मां शब्द को कभी पूरी तरह से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। मां को भगवान का दर्जा प्राप्त है। बच्चे की प्रथम गुरू भी मां ही होती है। मां दुनिया के सामने कैसी भी हो, लेकिन अपने बच्चों की सबसे बड़ी रक्षक भी वही होती है। मां की कीमत को कभी चुकाया नहीं जा सकता है। सही मायने में एक बच्चे से पुरुष बनाने की जिम्मेदारी जितनी अच्छी तरह से मां करती है और कोई भी नहीं कर सकता। यहां पर माँ पर कविता Poem on mother दी गई हैं आप उनमें छिपी भावनाओं को महसूस कर सकते हैं।
घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरों पर खड़ी हुई।
तेरी ममता की छांव में, जाने कब बड़ी हुई।
काला-टीका दूध मलाई, आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूं हर जगह, मां प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधी-साधी,भोली-भाली, मैं ही सबसे अच्छी हूं,
कितनी भी हो जाऊं बड़ी, मां मैं आज भी तेरी बच्ची हूं।
कहते हैं मां की जगह कोई नहीं ले सकता है। जन्म देने से पहले अपनी कोख में रखने से लेकर उस बच्चे को बड़ा करने तक ना जाने कितनी ही परेशानी मां को उठानी पड़ती हैं। इसलिए मां को जन्नत कहा जाता है। कुछ और माँ पर कविता
जमीन पर जन्नत मिलती है कहां, दोस्तों ध्यान से देखा करो अपनी मां।
जोड़ लेना चाहे लाखों-करोड़ों की दौलत, पर जोड़ ना पाओगे कभी मां सी सुविधा।
आते हैं हर रोज फरिश्ते उस दरवाजे पर, रहती है खुशी से प्यारी मांएं जहा-जहां।
छीन लाती है अपनी औलाद की खातिर खुशियां, कभी काली नहीं जाती मां के मुंह से निकली दुआं।
प्यारी प्यारी मेरी मां, सारेि जग से न्यारी मां।
लोरी रोज सुनाती है, थपकी दे सुलाती है।
जब उतरे आंगन में धूप, प्यार से मुझे जगाती है।
देती चीजें सारी मांं, प्यारी प्यारी मेरी मां।
दुनिया में मां के जितना प्यार कोई नहीं कर सकता है। मां अपने बच्चों को निस्वार्थ भाव से प्रेम करती है। साथ ही वह अपने बच्चों को मुसीबत में देख किसी भी परिस्थिति से लड़ने को तैयार हो जाती है। मां एक तरह से अपने बच्चों का कवच होती है, जिसकी छांव में बच्चे फलते फूलते हैं। यहां पर मां पर शॉर्ट कविताओं के बारे में बताया गया है आप भी माँ पर कविता ओं के माध्यम से मां की ममता को जानिए।
हम एक शब्द हैं, तो मां पूरी भाषा है। हम कुंठित हैं तो वह एक अभीलाषा है।
यही मां की परिभा्षा है, हर बच्चें की पिपासा है।
गम समुंदर के हैं तेज तो वह झरनों का नर्मल स्वर है।
हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है।
हम पत्थर की हैं संग वह कंचन की कृनिका है।
हम बकवास हैं वह भाषण है, हम सरकार हैं वह शासन हैं।
हम लव कुश हैं वह सीता है, हम छंद हैं तो वह कविता है।
हम राजा हैं तो वह राज है, हम मस्तक हैं वह ताज है।
वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है।
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है। यही मां की परिभाषा है।
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Short Poem On Mother In Hindi। मां पर शॉर्ट में हिंदी कविता
मां के ऊपर ना जाने कितनी कविताएं बनी हैं। मां-बाप का कर्ज हम कभी अदा नहीं कर सकते । मां पर कविताओं ने लोगों को एक अलग नजरिया प्रदान करता है। एक बच्चे को इंसान बनाने में मां की पूरी उम्र गुजर जाती है। इसलिए मां से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। यहां पर आपके लिए मां के ऊपर कुछ शानदार कविताओं के बारे में जानकारी दी गई है।
बड़ी ही जतन से पाला है मां ने, हर एक मुश्किल को टाला है मां ने।
उंगली पकड़कर चलना सिखाया, जब भी गिरे तो संभाला है मां ने।
चारों तरफ से हमको थे घेरे, जालिम बड़े मन के अंधेरे।
बैठे हुए थे सब मुंह फेरे, एक मां ही थी दीपक मेरे जीवन में।
अंधकार में डूबे हुए थे हम, किया ऐसे में उजाला है मां ने।
बिना उसकी लोरी के न आती थी निदियां, जादू सा कर डाला है मां ने।
बड़ी ही जतन से पाला है मां ने, हर एक मुश्किल को टाला है मां ने।
Inspirational Poem On Mother In Hindi। मां की मोटिवेट करनी वाली कविताएं
दुनिया में मां के कई रूप देखे जा सकते हैं। वह घर में एक बच्चे की मां है तो पिता की पत्नी है। वह एक बहु है तो किसी की बेटी है। मां किसी की बहिन है तो किसी की मौसी है। मां किसी की बुआ है तो किसी की भाभी और चाची है। एक औरत के कई रूप होते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा उसे मां के रूप में ही पूजा जाता है। मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई और सख्शियत नहीं होती है।
मां धरती है, मां ही नभ है।
मां ही रब है, मां तो सब है।
कामों की गठरी कांधे पर लादे
कभी नहीं उफ्फ कहती है
केवल जन्म नहीं देती है
वह जीवन भी देती है
मां गंगा है, मां धाय है
मां गाय है मां चिंताओं का उपाय है
मां की ममता में देखो
कितना दम है
दुनिया भर की हर उमंग
उसके आगे कम है
ममता की राहों में उसको
कोई बाधा झुका नहीं सकती है
संतान ममता की कीमत चुका नहीं सकती है
मां की सेवा कर लोगे, जो सुबह और शाम
घर बैठे ही मिल जाएंगे, तुमको चारों धाम
यहां पर आपके लिए कुछ और कविताओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। आप उन कविताओं को अच्छी तरह से पढें और मां की ममता के बारे में जानें।
घुटनों से रेंगते रेंगते कब पैरों पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छांव में जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई आज भी सब कुछ वैसा है
मै ही मैं हू हर जगह प्यार यह तेरा कैसा है।
मां तू है पहचान मेरी बसती है मुझमें जान तेरी
प्यार का मतलब तुमसे जाना है
तभी तो तुम्हें अपना खुदा माना है
प्रेम का मधुर संगीत हो तुम
मेरे मन का रीत हो तुम
मेरी खुशी तुम्हारी जीत है
ये कैसी प्रीत है
चोट मुझे लगे तो दर्द तुम्हे होता है
आंसू मेरे पर रोना तुम्हे होता है।
हर मुश्किल से मां तुम लड़ी हो
तुम खुदा से भी बड़ी हो
मेरे अरमानों की तुमसे उड़ान है
जग में मां तू सबसे महान है।।