Essay on Dahej Pratha । दहेज प्रथा पर निबंध

भारतीय समाज की समस्याओं में से एक समस्या दहेज प्रथा भी है। जो पहले के समय में नही थी, लेकिन कुछ समय से यह कुरीति आई है। इसके आने से हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के प्रति भेदभाव, महिलाओं के साथ अपराध बढ़ता चला जा रहा है। इस लेख में हम आपको Dahej Pratha के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। इसको जानने के लिए अंत तक जरूर पढ़े ।

What is Dahej Pratha । दहेज प्रथा क्या है

पहले के समय शादी होने पर लड़की के माता पिता लड़के और उनके परिवार वालो को अपनी ईक्षा से उपहार देते थे, लेकिन कुछ समय बाद इस उपहार की मांग की जाने लगी और यदि उपहार में क्या दिया जाय यह उपहार पाने वाला निश्चित करे तो सीधी से बात है, वह अच्छे से अच्छा और महंगे उपहार लेना चाहेगा। और इसके लिए लड़की के माता पिता का शोषण किया जाने लगा, तब इसे Dahej Pratha का नाम दिया गया । फिर ये धीरे धीरे पुरे समाज में फैल गया, और एक रिवाज हो गया की लड़की के माता पिता को लड़के के घर वालो की सभी मांगे पूरी करनी होगी, अन्यथा शादी नही होगी। तब यह हर लड़की के माता पिता के ऊपर यह बोझ आना शुरू हो गया। तब इसे दहेज प्रथा का नाम दिया गया।

Essay on dowry system। दहेज प्रथा पर निबंध (500 शब्द)

दहेज प्रथा एक ऐसी कुप्रथा है, जिससे पूरा समाज पीड़ित है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है। Dahej Pratha दो परिवारों के बीच शादी के पहले का समझौता है, जिसमे यह निर्धारित किया जाता है, की शादी में लड़की के माता पिता क्या क्या उपहार देंगे। अगर लड़की के माता पिता वह उपहार देने में असमर्थता दिखाते है तो लड़के के परिवार वाले तुरंत शादी से इंकार कर देते है। इन उपहारों में आभूषण, कपड़े, समान, गाड़ी और नकदी पैसा शामिल होता है। इस कुप्रथा के कारण हमारे समाज में कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के प्रति भेदभाव इत्यादि अपराध अब तेजी से हो रहे है। कभी कभी लड़के के माता पिता ऐसे उपहार का मांग कर लेते है, जो लड़की के माता पिता के द्वारा दे पाना असम्भव है। इससे लड़की के माता पिता को समाज में गरीब और कमजोर दिखाया जाता है। 

इसी वजह से अब लड़कियों को बोझ समझा जाने लगा है, क्योंकि उनकी शादी के समय बहुत ज्यादा पैसे की मांग की जाती है, जिसको पूरा करने में परिवार कर्ज में डूब जाता है। यह सबसे ज्यादा गांव के लोगो के लिए समस्या है, कुछ गरीब माता पिता लड़की पैदा होने का जोखिम नहीं उठा सकते, इसके लिए वो बच्ची को पेट में ही मार देते है। क्योंकि वो अपने परिवार के खर्च उठाने के लिए ही बहुत मेहनत करते है, अब उसमे वो इतना पैसा कहा से लाए। जिसका परिणाम ये है, लड़कियों के प्रति भेदभाव किया जाने लगा, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी चीजों से दूर कर दिया गया।

कुछ परिवार तो दहेज पूरा न होने पर शादी के बाद लड़की को शारीरिक और मानसिक कष्ट देते है, उनको जलाकर मार भी देते है। इस कुप्रथा से पूरा समाज दूषित हो चुका है।

यह प्रथा गैर कानूनी घोषित की जा चुकी है। जिसमे यह कहा गया है, की दहेज लेना और देना दोनो अपराध है। अगर आप किसी को दहेज लेते या देखते देखते है, तो उनके खिलाफ आप शिकायत कर सकते है। लेकिन आज भी ये हमारे भारतीय समाज में खुलेआम चल रही है, कोई इसको रोकने वाला नही है।

दहेज प्रथा को दूर करने के लिए सरकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ युवा बच्चे और बच्चों को भी प्रयास करना चाहिए। युवा बच्चे बच्चियों को चाहिए कि वह अपने माता-पिता को समझाएं उन्हें जागरूक करें की उन्हें दहेज रहित विवाह करना है। उन्हें अपने माता-पिता को यह समझना चाहिए कि दहेज लेना व देना दोनों अपराध है। दहेज उपहार तब है जब लड़की के माता-पिता अपनी शक्ति के अनुसार लड़के के परिवार को उपहार देते हैं जब इसकी मांग की जाए तब यह पूरी तरह से गलत है। अगर हम चाहते हैं कि आने वाले समय में हमारी बेटियां इस कुप्रथा का शिकार ना हो तो हमें इसे समाज से पूरी तरह खत्म करना पड़ेगा। हमे आवाज उठानी पड़ेगी, अपने बेटियो को इतना शिक्षा दे की वे अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोक सके।

See also राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निबंध हिंदी में | National Voters Day Essay in Hindi

10 lines on dowry system । दहेज प्रथा पर 10 लाइन

दहेज प्रथा भारतीय समाज के लिए अभिशाप है। इसके कारण कई लड़कियों की मौत हो गई। आज भी इसके कारण होने वाली मौत में वृद्धि हो रही है। नीचे के लेख में हम आपको Dahej Pratha के बारे में 10 लाइन में बताएंगे।

  • दहेज एक उपहार है, जिसे शादी के समय लड़की के माता पिता द्वारा लड़के के परिवार को दिया जाता है।
  • जब इस उपहार की मांग लड़के के परिवार की तरफ से किया जाता है तो इसे दहेज प्रथा कहते है।
  • दहेज की बढ़ती मांग के कारण गरीब परिवार को अपनी बेटी का शादी करना एक बहुत बड़ा काम है।
  • लड़की के माता-पिता के द्वारा दहेज की मांग पूरी न किए जाने पर शादी करने से मना कर दिया जाता है।
  • इस कुप्रथा के कारण लड़कियों को बोझ समझा जाने लगा है।
  • यह प्रथा सभी वर्ग में प्रचलित है, चाहे वो अमीर हो या गरीब।
  • शिक्षित और अशिक्षित सभी परिवारों के द्वारा इसकी मांग की जाती है।
  • इस प्रथा के परिणामस्वरूप कन्या भ्रूण हत्या, लैंगिक भेदभाव, यौन उत्पीड़न जैसी अन्य सामाजिक बुराइयाँ तेजी से बढ़ रही है।
  • इसके कारण लड़कियों को बराबरी का दर्जा नहीं मिलता, और वो बुनियादी चीजों से वंचित रह जाती है।
  • इसे गैर कानूनी बताया गया है। और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के तहत दहेज लेने या देने की प्रथा को अपराध माना गया है।

See also मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | Essay on Mother in Hindi

Effect of Dahej Pratha ।  दहेज़ प्रथा का प्रभाव

दहेज प्रथा को वर दक्षिणा भी कहा जाता है। आज के समय में यह बुराई हर जगह फैली हुई है। इसके कई नकारात्मक प्रभाव है।

  • कन्या भ्रूण हत्या: गरीब परिवार अपना रोज का खर्च उठाने के लिए बहुत मेहनत करता है। और वो इस बोझ को उठाने में असमर्थ होता है। इसलिए वह लड़की होने पर उस बच्ची को पेट में ही मार देता है।
  • शिक्षा में असमानता: Dahej Pratha के कारण गरीब परिवार लड़कियों को शिक्षा नहीं दिलाते, जिसके कारण वह अपने लिए कभी आवाज नही उठा पाती। और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार सहती रहती है। 
  • लड़कियों का करियर बर्बाद होना : दहेज प्रथा की पूंछ के कारण कुछ लोग अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा नहीं दिलाते हैं जिससे उनका करियर उनके सपने सबके सब बर्बाद हो जाते हैं।
  • कई लड़कियों का अविवाहित रह जाना: कुछ गरीब परिवारों के पास अपने जीने खाने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं। दहेज का पैसा कहां से लाएंगे। ऐसे में उनकी बेटियां पूरे जीवन अविवाहित रह जाती हैं।

Tips to pretend Dahej Pratha । दहेज़ प्रथा को रोकने के उपाय

Dahej Pratha को हमारे समाज में रोकने की अत्यंत आवश्यकता है। इसको रोकने के लिए भारत सरकार ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 पारित किया जिसमें यह कहा गया है कि दहेज लेना और देना दोनों अपराध है इसे गैर कानूनी घोषित किया जा चुका है। नीचे हम आपको कुछ उपाय बताएंगे इसके द्वारा दहेज प्रथा को कुछ हद तक रोका जा सकता है।

  • शिक्षा का प्रचार-प्रसार: आज की युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे अपने शहर में शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक करें और लड़कियों को भी  उच्च शिक्षा का हक दिलाए। जिससे वे इस कुप्रथा से बच पाए।
  • सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम: हमे समय समय पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम करने चाहिए और उसमे समाज को दहेज़ प्रथा को खत्म करने के लिए जागरूक करें। 
  • कड़ा से कड़ा कानून बनाना : सरकार को चाहिए की इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए जिससे लोग दहेज लेने और देने से डरे, ताकि समाज में इस कुप्रथा का अंत हो।

निष्कर्ष

दहेज प्रथा भारतीय समाज की एक गंभीर बुराई है। जिसके कारण समाज में लड़कियों के प्रति ढेर सारे अपराध होने शुरू हुए। इस लेख में हमने Dahej Pratha पर निबंध लिखा है।

जिसमें हमने दहेज प्रथा पर 10 लाइन का निबंध। दहेज प्रथा के प्रभाव और उसके रोकने के उपाय के बारे में बताया है।अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Optimized with PageSpeed Ninja