गांधी जयंती पर कविता | Gandhi Jayanti Poem in Hindi | Download PDF (‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी की जयंती)

Gandhi Jayanti Poem

Gandhi Jayanti Poem:- 2 अक्टूबर भारत के लिए बहुत खास दिन है क्योंकि यह ‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी की जयंती है। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। गांधीजी पेशे से एक बैरिस्टर थे और उन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कविता रचनात्मक अभिव्यक्ति का एक रूप है जिसमें भावनाओं को जगाने और समय के क्षणों को कैद करने की शक्ति होती है। गांधी जयंती पर कविताएं विषय का पता लगाने और इसके अर्थ की गहरी समझ हासिल करने का एक सुंदर तरीका है। अहिंसा, सत्य और धार्मिकता के प्रतीक गांधी ने स्वतंत्रता और न्याय के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता से दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। स्कूली छात्रों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान महात्मा गांधी के बारे में कविताएँ पढ़ना इस महान आत्मा को श्रद्धांजलि देने और युवा पीढ़ी को उनकी शिक्षाएँ प्रदान करने का एक सुंदर तरीका है। 

इस लेख में हम महात्मा गांधी के बारे में प्रेरणादायक कविताएँ प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक उनके असाधारण जीवन और दर्शन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है। ये कविताएँ न केवल स्कूल कार्यक्रमों में सुनाने के लिए उपयुक्त हैं, बल्कि उस कालातीत ज्ञान और आदर्शों की याद दिलाने के रूप में भी काम करती हैं, जिनके लिए गांधी जी हमेशा खड़े थे।हमारी कोशिश है कि  ये कविताएँ आपको और आपके साथी छात्रों को प्रेम, शांति और एकता से युक्त दुनिया के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करें ठीक उसी तरह जिस तरह से  महात्मा गांधी ने किया था। इस लेख में कई पॉइन्ट जोड़े है जैसे कि Gandhi Jayanti Poem 2023, Gandhi Jayanti Par Kavita, Poem On Gandhi Jayanti in Hindi, Gandhi Jayanti Ki Poem। इस लेख को अंत तक पढ़े और बेहतरीन और सुंदर कविताओं को अपने परिजनों के साथ साझा करें।

गांधी जयंती पर कविता | Gandhi Jayanti Poem 2023

त्यौहार का नामGandhi Jayanti 2023
कब मनाया जाता है?2 अक्टूबर को
क्यों मनाया जाता है?गांधी जी के विचारों पर चलने के लिए 
कहां मनाया जाता है?पूरे भारतवर्ष में

Gandhi Jayanti Par Kavita | महात्मा गांधी जयंती पर कविता (2 October)

Gandhi Jayanti Poem: गांधी जयंती के अवसर पर गांधी जयंती पर कविता से जुड़ी कुछ बेहतरीन कविताओं को विभिन्न जगह पर प्रतियोगिता और समारोह के द्वारा पेश किया जाता है इस वजह से अगर आप भी गांधी जयंती पर कविता हिंदी में ढूंढ रहे हैं तो नीचे दी गई कविताओं की सूची को ध्यानपूर्वक पढ़ें – 

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गौरों की ताकत बाँधी थी गांधी के रूप में आंधी थी,
बड़े दिलवाले फकीर थे वो पत्थर के अमिट लकीर थे वो,
पहनते थे वो धोती खादी रखते थे इरादें फौलादी,
उच्च विचार और जीवन सादा उनको प्रिय थे सबसे ज्यादा,
संघर्ष अगर तो हिंसा क्यों खून का प्यासा इंसा क्यों,
हर चीज का सही तरीका है जो बापू से हमने सिखा है,
क्रांति जिसने लादी थी सोच वो गाँधी वादी थी।
उन्होंने कहा करो अत्याचार थक जाओगे आखिरकार,
जुल्मों को सहते जाएंगे पर हम ना हाथ उठाएंगे,
एक दिन आएगा वो अवसर जब बाँधोगे अपने बिस्तर,
आगे चलके ऐसा ही हुआ गाँधी नारों ने उनको छुआ,
आगे फिरंग की बर्बाद थी और पीछे उनकी समाधि थी,
गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी।

राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो सभी प्यार से कहते बापू,
तुमने हमको सही मार्ग दिखाया सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया,
हम सब तेरी संतान है तुम हो हमारे प्यारे बापू।
सीधा सादा वेश तुम्हारा नहीं कोई अभिमान,
खादी की एक धोती पहने वाह रे बापू तेरी शान।
एक लाठी के दम पर तुमने अंग्रेजों की जड़ें हिलायी,
भारत माँ को आजाद कराया राखी देश की शान।

Gandhi Jayanti PR Kavita

Gandhi jayanti के अवसर पर अगर आप गांधी जयंती की कविता लोगों के साथ साझा करना चाहती है इसके नीचे दी गई जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और गांधी जयंती के बारे में हर किसी को विस्तार पूर्वक बताएं –

माँ खादी की चादर दे दो मैं गाँधी बन जाऊँगा,
सभी मित्रों के बीच बैठकर रघुपति राघव गाऊंगा,
निक्कर नहीं धोती पहनूँगा खादी की चादर ओढुंगा,
घड़ी कमर में लटकाऊँगा सैर-सवेरे कर आऊँगा,
कभी किसी से नहीं लडूंगा और किसी से नहीं डरूंगा,
झूठ कभी भी नहीं कहूँगा सदा सत्य की जय बोलूँगा,
आज्ञा तेरी मैं मानूंगा सेवा का प्रण मैं ठानूंगा,
मुझे रूई की बुनी दे दो चरखा खूब चलाऊंगा,
गाँव में जाकर वहीँ रहूँगा काम देश का सदा करूँगा,
सब से हँस-हँस बात करूँगा क्रोध किसी पर नहीं करूँगा,
माँ खादी की चादर दे दो मैं गाँधी बन जाऊंगा।

दो अक्टूबर प्यारा दिन बापू जन्मे थे इस दिन,
अट्ठारह सौ उनहत्तर वर्ष प्यारा सबसे न्यारा दिन,
सत्य मार्ग पर चलते थे नहीं किसी से डरते थे,
हक़ की खातिर दृढ़ होकर अनशन भी वो करते थे,
रूई से सूत बनाते थे चरखा नित्य चलाते थे,
अपनाओ उत्पाद स्वदेशी सबको यही सिखलाते थे,
शांति अहिंसा को अपनाया सत्य प्रेम जग में फैलाया,
हिंसा से जो दूर रहे कायर नहीं ये समझाया।
वैष्णव जन तो तेने कहिये गाकर पीड़ा भोगी,
ईश्वर अल्लाह तेरा नाम भजकर हुआ वियोगी,
कुछ कहते है भारत की आत्मा कुछ कहते है संत,
बापू से बन गया महात्मा साबरमती का संत,
सत्य अहिंसा की मूरत वह चरखा खादी वाला,
आजादी के रंग में जिसने जग को ही रंग डाला।

Poem On Gandhi Jayanti in Hindi

गांधी जयंती के पावन अवसर पर आकर आप कुछ कविताओं की तलाश कर रहे हैं तो गांधी जयंती कविता की एक संक्षिप्त सूची नीचे सरल शब्दों में प्रस्तुत की गई है उन कविताओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें – 

देखो महात्मा गाँधी की जयंती आई,
बच्चों के चेहरों पर मुस्कान है लाई।
हमारे बापू थे भारतवर्ष के तारणहार,
आजादी के सपने को किया साकार।
भारत के लिए वह सदा जीते-मरते थे,
आजादी के लिए संघर्ष किया करते थे।
खादी द्वारा स्वावलंबन का सपना देखा था,
स्वदेशी का उनका विचार सबसे अनोखा था।
आजादी के लिए सत्याग्रह किया करते थे,
सदा मात्र देश सेवा के लिए जीया करते थे।
भारत की आजादी में है उनका विशेष योगदान,
इसीलिए तो सब करते हैं बापू का सम्मान,
और देते है उन्हें अपने दिलों में स्थान।
देखो उनके कार्यो कभी भूल ना जाओ,
इसलिए तुम इन्हें अपने जीवन में अपनाओ।
तो आओ सब मिलकर सब झूमें गाये,
साथ मिलकर गाँधी जयंती का यह पर्व मनायें।

Gandhi Ji

राष्ट्रपिता जो कहे जाते है,
प्यार से बापू उन्हें बुलाते हैं।
जिन्होंने देश को आज़ाद कराया।
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
महात्मा गांधी वो कहलाते हैं।
उन्होंने विलास को छोड़कर,
अपना जीवन देश की आज़ादी में लगाया।
विदेषी कपड़ों को त्याग कर उसने ।
देशी का महत्व समझाया।
कई आंदोलन और सत्याग्रह किये।
अंग्रेजों से लड़ने के लिए,
लोगों को अपने साथ किये,
देश को आज़ाद कराने के लिए।
सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर।
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई।
अपना तन मन धन सब कुछ सौंप दिया
अपने आपको पूरा झोंक दिया।
अंत तक लड़ी लड़ाई देश को आज़ादी दिलायी।

Gandhi Jayanti ki Poem

गांधी जयंती बहुत ही पावन त्यौहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है अगर बापू के जन्म दिवस के अवसर पर आप कविता प्रस्तुत करने जा रहे हैं तो कुछ कविताओं की सूची नीचे दी गई है उन्हें भी ध्यानपूर्वक पढ़ें :–

2 अक्टूबर खास बहुत है इसमें है इतिहास छिपा,
इस दिन गाँधी जी जन्मे थे दिया उन्होंने ज्ञान नया,
सत्य अहिंसा को अपनाओ इनसे होती सदा भलाई,
इनके दम पर गाँधी जी ने अंग्रेजों की फौज भगाई,
इस दिन लाल बहादुर जी भी इस दुनिया में आये थे,
ईमानदार और सबके प्यारे कहलाये थे,
नहीं भुला सकते इस दिन को ये दिन तो है बहुत महान,
इसमें भारत का गौरव है इसमें तिरंगे की शान हैं।

चरखे के ताने बाने से उसने
भारत का इतिहास रचा
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई
सबमें इक विश्वास रचा
सहम गया विदेशी फिरंगी
लड़ने का अभ्यास रचा
मान गया अंग्रेजी शासक
बापू की पहचान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को
जिस बापू ने सारे जग में
हिन्दुस्तान का नाम किया
उस पर ही इक घात लगाकर
अनहोनी ने काम किया
बापू ने बस राम कहा और
चिर निद्र में विश्राम किया
यह संसार नमन करता है
आजादी की शान को
हम श्रद्धा से याद करेगें
गाँधी के बलिदान को

Happy Gandhi Jayanti

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