ठारह सौ नवासी को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो एक मशहूर बैरिस्टर थे पंडित नेहरू का बचपन काफी शान शौकत में गुजरा उनके घर में किसी भी चीज की कमी नहीं थी उनके पिता भारतीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे I बचपन से ही इनके घर में राजनीतिक लोगों का आना जाना था इसके फल स्वरुप इनके ऊपर राजनीतिक प्रभाव बचपन काल से ही काफी अधिक प्रभावी रहा जिसके फलस्वरूप पंडित जवाहरलाल नेहरू दो बार देश के प्रधानमंत्री बने I पंडित नेहरू के तीन बहने थी I
पंडित जवाहर लाल नेहरू की शिक्षा Education of Pandit Jawaharlal Nehru
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद में स्थित प्राथमिक विद्यालय से पूरी की और जब उनकी उम्र 15 वर्ष हुई तो उनके स्कूली शिक्षा पूरी हो सके इसके लिए पिताजी ने उन्हें इंग्लैंड के हैरो स्कूल में भेज दिया। इसके पश्चात नेहरु जी ने अपने कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज लंदन से पूरी की। इसके बाद उन्होंने लॉ में डिग्री हासिल करने के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। इंग्लैंड में नेहरु जी ने 7 साल व्यतीत किए इंग्लैंड में लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद नेहरू जी 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की
परिवार family of Jawaharlal Nehru
पंडित जवाहरलाल नेहरू के परिवार के बारे में अगर हम चर्चा करें तो उनके परिवार में उनके पिता मोतीलाल नेहरू माता स्वरूपरानी नेहरु और उनके तीन बहने थी I 1916 में पंडित जवाहर नेहरू ने शादी की उनकी पत्नी का नाम कमला नेहरू था और 1917 में उनके घर एक लड़की का जन्म हुआ जिसका नाम उन्होंने इंदिरा रखा जो आगे चलकर देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी I
राजनितिक सफ़र Political career
पंडित जवाहरलाल नेहरू के राजनीतिक सफर के बारे में अगर हम चर्चा करें तो 1912 में जब वह भारत है और आने के बाद यहां पर उन्होंने रजिस्टर की प्रैक्टिस शुरू की इसके बाद गांधी जी के संपर्क में 1919 में आए और उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हुए इसके बाद उन्होंने राजनीतिक में आने का फैसला किया और सक्रिय रूप से राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में काम करने लगे I पंडित नेहरू गांधी जी को अपना गुरु मानते थे I 1919 में गांधी जी ने रोलेट अधिनियम के खिलाफ मोर्चा संभाला गांधी जी के द्वारा संचालित सविनय अवज्ञा आंदोलन से नेहरू जी बहुत ज्यादा प्रभावित हुए और उन्होंने भी उस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया
इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश परिधान का त्याग किया और देसी कपड़े को पहनना उन्होंने शुरू किया 1920 से 1922 में जब गांधी जी ने देश में अशोक आंदोलन का बिगुल फूंका तो उसमें नेहरु जी ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और पहली बार ऐसा हुआ कि नेहरू जी जेल गए इस वक्त गांधी जी को इस बात का एहसास हो गया कि आने वाले भविष्य में अगर भारत का नेतृत्व करने वाला कोई नेता है तो उसका नाम जवाहरलाल 1924 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष के रूप में 2 वर्षों तक शहर की सेवा की। 1926 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। 1926 से 1928 गांधी जी अकेले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बनाए गए
पंडित जवाहरलाल नेहरू की राजनीतिक उपलब्धियां
1928 में मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें यह प्रस्ताव रखा गया कि भारत ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत सरकार का संचालन करेगा लेकिन इस सम्मेलन में दो का निर्माण हुआ पहले गुट में जवाहरलाल नेहरू और दूसरे गुट में सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस की मांग की कि भारत को पूरी तरह से स्वतंत्र दिलाना ही हमारा मकसद है जिसके कारण इस सम्मेलन में काफी मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो गई तो इसको देखते हुए गांधीजी ने बीच का रास्ता निकाला .
उन्हें कहा कि हम लोग ब्रिटिश सरकार को 2 साल का समय देंगे अगर उस दौरान भी सरकार ने हमें आजाद ना किया तो हम उनके खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ देंगे गांधीजी के इस प्रस्ताव का सभी लोगों ने समर्थन किया लेकिन अंग्रेजों ने गांधी जी के इस प्रस्ताव पर कोई भी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी और फिर 1930 में लाहौर का अधिवेशन हुआ जिसमें इस बात का फैसला हुआ कि हम लोग अंग्रेजों के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन का बिगुल फूंका गया जिसके बाद 1935 में अंग्रेजों ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के द्वारा भारतीय अधिनियम कानून पारित किया I
तब कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का फैसला किया। नेहरू ने चुनाव के बाहर रहकर ही पार्टी का समर्थन किया। कांग्रेस ने हर प्रदेश में सरकार बनाई और सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल की। 1936 से 1937 में नेहरू जी की कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1942 में गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन के बीच नेहरू जी को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद वह 1945 में जेल से बाहर आए। 1947 में भारत एवं पाकिस्तान की आजादी के समय नेहरु जी ने सरकार के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उपलब्धियां Achievement
अगर हम जवाहरलाल नेहरू के जीवन के उपलब्धियों के बारे में बात करें तो उ, 1924 में इलाहाबाद के नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए और शहर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में उन्होंने काम किया 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी, 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की और आजादी की मांग का प्रस्ताव पारित किया, 1936, 1937 और 1946 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने, गुट निरपेक्ष आंदोलन का शुभारंभ जवाहरलाल नेहरू के द्वारा किया गया था .
उन्होंने ही गुटनिरपेक्ष आयोग की स्थापना की थी इसके अलावा भारत के विकास के लिए उन्होंने पंचवर्षीय योजना का शुभारंभ किया इसके अलावा कृषि के क्षेत्र में किस प्रकार देश आत्मनिर्भर बनेगा उसके लिए भी उन्होंने लगातार काम किया उनके उपलब्धियों को शब्द के माध्यम से बयान करना असंभव है उनका जीवन उपलब्धियों से भरा हुआ है I
देश के प्रथम प्रधान मंत्री के रूप में कार्यकाल
पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे जो शादी होने के बाद उन्होंने 1952 के आम चुनाव में भारी बहुमत से विजय हासिल की और उसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली I पंडित नेहरू जी ने 16 सालों तक देश की कमान प्रधानमंत्री के तौर पर संभाला इस दौरान भारत पाकिस्तान युद्ध 1947 जिसमें पाकिस्तान ने कश्मीर के ऊपर हमला कर कश्मीर को कब्जा करने की कोशिश की उस युद्ध में भारत ने इनके नेतृत्व में जीत हासिल की जब से महात्मा गांधी ने नेहरू को लाहौर में कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष के रूप में चुना तब से जवाहर लाल नेहरू का प्रधानमंत्री बनना यह तय था।
वोटो की संख्या कम होने के बाद गांधी जी ने जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनाया क्योंकि उनका विश्वास था कि देश को अगर कोई सही दिशा दे सकता है तो वह ज्वाला नेहरू थे इसके बाद जवाब नेहरू ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए देश के हित में अनेकों प्रकार के ऐसे फैसले किए कि उनके फैसलों की कुछ लोगों ने आलोचना भी की लेकिन उन्होंने उनकी परवाह नहीं की बल्कि देश हित को सबसे आगे रखा इसलिए यह भारत के आर्थिक विकास में ज्वाला नेहरू की भूमिका अतुल्य है जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह बहुत ही कम है I
FAQ’s
Q: जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहां हुआ था?
Ans: जवाहरलाल नेहरू का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था I
Q: जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?
Ans: जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था
Q: जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री कितने दिनों तक थे?
Ans: जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री के तौर पर 17 वर्षों तक काम किया I