Govardhan Puja 2023 | गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती

Govardhan puja

Govardhan Puja 2023:- भारत और दुनिया भर में हर त्यौहार अत्यंत उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्यौहार है दिवाली, यह एक बहुत बड़ा त्यौहार है। हालाँकि, दिवाली पांच दिवसीय त्योहार है, जिसमें से एक गोवर्धन पूजा को समर्पित है। इस दिन को ‘अन्नकूट पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है और यह भगवान कृष्ण द्वारा भगवान इंद्र की हार का प्रतीक है। उपासक इस शुभ दिन पर भगवान कृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत की भी पूजा करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, लोग यह त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिभा तिथि को मनाते हैं। गौरतलब है कि दीपावली के समाप्ति के बाद गोवर्धन की पूजा भारत के सभी राज्यों में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है I 2023 में गोवर्धन पूजा 13 नवंबर को मनाई जाएगी I गोवर्धन पूजा मनाने के पीछे की कहानी काफी पुरानी और पुराणिक है ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में जब भगवान इंद्र का अहंकार काफी बढ़ गया था | तब भगवान श्रीकृष्ण ने उनका अहंकार तोड़ने के लिए गोकुल निवासियों से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा जिसके बाद गोकुल के निवासियों ने गोवर्धन पूजा शुरू कर दी। उसी दिन से गोवर्धन पूजा करने की परंपरा शुरू हुई जो आज तक कायम है I

इसके बाद ही इंद्र का अहंकार टूटा और उसके बाद से गोवर्धन पूजा करने की परंपरा शुरू हुई जो आज तक कायम है I अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि गोवर्धन पूजा कब है, शुभ मुहूर्त क्या होगा पूजा विधि मंत्र आरती और गोवर्धन पूजा कथा ऐसे तमाम सवाल आपके मन में आ रहे होंगे अगर आप उन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बनी रहे चलिए शुरू करते हैं-

See also  Discover Andar Bahar Apps: Your Gateway to Real Wins

Govardhan Puja 2023- Overview

त्यौहार का नामगोवर्धन
कब मनाया जाएगा13 नवंबर को
कहां कहां मनाया जाएगापूरे भारतवर्ष में
क्यों मनाया जाता हैभगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अहंकार तोड़ा था | इसी कारण से गोवर्धन पूजा मनाई जाती है
कौन से धर्म के लोग बनाते हैंहिंदू धर्म के
किसकी पूजा की जाती हैगोवर्धन भगवान और भगवान श्री कृष्ण

गोवर्धन पूजा कब है? Govardhan Puja Kab Hai

2023 में गोवर्धन पूजा 13 नवंबर को भारत में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाई जाएगी I

Govardhan Puja 2023

Govardhan Puja 2023 में दीपावली के 1 दिन बाद यानी दीपावली 12 नवंबर को है तो 13 नवंबर को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा मनाने के पीछे का कारण यह है कि गोकुल में जब भगवान श्री कृष्ण की माता यशोदा भगवान इंद्र की पूजा करने की तैयारी कर रही थी तो इस पर से किसने पूछा कि माता आप भगवान इंद्र की पूजा क्यों करती हैं उनकी माता ने कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो गोकुल में अधिक बारिश होगी जिससे खेतों के फसलों को प्राप्त मात्रा में पानी मिलेगा और जितने भी प्रकृतिक चीजें हैं वह हरी-भरी हो जाएंगे इस पैसे किसने कहा कि अगर ऐसी बात है तो आपको गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वही पर हरी-भरी घास उगती है और वहां पर जाकर ही गाय घास काटी हैं जिसके बाद से गोकुल वासियों ने इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा की I तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हुई |

गोवर्धन पूजा मुहूर्त (Govardhan Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर को गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 52 मिनट तक है | उस दिन गोवर्धन पूजा के लिए आपको केवल 2 घंटे 9 मिनट का शुभ समय पर होगा |

See also  Saraswati Puja 2024 | जाने बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा कब व कैसे की जाती है।
Govardhan Puja Muhurat

गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi)

सबसे पहले आप अपने घर में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएंगे I इसके बाद आप रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन की पूजा शुरू की जाती है अगर आप इस दिन सच्चे मन से गोवर्धन की पूजा करते हैं तो आपके ऊपर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा हमेशा बनी रहेगी क्योंकि गोवर्धन पूजा शुरू करने का काम श्री कृष्ण भगवान के द्वारा ही किया गया था I इसलिए इस पूजा का विशेष महत्व है इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 108 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और विशेष प्रकार को मंत्रों का उच्चारण किया जाता है I इस दिन गोवर्धन पूजा से जुड़ी हुई है  कथा महिलाएं ध्यानपूर्वक सुनते हैं, फिर महिलाएं पूजा समाप्ति के बाद गोवर्धन के साथ भाग चक्कर लगाती हैं और उन की जय बोलते हुए पूजा का समापन करते हैं I

Related Article:

Happy Dhanteras, Diwali, Govardhan Puja, Bhai DoojSimilar Articles
धनतेरस कब है, क्यों मनाया जाता हैं, धनतेरस पूजा विधिClick Here
धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए? क्या खरीदना शुभ होता हैंClick Here
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश हिंदी मेंClick Here
धनतेरस स्टेटस हिंदी मेंClick Here
धनतेरस शायरी हिंदी मेंClick Here
धनतेरस कोट्स हिंदी मेंClick Here
दीपावली कब है? दिवाली क्यों, कैसे मनाई जाती हैंClick Here
दीपावली पर निबंध हिंदी मेंClick Here
दिवाली कोट्स हिंदी मेंClick Here
दिवाली स्टेटस हिंदी मेंClick Here
दिवाली शायरी हिंदी मेंClick Here
दीपावली पर कविता हिंदी मेंClick Here
दीपावली हार्दिक शुभकामनाएं सन्देशClick Here
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरतीClick Here
गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरतीClick Here
गोवर्धन पूजा निबंध हिंदी मेंClick Here
गोवर्धन पूजा हार्दिक शुभकामनाएं संदेशClick Here
भाई दूज क्यों, कब और कैसे मनाई जाती हैं | भाई दूज की कहानीClick Here
भाई दूज हार्दिक शुभ कामनाएंClick Here
भाई दूज स्टेटस, कोट्स, शायरी हिंदी मेंClick Here

गोवर्धन पूजा मन्त्र (Govardhan Puja Mantra)

गोवर्धन पूजा करते समय आपको कुछ विशेष प्रकार के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए तभी जाकर आपकी पूजा सफल मानी जाएगी मंत्रों का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं जो इस प्रकार है-

See also  World Heritage Day 2023 कब हैं? जानिए विश्व विरासत दिवस का इतिहास, महत्व, थीम और अवलोकन

गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव

 गोवर्धन पूजा आरती

गोवर्धन पूजा अगर आप करते हैं तो उसकी आरती करना भी आवश्यक है तभी जाकर आपकी पूजा सफल मानी जाएगी गोवर्धन पूजा की आरती की प्रक्रिया क्या है उसके बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो उसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं जो इस प्रकार है

गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण

 गोवर्धन पूजा कथा | Govardhan puja Katha

धार्मिक मान्यता के अनुसार एक बार देव राज इंद्र को अपनी शक्तियों का घमंड हो गया था। इंद्र के को तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने एक लीला किया एक दिन गोकुल में सभी लोग तरह-तरह के पकवान बना रहे थे और हर्षोल्लास के साथ नृत्य-संगीत कर रहे थे। यह देखकर भगवान कृष्ण ने अपनी मां यशोदा जी से पूछा कि आप लोग किस उत्सव की तैयारी कर रहे हैं? भगवान कृष्ण के सवाल पर मां यशोदा ने उन्हें बताया हम देव राज इंद्र की पूजा कर रहे हैं। तब भगवान कृष्ण ने उनसे पूछा कि, हम उनकी पूजा क्यों करते हैं?

श्री कृष्ण के माता ने कहा कि भगवान इंद्र की पूजा करने से वर्षा होती है बाकी हमारे खेत हरे भरे हो सके और गायों के लिए प्राप्त मात्रा में हरी घास उपलब्ध हो सके इसके बाद से किसने कहा कि अगर ऐसी बात है तो गाय गोवर्धन पर्वत पर जाकर ही घास खाती है तो हमें सबसे पहले गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए इसके बाद से गोकुल वासियों ने इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा की इसके बाद इंद्र बहुत ज्यादा क्रोधित हुए और उन्होंने गोकुल में इतनी बारिश करवाई कि वह लोगों के पूरे घर बारिश में डूब गए इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा कर सभी गोकुल वासियों को वर्षा से बचाया जिसके बाद इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्हें श्री कृष्ण से माफी मांगी और उसके बाद श्री कृष्ण ने कहा कि आप से गोवर्धन की पूजा की जाएगी अभी से 1 वर्जन पूजा मनाने की परंपरा शुरू हुई I

FAQ’s Govardhan Puja 2023

Q: गोवर्धन पूजा कब है?

Ans: गोवर्धन पूजा 13 नवंबर को है

Q: गोवर्धन पूजा किस राज्य में धूमधाम के साथ मनाई जाती है?

Ans: उत्तर प्रदेश

Q: गोवर्धन पूजा के दिन किसकी पूजा की जाती है?

Ans: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान गोवर्धन और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है I

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Optimized with PageSpeed Ninja