गाय पर निबंध। Cow Essay In India, Cow Essay In India 10 Lines, Essay On Cow In Hindi For Class 1, Gaay Par Nibandh In Hindi
Cow Essay In hindi। भारत देश में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। गाय की पूजा हर घर में की जाती है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो घास, भूसा खाकर अपना पेट भरती है। गाय का दूध भैंस और अन्य जानवरों के मुकाबले काफी पौष्टिक और पाचक होता है। नवजात शिशु के लिए तो डॉक्टर तक गाय का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। गाय का दूध स्मति बढ़ाने के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। हम सभी को गाय पालनी चाहिए। प्रत्येक धार्मिक कार्य में हम गाय के गोबर, गौ मूत्र, दूध, दही, घी आदि का इस्तेमाल करते हैं। गाय के घी और मूत्र का प्रयोग कई तरह की दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। Cow Essay In India, Cow Essay In India 10 Lines, Essay On Cow In Hindi For Class 1, Gaay Par Nibandh In Hindi गाय को पालतू जानवर माना जाता है। हिंदू रीति-रिवाजों में गाय को काफी पूज्यनीय माना गया है, जिसे यज्ञ के वक्त, गृह प्रवेश के समय भी पूजन के लिए घर बुलाया जाता है।
क्लास 1 के लिए हिंदी में गाय पर निबंध । Essay On Cow In Hindi For Class 1
गाय की संरचना
गाय के शरीर में दो सींग होते हैं। गाय के चार पैर, दो आंखें, दो कान, दो नाक, एक मुंह और एक लंबी पूंछ होती है। गाय अपनी पूंछ से खुद को झाड़ती रहती है। साथ ही बच्चों की झाड़-फूंक भी गाय की पूंछ इस्तेमाल की जाती है। गाय के तलवे काफी शख्त होते हैं, जो कांटों और अन्य नुकसानदेह चीजों को दूर करने में मदद करती है। इसे भोली और दयालु जानवरों में गिना जाता है। गाय के दूध से कई तरह के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं, जैसे पनीर, मावा, मिठाई आदि। पूरी दुनिया में गाय का दूध प्राथमिक स्त्रोत के तौर पर पाया जाता है।
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हिंदी में गाय पर निबंध । Gaay Par Nibandh In Hindi
गाय की उपयोगिता काफी बताई गई है। हमारे पूर्वज भी गाय पाला करते थे, साथ ही जब मुद्रा का चलन नहीं था, तब गाय का आदान-प्रदान किया जाता था। वैज्ञानिक भी गाय के दूध से बने प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के बारे में सलाह देते हैं। दूध, दही, मक्खन, पनीर, छाछ काफी लाभदायक होते हैं। गाय का घी खाने से हमें ताकत मिलती है। वहीं गाय का घी हवन में भी इस्तेमाल होता है। आयुर्वेद में कहा गया है, कि अगर किसी को अनिद्रा की बीमारी है, तो सिर्फ दो बूंद घी से ही यह बीमारी ठीक हो सकती है। वहीं पैरों के तलवों में घी लगाकर सोने से नींद की गुणवत्ता अच्छी होती है। रूसी साइंटिस्ट के मुताबिक गाय के एक चम्मच घी को अग्नि में डालने से एक टन ऑक्सीजन पैदा होती है, जो कि हैरान करने वाली बात है।
गाय का ईंधन के तौर पर उपयोग। Use of cow as fuel
गाय का गोबर उपले बनाने के काम आता है, जिसे घरों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। वहीं गोबर की गैस बनाने का काम भी आजकल काफी होने लगा है, जो कि रसोई में उपयोग भी की जाती है। इसके अलावा आजकल कुछ मशीनों का उपयोग करके गोबर की लकड़ियां बनाई जाती हैं, सांचों में ढ़ालकर। इन्हें सुखाकर शमशान भूमि में मुर्दों को जलाने के लिए भी किया जाता है। Cow Essay In India, Cow Essay In India 10 Lines, Essay On Cow In Hindi For Class 1, Gaay Par Nibandh In Hindi गोबर को बहुत पवित्र मानते हैं। घरों में गोबर से लीपकर पूजन किया जाता है। साथ ही गोबर को खाद के तौर पर खेतों में इस्तेमाल किया जाता है। इससे ना सिर्फ फसल अच्छी होती है, बल्कि बेकार नुकसानदायक खादों और दवाइयों के छिड़काव से भी बचा जाता है।
Cow Essay In India 10 Lines। 10 लाइन में गाय पर निबंध
- गाय का जिक्र हमारे वेदों और पुराणों में भी मिलता है। ऐसा माना जाता है, कि जिस घर में गाय का वास होता है, वहां वास्तु दोष दूर हो जाता है।
- वैदिक काल में गायों की संख्या समृध्दि का सूचक मानी जाती थी। Gaay की जब मौत हो जाती है, तब भी उसका काफी उपयोग होता है। उसकी चमड़ी, हड्डी, सींग कई तरह से काम आते हैं। चमड़े से जूते, बेल्ट, बैग जैसे आइटम बनाए जाते हैं।
- गाय का दूध पीने से बच्चों में चंचलता बनी रहती है। वहीं भैंस का दूध सुस्ती प्रदान करता है।
- गाय को हम माता के रूप में पूजते हैं।
- गाय के दूध से हम दही, घी और मिठाई तैयार करते हैं।
- गाय के चार पैर होते हैं।
- गाय की दो आंखे, दो कान और दो सींग होते हैं।
- गाय के गोबर का इस्तेमाल हम धार्मिक कार्य में करते हैं।
- गाय के गोबर से बने उपले ईंधन के तौर पर यूज किए जाते हैं।
- गाय में 34 कोटि के देवी-देवताओं का वास होता है।
- धर्म ग्रंथों के मुताबिक जिस घर में गाय पाली जाती है उस घर का वास्तु ठीक रहता है।
गाय के प्रकार। Types of Cow
गाय की कई प्रकार की नस्लें पाई जाती हैं। कुछ गायें छोटी और कुछ बड़ी होती हैं। वहीं कुछ दूध ज्यादा देती हैं, तो कुछ की बनावट काफी आकर्षक होती है। चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ खास गायों के बारे में।
साहीवाल
साहीवाल प्रजाति की गाय को सबसे बढ़िया माना जाता है। ये गायें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्य में पाई जाती हैं। डेयरी पर दूध बेचने वालों की यह सबसे पसंदीदा गाय मानी जाती है, क्योंकि इसका सालाना करीब 3000 लीटर दूध का उत्पादन होता है। इसे आप कहीं भी रख सकते हैं। इसकी पूंछ पतली और छोटी होती है। इसका चमड़ी ढीली, गहरा शरीर और खाल चिकनी होती है। इसे पालने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है।
लाल सिंधी
लाल रंग की वजह से इसे लाल सिंधी गाय (Gaay) कहा जाता है। सिंध प्रांत इसका गृह नगर है, लेकिन अब यह तमिलनाडु और कर्नाटक में भी पाई जाती है। यह सालभर में करीब 2000-3000 लीटर दूध देती है।
थारपारकर। कंक्रीट
रथ प्रणाली के नाम पर इसका नाम होने से इसे राजस्थान में काफी जाना जाता है। यह गाय रोजाना करीब आठ लीटर दूध देती है।
गिर प्रजाति की गाय
गिर गाय को सबसे ज्यादा दूध देने वाली गायों में शामिल किया गया है। इस गाय का मूल स्थान कठियाबाड़, गुजरात है। इस गाय के थन काफी बड़े होते हैं। इजराइल और ब्राजील भी इन्हीं नस्लों की गायों को पालते हैं। इनकी विदेशों में काफी डिमांड है।
निष्कर्ष- यदि हम शुध्द दूध पीना चाहते हैं, तो हमें गाय पालना चाहिए. इससे ना सिर्फ आप कई तरह की बीमारियों से बचेंगे, साथ ही यह आजीविका के लिहाज से भी काफी अहम है। वहीं गाय (Gaay) का दूध अन्य जानवरों के मुकाबले बेहतर होता है। इसे पालना आसान है। हमें पॉलीथीन को यहां-वहां नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि गाय पॉलीथीन खाकर बीमारियों की शिकार हो रही हैं और जान भी जा रही है।