Who Is Durlabh Kashyap, Durlabh Kashyap History In Hindi, Durlabh Kashyap Story/ दुर्लभ कश्यप का इतिहास
अपराध की दुनिया की खबरें तो आपने की सुनी होंगी, लेकिन कुछ खबरें ऐसी होती हैं, जो इंसान के दिल और दिमाग में हमेशा के लिए छप जाती हैं। ऐसी एक कहानी है मध्यप्रदेश के उज्जैन और मालवा क्षेत्र की जो लोगों के लिए हमेशा याद रहेगी। अपराधी भी कई तरह के होते हैं, लेकिन कुछ अपराधियों के कामों की वजह से उनका चेहरा और नाम हमेशा बना रहता है। जी हांं, आज हम बात करने वाले हैं कुख्यात गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की जिसने ना सिर्फ सबसे कम उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा, बल्कि अपना जलवा भी कायम रखा। छोटी सी उम्र में अपराध की दुनिया का एक ऐसा बेताज बादशाह जिसकी दहशत से उज्जैन ही नहीं, बल्कि मालवाा के इलाके भी थरथर कांपते थे। दुर्लभ एक ऐसा गैंगस्टर बन गया, जो बड़े गैंगस्टर की लिस्ट में शामिल हो गया। वह अपना गैंग ऑनलाइन चलाता था और कई वारदातों को अंजाम दे चुका था।
Who Is Durlabh Kashyap । दुर्लभ कश्यप कौन है?
बता दें कि दुर्लभ कश्यप एक बहुत ही पढ़े लिखे परिवार से आता था। उसकी मां एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका थी। बचपन से ही दुर्लभ बहुत शांत स्वभाव का था, लेकिन गलत संगत की वजह से उसने अपराध का रास्ता चुना। महज 15 साल वर्ष की उम्र में उसने फेसबुक पर हथियारों वाली फोटो डालना स्टार्ट कर दिया। कई नाबालिग लोग उसके साथ जुड़ते गए और उसने अपना एक नया गैंग बना लिया। उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि वह कुख्यात बदमाश, हत्यारा और अपराधी है। कोई भी कैसा भी विवाद क्यों ना हो उससे संपर्क करें। तेजी से उसकी फैन फॉलोइंग बढ़ने लगी और कई नाबालिग उससे प्रभावित होकर गैंग में शामिल होने लगे। साथ पाकर वह शहर में छोटी-मोटी वारदातें करने लगा।
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Durlabh Kashyap History In Hindi । दुर्लभ कश्यप का हिंदी में इतिहास
समय बीतता गया और पूरे इलाके में उसकी तूती बोलने लगी। दुर्लभ कश्यप उस वक्त चर्चा में आया, जब उसने खुलेआम फेसबुक पर यह कहना स्टार्ट कर दिया, कि वह पैसे के लिए किसी से कुछ भी विवाद कर सकता है। दुर्लभ गैंग की प्रोफाइल पर हथियारों के साथ पोस्ट, डराने और दहशत फैलाने वाली पोस्ट की जाती थीं। Who Is Durlabh Kashyap, Durlabh Kashyap History In Hindi, Durlabh Kashyap Story इस कम उम्र के अपराधी ने गैंग के लोगों की फेसबुक आईडी को चलाने के लिए एक टीम भी बना रखी थी। इन आईडी से जेल में बंद लोगों की भी फोटो पोस्ट की गई थी।
गोल टीका, काजल, और गले में काला गमछा थी पहचान। Durlabh Kashyap Style
दुर्लभ की टीम का पहनावा यूनिक था, इस वजह से लोग दूर से ही दुर्लभ कश्यप गैंग के सदस्यों को पहचान सकते थे। वह सिर पर आढ़ा टीका, काजल और काला गमछा डालता था। उसकी लाइफस्टाइल की वजह से वह काफी चर्चा में था। दुर्लभ कश्यप बाबा महाकाल का परम भक्त था। मात्र 18 साल की उम्र में ही दुर्लभ के खिलाफ 9 केस दर्ज हो गए थे। जेल में बंद होने के बाद भी वह गैंग ऑपरेट करता रहता था। उज्जैन के अलावा आस-पास के इलाके में भी उसका नाम बुलंद होने लगा। इसी के साथ वह पुलिस की नजरों में भी खटकने लगा। 27 अक्टूबर 2018 को वह अपने 23 साथियों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ा। उस वक्त नाबालिग होने के चलते उसे बाल संप्रेक्षण गृह में भेजा गया। जैसे ही वह बालिग हुआ उसे इंदौर शिफ्ट कर दिया गया।
दुर्लभ पर हुए थे 34 वार । Durlabh Kashyap was attacked 34 times
साल 2020 में दुर्लभ 2 साल बाद जेल से रिहा हुआ और फिर से अपराध की दुनिया में एक्टिव हो गया। दुर्लभ के इतने दुश्मन हो गए कि उसे खुद जान का खतरा महसूस होने लगा। 6 सितंबर 2020 को रात के 2 बजे दुर्लभ उज्जैन के हैलावाड़ी इलाके में अपने दोस्तों के संग चाय की दुकान पर गया था। वहां उसकी शहनवाज नाम के युवक के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। मामला गर्माया और दुर्लभ ने शहनवाज पर गोली चला दी, जो उसकी गले के पास से होकर निकली। मामले ने तूल पकड़ा और शहनवाज के साथियों ने दुर्लभ को घेरकर चाकुओं से गोद डाला। दुर्लभ के पेट, पीठ, चेहरे, गर्दन पर ताबड़तोड़ 34 वार किए गए। पुलिस को उसकी बॉडी खून से लथपथ मिली थी।
Durlabh Kashyap Story । दुर्लभ कश्यप की कहानी
दुर्लभ कश्यप की मां एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं। बेटे की मौत की खबर सुनते ही उसकी मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। मां का रो-रोकर हाल बुरा हो गया, गला रूंध चुका था। उसे विश्वास नहीं था, कि उसका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। दुर्लभ कश्यप की मौत को एक साल भी नहीं हुआ था, कि उसका हत्यारा शाहनवाज जेल से बाहर आ गया था। कोर्ट ने सेल्फ डिफेंस के पक्ष को मजबूती से माना। वहीं दुर्लभ के हत्यारों का मकान को नगर निगम की टीम और पुलिस ने गिरा दिया था। वहीं उसके एक हत्यारे सिराज बाबा की जेल में मौत हो गई थी। इस मामले पर परिजनों ने बाबा की मौत को हत्या बताया, जबकि जेल प्रशासन ने कहा था, कि उसने वॉच टावर से कूंदकर खुदखुशी की है। दुर्लभ हत्याकांड मामला इतना सेंसेटिव था, कि उज्जैन की आधी पुलिस मौके पर मौजूद रही।
SP सचिन अतुलकर ने जताया था हत्या का अंदेशा, एक्टिव है गैंग। Durlabh Kashyap Death Alert By SP
उज्जैन जेल में बंद के दौरान दुर्लभ से पूछताछ करने तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर गए थे। उन्होंने पूछताछ के वक्त कहा था कि तूने उम्र से ज्यादा दुश्मनी पाल ली है और तुम जेल में ही सेफ हो। बाहर तुम्हें कोई भी मार देगा। बता दें कि दुर्लभ की याद में उसके गैंग के लोगों ने वाहन रैली निकाली थी। मौत के बाद दुर्लभ के सदस्यों ने एक नई फेसबुक गैंग को बनाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज भी दुर्लभ के कई साथी उज्जैन में एक्टिव हैं, जिनके कारनामों की खबरें वक्त-वक्त पर आती रही हैं। यहां दी गई जानकारी अलग-अलग साइट्स से ली गई है। हमारा काम आपके लिए सिर्फ जानकारी देना है।