आईएएस शब्द सुनते ही सीना चौंड़ा होने लगता है। इंसान गर्व से फूल जाता है। लेकिन कलेक्टर बनने की राह इतनी आसान भी नहीं है। भारत में कई लोग आईएएस अधिकारी बनने का सपना मन में संजोते हैं। कुछ लोग बाजी मार जाते हैं, तो कुछ लोगों का सपना-सपना ही रह जाता है। यहां तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। आज आपके लिए एक ऐसी ही स्टोरी यहां पर बता रहा हूं। भारत में करीब पांच हजार आईएएस अफसर हैं, इन्हीं में एक हैं कंचन वर्मा Kanchan Verma ias biography )। कंचन ने आईएएस बनने के लिए दो बार अटेम्प्ट दिए। लाइफ हमें सीखने का कई मौका देती है। एक तो आप अनुभव से सीखते हैं और दूसरा गलतियों से। हरियाणा की कंचन ने भी इसी राह पर चलकर काफी बड़ा लक्ष्य कम समय में पूरा कर लिया।
कंचन वर्मा को ऐसे मिली सफलता / Success in UPSC
कंचन को पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी की परीक्षा में सक्सेस मिल गई थी, लेकिन वे फर्स्ट प्रयास में मिली रैंक से खुश नहीं थीं। इसके बाद उन्होंने फिर से प्रयास किया और तैयारी को जारी रखा। अपने अथक परिश्रम से उन्होंने दूसरे प्रयास में ही उस मुकाम को पा लिया, जिसका सपना उन्होंने बचपन से ही देख रखा था। उन्होंने दूसरे प्रयास में 35वीं रैंक के साथ टॉप किया। इसके अलावा ना सिर्फ उन्हें अपनी मर्जी से अच्छा पद मिला, बल्कि अपना सपना पूरा करने पर वे काफी खुश भी थीं।Kanchan Verma हमेशा से ही आईएएस बनना चाहती थीं। यूपीएससी देने से पहले वे अपनी जरूरी पढ़ाई पूरी करना चाहती थीं।
कंचन ने दिए छात्रों को टिप्स | Tips For Student
कंचन यूपीएससी एस्पिरेंट्स से कहती हैं, कि सबसे पहले अपने सिलेबस पर पूरा ध्यान दें। वे सिलेबस को काफी अहम मानती हैं। उनका कहना है कि अगर हो सके तो सिलेबस को याद कर लेना चाहिए। इसके बाद एक और जरूरी बात जो कलेक्टर कंचन वर्मा हमेशा छात्रों को कहती हैं, वो है स्ट्रेटजी तैयार करना। उनका कहना है कि यूपीएससी की तैयारी में स्ट्रेटजी अपने ही तरीके से होनी चाहिए। किसी की बातों में या दूसरों के बनाए रोडमैप को कभी भी फॉलो नहीं करना चाहिए। अगर आप दूसरों के मुताबिक तैयारी करोगे, तो रास्ते से भटक जाओगे और अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते।
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यहां से की कंचन वर्मा ने पढ़ाई | Kanchan Verma Education
बता दें कि आईएएस कंचन वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा में 3 अगस्त को हुआ था। कंचन की शुरूआती पढ़ाई सिरसा से हुई और बाद में वे आगे की एजुकेशन के लिए चंडीगढ़ चली गईं। 12 पास होने के बाद कंचन | Kanchan Verma दिल्ली गईं और वहां लॉ यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया। फिर इसके बाद उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी स्टार्ट कर दी और अपना पसंदीदा सब्जेक्ट लॉ को ही ऑप्शनल में रखा। वहीं कंचन ने बी.एड और सोशलॉजी में मास्टर ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई भी की है।
बेहतर काम से बनाई पहचान | Name And Fame Of Kanchan Verma
कंचन वर्मा 2005 की आईएएस अधिकारी है। इन्होंने अपने 19 साल की सर्विस में बेहतरीन काम किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई। फतेहपुर में एक नदी एवं झील का सुधार करने पर उन्हें कॉमन वेल्थ पुरुस्कार से सर्विस डे के मौके पर अवार्ड भी दिया गया था। कंचन वर्मा ने शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने पर भी काफी जोर दिया और उनके काम के दौरान उन्हें जो भी स्कूल मिलता था, वो समय निकालकर घंटेभर के लिए स्कूल में जाकर खुद पढ़ाती थीं। स्कूल में टीचर्स की उपस्थिति सुधारने को लेकर भी उन्होंने टाइम टेबल निर्धारित किया और स्कूल की क्वालिटी खराब करने वाले करीब साढ़े तीन सौ शिक्षकों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी कर एक ऐतिहासिक काम भी किया था।
इसके बाद वे तबादला होने के बाद फतेहपुर में सूख चुकी ठिठौरा झील और ससुर खदेरी नदी को पुनर्जीवित करने का काम किया। कंचन वर्मा ने ढेरों ऐसे सामाजिक सुधार वाले काम किए कि उनकी ख्याति दिनोंदिन बढ़ने लगी। साल 2016 में उन्हें ग्लेड झील और जलमार्ग को पुनर्जीवित करने के लिए कॉमनवेल्थ एसोसिसिएशन और मैनेजमेंट इंटरनेशनल इनोवेशन अवार्ड मिला। सिविल सर्विस डे के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें यह अवार्ड दिया था।
ऐसा है कंचन वर्मा का परिवार | Family Status Of Kanchan Verma
कंचन वर्मा का वैवाहिक जीवन भी काफी शानदार रहा है। उनकी शादी उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी अमित वर्मा से हुई। वह अब लखनऊ में नगर विकास विभाग की सचिव के तौर पर कार्यरत हैं। कंचन वर्मा | Kanchan Verma का एक बेटा और एक बेटी है। कंचन वर्मा को काफी विनम्र और यथार्थवादी व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर और निजी जीवन में भी संतुलन बना के रखा है। अगर आप भी कंचन वर्मा की तरह अपना सपना पूरा करना चाहते हैं, तो फिर उनकी एक बात हमेशा याद रखना। वो कहती हैं कि आपके लिए अपना रोडमैप खुद से तैयार करना है और काफी मेहनत करनी है।