Nirmal Gehlot Biography in Hindi:- भारत में कई सालों से कोचिंग क्लासेस की परंपरा चली आ रही है। इंटरनेट की मदद से आज कल कोचिंग पढ़ना पहले से ज्यादा आसान हो चुका है। यही कारण है कि बीते कुछ सालों में हमने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम को सुना है अगर आप ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करते हैं तो जरूर आपने उत्कर्ष क्लासेज का नाम सुना होगा। राजस्थान के जोधपुर जिले में शुरू किया गया एक छोटा सा उत्कर्ष क्लासेस आज भारत के सबसे बड़े एजुकेशन कंपनी में एक माना जाता है। आज के लेख में हम आपको Utkarsh Classes को एक बड़ी एजुकेशन कंपनी में शुमार करने वाले व्यक्ति निर्मल गहलोत के बारे में बताने जा रहे हैं। निर्मल गहलोत उत्कर्ष के CEO के रूप में जाना जाता है। अगर आप उत्कर्ष CEO निर्मल गहलोत के जीवन परिचय के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो आज हमारे लिख के साथ अंत तक बने रहे।
वर्तमान समय में हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि इंटरनेट के आने की वजह से बड़ी तेजी से विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिला है। ऐसा करने वाले निर्मल गहलोत का जन्म 15 अगस्त 1978 को राजस्थान के जोधपुर शहर में हुआ था। 2016 में जिओ के आने के बाद हर किसी के लिए इंटरनेट बहुत सस्ता हो गया जिस वजह से छोटे-मोटे व्यापार जब इंटरनेट पर आए तो अपने अतुलनीय प्रभाव की वजह से बड़ी तेजी से छा गए। ऐसा ही एक उदाहरण उत्कर्ष क्लासेस का है। उत्कर्ष सीईओ निर्मल गहलोत के जीवन परिचय से आप समझेंगे की किस प्रकार उन्होंने राजस्थान के छोटे से जगह में अपने क्लासेस को शुरू किया और कैसे भारत के प्रचलित एजुकेशन कंपनी में शामिल हो गए।
खान सर (फैजल खान) का सम्पूर्ण जीवन परिचय
Nirmal Gehlot Biography in Hindi
नाम | निर्मल गहलोत |
उपनाम | निर्मल सर |
जन्म स्थान | जोधपुर राजस्थान |
जन्म तिथि | 15 अगस्त 1978 |
कार्य | शिक्षक |
प्रचलित होने का कारण | उत्कर्ष क्लासेज के CEO |
संपत्ति | नहीं मालूम |
धर्म | हिंदू |
देश | भारत |
कौन है उत्कर्ष के फाउंडर
उत्कर्ष के फाउंडर निर्मल गहलोत का जन्म 15 अगस्त 1978 को राजस्थान के जोधपुर शहर में हुआ था। उनके पिता एक प्राथमिक स्कूल में अध्यापक का काम करते थे। मगर जब निर्मल गहलोत 11वीं कक्षा में थे तो उनके पिता की नौकरी चली गई जिस वजह से घर में आर्थिक तंगी का माहौल हो गया और 11वीं कक्षा के बाद से उन्हें ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई को पूरा करना पड़ा। इसके बाद सरकारी नौकरी की तैयारी के इरादे से वह दिल्ली आए थे जहां रहने और खाने में बहुत खर्च लगता था इस वजह से दिल्ली में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू किया।
जब उन्हें ऐसा लगा कि वह बच्चों को अच्छा ट्यूशन पढ़ा रहे हैं और बच्चे उनसे ज्यादा बेहतर तरीके से जुड़ पा रहे हैं तो उन्होंने अपने ट्यूशन को और बड़ा बनाने के बारे में विचार किया। इसी के साथ उन्होंने उत्कर्ष क्लासेज की नीव रखी। धीरे-धीरे भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल ज्यादा तीव्र हो गया और उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया और देखते-देखते आंसर 50 लाख से ज्यादा बच्चे उत्कर्ष क्लासेस में पढ़ते हैं।
निर्मल गहलोत का व्यक्तिगत जीवन | Nirmal Gehlot Bio [wiki]
Nirmal Gehlot Biography in Hindi:- निर्मल गहलोत का जन्म 13 अगस्त 1978 को राजस्थान के जोधपुर शहर में हुआ था। निर्मल गहलोत एक सामान्य वर्ग के परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां उनके पिता एक अध्यापक थे मगर जब निर्मल 11वीं कक्षा में थे तो परिवार में भीषण आर्थिक तंगी आई थी जिस वजह से उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई को जारी रखा था। इस तरह आगे बढ़ते हुए जब उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करना शुरू किया तब उन्होंने पाया कि वह पढ़ाने में काफी अच्छे हैं वह बच्चों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझा पाते हैं और वह उनसे जुड़ भी पा रहे हैं।
व्यक्तिगत जीवन में निर्मल गहलोत काफी शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं जब उन्होंने बच्चों को दिल्ली में ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया तब बच्चों के बीच निर्मल काफी लोकप्रिय हो गए थे। यहां से उन्हें अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट को शुरू करने का ख्याल आया था। उसके बाद जब 2016 में जिओ की वजह से इंटरनेट भारत में सस्ता हुआ तब इंटरनेट की वजह से हर व्यापार को ऑनलाइन होते देखकर उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। धीरे धीरे उनका व्यापार तेजी से चलने लगा और वर्तमान समय में 50 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम उत्कर्ष क्लासेज के द्वारा किया जा रहा है।
निर्मल गहलोत के संघर्ष की कहानी
Nirmal Gehlot Story:- निर्मल गहलोत ने अपने जीवन में काफी संघर्ष देखा है उन्होंने काफी कम उम्र से पैसे की तंगी को महसूस किया है जिस वजह से वह एक कर्मठ और दूरदर्शी व्यापारी बन पाए है। निर्मल गहलोत के संघर्ष की कहानी उनकी 11वी कक्षा से शुरू होती है जब उन्होंने पहली बार ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू किया। घर में आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने स्कूल की फीस इकट्ठा करनी थी। शुरुआत में उन्होंने छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया धीरे-धीरे बच्चे की संख्या जब बढ़ने लगी तो अलग-अलग कक्षा के बच्चे भी उनसे पढ़ने के लिए आने लगे।
जोधपुर से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई को संपन्न करते वक्त निर्मल गहलोत काफी अधिक मात्रा में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे मगर सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए उन्होंने ट्यूशन को बंद करके दिल्ली पढ़ने चले गए। दिल्ली में सरकारी नौकरी की तैयारी करते वक्त उन्हें घर में रहने और खाने के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि घर से उतना पैसा नहीं आता था। धीरे-धीरे निर्मल दिल्ली में ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया इससे उन्हें दिल्ली में रहने के लिए कुछ पैसे मिल जाते थे। धीरे-धीरे दिल्ली में जब उनका कोचिंग अच्छे से चलने लगा और उन्होंने पाया कि वह बच्चों से काफी जल्दी घुलमिल गए और काफी अधिक बच्चे उनसे ट्यूशन पढ़ने आने लगे तब उनके मन में अपना कोचिंग इंस्टिट्यूट शुरू करने का एक ख्याल आया था।
जब इस विचार के साथ वह राजस्थान में जोधपुर आए तब उनके घर वालों ने इसका विरोध किया घरवाले चाहते थे कि निर्मल सरकारी नौकरी की तैयारी करें और किसी अच्छे सरकारी नौकरी में नियुक्त हो जाए मगर निर्मल गहलोत ने अपने अंदर की काबिलियत पहचान ली थी और उन्होंने उत्कर्ष क्लासेज की नींव रखी। इसी दौरान भारत में इंटरनेट की एक मुहिम शुरू हुई जहां हर कोई इंटरनेट पर अपना वीडियो डाल रहा था इसी में निर्मल गहलोत ने अपने कोचिंग इंस्टिट्यूट में बच्चों को पढ़ाते हुए यूट्यूब पर वीडियो डालना शुरू किया धीरे-धीरे लोग उन्हें काफी पसंद करने लगे और उनका कोचिंग इंस्टीट्यूट बड़े पैमाने पर चलने लगा।
आज निर्मल गहलोत ने उत्कर्ष क्लासेज की एक वेबसाइट और एप्लीकेशन की बनाई है जहां से वह ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाते हैं और अपने कोचिंग इंस्टिट्यूट में ऑफलाइन बच्चों को पढ़ाते है। आज उत्कर्ष क्लासेज से पचास लाख से ज्यादा बच्चों को पढ़ाता है और भारत के एक प्रचलित कोचिंग इंस्टीट्यूट के रूप में जाना जाता है।
उत्कर्ष इंस्टिट्यूट की स्थापना कब हुई | Utkarsh Institute Established
2002 में जब निर्मल गहलोत दिल्ली में सरकारी नौकरी की तैयारी करते थे उसी दौरान किसी से ₹100000 का लोन लेकर एक छोटे से कमरे में कुछ विद्यार्थियों के साथ उत्कर्ष क्लासेज की शुरुआत की थी।
13 सितंबर 2002 को बहुत ही छोटे स्तर पर उत्कर्ष क्लासेज की शुरुआत हुई थी। उस वक्त उत्कर्ष क्लासेज केवल RAS परीक्षा की तैयारी करवाता था। उत्कर्ष के साथ जुड़े हुए बच्चे जीवन में सफल होने के मूल मंत्र के बारे में भी समझ पाए और बहुत सारे बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में राज्य टॉप भी किया है अब तक हजारों की तादाद में बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में उत्तीर्ण करवाने का श्रेय उत्कर्ष क्लासेस ने लिया है।
निर्मल गहलोत का परिवार | Nirmal Gehlot Family
निर्मल गहलोत के परिवार में उनके भाई जो उनके साथ इस व्यापार में उनका हाथ बढ़ाते हैं उनकी पत्नी और माता-पिता आते है। निर्मल के पिता ओम प्रकाश गहलोत कुछ समय तक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य करते थे। निर्मल गहलोत की पत्नी गरुणा गहलोत एक गृहणी के रूप में कार्य करती है।
पिता का नाम | ओम प्रकाश गहलोत |
माता का नाम | नही मालूम |
पत्नी का नाम | गरुण गहलोत |
भाई का नाम | श्री तरुण गहलोत |
निर्मल गहलोत की संपत्ति | Nirmal Gehlot Net Worth
निर्मल गहलोत अपने दान देने के स्वभाव के कारण बहुत अधिक चर्चा में रहे थे उन्होंने कोविड-19 की महामारी में सरकार को ₹2100000 का दान दिया था। इसके अलावा निर्मल गहलोत जिस गांव में रहते थे वहां पानी की समस्या होने के कारण उन्होंने पानी घर खुद बनवा दिया था।
निर्मल गहलोत ने कभी भी अपनी संपत्ति खुलेआम सबके सामने नहीं बताई है मगर उत्कर्ष क्लासेस में वर्तमान समय में 50 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते है। जिस वजह से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि निर्मल गहलोत की संपत्ति करोड़ों में हो सकती है।
उत्कर्ष इंस्टिट्यूट की संख्या
वर्तमान समय में प्रतियोगिता परियों की तैयारी के लिए उत्कर्ष इंस्टिट्यूट को सबसे उत्तम माना जाता है। जैसा कि हमने आपको बताया उत्कर्ष क्लासेस की शुरुआत राजस्थान के जोधपुर से हुई थी। वर्तमान समय में राजस्थान के जयपुर और जोधपुर में सबसे अधिक 17 उत्कर्ष क्लासेज के केंद्र मौजूद है।
इसके अलावा दिल्ली मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश बिहार और हरियाणा जैसे राज्य में उत्कर्ष इंस्टिट्यूट ऑफलाइन कोचिंग के लिए उत्कर्ष इंस्टिट्यूट मौजूद है। इसके अलावा भारत में 100 से अधिक उत्कर्ष इंस्टिट्यूट ऑफलाइन रूप से मौजूद है और ऑनलाइन भी वेबसाइट और एप्लीकेशन की मदद से शिक्षा मुहायिया करवा रहा है।
उत्कर्ष इंस्टिट्यूट के पॉपुलर टीचर
वैसे तो उत्कर्ष इंस्टिट्यूट के सभी टीचर बेमिसाल है और उन्हें शिक्षकों की वजह से उत्कर्ष इंस्टिट्यूट इतनी तेजी से प्रचलित हो रहा है। इसके अलावा सबसे प्रचलित और बच्चों के साथ सबसे जल्दी घुल मिल जाने वाले उत्कर्ष इंस्टिट्यूट के टीचर के रूप में हम निर्मल गहलोत को जानते हैं जो उत्कर्ष इंस्टिट्यूट के संस्थापक भी है। मगर इनके अलावा कुछ और भी सर है जो अपने विषय में बच्चों को रुचि प्रदान करते हैं –
- Nirmal gehlot. DIRECTOR
- Kumar gaurav sir
- Umesh sir
- Narendra choudhary sir
उत्कर्ष सोशल मीडिया लिंक
उत्कर्ष इंस्टिट्यूट के सोशल मीडिया लिंग की जानकारी नीचे दी गई है –
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FAQ’s Nirmal Gehlot Biography in Hindi
Q. उत्कर्ष क्लासेज के संस्थापक कौन हैं?
उत्कर्ष क्लासेज के संस्थापक निर्मल गहलोत सर है।
Q. निर्मल गहलोत उत्कर्ष क्लासेज की शुरुआत कब की थी?
निर्मल गहलोत ने कुछ बच्चों के साथ 2002 में एक किराए के मकान से उत्कर्ष क्लासेस की शुरुआत की थी जो आज 100 से भी अधिक शहरों में फैल चुका है और भारत के सबसे प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टिट्यूट में से एक बन चुका है।
Q. उत्कर्ष क्लासेज कैसे प्रचलित हुआ?
उत्कर्ष क्लासेस में निर्मल गहलोत में जितने बेहतरीन तरीके से बच्चों को पढ़ाया और उनका प्रतियोगी परीक्षाओं में सिलेक्शन हुआ तो धीरे-धीरे उत्कर्ष क्लासेस इतना प्रचलित हो गया।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपको उत्कर्ष सीईओ निर्मल गहलोत जीवन परिचाय (Nirmal Gehlot Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है। हमने आपको सरल शब्दों में यह समझाने का प्रयास किया कि निर्मल गहलोत किस तरह से इतने प्रचलित हो पाए और रेट कैसे उन्होंने महज ₹100000 से किराए के मकान में रह कर अपने उत्कर्ष क्लासेस की शुरुआत की। अगर इस लेख को पढ़ने के बाद आप उत्कर्ष क्लासेस के बारे में अच्छे से समझ पाए हैं साथ सीईओ निर्मल गहलोत के बारे में भी अच्छी जानकारी मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथियों अपने सुझाव विचार या किसी भी तरह के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूलें।