महादेवी वर्मा का जीवन परिचय | Mahadevi Verma Biography in HIndi : महादेवी वर्मा छायावाद युग की मशहूर कवयित्री मानी जाती है उन्होंने अपने कविता के माध्यम से समाज के लोगों का मार्गदर्शन किया है और साथ में उनकी कलम उन सभी मुद्दों पर चली है जो हमारे सामाजिक जीवन से जुड़े हुए मुद्दे हैं। महादेवी वर्मा को आधुनिक भारतीय साहित्य का मीरा कहा जाता हैं। हम आपको बता दें कि महादेवी वर्मा ने हमेशा महिलाओं के लिए अपनी आवाज बुलंद की है उनका मन था कि अगर महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगी तभी जाकर भारतीय समाज का विकास तेजी के साथ होगा। महादेवी वर्मा के बारे में मशहूर कवि निराला जी ने कहा था कि हिंदी साहित्य के विशाल मंदिर की सरस्वती” भी महादेवी वर्मा हैं।
ऐसे में हर एक भारतीयों के मन में महादेवी वर्मा के निजी जीवन के बारे में जानने की आवश्यकता तेजी के साथ बढ़ रही है कि महादेवी वर्मा कौन है? प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार, साहित्यिक करियर, उनके द्वारा लिखे गए रचनाएं मिलने वाले अवार्ड, मृत्यु, इन सब के बारे में अगर आप पूरी जानकारी चाहते हैं तो आज के आर्टिकल में हम आपको Mahadevi Verma Ka Jeevan Parichay के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध करवाएंगे आपसे अनुरोध है कि आर्टिकल पर बने रहे हैं चलिए जानते हैं:-
Mahadevi Verma ka Jeevan Parichay | महादेवी वर्मा का संक्षिप्त परिचय
आर्टिकल का प्रकार | जीवन परिचय |
आर्टिकल का नाम | महादेवी वर्मा का जीवन परिचय |
साल | 2023 |
जन्म कहां हुआ था | उत्तर प्रदेश फर्रुखाबाद में |
मृत्यु कब हुई | 11 सितंबर 1987 |
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महादेवी वर्मा जीवन परिचय | Mahadevi Verma Wiki Bio in Hindi
नाम | महादेवी वर्मा |
जन्मतिथि | 1907 |
जन्म-स्थान | फर्रुखाबाद |
होमटाउन | फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश |
आधुनिक युग मीरा कौन थी | महादेवी वर्मा |
पति | डॉक्टर स्वरूप नारायण मिश्रा |
प्रारंभिक शिक्षा कहां से पूरी | इंदौर |
उच्च शिक्षा कहां से पूरी किया | प्रयाग |
किस रूप में प्रसिद्ध थी | कवयित्री, लेखिका |
भाषा | खड़ी बोली |
कितने वर्ष तक जीवित थे | 80 वर्ष |
कविताएँ | निहार, रश्मी, नीरजा, संध्यागीत, प्रथम आयाम, सप्तपर्ण, दीपशिक्षा आदि। |
कहानियाँ | अतीत के चलचित्र पथ के साथी, मेरा परिवार, संस्मरण. संभाषण, के रेहाये, आदि। |
मृत्यु | 11 सितंबर, 1987 |
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महादेवी वर्मा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Mahadevi Verma Early Life And Education)
Mahadevi Verma Jeevan: महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था हम आपको बता दे कि उनके परिवार में 200 वर्षों के बाद पहली बार पुत्री का जन्म हुआ था जिसके कारण उनके दादा खुशी के साथ झूम उठे थे और उन्होंने महादेवी वर्मा को देवी मानते हुए उनका नाम महादेवी रखा था उनके पिता का नाम गोविंद प्रसाद वर्मा है जो स्कूल में शिक्षक थे उनकी माता का नाम हेमरानी देवी बड़ी धर्म परायण, कर्मनिष्ठ, महिला थी । महादेवी वर्मा जब छोटी थी तो उन्होंने अपने बचपन के बारे में लिखा था वह काफी भाग्यशाली हैं कि उनका जन्म एक उदार परिवार में हुआ है और ऐसे समय जब समाज में लोग लड़कियों को बोझ मानते हैं लेकिन उनके घर में उन्हें जो मान सम्मान मिलता है शायद किसी दूसरे लड़की को मिलता हो महादेवी वर्मा का विवाह 9 साल की उम्र में हो गया था जिससे मैं वह दसवीं कक्षा में पढ़ती थी उसे समय उन्हें शादी का क्या मतलब है उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी |
हालांकि उनका वैवाहिक जीवन उतना सफल नहीं रहा था अगर हम उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा इन्दौर में किया था और अपनी उच्च शिक्षा प्रयाग में पूरी की इन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से बी० ए० तथा संस्कृत में एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। विवाह के पश्चात इन्होंने एफ० ए०, बी० ए० और एम० ए० परीक्षाएं सम्मान सहित उत्तीर्ण की। महादेवी जी ने घर पर ही चित्रकला तथा संगीत की शिक्षा भी प्राप्त की थी।
महादेवी वर्मा के काव्य की भाषा शैली और शब्दावली
महादेवी जी की भाषा खड़ीबोली एवं संस्कृत पूर्ण है फिर भी उसमें शुष्कता तथा दुर्बोधता नहीं है। हम आपको बता दे की विषय के अनुरूप अपनी भाषा में भी बदलाव करती थी उनकी भाषा की शैली काफी आसान और आकर्षण शक्ति और हम आपको बता दें कि महादेवी वर्मा की प्रमुख रूप से तीन प्रकार के शैलियों को अपनाया है, जैसे – विवेचनात्मक शैली, विवर्णनात्मक शैली तथा ओजमयी विद्रोहात्मक शैली।
महादेवी वर्मा की रचनाएँ | Mahadevi Verma Rachnayen
कविता संग्रह
महादेवी वर्मा के कविता संग्रह की बात करें तो उसका पूरा विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आईए जानते हैं-
निहार’रश्मि ‘नीरजा’, ‘सान्ध्यगीत’, ‘दीपशिखा’, ‘सप्तपर्णी’ व ‘हिमालय’ आदि इनके काव्य संग्रह हैं।
काव्य संकलन
1. | आत्मिका |
2. | निरंतरा |
3. | परिक्रमा |
4. | सन्धिनी (1965) |
5. | यामा (1936) |
6. | गीतपर्व |
7. | दीपगीत |
8. | स्मारिका |
9. | हिमालय (1963) |
10. | आधुनिक कवि महादेवी आदि। |
निबंध संग्रह | Essay
श्रृखला की कड़ियाँ’, ‘विवेचनात्मक गद्य’, ‘साहित्यकार की आस्था’ तथा ‘अन्य निबंध’ आदि
महादेवी वर्मा के कविता संग्रह
1930 | नीहार |
1932 | रश्मि |
1934 | नीरजा |
1935 | सांध्यगीत |
1942 | दीपशिखा |
1984 | प्रथम आयाम |
1990 | अग्निरेखा |
1940 | यामा |
1983 | गीतपर्व, परिक्रमा, संधिनी, आत्मिका |
1983 | दीपगीत |
1983 | नीलाम्बरा |
महादेवी वर्मा को मिली प्रमुख पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)
- वर्ष 1934 में निरजा ₹500 का नगद और साथ में और सेकसरिया पुरस्कार उनको दिया गया था
- 1944 में आधुनिक कवि और निहार पर 1200 का मंगला प्रसाद पारितोषिक पुरस्कार उन्होंने जीता था
- वर्ष 1956 में पद्म भूषण से अवार्ड उनको दिया गया था
- वर्ष 1988 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया।
- हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा उन्हें भारतेंदु पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- वर्ष 1982 में यामा के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था
- 1943 में मंगलाप्रसाद पारितोषिक भारत अवार्ड दिया गया था
- 1952 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए मनोनीत किया गया था
- महादेवी वर्मा को 1969 में विक्रम विश्वविद्यालय, 1977 में कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल, 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय तथा 1984 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने इनको डी.लिट उपाधि से इन्हें नवाजा गया था |
महादेवी वर्मा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Fact)
महादेवी वर्मा के बारे में रोचक जानकारी का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आईए जानते हैं-
- गाय को अत्यधिक प्रेम करती थी।
- महादेवी वर्मा के पिताजी मांसाहारी थे और उनकी माता शाकाहारी हैं
- आठवीं कक्षा में उन्होंने पूरे प्रांत में प्रथम स्थान प्राप्त किया था
- महादेवी वर्मा इलाहाबाद महिला विद्यापीठ की कुलपति और प्रधानाचार्य भी रही हैं
- महादेवी वर्मा के पिताजी मांसाहारी थे और उनकी माताजी शुद्ध शाकाहारी थी।
- महादेवी वर्मा कक्षा आठवीं में पूरी प्रांत में प्रथम स्थान पर रही।
- महादेवी वर्मा इलाहाबाद महिला विद्यापीठ की कुलपति और प्रधानाचार्य भी रही।
- भारतीय साहित्य अकादमी की मेंबर बनने वाली पहली महिला महादेवी वर्मा थी
- इनका विवाह बचपन में ही हो गया था लेकिन उन्होंने पूरा जीवन अविवाहित की तरह ही गुजारा।
- महादेवी वर्मा को साहित्य के साथ चित्रकला और संगीत में भी रुचि थी
- एक बार मैथिलीशरण गुप्त ने उनसे पूछा कि आप इतना काम करते हैं कभी थकती नहीं है तो इस पर महादेवी वर्मा ने कहा कि उनका जन्म होली के दिन हुआ था इसलिए होली का रंग और उसके उल्लास की चमक हमेशा मेरे चेहरे पर बनी रहती हैं।
Summary- महादेवी वर्मा की जीवनी
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल महादेवी वर्मा की बायोग्राफी आपको पसंद आई होगी ऐसे में आर्टिकल से संबंधित कोई भी जानकारी आपका सुझाव है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे अगर आप बायोग्राफी संबंधित अपडेट जानकारी नियमित रूप से प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को बुकमार्क कर ले ताकि जब भी कोई नई बायोग्राफी हमारे वेबसाइट पर पब्लिश की जाएगी उसकी जानकारी आपको नोटिफिकेशन के माध्यम से भेज दिया जाएगा तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में
FAQ’s:- महादेवी वर्मा का जीवन परिचय
Q महादेवी वर्मा का जन्म कब और कहां हुआ था?
Ans.महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 ई. में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद शहर में हुआ था।
Q . महादेवी वर्मा के माता-पिता का क्या नाम था?
Ans. महादेवी वर्मा के माता का नाम हेमरानी देवी है और उनके पिता का नाम श्री गोविंद सहाय वर्मा है जो स्कूल प्रधानाध्यापक थे |
3. महादेवी वर्मा की मृत्यु कब और कहां हुई थी?
महादेवी वर्मा की मृत्यु 11 सितंबर 1987 ई. इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था |
Q.महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएं कौन-कौन सी हैं?
महादेवी वर्मा जी की प्रमुख रचनाएं निम्न है – निहार, रश्मि, नीरजा, सान्ध्यगीत, यामा, दीपशिखा, सप्तपर्णा आदि ये इनकी काव्य संग्रह हैं। इसके अतिरिक्त अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं, श्रृंखला की कड़ियां ये इनकी गध रचनाएं इत्यादि हैं |
Q.आधुनिक युग की मीरा किसे कहा जाता है?
Ans. हिंदी साहित्य के आधुनिक युग की मीरा महादेवी वर्मा को कहा जाता हैं।