Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 मिशन के पीछे महिला वैज्ञानिकों की सूची: Chandrayaan-3 Mission Scientist Name जैसा कि हम सभी को मालूम है कि चंद्रयान 3 इसरो के द्वारा सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और हम आपको बता दें कि इसरो के इस मिशन के पीछे इसरो में काम करने वाले कई महिला वैज्ञानिकों का हाथ है इसके बारे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था दरअसल हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री जब ग्रीस की यात्रा से लौटे तो इसरो के हेड क्वार्टर गए | वहां पर इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला अफजाई किया और साथ में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि इसरो की इस मिशन के पीछे शक्ति नारी का हाथ है यानी इसरो में जो भी महिला वैज्ञानिक काम करती है उनके कारण (चंद्रयान-3 Mission) का मिशन सफल हुआ है | इसलिए हमें सबको उनको सैल्यूट करना चाहिए ऐसे में आम लोगों के मन में सवाल आता है कि चंद्रयान-3 मिशन के पीछे ISRO Chairman S. Somanath (डॉक्टर एस सोमनाथ) ने अहम् भूमिका निभाई तथा साथ कौन-कौन सी महिला वैज्ञानिकों इसरो टीम (ISRO Team) का हाथ है जिसके बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो आज का आर्टिकल में हम आपको चंद्रयान-3 मिशन के पीछे महिला वैज्ञानिकों की सूची के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध करवाएंगे इसलिए आर्टिकल पर बने रहे हैं-
चंद्रयान-3 मिशन के पीछे महिला वैज्ञानिकों की सूची | Chandrayaan-3 Scientist List
चंद्रयान-3 मिशन के पीछे कौन-कौन सी महिला वैज्ञानिकों का हाथ है नीचे उनकी लिस्ट दी हुई है उन्हें देखें:-
डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव | Dr.Ritu Karidhal Srivastava
डॉ रितु करिधल इसरो में वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक के तौर पर कम कर रही है | हम आपको बता दें कि इन्हें महिला रॉकेट वूमेन भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने इसरो में कई प्रकार के रॉकेट संबंधित परियोजनाओं में काम किया है और हम आपको बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी क्योंकि उन्हें चंद्रयान-3 की लैंडिंग करने की जिम्मेदारी दी गई थी और हम आपको बता दे कि चंद्रयान मिशन को पूरा करने के लिए डायरेक्ट के पद पर उन्हें इसरो के द्वारा नियुक्त किया गया था | रितु करिधल 1997 में इसरो में सम्मिलित हुई थी और हम आपको बता दे कि चंद्रयान-2 के मिशन डायरेक्टर और मंगलयान का उपसंचालन करने के जिम्मेदारी भी इसरो के द्वारा इन्हें दी गई थी |
नंदिनी हरिनाथ | Nandini Harinath
नंदिनी हरिनाथ चंद्रयान-3 मिशन सफल करने में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी हम आपको बता दे कि नंदिनी इसरो में रॉकेट महिला साइंटिस्ट के तौर पर कम कर रही है और हम आपको बता दें कि नंदनी हरिनाथ आज के समय इसरो में डिप्टी डायरेक्टर हैं हम आपको बता दें कि
नंदिनी मार्स ऑर्बिटल मिशन मंगलयान का हिस्सा रह चुकी हैं, उन्होंने मिशन प्लानिंग एनालिसिस और ऑपरेशन पर भी काम किया है हम आपको बता दें कि चंद्रयान-3 की सफलता में इनका बहुत बड़ा योगदान है नंदिनी के बारे में कहा जाता है कि जब चंद्रयान-3 लॉन्चिंग नहीं हुआ था तो वह इस मिशन को सफल करने के लिए लगातार काम करती रही यहां तक कि वह कई दिनों तक घर भी नहीं गई थी |
अनुराधा टी.के | Anuradha T.K
अनुराधा टी के इसरो की एक वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक है और हम आपको बता दें कि 1982 में उन्होंने इसरो ज्वाइन किया था और सबसे अहम बात है कि इसरो में सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने वाली वह पहली महिला वैज्ञानिक हैं चंद्रयान-3 के मिशन में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी जिसके कारण चंद्रयान-3 मिशन सफल हो पाया |
मीनल रोहित | Meenal Rohit
मिलन रोहित इसरो में आज के समय सिस्टम इंजीनियर के पद पर कम कर रही है और हम आपको बता दें कि चंद्रयान 3 मिशन में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी हम आपको बता दे कि चंद्रयान-2 के मिशन में उन्हें काफी अहम जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने अपने जिम्मेदारी का निभाया काफी अच्छी तरह से किया इसके बाद चंद्रयान-3 के मिशन में भी उनको शामिल किया गया जिसके कारण नहीं भारत का संविधान 3 मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो पाया हम आपको बता दे कि आज के समय इसरो में हुआ डिप्टी डायरेक्टर प्रोजेक्ट के पद पर कम कर रही हैं
मौमिता दत्ता | Moumita Dutta
मौमिता दत्ता एक निपुण भारतीय भौतिक विज्ञानी के रूप में अहमदाबाद में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो में एक महिला वैज्ञानिक के तौर पर कम कर रही है हम आपको बता दें कि आज के समय मौमिता दत्त ऑप्टिकल उपकरण के स्वदेशी विकास के परियोजना पर कम कर रही है चंद्रयान-3 के मिशन में भी इन्हें महिला टीम में सम्मिलित किया गया था जहां पर उन्होंने मिशन को सफल करने के लिए कई प्रकार के उल्लेखनीय काम किए थे |
टेस्सी थॉमस | Tessy Thomas
जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन कहा जाता है ऐसे में भारत में अग्नि प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम ने टेस्सी थॉमस प्रोजेक्ट का हेड नियुक्त किया था हम आपको बता दें कि टेस्सी थॉमस भारतीय वैज्ञानिक और एयरोनॉटिकल सिस्टम की महानिदेशक और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में अग्नि-IV मिसाइल के पूर्व परियोजना निदेशक के पद पर कम कर चुके हैं और भारत का मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक टेस्सी थॉमस
है | भारत को मिसाइल के टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने टेस्सी थॉमस भूमिका काफी महत्वपूर्ण आई थी जिसके कारण उन्हें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया |
वीआर ललितांबिका | VR Lalitambika
वैज्ञानिक वीआर ललिथंबिका ने चंद्रयान 3 में भी अपना बड़ा योगदान दिया है। हम आपको बता दे कि भारत के रॉकेट निर्माण में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है क्योंकि उन्होंने इसरो में कई प्रकार के रॉकेट संबंधित मिशन में काम किया है ललिथंबिका डायरेक्टरेट ऑफ़ ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम प्रोग्राम की निदेशक भी रह चुकी हैं 1988 में उन्होंने रॉकेट नियंत्रण और मार्गदर्शन प्रणाली बनाया था इसके अलावा उन्होंने सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल और रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) जैसे महत्वपूर्ण रॉकेट मिशन में अपना योगदान दिया है
मुथय्या वनिता | Muthayya Vanita
हम आपको बता दे कि चंद्रयान-3 मिशन को सफल करने में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी इसके अलावा
मुथय्या वनिता मंगलयान 2 मिशन में इसरो में प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुकी हैं। साथ में वनिता मंगलयान मिशन के दौरान डेटा ऑपरेशंस जिम्मेदारी का भी उन्होंने निभा किया था तभी जाकर हमारा मंगलयान मिशन सफल हुआ था