अगर आप भी अपने जीवन मे सफल होना चाहते है, अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहते है। तो आपको हमेशा सकरात्मक सोच रखनी होगी और खुद को हमेशा मोटीवेट रखना होगा। आज के इस दुनिया में अक्सर ऐसे समय आते हैं, जब हम स्वयं को निराशा के भंवर में फंसा पाते हैं। तब हमे कोई भी रास्ता दिखाई नही देता है और ऐसे में लगभग हर किसी को मोटिवेशन की जरूरत पड़ती ही है। मोटीवेट रहने के लिए प्रेरणादायक कहानियों को पढ़े, जिससे आपके विचार सही और मजबूत बने और आप अपने अंदर के निराशा को दूर करके लक्ष्य को प्राप्त करे।
इस आर्टिकल में हम आपको Best motivational stories हिंदी बताएंगे, जिसे सुनकर आप के अंदर उत्साह बढ़ जाएगा और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और भी ज्यादा मोटिवेट हो जाएंगे। ये Best motivational stories आपके जीवन में बहुत काम आएंगी और इन कहानियों से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और यह कहानियां आपको जीवन मे लक्ष्य पाने मे सहायता करेंगी।
कहानी: जीवन मे अभ्यास का महत्व। Story : importance of Practice in life
प्राचीन समय में गुरुकुल की व्यवस्था थी, विद्यार्थी गुरुकुल में रहकर ही पढाई करते थे। बच्चे गुरुकुल में गुरु के सानिध्य में आश्रम की देखभाल किया करते थे और पढाई भी किया करते थे।
उसी तरह शिव शंकर को भी सभी की तरह गुरुकुल भेज दिया गया। वह वहां जाकर आश्रम में अपने साथियों के साथ घुलने मिलने लगा। लेकिन वह पढ़ने में बहुत ही कमजोर था। गुरुजी की कोई भी बात उसके बहुत कम समझ में आती थी। इस कारण सभी उसका हँसी लेते थे। उसके सभी साथी अगली कक्षा में चले गए लेकिन वह उसी कक्षा मे रह गया।
गुरुजी जी ने भी आखिर हार मानकर उसे बोला, “बेटा शिवशंकर! मैने सारे प्रयास करके देख लिये है। अब यही उचित होगा कि तुम यहां अपना समय बर्बाद मत करो, और अपने घर चले जाओ और घरवालों की काम में मदद करो।”
तब शिवशंकर ने भी सोचा कि शायद शिक्षा मेरी किस्मत में नहीं हैं। और दुखी मन से गुरुकुल से घर के लिए निकल गया गया। दोपहर का समय था, और तभी उसे बहुत तेज से प्यास लगती है। तब वह इधर उधर देखने लगता है, और पाता है कि थोड़ी दूर पर ही कुछ महिलाएं कुएं से पानी भर रही थी। वह कुए के पास गया।
और उसने देखा वहां पत्थरों पर रस्सी के आने जाने से निशान बने हुए थे, तो उसने महिलाओ से पूछा, “इस पत्थर पर यह निशान आपने कैसे बनाया।”
तो एक महिला ने बहुत सुंदर जवाब दिया, “बेटा यह निशान हमने नहीं बनाएं। यह तो पानी खींचते समय इस कोमल रस्सी के बार बार आने जाने से ठोस पत्थर पर भी निशान बन गए हैं।”
शिव शंकर सोच में पड़ गया। उसने विचार किया कि जब एक कोमल से रस्सी के बार-बार आने जाने से एक ठोस पत्थर पर गहरे निशान बन सकते हैं तो मैं भी निरंतर अभ्यास से विद्या ग्रहण कर सकता हु।
शिव शंकर ढेर सारे उत्साह के साथ वापस गुरुकुल आया और अथक कड़ी मेहनत की। गुरुजी ने भी खुश होकर भरपूर सहयोग किया। कुछ ही सालों बाद वो मंदबुद्धि बालक से संस्कृत व्याकरण का महान विद्वान बना। और ढेर सारी रचनाएँ की।
कहानी से मिली सीख| Moral of Story
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दोस्तो इस कहानी से हमे यह सिख मिलती है, अभ्यास बहुत जरूरी है चाहे वो खेल हो या पढ़ाई या किसी ओर चीज़ में। बिना अभ्यास के आप सफल नहीं हो सकते। अगर आप बिना अभ्यास के केवल किस्मत के भरोसे बैठे रहोगे, तो आखिर मैं आपको पछतावे के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगेगा। अभ्यास के साथ धैर्य, परिश्रम और लगन रखकर आप अपना लक्ष्य हासिल कर सकते है।
कहानी: छोटी छोटी चीज से बड़ा परिवर्तन | Story : Big change from small steps
बहुत समय पहले की बात है, एक गरीब किसान का बेटा था जिसका नाम शुभम था। शुभम बहुत दयालु और अच्छा लड़का था। वह बचपन से दुसरो की मदद करने के लिए तैयार रहता था। एक दिन, वह जअंगल में घूम रहा था तब उसने देखा कि एक पेड़ सूख रहा है।
पेड़ ने उससे कहा, “मुझे पानी दो। मैं मर रहा हूँ।”
शुभम को पेड़ पर दया आ गई। और वह प्रति दिन पेड़ को पानी देने लगा। आखिरकार, पेड़ ठीक हो गया।
शुभम को पेड़ देखकर बहुत खुशी हुई। उसने सोचा कि अगर वह एक पेड़ को बचा सकता है, तो वह कई पेड़ों को बचा सकता है। इसलिए, शुभम ने जंगल में एक नये पेड़ लगाने का फैसला किया। उसने एक छोटा सा पेड़ लगाया और उसे रोज पानी दिया।
उस ने हर दिन पेड़ की देखभाल की। और उसने उसे पानी दिया, उसे खाद दी, और उसे कीटों से बचाया। धीरे-धीरे, पेड़ बड़ा और मजबूत हो गया।
शुभम ने फिर एक और पेड़ लगाया, फिर दूसरा, फिर तीसरा। उसने जंगल में कई पेड़ लगाए। उस के प्रयासों से जंगल फिर से हरा-भरा हो गया।
शुभम के बारे में जल्द ही सभी को पता चल गया। लोग उसे “पेड़ लगाने वाला लड़का” कहने लगे। उस को अपने काम पर बहुत गर्व हुआ। वह जानता था कि वह पृथ्वी को एक बेहतर जगह बना रहा है। एक दिन, एक राजकुमार जंगल में घूम रहा था।
उसने उस को पेड़ लगाते हुए देखा। राजकुमार को शुभम की मेहनत और समर्पण पर बहुत खुशी हुई। और उसने शुभम को एक पुरस्कार दिया और उसे उस जंगल का रक्षक नियुक्त किया। उसने जंगल का रक्षक बनने के बाद भी पेड़ लगाना जारी रखा। उसने जंगल में कई और पेड़ लगाए।
उस लड़के के प्रयास से जंगल एक सुरक्षित जगह बन गई और ।
कहानी से मिली सीख| Moral of Story
यह एक प्रेरणादायक कहानी है।और यह हमें सिखाती है कि छोटी-छोटी चीजें भी एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं। अगर हम सभी सचिन की तरह पेड़ लगाने का काम करें, तो पृथ्वी को एक बेहतर जगह बना सकते हैं । हमें हमेशा पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। और हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए।
कहानी : चिलम और सुराही की कहानी | Story: Chilam and Surahi
व्यक्ति के विचार मात्र से पुरा जीवन बदल सकता है। एक कुम्हार, जो मिट्टी का काम करता था, वह कई तरह की चीजे बनाता था, वह मिट्टी के दिऐ, मटके, चिलम आदि कई तरह के मिट्टी के बर्तन बनाया करता था और उसकी पत्नि भी उसके काम में उसकी मदद करती थी।
कुम्हार मौसम के हिसाब से काम करता था, वह दीवाली पर बहुत सुन्दर सुन्दर दिए बनाता था और बाजार में बेचा करता था। गर्मी मे सुराही बनाया करता था।
एक दिन कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाते समय सोचता है कि आजकल चिलम बहुत चलन में आ गई है कल मैं भी चिलम बनाउंगा।
कुम्हार दूसरे दिन उठता है और चिलम बनाने के लिए मेहनत करने लगता है, इतने में उसकी पत्नी पानी लेकर आती है और पूछती है कि आज आप मिट्टी से क्या बना रहे हो?
कुम्हार अपनी पत्नी से बोलता है कि आज मैं चिलम बना रहा हूं। तो उसकी पत्नी बोलती है कि आजकल बहुत गर्मी पड़ रही है तो आप सुराही क्यों नहीं बनाते ? और इतना बोलकर कुम्हार की पत्नी वहां से चली जाती है। तो कुम्हार सोचता है कि गर्मी भी बढती जा रही है अगर मैं सुराही बनाता हूं तो मैं और भी ज्यादा पैसा कमा सकता हूं, और फिर वह सुराही बनाने के लिए मिट्टी काे आकार देने लगता है।
तब मिट्टी ने कुम्हार से पूछा क्या हुआ तुमने क्यो विचार बदल दिया, तब कुम्हार ने कहा गर्मी का मौसम है सुराही बनाऊंगा तो ज्यादा पैसे मिलेंगे। तब मिट्टी ने कहा ”धन्यवाद हो तुम्हारा जो तुम मुझे सुराही बना रहे हो।”
तो कुम्हार पूछता है ”तुम मूझे धन्यवाद क्यों कह रही हो?”
मिट्टी कहती है ” तुमने विचार बदला मेरा जीवन बदल गया।”
तो कुम्हार पूछता है ”मैंने तुम्हारी जिंदगी कैसे बदल दी?”
मिट्टी कहती है ” तुम पहले मुझे एक चिलम का आकार दे रहे थे, जिससे मैं एक चिलम बन कर खुद भी जलती और लोगों को भी जलाती, लेकिन अब तुम मुझे एक सुराही का आकार दे रहे हो जिससे मैं एक सुराही बनूंगी जिसमें शीतल जल भरा होगा जिससे मैं बिल्कुल ठंडी रहूंगी और जो भी प्यासा इस शीतल जल को पियेगा वह भी ठंडे पानी से अपनी प्यास बुझा सकेगा, तुम्हारे इस विचार से तो मेरा जीवन ही बदल गया है।” और फिर वह कुम्हार उस मिट्टी से ढेर सारी सुराही बना कर बाजार में ले जाता है और बेचकर खूब पैसा कमाता है।
कहानी से मिली सीख|Moral of Story
यह छोटी सी चिलम सुराही की कहानी हमें बहुत बड़ी सीख देती है कि कैसे एक छोटा सा विचार बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है, जिस तरह इस कहानी में थोड़े से विचार के परिवर्तित होने से एक जहर बनने वाली मिट्टी भी अमृत बन गई। उसी तरह यदि इंसान अपने जीवन मे अपने विचार सही रखे तो अपना जीवन बहुत सुखमय बना सकता है।
निष्कर्ष। Conclusion
इस आर्टिकल मे हमने Best Motivational Stories हिंदी मे आपसे साक्षा किया, जिसमे हमने जीवन मे अभ्यास का महत्व, छोटी चीजों से बड़ा परिवर्तन, और सोच से जीवन मे बदलाव की प्रेरदायक् कहानी आपको बताई। जिसको पढ़कर आप खुद को मोटीवेट रख सकते है। और अपने जीवन मे बनाये लक्ष्य को हासिल कर सकते है।