मोबाइल के विकास के बाद आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो selfie न जानता हो। बीते कुछ वर्षों में युवा वर्ग चाहे लड़की हो या लड़का सबमें यह तेजी से बढ़ा है। आज का युवा वर्ग पागल हो गया है, सेल्फी के लिए। अपनी फोटो खींचने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की होड़ लग गई है। सेल्फी के बढ़ते चलन के कारण इस समय न्यूज तथा समाचार पत्रों में सेल्फी से होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में आए दिन खबरे आ रही है।
इस लेख में हमको Selfie Sahi ya Galat, राष्ट्रीय सेल्फी दिवस, सेल्फी के प्रकार, सेल्फी के नकारात्मक प्रभाव इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से बात करेंगे। इसके बारे में जानने के लिए अंत तक जरूर पढ़े।
What is Selfie । Selfie क्या है
selfie का तात्पर्य है, आपकी खुद की फोटो जिसे आप अपने हाथ से मोबाइल फोन, टैबलेट या अन्य डिवाइस जिसमे फ्रंट कैमरा से लेते है। आज के स्मार्टफोन में दो प्रकार के कैमरा मौजूद होते है। जिनमे एक बैक कैमरा (Back Camera) तथा दूसर फ्रंट कैमरा ( Front Camera) होता है। आज का युवा वर्ग बहुत ज्यादा सेल्फी लेना चाहता है। युवाओं को सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, स्नैपचैट एप सेल्फी को और भी बढ़ा दिए है। कुछ लोग बहुत पास से सेल्फी खींचते है, तो कुछ लोग दूर करके जिसमे उनका एक हाथ भी फोन की दिशा में दिखाई देता है। आज कल सेल्फी लेने के लिए सेल्फी स्टिक आ गई है। जिसकी मदद से फोन को दूर करके सेल्फी ले सकते है। आज के समय में सभी वर्ग के व्यक्ति सेल्फी लेना पसंद करते है। अब इस दिवस को सोशल मीडिया पर छुट्टी माना जाता है।
Difference in Photo and Selfie फोटो और सेल्फी में अंतर
फोटो और Selfie के बीच एक छोटा सा अंतर होता है। ना तो सभी फोटो सेल्फी होती है ना सभी सेल्फी फोटो होती है।
- अगर कोई व्यक्ति अपने मोबाइल फोन या कैमरे से अपनी फोटो खींचता है, तो उसे सेल्फी कहा जाता है।
- यदि आप सेल्फी स्टिक का प्रयोग करके अपनी फोटो खींचते हैं तो उसे भी सेल्फी माना जाता है।
- यह आपका जानना जरूरी है कि यदि आप स्मार्टफोन के फ्रंट कैमरा से दो या दो से अधिक लोगों की तस्वीर क्लिक करते है, तो यह सेल्फी नहीं कहलाती है उसे ग्रुपी कहते है।
- अगर आप अपने मोबाइल फोन में टाइमर लगाकर अपनी या अपने दोस्त से परिवार की फोटो खींचते हैं तो उसे सेल्फी नहीं बल्कि सेल्फ पोट्रेट क्या फैमिली पोट्रेट कहते हैं।
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Essay on Selfie Sahi ya Galat । सेल्फी सही या गलत निबंध
आज के समय में हर व्यक्ति के पास अपने जीवन के पलों को कैप्चर करने का एक साधारण और सुलभ तरीका है, वह है “Selfie”.। सोशल मीडिया ने इसे आराम से उपयोगी और लोकप्रिय बना दिया है। इस निबंध में, हम देखेंगे कि सेल्फी लेना सही या गलत है और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव है।
सेल्फी लेने का उद्देश्य बदल गया है। पहले जब सेल्फी की शुरुआत हुई थी, तब लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ यादें बनाने के लिए इसका उपयोग करते थे। लेकिन आज के समय में, इसका इस्तेमाल अक्सर सोशल मीडिया पर अपने आप को अच्छा प्रदर्शित करने और खुद को दूसरों से बेहतर दिखाने के लिए किया जाता है। इसके चलते लोग ज्यादातर समय सेल्फी लेने में व्यतीत करते हैं, जिससे वो अपने वास्तविक जीवन और अपने परिवार से दूर होते जा रहे है।
आज की युवा पीढ़ी, खुद को दूसरों से बेहतर बनाने के लिए वे अक्सर फ़िल्टर और एडिटिंग के जरिए अपने चेहरे को छिपाकर खुद को खुबसूरत बनाने का प्रयास करते हैं। यह ऐसे लोगों के लिए खतरनाक है जो अपने दिल की सुनने की क्षमता खो देते हैं और अपने वास्तविक स्वरूप को खो देते हैं। ऐसे में, सेल्फी लेने का जुनून दिमाग के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और आत्म-सम्मान को कम कर देता है।
सेल्फी लेने के अनेक पोज होते हैं जो हमें अपने आप से मिलवाते हैं और हमारी स्वाभाविकता को दिखाते हैं। इससे हम अपने मन की भावनाओं को व्यक्त कर पाते हैं। यदि हम इसका सही तरीके से उपयोग करें, तो यह हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
अंततः Selfie Sahi ya Galat इसका निर्णय आप पर निर्भर करता है। यदि हम इसे शौक और सतर्कता से करें, तो यह हमारे लिए उपयोगी और मनोरंजक हो सकता है। लेकिन अगर हम इसमें लापरवाही करते हैं, तो यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सही मायने में सेल्फी एक मजेदार और अनुभव है जो हमें हमारे आस-पास के साथियों के साथ यादें बनाने और साझा करने का एक माध्यम देता है। परंतु हमें यह ध्यान चाहिए कि सेल्फी लेने की भावना हमारे दिल और मन के साथ मिलीजुली रहे, और हमे अपने वास्तविक जीवन को प्रमुखता देना चाहिए। हमें खुद को संतुष्ट रखना चाहिए और सेल्फी को एक पोज़िटिव और नियंत्रित ढंग से उपयोग करना चाहिए। इस तरीके से, हम सेल्फी को एक मनोहर और साथीयों के साथ अपने जीवन में साझा करने वाला अध्यात्मिक और सात्विक अनुभव बना सकते हैं।
National Selfie day। राष्ट्रीय सेल्फी दिवस
राष्ट्रीय सेल्फी दिवस प्रत्येक वर्ष में 21 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2014 से हुई।
इसको मनाने का सबसे अच्छा तरीका है, अधिक से अधिक सेल्फी लेना और सोशल मीडिया पर अपलोड करना। अपने दोस्त, परिवार, लाइफ पार्टनर से मिले, जश्न मनाएऔर उनके साथ सेल्फी ले। इसमें फोटो खींचने का कोई नियम नहीं है, आप जैसे चाहे वैसे सेल्फी ले।
Types of Selfie। सेल्फी के प्रकार
- सोलो सेल्फी: आज के समय इसका बहुत ज्यादा क्रेज है। इसमें जब तक इंसान को सही शॉट ना मिल जाए वह सबसे अच्छा नदी के तब तक कोशिश करता है।
- दोस्तों की सेल्फी: इस प्रकार की सेल्फी तब ली जाती है जब हम अपने दोस्तों के साथ कोई अच्छा या बुरा समय व्यतीत करते हैं। उनकी यादों के लिए हम ऐसी सेल्फी लेकर रख लेते हैं।
- कपल्स सेल्फी: आज के समय में जब नई-नई शादियां हो रही है तो लोग अपने लाइफ पार्टनर के साथ ढेरो सेल्फी लेना पसंद करते हैं उसे कपल सेल्फी कहा जाता है इसमें वह अपनी जीवन की यादें लेकर के अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते है।
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Bad effect of Selfie । सेल्फी के नकारात्मक प्रभाव
Selfie लेना कोई गलत बात नही है, इसके जरिए हम अपने जीवन की यादों को रख सकते है। उसे अपने सोशल मीडिया पर लोगो के साथ साझा कर सकते है। यह तब तक सही है जब तक यह सिर्फ एक शौक हो, जब यह जुनून बन जाते तो गलत बात है। क्योंकि इसके वजह से आज के समय में बहुत ज्यादा खतरा हो रहा है।
पढ़ाई पर असर: सेल्फी एक सीमा तक उचित है, लेकिन जब यह जुनून बन जाए तो गलत है। सेल्फी से बच्चो की पढ़ाई खराब हो रही है। सेल्फी लेने के बाद वे इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करते है। जिसके बाद वे ये चेक करते रहते है। कितने लोगो ने मेरी पोस्ट को देखा। कितने लोगो ने लाइक किया, कितने अच्छे कमेंट्स मिले। लेकिन वही किसी ने कुछ गलत लिख दिया तो उसके वजह से परेशान रहेंगे, लड़ाई झगड़े करेंगे। इन सब में वो अपना पूरा समय सोशल मीडिया पर देंगे और उनकी पढ़ाई पूरी तरह खराब हो जाती है।
जीवन में प्रभाव: आज के समय में सेल्फी लेना लोगों में जुनून हो गया है वह किसी भी जगह सेल्फी लेना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग अपने आप को दिखाने के लिए खतरनाक स्टंट करने लगते हैं जैसे चलते हुए ट्रेन के सामने आकर , ट्रेन के डिब्बे से लटक कर सेल्फी, पहाड़ों पर लटककर, नदी के उफान के आगे आना, तीव्र बहाव में खड़े होकर । अब लोगों में इस तरह का खतरनाक स्टंट करके सेल्फी लेने का जुनून बढ़ता जा रहा है। जिसके वजह बीते कुछ महीनों में कई खतरे हुए। कई बार ऐसा भी हुआ, कि सेल्फी लेने के चक्कर में वो मौत को गले लगा लिए।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने Selfie Sahi Ya Galat पर निबंध लिखा है, इसमें हमने सेल्फी से जुड़े सभी बिंदुओं पर विस्तार से बात किया है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें।