IPS Dinesh MN Biography in Hindi:- यदि किसी ईमानदार व्यक्ति पर किसी कारण बदनामी का दाग लग जाता है, जिसके कारण उसे कई वर्षों तक जेल में सजा काटना पड़े तो वह व्यक्ति अपनी पहचान खो देता है। लेकिन एक व्यक्ति ऐसा भी है जो 7 साल जेल की सजा काटने के बाद भी अपनी पहचान को नहीं खोया है,उस शख्स का नाम आईपीएस दिनेश एमएन है। जेल से सजा काटने के बाद जब अपने पद को दोबारा संभाला तो ऐसा तो संभाला कि भ्रष्टाचारी लोगों के खिलाफ एक्शन लेना शुरु कर दिया और इनके द्वारा एक्शन भी ऐसा लिया गया कि इनका नाम सुनते ही लोगों को पसीना आने लगता था। आईपीएस दिनेश एमएन एक ऐसे काबिल एवं ईमानदार आईपीएस ऑफिसर है जिनको राजस्थान में सिंघम के नाम से लोग जानते हैं।
ऐसे में लोगों को यह जानने कि इच्छा होगी कि आईपीएस दिनेश एमएन कौन है? इनका प्रारंभिक जीवन क्या है? परिवार, शिक्षा,यूपीएससी सफऱ, पुलिस करियर, आईपीएस रैंक,उपलब्धियां क्या है? तो आईए जानते हैं कि आईपीएस दिनेश एमएन के जीवन के बारे में। हम इस लेख में आपको आईपीएस दिनेश के जीवन परिचय संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक आर्टिकल में प्रदान कर रहे हैं, अगर आप आईपीएस दिनेश के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं तो आप लोग इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
IPS Dinesh MN Biography [ Wikibio ] Overview–
नाम | दिनेश एमएन (Dinesh MN IPS) |
जन्म | 06 सितम्बर, 1971 |
जन्म स्थान | मुंगनहल्ली, कर्नाटक |
वर्तमान में कौन से पद पर | एडीजी क्राइम (CID, CB), जयपुर |
होमटाउन | कर्नाटक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
आईपीएस दिनेश एमएन कौन है? (Who is IPS Dinesh MN)
IPS Dinesh MN Kon Hai: दिनेश एमएन का जन्म कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले के मुंगनहल्ली गांव में 6 सितंबर 1971 को हुआ था। दिनेश एमएन 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में भी प्रचलित है। दिनेश एमएन को उनके कार्य एनकाउंटर के लिए लोग सिंघम कहते थे। वर्तमान समय में राजस्थान के जयपुर में दिनेश एमएन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अतिरिक्त महानिदेशक पद पर तैनात है। उनके नेतृत्व में कई भ्रष्टाचार अधिकारियों को रिश्वतखोरी के मामले में जेल भेजा गया था। इन अधिकारियों में आईएएस, आईपीएस, आरएएस और आरपीएस अधिकारी भी शामिल थे। इससे पहले भी यह जब फील्ड पोस्टिंग में थे तब कई प्रचलित बदमाशों को जेल में डाला था।
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आईपीएस दिनेश एमएन का प्रारंभिक जीवन (IPS Dinesh MN Early Life)
दिनेश एमएन का जन्म 6 सितंबर 1971 को कर्नाटक राज्य चिक्कबल्लापुर जिले के गांव मुनागनाहल्ली में हुआ था। इनके पिताजी का नाम नारायण स्वामी है जो 2005 में बेंगलुरु से तहसीलदार के पद पर सेवानिवृत्त हुए। इनकी माता जी का नाम गोरी अम्मा है। दिनेश एमएन के सरनेम के पीछे उनके गांव एवं इनके पिताजी का नाम छुपा हुआ है एम का मतलब उनके गांव का नाम मुनागनाहल्ली एवं एन का मतलब उनके पिताजी का नाम नारायण स्वामी है। 25 फरवरी 1999 को दिनेश एमएन की शादी के विजयलक्ष्मी से हुई थी।
आईपीएस दिनेश एमएन का परिवार (IPS Dinesh MN Family)
आईपीएस दिनेश (MN) जन्म – 6 सितम्बर 1971 गांव मुनागनाहल्ली, चिंतामणी तहसील जिला चिक्कबल्लापुर, कनार्टक में हुआ था | तथा पिता का नाम नारायण स्वामी और मां का नाम गौरा अम्मा हैं |
पत्नी :- के. विजयलक्ष्मी
शादी :- 25 फरवरी 1999
बच्चे :- दो बेटियां
शिक्षा :– इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में बीई (1993) बीडीटी इंजीनियरिंग कॉलेज, कर्नाटक
उपलब्धि :- पुलिस मेडल 2021
एमएन का मतलब :- गांव व पिता के नाम का पहला अक्षर |
पिता का नाम | नारायण स्वामी |
माता का नाम | गोरी अम्मा |
पत्नी का नाम | के. विजयलक्ष्मी |
बच्चों का नाम | ज्ञात नहीं है | |
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आईपीएस दिनेश एमएन की शिक्षा (IPS Dinesh MN Education)
आईपीएस दिनेश एमएन कि शिक्षा की बात करें तो इन्होंने अपनी शिक्षा साल 1993 कर्नाटक राज्य के दावणगेरे जिले में स्थित बी.डी.टी. इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने के सबसे प्रतिष्ठ सिविल सेवा परीक्षा के लिए पढ़ाई की,जिसके के बाद 1995 में राजस्थान कैडर के एक आईपीएस अधिकारी बन गए।
आईपीएस दिनेश एमएन का यूपीएससी (UPSC) सफऱ
दिनेश एमएन के पिताजी ने स्वयं कर्नाटक पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा सात बार दी थी, जिसमें उनका नंबर भी अच्छा आया था, जिसके फलस्वरुप वह इंटरव्यू तक भी पहुंचे भी थे। लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया था। तब से ही उनका सपना था कि स्वयं तो अफसर नहीं बन पाएं लेकिन अपने बेटे को अफसर बनाना चाहते थे। सन 1993 में जब दिनेश एमएन इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर में पढ़ाई कर रहे थे तब उनके पिताजी ने दिनेश एमएन से कहा कि आप मेरे कहने पर यूपीएससी की परीक्षा सिर्फ दो बार दो यदि आपका सिलेक्शन हो गया तो ठीक है और नहीं तो आप जो चाहे वह कर सकते हैं, मैं आपको 2 साल कि सैलरी भी दूंगा। जिसके बाद दिनेश एमएन ने पहली बार में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया, इसके उपरांत वह 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी बन गए। इसके बाद इन्होंने एक बार फिर से परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नहीं हो सके और आईपीएस ज्वाइन कर ली।
आईपीएस दिनेश एमएन का पुलिस करियर (IPS Dinesh MN Police Career)
- दिनेश एमएन कि पहली पोस्टिंग एएसपी के रूप में दौसा में हुई थी। एएसपी के रूप में यहां पर वह 1998 मार्च 1999 तक रहे, इसके बाद कुछ समय के लिए जयपुर में एएसपी गांधीनगर के रूप में कार्यभार संभाला था।
- दिनेश एमएन ने मई 2000 से लेकर 2002 तक करौली में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभाला था। यहां पर इन्होंने चंबल के बीहड़ों में डकैती रोधी अभियान चलाया था, जिसके कारण इनके नेतृत्व में कई सारे डकैत एवं गैंग का सफाया हुआ था। इसके बाद इनका ट्रांसफर सवाई माधोपुर में हो गया था जहां पर यह सिर्फ 6 महीना ही रहे थे।
- सन 2003 में इनको झुंझुनू का पुलिस अधीक्षक बना दिया गया। 1 साल झुंझुनू अपने कार्यभार को संभालने के बाद इनका उदयपुर में ट्रांसफर हो गया।
- सन 2005 में उदयपुर पुलिस अधीक्षक थे।इसके बाद इनका ट्रांसफर अलवर हो गया था।
- राजस्थान पुलिस और गुजरात पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हिस्ट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख को को दिनेश एमएन ने एनकाउंटर में मार गिराया था। जिसके बाद जांच के दौरान इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए दिनेश एमएन समेत कई ऑफिसर एवं पुलिसकर्मी पर किस दर्ज हुआ था जिसके परिणाम स्वरुप 7 साल तक जेल में भी रहना पड़ा।
- 28 अप्रैल 2014 को जेल से रिहा हुए। सन 2017 को सर्विस के लिए बहाल हुए। जेल से बाहर निकलते ही राजस्थान में उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो में आईजी बनाया गया। इस विभाग को ज्वाइन करते ही उन्होंने रिश्वतखोरों का जीना हराम कर दिए थे। एंटी करप्शन ब्यूरो इतिहास में सबसे बड़ा कार्रवाई करते हुए विभाग के सचिव और आईएएस ऑफिसर अशोक सिंघवी को को 2 करोड़ 50 लाख के रिश्वत पकड़ा था।
- दिनेश एमएन को जुलाई 2016 में एसओजी (Special Operations Group) में आईजी बनाया गया।
- जून 2017 में दिनेश एमएन के नेतृत्व राजस्थान के चूरू जिले के गांव मालासर में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया गया।
- जनवरी 2019 में आईजी राजस्थान निरोधक ब्यूरो में अपने कार्यभार को संभाले थे। इसके बाद फरवरी 2020 को एडीजी बनाया गया तब से लेकर 2023 तक इस पद पर रहकर कई भ्रष्टाचारियों के नाक में दम करके रखा था।
- 13 फरवरी 2023 को इनका ट्रांसफर एडीजी के रूप में क्राइम पद पर कर दिया गया।
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आईपीएस दिनेश एमएन की आईपीएस रैंक (IPS Dinesh MN IPS Rank)
दिनेश एमएन 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी है। उन्होंने इस मुकाम को केवल 25 साल की उम्र में पूर्ण कर लिए थे। इनका पहला पोस्टिंग दौसा एएसपी के रूप में 1998 में हुआ था वर्तमान समय 2023 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जयपुर में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर है। दिनेश एमएन 25 साल में मिली पोस्ट एवं रैंक जानकारी नीचे टेबल के माध्यम से प्रदान कर रहा हूं:-
पद | जगह | कब से | कब तक |
एएसपी | दौसा | 23 सितम्बर 1998 | 15 मार्च 1999 |
एएसपी | गांधी नगर, जयपुर | 17 मार्च 1999 | 07 मई 2000 |
एसपी | करौली | 08 मई 2000 | 03 अप्रैल 2002 |
एसपी | सवाई माधोपुर | 04 अप्रैल 2002 | 08 सितम्बर 2002 |
एसपी, एसीबी | बीकानेर | 12 सितम्बर 2002 | 24 मई 2003 |
एसपी | झुंझुनू | 24 मई 2003 | 07 जुलाई 2004 |
एसपी, आरपीए | जयपुर | 09 जुलाई 2004 | 04 अगस्त 2004 |
एसपी | उदयपुर | 05 अगस्त 2004 | 09 अप्रैल 2007 |
एसपी | अलवर | 09 अप्रैल 2007 | 23 अप्रैल 2007 |
आईजी, एसीबी | जयपुर | 23 जून 2015 | 01 जुलाई 2016 |
आईजी, एसओजी | जयपुर | 04 जुलाई 2016 | 26 जुलाई 2018 |
आईजी, बीकानेर रेंज | बीकानेर | 26 जुलाई 2018 | 20 दिसम्बर 2018 |
आईजी, इंटेलिजेंस | जयपुर | 24 दिसम्बर 2018 | 08 जनवरी 2019 |
आईजी, एसीबी | जयपुर | 08 जनवरी 2019 | 15 फरवरी 2020 |
एडीजी, एसीबी | जयपुर | 16 फरवरी 2020 | 13 फरवरी 2023 |
एडीजी, क्राइम | जयपुर | 14 फरवरी 2023 | वर्तमान |
आईपीएस दिनेश एमएन की उपलब्धियां (IPS Dinesh MN Achievements)
- जयपुर दिल्ली हाईवे के मार्ग पर रुके शाहपुरा के जज भारत भूषण गोयल को ₹300000 नगद के साथ पकड़ा था
- भारत भूषण आयुर्वेदिक दवा फैक्ट्री खोलने के लिए 25 लख रुपए की मांग किए थे और यह राशि की पहली किस्त थी।
- शराब की दुकान आवंटित कराने के एवज में 40 हजार रुपये लेकर फंसी इंस्पेक्टर पूजा यादव। पूजा के घर से पांच लाख रुपये और 19 बोतल शराब भी मिलीं.
- जयपुर के मालवीय नगर में मकान निर्माण की मंजूरी देने के मामले में जयपुर नगर निगम के दो अधिकारी और एक दलाल को 70 हजार रुपए के साथ पकड़े थे।
- हिंगोनिया गौशाला में हुए चारा घोटाले के मामले में 8 अधिकारियों को गिरफ्तार किए थे ।
- जमीन की मंजूरी के मामले में रिश्वतखोरी के आरोप में जेडीए के 4 अधिकारी को पकड़े थे।
- खान विभाग के सचिव और आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी 2 करोड़ 50 लाख की रिश्वत के साथ पकड़े थे।
- राजस्थान के चुरू जिले के मालासर गांव में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर इनके नेतृत्व में हुआ था।
- दिसंबर 2020 में बारां कलेक्टर आईएएस इंद्र सिंह राव के निजी सचिव को 1 लाख 40 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा था।
- राजस्थान के दौसा से निकलने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कंपनी से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में आईपीएस मनीष अग्रवाल और दलाल को पकडे़ थे। और कुछ दिन बाद इसी कंपनी के बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीना और दौसा एसडीएम पुष्कर कुमार भी 5 लाख रुपये की रिश्वत मामले में पकड़े गए।
- दिसंबर 2020 को राजस्थान के सवाई माधोपुर चौकी पर तैनात डीएसपी भैरूंलाल मीना को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में पकडे़ थे।
- अलवर ग्रामीण के डीएसपी सपात खान और कांस्टेबल असलम खान को जनवरी 2021 को 3 लाख रुपये नकद रिश्वत देने के मामले में पकडे़ थे।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़े मामले में अप्रैल 2022 में अलवर के पूर्व कलेक्टर आईएएस नन्नूमल पहाड़िया, आरएएस अशोक सांखला और दलाल को पांच लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया था।
- राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कोटा के वीसी रामवतार गुप्ता 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए. उसने निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट बढ़ाने के मामले में रिश्वत मांगी थी।
आईपीएस दिनेश एमएन के जेल में दिन क्यों बीते?
उदयपुर में एसपी रहते हुए आईपीएस दिनेश एमएन राजस्थान पुलिस और गुजरात पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हिस्ट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके कारण उन्हें 7 साल तक जेल में रहना पड़ा था। और आखिरकार सन 2017 में इन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया।
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सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जुड़ी कहानी (Sohrabuddin Encounter Story)
26 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन को एक गुजरात पुलिस के टीम ने एनकाउंटर कर दिया था। पुलिस ने यह दावा किया था कि सोहराबुद्दीन लश्कर-ए-तोयबा आतंकवादी संगठन का संचालन करता था। गुजरात के वरिष्ठ नेता को हत्या करने का योजना पाकिस्तान की आईएसआई खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर बना रहा था। राजस्थान एवं गुजरात पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर कर दिया गया था। पुलिस का यह आरोप था कि सोहराबुद्दीन को पुलिस ने रोकने के लिए कहा लेकिन सोहराबुद्दीन भागने लगा जब पुलिस ने उनका पीछा करने लगे तो पुलिस पर ही गोलियां चला दी थी। जिसके उपरांत पुलिसों ने आत्मरक्षा करने के लिए सोहराबुद्दीन पर गोलियां चला दीं जिसके कारण उसकी मौत हो गया था।
राजस्थान आनंद पाल एनकाउंटर (Rajasthan Anand Pal Encounter)
गैंगस्टर आनंद पाल राजस्थान राज्य के पुलिसों के लिए काफी समस्या बने हुए थे। आनंदपाल ने पुलिसों पर हमला करके भाग गया था। राजस्थान के पुलिस ने आनंदपाल को पकड़ने के लिए इनके नाम पर ₹100000 का इनाम रखा गया था। लेकिन आनंदपाल के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई। 2017 में आनंद पाल को पकड़ने के लिए दिनेश एमएन के हाथों में सौंपा गया जब वह एसओजी आईजी के पद पर थे। आनंद पाल को पकड़ने के लिए दिनेश एमएन ने एक स्पेशल टीम बनाई थी और किसी भी प्रकार से आनंदपाल को पकड़ने के लिए निश्चय किए थे। और अंत में सन 2017 में एसओजी की टीम ने गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह को घेर लिया उनको पुलिस के हवाले करने की बात कही गई। लेकिन आनंद पाल ने जवाब में फायरिंग शुरू कर दी इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए आनंदपाल सिंह को एनकाउंटर कर दिया।
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निष्कर्ष:
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आईपीएस दिनेश एमएन का जीवन परिचय (IPS Dinesh MN Jivani in Hindi) संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान की गई है जो आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप हमारे आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न एवं सुझाव है तो आप लोग हमारे कमेंट बॉक्स में आकर अपने प्रश्नों को पूछ सकते हैं हम आपके प्रश्नों का जवाब जरूर देंगे।
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FAQ’s: IPS Dinesh MN Jivan Parichay in Hindi
Q. दिनेश एमएन का जन्म कब हुआ था?
Ans.दिनेश एमएन का जन्म 6 सितंबर 1971 को कर्नाटक राज्य चिक्कबल्लापुर जिले के गांव मुनागनाहल्ली में हुआ था।
Q. दिनेश एमएन का विवाह कब हुआ और किसके साथ हुआ था?
Ans. दिनेश एमएन का विवाह 25 फरवरी 1999 को दिनेश एमएन का शादी के विजयलक्ष्मी से हुआ था।
Q. दिनेश एमएन कौन है?
Ans.दिनेश एमएन एक वरिष्ट आईपीएस अधिकारी है और वर्तमान में क्राइम, जयपुर में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर है।
Q.वर्तमान समय में दिनेश कहां पोस्टेड है?
Ans.वर्तमान समय में क्राइम, जयपुर में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर है।
Q. दिनेश एमएन का पहला पोस्टिंग क्या है?
Ans. दिनेश एमएन का पहला पोस्टिंग दोसा में एसपी के रूप में हुआ था और यहां पर 1998 से लेकर 1999 साल तक रहे थे।