Govardhan puja 2022 | गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती

By | अक्टूबर 12, 2022

Govardhan puja 2022:- दीपावली के समाप्ति के बाद गोवर्धन की पूजा भारत के सभी राज्यों में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है I 2022 में गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी I गोवर्धन पूजा मनाने के पीछे की कहानी काफी पुरानी और पुराणिक है ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में जब भगवान इंद्र का अहंकार काफी बढ़ गया था . तब भगवान श्रीकृष्ण ने उनका अहंकार तोड़ने के लिए गोकुल निवासियों से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा .जिसके बाद गोकुल के निवासियों ने गोवर्धन पूजा शुरू कर दी। उसी दिन से गोवर्धन पूजा करने की परंपरा शुरू हुई जो आज तक कायम है I इसके बाद ही इंद्र का अहंकार टूटा और उसके बाद से गोवर्धन पूजा करने की परंपरा शुरू हुई जो आज तक कायम है I अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि गोवर्धन पूजा कब है, शुभ मुहूर्त क्या होगा पूजा विधि मंत्र आरती और गोवर्धन पूजा कथा ऐसे तमाम सवाल आपके मन में आ रहे होंगे अगर आप उन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बनी रहे चलिए शुरू करते हैं-

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Govardhan puja 2022

त्यौहार का नामगोवर्धन
कब मनाया जाएगा25 अक्टूबर को
कहां कहां मनाया जाएगापूरे भारतवर्ष में
क्यों मनाया जाता हैभगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अहंकार तोड़ा था इसी कारण से गोवर्धन पूजा मनाई जाती है
कौन से धर्म के लोग बनाते हैंहिंदू धर्म के
किसकी पूजा की जाती हैगोवर्धन भगवान और भगवान श्री कृष्ण
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गोवर्धन पूजा कब है?

2022 में गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को भारत में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाई जाएगी I

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Govardhan puja 2022

Govardhan puja 2022 में दीपावली के 1 दिन बाद यानी दीपावली 24 अक्टूबर को है तो 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा मनाने के पीछे का कारण यह है कि गोकुल में जब भगवान श्री कृष्ण की माता यशोदा भगवान इंद्र की पूजा करने की तैयारी कर रही थी तो इस पर से किसने पूछा कि माता आप भगवान इंद्र की पूजा क्यों करती हैं उनकी माता ने कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो गोकुल में अधिक बारिश होगी जिससे खेतों के फसलों को प्राप्त मात्रा में पानी मिलेगा और जितने भी प्रकृतिक चीजें हैं वह हरी-भरी हो जाएंगे इस पैसे किसने कहा कि अगर ऐसी बात है तो आपको गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वही पर हरी-भरी घास उगती है और वहां पर जाकर ही गाय घास काटी हैं जिसके बाद से गोकुल वासियों ने इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा की I तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हुई

 गोवर्धन पूजा मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन अगले दिन 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर होगा .

गोवर्धन पूजा मुहूर्त – सुबह 06.33 – सुबह 08.48 (26 अक्टूबर 2022)

अवधि – 2 घंटे 15 मिनट

 गोवर्धन पूजा विधि

सबसे पहले आप अपने घर में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएंगे I इसके बाद आप रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन की पूजा शुरू की जाती है अगर आप इस दिन सच्चे मन से गोवर्धन की पूजा करते हैं तो आपके ऊपर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा हमेशा बनी रहेगी क्योंकि गोवर्धन पूजा शुरू करने का काम श्री कृष्ण भगवान के द्वारा ही किया गया था I  इसलिए इस पूजा का विशेष महत्व है इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 108 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और विशेष प्रकार को मंत्रों का उच्चारण किया जाता है I इस दिन गोवर्धन पूजा से जुड़ी हुई है  कथा महिलाएं ध्यानपूर्वक सुनते हैं, फिर महिलाएं पूजा समाप्ति के बाद गोवर्धन के साथ भाग चक्कर लगाती हैं और उन की जय बोलते हुए पूजा का समापन करते हैं I

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 गोवर्धन पूजा मन्त्र

गोवर्धन पूजा करते समय आपको कुछ विशेष प्रकार के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए तभी जाकर आपकी पूजा सफल मानी जाएगी मंत्रों का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं जो इस प्रकार है-

गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।

विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव

 गोवर्धन पूजा आरती

गोवर्धन पूजा अगर आप करते हैं तो उसकी आरती करना भी आवश्यक है तभी जाकर आपकी पूजा सफल मानी जाएगी गोवर्धन पूजा की आरती की प्रक्रिया क्या है उसके बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो उसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं जो इस प्रकार है

गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,

तोपे चढ़े दूध की धार।

॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,

ठोड़ी पे हीरा लाल।

॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,

तेरी झांकी बनी विशाल।

॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरी सात कोस की परिकम्मा,

चकलेश्वर है विश्राम।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण

 गोवर्धन पूजा कथा | Govardhan puja Katha

धार्मिक मान्यता के अनुसार एक बार देव राज इंद्र को अपनी शक्तियों का घमंड हो गया था। इंद्र के को तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने एक लीला किया एक दिन गोकुल में सभी लोग तरह-तरह के पकवान बना रहे थे और हर्षोल्लास के साथ नृत्य-संगीत कर रहे थे। यह देखकर भगवान कृष्ण ने अपनी मां यशोदा जी से पूछा कि आप लोग किस उत्सव की तैयारी कर रहे हैं? भगवान कृष्ण के सवाल पर मां यशोदा ने उन्हें बताया हम देव राज इंद्र की पूजा कर रहे हैं। तब भगवान कृष्ण ने उनसे पूछा कि, हम उनकी पूजा क्यों करते हैं?

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श्री कृष्ण के माता ने कहा कि भगवान इंद्र की पूजा करने से वर्षा होती है बाकी हमारे खेत हरे भरे हो सके और गायों के लिए प्राप्त मात्रा में हरी घास उपलब्ध हो सके इसके बाद से किसने कहा कि अगर ऐसी बात है तो गाय गोवर्धन पर्वत पर जाकर ही घास खाती है तो हमें सबसे पहले गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए इसके बाद से गोकुल वासियों ने इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा की इसके बाद इंद्र बहुत ज्यादा क्रोधित हुए और उन्होंने गोकुल में इतनी बारिश करवाई कि वह लोगों के पूरे घर बारिश में डूब गए इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा कर सभी गोकुल वासियों को वर्षा से बचाया जिसके बाद इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्हें श्री कृष्ण से माफी मांगी और उसके बाद श्री कृष्ण ने कहा कि आप से गोवर्धन की पूजा की जाएगी अभी से 1 वर्जन पूजा मनाने की परंपरा शुरू हुई I

FAQ’s Govardhan puja 2022

Q: गोवर्धन पूजा कब है?

Ans: गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को है

Q: गोवर्धन पूजा किस राज्य में धूमधाम के साथ मनाई जाती है?

Ans: उत्तर प्रदेश

Q: गोवर्धन पूजा के दिन किसकी पूजा की जाती है?

Ans: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान गोवर्धन और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है I

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