गोवर्धन पूजा निबंध हिंदी में | Govardhan Puja Essay in Hindi PDF Download (कक्षा-3 से 10 के लिए)

Goverdhan Puja Nibandh

Govardhan Puja Essay in Hindi:- दिवाली के त्यौहार के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। यह उस दिन का प्रतीक है जब भगवान कृष्ण ने वृन्दावन के लोगों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था। इस प्रकार, भक्त भगवान कृष्ण की उद्धारकर्ता के रूप में पूजा करते हैं और प्रतीकात्मक रूप से उन्हें भोजन चढ़ाते हैं। गोवर्धन पूजा वैष्णव धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। गोवर्धन पूजा विक्रम संवत कैलेंडर के पहले दिन मनाई जाती है। साल 2023 में 13 नवंबर के दिन गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा हिंदू धर्म में इस त्यौहार का बहुत ही खास महत्व है I इस दिन भगवान गोवर्धन और श्री कृष्ण की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है क्योंकि इस दिन श्रीकृष्ण ने कानी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र भगवान से रक्षा की थी और उन्होंने इंद्र का अहंकार भी तोड़ा था I

ऐसे में अगर आप भी गोवर्धन पूजा के ऊपर निबंध लिखना चाहते हैं तो लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप इसके ऊपर निबंध कैसे लिखेंगे तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आ गए हैं क्योंकि हम आपको इस पोस्ट में गोवर्धन पूजा के ऊपर एक बेहतरीन और आकर्षक निबंध कैसे लिखेंगे उसके बारे में जानकारी देंगे तो हम आपसे अनुरोध करेंगे कि पोस्ट पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं-

Govardhan Puja Essay in Hindi-Overview

त्यौहार का नामगोवर्धन पूजा (Govardhan puja Nibandh)
साल2023
कब मनाया जाएगा13 नवंबर को
कौन से धर्म के लोग बनाएंगेहिंदू धर्म के
किसकी पूजा की जाती हैभगवान गोवर्धन श्री कृष्णा और माता अन्नपूर्णा
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्तज्ञात नहीं है

यह भी पढ़ें: दीपावली पर निबंध हिंदी में

गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है? Govardhan Puja Kaise Manayi Jati Hai

इस अवसर पर, हर वर्ष लोग इस दिन को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन देवी अन्नपूर्णा को खुश करने के लिए घर के सभी लोग इतना करते हैं उसके बाद विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं और अन्नपूर्णा देवी को अर्पित किया जाता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अगर आप अन्नपूर्णा देवी को खुश करेंगे तो आपके घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होगी और उनकी विशेष कृपा बनी रहेगी I इसके अलावा लोग पवित्र गाय की पूजा करते हैं और इस दिन को मनाते हैं जैसा की आप लोगों को मालूम है कि भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी और उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाया था इसके कारण गोवर्धन पर्वत की पूजा किस दिन की जाती है इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है I

गोवर्धन पूजा में क्या है खास? (Govardhan Puja Important)

गोवर्धन पूजा हमें बहुत सी चीजें सिखाता है और उसमे सबसे पहली चीज हमें जीवन में केवल ऐसी चीजों को करना चाहिए जो सही हो क्योंकि सही काम में ईश्वर भी आपके साथ देता है I इसका सबसे बड़ा उदाहरण था कि जब भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अहंकार तोड़ा तो इसकी सबसे प्रमुख वजह थी कि भगवान को मालूम था कि जो भी बात कर रहे हैं वह धर्म के अनुसार है क्योंकि इंद्र भगवान अधर्म के रास्ते पर चल रहे थे I

See also  एकनाथ शिंदे के मोबाइल नंबर | Eknath Sindhe's contact, WhatsApp No. Address

हमें हमेशा अपने त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो जीवन में आपको खुशी की प्राप्ति होगी  I

यह भी पढ़ें: Dhanteras 2023 | धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए? क्या खरीदना शुभ होता हैं?

गोवर्धन पूजा का महत्व | Govardhan Puja Essay in Hindi

यह त्यौहार देवराज इंद्र पर भगवान कृष्ण की विजय के अवसर पर मनाया जाता है। क्लॉक मालूम है कि भगवान श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे और उन्होंने धरती पर अवतार लिया था पापियों और राक्षसों का विनाश करने के लिए इसके अलावा उन्होंने समय-समय पर कई देवताओं का घमंड भी तोड़ा था गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व इसलिए है कि उन्होंने देवराज इंद्र का घमंड तोड़ा और उन्हें सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया गोवर्धन पूजा के पीछे जैसा कि आपको जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के पीछे पुराणिक कथा है 1 दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी माता से पूछा कि आप लोग इंद्र की पूजा क्यों करते हैं उनकी माता ने कहा कि ऐसा करने से गोकुल में बारिश होती है इस पर श्री कृष्ण ने कहा कि अगर ऐसा है तो हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि गोवर्धन पर्वत पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे हमारे गायों के लिए भोजन का स्रोत है इसलिए हमें उनकी पूजा सबसे पहले करनी चाहिए श्री कृष्ण के इस बात का गोकुल वासियों ने अनुसरण किया और उन्हें इसकी जगह गोवर्धन पर्वत का पूजा करना शुरू किया जिसके बाद इंद्र क्रोधित हो गया उन्होंने लगातार 7 दिनों तक गोकुल में भारी वर्षा की जिसके कारण गोकुल वासी काफी परेशान हो गया और उन्हें श्री कृष्ण ने कहा कि हमें बताइए तब श्री कृष्ण ने अपनी कानी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा कर सभी गोकुल वासियों की बारिश से रक्षा किया I

जिसके परिणामस्वरूप, इंद्र ने अपनी गलती को समझा और पृथ्वी पर आकर भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा याचना की इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को दोबारा से नीचे रख दिया और तब से ,  इस अवसर को उत्सव के रूप में मनाने की इच्छा जताई। तब से, लोग इस दिन को अन्नकूट के रूप में मनाते हैं, ऐसा इसलिए भी क्योंकि उनको भोजन देने वाला पहाड़ बच गया।

यह भी पढ़ें:दीपावली पर इन सुंदर कविताओं के साथ मनाएं रोशनी का पर्व

गोवर्धन पूजा क्या है? Govardhan Puja Kya Hai

हिंदू कैलेंडर में यह एक शुभ दिन है और हर वर्ष मनाया जाता है। लोग भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियां बनाते हैं विभिन्न प्रकार के मिठाई और व्यंजन बनाए जाते हैं इस दिन महिलाएं पूजा-पाठ करते हैं और भजन गाती हैं इसके अलावा गाय को माला बनाती हैं और उन पर तिलक लगाती है उनकी भी पूजा की जाती है क्योंकि जैसा कि आप लोग जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण गाय पालक भी थे I यह अवसर देवराज इंद्र पर भगवान कृष्ण के विजय समारोह के रूप में मनाया जाता है।

See also  Gyanvapi 2023: ज्ञानवापी का इतिहास क्या है? जानें क्यों हो रही है, इसकी चर्चा

Also Read: लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती

गोवर्धन पूजा हम कैसे मनाते हैं? Govardhan Puja Kaise Karte Hai

सबसे पहले लोग गाय के गोबर से भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियां बनाते हैं क्योंकि यह भारतीय पौराणिक कथाओं में इस बात का वर्णन किया गया है उसके अलावा इस दिन 56 प्रकार के व्यंजन का निर्माण किया जाता है और उसे भगवान श्री कृष्ण को सबसे पहले अर्पित किया जाता है क्योंकि आप लोगों को मालूम है कि गोवर्धन पूजा को भगवान श्री कृष्ण के द्वारा भगवान इंद्र पर विजय हासिल करने के उपलक्ष में मनाई जाती है I इसके अलावा इस दिन पवित्र गाय देवी अन्नपूर्णा की भी पूजा की जाती है I ऐसा कहा जाता है कि अन्नपूर्णा देवी की पूजा करने से आपके ऊपर उनकी विशेष कृपा हमेशा बनी रहेगी और आपके घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होगी I

इस दिन लोग पवित्र गाय, देवी अन्नपूर्णा और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है लेकिन राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में लोग इसे अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं।.एक धारणा यह भी है कि हमें इस दिन हमेशा खुश रहना चाहिए क्योंकि अगर हम इस दिन खुश रहते हैं तो ख़ुशी का यह सिलसिला पूरे साल चलता रहता है इसलिए इस दिन कभी भी दुखी नहीं होना चाहिए।

यह भी पढ़ें:- दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पूरे देश में लगा पटाखों पर प्रतिबंध

गोवर्धन पूजा के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

  • गोवर्धन पूजा हमेशा खुले स्थानों पर करना चाहिए ना कि बंद कमरे में I
  • इस दिन गाय को पूजा करते समय अपने इष्ट देव और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना बिल्कुल ना भूलें I
  • गोवर्धन पूजा के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है
  • गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना शुभ होता है और आप हमेशा  साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही परिक्रमा करें I
  • गोवर्धन पूजा के दिन परिवार के सभी लोग एक जगह इकट्ठा होकर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करे अलग-अलग ना होकर
  • पूजा में परिवार के किसी भी सदस्य को काले या नीले रंग के वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए
  • गोवर्धन पूजा वाले दिन भूलकर भी किसी पेड़ या पौधे को नहीं काटना चाहिए।
See also  15 अगस्त की देशभक्ति शायरी | 15 August Ke Liye Shayari in Hindi

गोवर्धन पूजा की विधि:-

गोवर्धन पूजा  दिवाली के दूसरे दिन मनाने वाले त्योहार है। इस दिन लोग गोबर से अपने आंगन को साफ करके उसे लिप कर उसपे गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है I पूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद का वितरण सभी लोगों के बीच में किया जाता है गोवर्धन पूजा को अन्नकुट पूजा के नाम से भी जाना जाता है I

गोवर्धन पूजा में गायो की पूजा का महत्व:-

गोवर्धन पूजा वाले दिन सभी अपनी-अपनी गायों और बेलो को स्नान कराते है। फूल-माला, धूप, चंदन से उनकी पूजा की जाती है इसके बाद गायों को पकवान प्रसाद के रूप में खिलाया जाता है उनकी आरती भी उतारी जाती है जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हिंदू धर्म में गाय माता के समान होती है I सभी इस दिन अपनी गायों को कलर, घुंघरू, मोरपँख, आदि से सजाया जाता है। यह परंपरा काफी प्राचीन है इसकी शुरुआत द्वापर युग में श्री कृष्ण के द्वारा की गई थी  श्री कृष्णा गाय को बहुत ज्यादा प्यार करते थे इसलिए भगवान श्री कृष्ण को गोपाला भी कहा जाता है  वो गायो को स्वयं चराने ले जाते थे। फिर उनके बीच मे बैठकर बासुरी बजाते थे जिससे गाय और ग्वालवासी सभी मंत्रमुग्ध हो जाते थे और गाय श्रीकृष्ण के पास से कही नही जाती थी। वही चरती रहती यह गोवर्धन पूजा में गायों की भी पूजा की जाती है I

गोवर्धन पूजा की कथा:-

गोवर्धन पूजा की परम्परा द्वापर युग से ही चली आ रही हैं। उससे पहले ब्रज में इंद्र भगवान की पूजा की लेकिन श्रीकृष्ण ने कहा कि हमें इंद्र भगवान की पूजा ना कर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि गोवर्धन पर्वत पर पाई जाने वाली घास हमारे गायों के लिए भोजन का स्रोत है I ऐसे में हमें गोवर्धन पर्वत की ही पूजा करनी चाहिए जिसके बाद सभी गोकुल वासी गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे कारण इंद्र को बहुत ज्यादा क्रोध आया और उन्होंने लगातार गोकुल में भीषण बारिश की जिसके कारण गोकुल के सभी चीजें तहस-नहस हो गई I इसके बाद गोकुल वासियों ने से किस में से अपने प्राणों की रक्षा के लिए अनुरोध किया तब श्री कृष्ण ने अपनी कानी अंगुली  पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुल वासियों की रक्षा की तब से ही गोवर्धन पर्वत बनाने की परंपरा शुरू की गई जो आज तक हमारे देश में विद्वान है और आगे भी रहेगी |

Govardhan Puja Essay in Hindi PDF Download:

Download PDF:

FAQ’s Govardhan puja essay in Hindi

Q: गोवर्धन पूजा कब मनाया जाएगा?

Ans: गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को भारत में मनाया जाएगा

Q: गोवर्धन पूजा क्यों मनाया जाता है?

Ans: गोवर्धन पूजा को भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इंद्र पर विजय के रूप में मनाया जाता है I

Q: गोवर्धन पूजा के दिन किसकी पूजा की जाती है?

Ans: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण अन्नपूर्णा देवी और गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है I

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Optimized with PageSpeed Ninja