नारी शक्ति वंदन अधिनियम | Women Reservation Bill in Parliament:- जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा न्यू पार्लियामेंट हाउस (New Parliament House) में नारी शक्ति वंदना अधिनियम (Women Reservation Bill) संविधान संशोधन 128 के अंतर्गत कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने पेश किया गया है जिसके अंतर्गत लोकसभा दिल्ली विधानसभा और भारत के दूसरे राज्यों के विधानसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित रहेंगी यानी इन सभी सीटों पर महिला उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे | हम आपको बता दें कि यदि यह बिल लोकसभा और राज्यसभा से पारित होता है तो इसे राजनीतिक में महिलाओं की सक्रिय भूमिका और भी ज्यादा बढ़ जाएगी इस बिल को लाने का प्रमुख मकसद देश में नारी शक्ति करण को और भी ज्यादा मजबूत करना है |
ऐसे में देश के हर एक नागरिक के मन में एक ही सवाल है कि आखिर में नारी शक्ति वंदना अधिनियम बिल क्या है? महिलाओं को क्या लाभ मिलेगा? अगर आप सभी सवालों के जवाब जाना चाहते हैं तो आज के आर्टिकल में हम आपको Women Reservation Bill संबंधित चीजों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध करवाएंगे इसलिए आपसे अनुरोध है कि आर्टिकल पर आखिर तक बन रहे आईए जानते हैं:-
महिला आरक्षण बिल क्या है? Women Reservation Bill Kya Hai
महिला आरक्षण बिल संविधान संशोधन 128 के अंतर्गत लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के द्वारा प्रस्तुत किया गया है जिसके अंतर्गत लोकसभा दिल्ली विधानसभा और भारत के दूसरे राज्यों के विधानसभा में 33 ℅ सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी आसान भाषा में समझे तो अगर Women Reservation Bill पास हो जाता है तो देश के लोकसभा दिल्ली विधानसभा और भारत के दूसरे राज्यों में विधानसभा में महिला उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी होगी हम आपको बता दे कि बिल जैसे ही कानून का रूप ले लेगा उसके मुताबिक लोकसभा में महिला भी सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी | आज के समय लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 82 है | पहली बार महिला आरक्षण बिल 12 सितंबर 1996 में पेश किया गया था लेकिन इस बिल को कानूनी रूप से अमली जामा पहना नहीं जा सका 27 साल से महिला आरक्षण बिल लटका हुआ था |
नारी शक्ति वंदन अधिनियम में ख़ास क्या है?
नारी शक्ति वंदना अधिनियम बिल में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सरकार के द्वारा महिलाओं को लोकसभा दिल्ली विधानसभा और राज्य के दूसरे विधानसभा में 33% आरक्षण देने का जो प्रावधान सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया है वही नारी शक्ति अधिनियम के अंतर्गत सबसे खास पॉइंट है | जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हमारे देश में नारी शक्ति अपने आप में एक उभरती हुई नहीं सकती है | ऐसे में देश के प्रधानमंत्री के द्वारा हाल के दिनों में नारी शक्ति के ऊपर कई प्रकार के उनके विचार और बयान भी आए हैं जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि भारत को अगर दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बना है तो इस सफर में नारी शक्ति की भूमिका काफी अहम है इसलिए भारत की महिलाओं को आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त करना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है प्रधानमंत्री ने उसे सपने को पूरा करने के लिए ही नारी शक्ति वंदना अधिनियम बिल लोकसभा में पेश किया गया |
महिला आरक्षण विधेयक से क्या होगा बदलाव?
महिला आरक्षण विधेयक से क्या-क्या बदलाव होंगे तो उन सभी बदलाव का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आईए जानते हैं-
- महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें लोकसभा दिल्ली विधानसभा और भारत के दूसरे विधानसभा में आरक्षित किया जाएगा
- भारत की राजनीतिक में महिलाओं की सक्रिय भूमिका और भी ज्यादा बढ़ेगी जिसके फल स्वरुप लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी |
- भारत के सभी राज्यों के विधानसभा में कानून लागू होगा |
- महिला आरक्षण बिल के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटित सीटों में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगे |
- आरक्षण का प्रभाव 15 साल तक रहेगा इसमें सीटों का आवंटन रोटेशन प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा |
महिला आरक्षण बिल के फायदे | Women Reservation Bill Fayde
- महिला आरक्षण बिल के द्वारा देश की राजनीतिक में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को और भी ज्यादा मजबूत और सशक्त किया जाएगा
- महिला आरक्षण बिल के द्वारा देश में नारी शक्ति करण को बढ़ावा मिलेगा
- महिला आरक्षण बिल द्वारा लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी जो आज की तारीख में 81 है |
महिला आरक्षण बिल का इतिहास | Women Reservation Bill History
Women Reservation Bill History In Hindi :– महिला आरक्षण बिल का इतिहास क्या है तो हम आपको बता दे कि इस बिल को सबसे पहले एच.डी. देवेगौड़ा की सरकार में साल 1996 में पहली बार महिला आरक्षण बिल ला गया था लेकिन इसे पास नहीं करवाया जा सका इसके बाद इस बिल को कई बार संसद में प्रस्तुत किया गया लेकिन हर बार सरकार महिला आरक्षण बिल पास करवाने में असफल साबित हुई 1998 और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश किया गया लेकिन विपक्षी पार्टियों ने काफी अधिक इसका विरोध किया विरोधी पार्टियों के एक सांसद है तो कानून मंत्री के हाथ से बिल को अपने हाथ में लेकर फाड़ कर उसकी कॉपी सदन में उड़ाई थी 2008 में यूपीएस सरकार ने इस बिल को संसद में पेश किया लेकिन राज्यसभा में तो सरकार ने इस बिल को पास करवा लिया लेकिन लोकसभा में यूपीएस सरकार के गठबंधन में जितने भी पार्टी थे उन्होंने इस बिल का विरोध किया जिसके कारण इस बिल को कानूनी रूप से देश में लागू नहीं किया जा सके |
महिला आरक्षण बिल से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण बातें |
- विधेयक संसद के निचले सदन लोकसभा में महिलाओं के लिए सीट आरक्षण को आवश्यक बना देता है इसके बाद लोकसभा में सीटों की कुल संख्या का एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होगा.
- महिला आरक्षण दिल्ली के विधानसभा में भी लागू हुआ जिससे दिल्ली के विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी ऐसे में दिल्ली के विधानसभा में एक तिहाई Seat महिलाओं के लिए आरक्षित होगी
- महिला आरक्षण बिल भारत के सभी राज्यों के विधानसभा में लागू होगा |
- महिला आरक्षण बिल के अंतर्गत कहा गया है कि बिल जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो जाएगा ऐसे में महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण से संबंधित प्रावधान परिसीमन के बाद लागू किए जाएंगे और हम आपको बता दे कि बिल का प्रभाव 15 साल तक रहेगा इसके बाद दोबारा से बिल लाना होगा |
- महिला आरक्षण विधेयक संसद द्वारा निर्धारित प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद बाद लोकसभा, राज्य विधानसभाओं आज दिल्ली विधानसभा में महिला आरक्षण के Rotation प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान करता है |
महिला आरक्षण बिल PDF Download
महिला आरक्षण बिल का पीडीएफ अगर आप प्राप्त करना चाहते हैं तो उसका पीडीएफ लिंक हम आपको नीचे उपलब्ध करवा रहे हैं जिसे डाउनलोड करके आप महिला आरक्षण बिल के बारे में और भी डिटेल में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
निष्कर्ष :
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल Women Reservation Bill | महिला आरक्षण विधेयक – नारी शक्ति वंदन अधिनियम आपको पसंद आया होगा ऐसे में आर्टिकल से जुड़ा कोई भी प्रश्न है तो आप कमेंट सेक्शन में आकर पूछे उसका उत्तर हम जरूर देंगे तब तक के धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में