Mahila Kisan Drone Kendra: प्रधानमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ किया गया। केंद्र महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करेगा ताकि वे इस तकनीक का उपयोग आजीविका सहायता के लिए कर सकें। इसके तहत अगले तीन वर्षों के दौरान महिला एसएचजी को कम से कम 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और उपयोग करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। पीएम द्वारा कहा गया है कि यह पहल कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी। हम आपको बता दे कि कृषि विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने 2024-25 से 2025-26 की अवधि के लिए 1261 करोड़ रुपये के वित्त पोषण के साथ कम से कम 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय सरकार उन क्षेत्रों के समूहों की पहचान करेगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से संभव है और ऐसे समूहों से एसएचजी को किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए चुना जाएगा।
#WATCH | PM Modi interacts with beneficiaries of different government schemes during Viksit Bharat Sankalp Yatra program, via video conferencing
— ANI (@ANI) November 30, 2023
The PM launched a program to increase the number of Jan Aushadi Kendras from 10,000 to 25,000 and Pradhan Mantri Mahila Kisan Drone… pic.twitter.com/vuMxkqpBf6
Mahila Kisan Drone Kendra Scheme | महिला किसान ड्रोन केंद्र योजना क्या पेशकश करती है?
इस योजना के जरिए कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू), ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) और उर्वरक विभाग (डीओएफ), महिला एसएचजी और प्रमुख उर्वरक कंपनियों (एलएफसी) से सुविधाओं और संसाधनों को एकत्रित करेगी। इसके बाद एसएचजी मुख्य रूप से नैनो उर्वरक और कीटनाशक अनुप्रयोगों के लिए किसानों को आपूर्ति की गई ड्रोन सेवाएं किराए पर देंगे
एसएचजी का एक सदस्य जो अच्छी तरह से योग्य पाया गया है और वह 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र का है तो उसे 15-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना जाएगा, जिसमें पांच दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और 10-दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। एसएचजी के अन्य सदस्य, जो इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल कार्यों में रुचि रखते हैं, उन्हें राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और एलएफसी के तहत ड्रोन तकनीशियन और सहायक के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए चुना जाएगा। ये प्रशिक्षण ड्रोन की आपूर्ति के साथ एक पैकेज के रूप में प्रदान कि जाएगी। योजना में वादा किया गया है कि एसएचजी प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होंगे।
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