Happy Bhai Dooj 2022 | Bhai Dooj Kyon Manai Jati Hai | Bhai Dooj Kab Manai Jati hain | Bhai Duj ki Kahani | Bhai Dooj Katha
Bhai Dooj 2022:- जैसा कि आप लोग जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के 1 दिन बाद ही यानी 26 अक्टूबर को भारत में भाई दूज मनाया जाएगा . इस पूजा का विशेष महत्व है यह त्योहार बहने विशेष तौर पर अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं ताकि जीवन के भाइयों की उम्र लंबी हो सके इस पूजा को काफी हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाएगा . ऐसे में आपके मन में सवाल आता होगा कि भैया दूज कब है क्यों मनाई जाती है कैसे बनाई जाती है शुभ मुहूर्त पूजा विधि भाई दूज की कहानी भाई दूज की कथा ऐसे तमाम सवालों के जवाब अगर आप जानना चाहते हैं तो हमारे पोस्ट पर आकर तक बने रहे चलिए शुरू करते हैं I
Bhai Dooj 2022
त्यौहार का नाम | भाई दूज 2022 |
साल | 2022 |
कब मनाया जाएगा | 26 अक्टूबर को |
कहां मनाया जाएगा | भारतवर्ष में |
कौन से धर्म के लोग मनाएंगे | हिंदू धर्म के |
क्यों मनाया जाता है | भाई के लंबी उम्र के लिए |
Happy Dhanteras, Diwali, Govardhan Puja, Bhai Dooj | Similar Articles |
धनतेरस कब है, क्यों मनाया जाता हैं, धनतेरस पूजा विधि | Click Here |
धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए? क्या खरीदना शुभ होता हैं | Click Here |
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश हिंदी में | Click Here |
धनतेरस स्टेटस हिंदी में | Click Here |
धनतेरस शायरी हिंदी में | Click Here |
धनतेरस कोट्स हिंदी में | Click Here |
दीपावली कब है? दिवाली क्यों, कैसे मनाई जाती हैं | Click Here |
दीपावली पर निबंध हिंदी में | Click Here |
दिवाली कोट्स हिंदी में | Click Here |
दिवाली स्टेटस हिंदी में | Click Here |
दिवाली शायरी हिंदी में | Click Here |
दीपावली पर कविता हिंदी में | Click Here |
दीपावली हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश | Click Here |
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती | Click Here |
गोवर्धन पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, आरती | Click Here |
गोवर्धन पूजा निबंध हिंदी में | Click Here |
गोवर्धन पूजा हार्दिक शुभकामनाएं संदेश | Click Here |
भाई दूज क्यों, कब और कैसे मनाई जाती हैं | भाई दूज की कहानी | Click Here |
भाई दूज हार्दिक शुभ कामनाएं | Click Here |
भाई दूज स्टेटस, कोट्स, शायरी हिंदी में | Click Here |
भाई दूज कब हैं ?
भाई दूज 26 अक्टूबर को भारत में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा . यह भाई-बहन का पवित्र त्यौहार है I
भाई दूज क्यों मनाई जाती हैं ?
भाई दूज क्यों मनाया जाता है इसके पीछे दो प्रकार के पौराणिक कथा काफी प्रचलित है पहली कथा के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर द्वारिका लौटे तो श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा ने उनका फूल और तिलक लगाकर द्वारिका में स्वागत किया और श्रीकृष्ण के लंबी उम्र की प्रार्थना की तभी से भाई दूज बनाने की परंपरा शुरू हुई इसके बारे में दूसरी कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि हम देवता यमराज अपनी बहन यमी से मिलने के लिए उसके घर गए जहां उनकी बहन ने उनका काफी स्वागत किया और उनके माथे पर तिलक लगाया और विभिन्न प्रकार के व्यंजन अपने भाई को खिलाया I
Bhai Dooj Kyon Manai Jati hai
इसके बाद यमराज ने कहा कि बहन तुम कुछ वरदान मांगा इस पर उनके बहन ने कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि आप प्रत्येक साल मेरे घर पर आया करें तभी यमराज ने कहा कि बिल्कुल ऐसा होगा और इसके बाद से ही भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हो गया इस दिन यमुना नदी में स्नान का बड़ा महत्व है क्योंकि कहा जाता है कि भाई दूज के मौके पर जो भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती
भाई दूज कैसे मनाई जाती हैं ?
भाईदूज मनाने के लिए सर्वप्रथम बहनें भाईयों को तेल मल कर गंगा जमुना में स्नान करना होता है अगर ऐसा संभव ना हो तो आप सामान्य जल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसके बाद भाई-बहन को नया कपड़ा पहनना पड़ता है और फिर भाई एक चौकी पर बैठेगा और उसके हाथ में श्रीफल दिया जाएगा इसके बाद बहन भाई के माथे पर हल्दी चावल की मदद से तिलक करेगी.
Bhai Duj Kaise Manai Jati Hai
साथ ही दूब खास की पत्तियों के साथ भाई की आरती उतारी जाती है और उसके हाथों पर कलावा बांधें और उसे मिठाई खिलाएं। वहीं भाई अपनी बहनों को उपहारस्वरूप कुछ न कुछ अवश्य भेंट करें। इसके अतिरिक्त बहनें इस खास दिन यमराज के नाम से दीपकर जलाकर उसे घर की दहेज के बाहर रखें क्योंकि ऐसी मान्यता है कि अगर आप ऐसा करेंगे तो यमराज की कुदृष्टि आप भाई के ऊपर नहीं पड़ती है I
भाई दूज शुभ मुहूर्त | Bhai Dooj Mahurat 2022
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर 2022, को दोपहर 02 बजकर 42 से आरंभ होगी और अगले दिन 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 पर इसका समापन होगा. जानकारी के अनुसार इस बार 26 अक्टूबर 2022 को भाई दूज की पूजा का शुभ मुहूर्त है ऐसे में इस दिन ये त्योहार मनाना उत्तम रहेगा
भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi
भाई दूज के दिन बहने स्नान कर ईष्ट देव, भगवान विष्णु या भगवान गणेश की पूजा की जाती है इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पत्ते सुपारी चांदी का सिक्का रखा जाता है इसके बाद भाई के हाथ पर दिए गए पानी डालते हुए भाई की उम्र लंबी हो इसके लिए मंत्रों का उच्चारण किया जाता है इसके अलावा बहाने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी आरती भी उतारती है और फिर कलाई पर कलावा बांधती है. फिर वह भाई का माखन-मिश्री या मिठाई से मुंह मीठा करवाती हैं. और अंत में आरती करती हैं. इस दिन भाई अपनी बहनों के घर जाते हैं और भोजन कर उन्हें उपहार देते हैं.
भाई दूज की कहानी | Bhai Dooj ki Kahani
शास्त्रों में भाई दूज की जो कहानी वर्णित है वह है यमुना और यमराज की. यमुना और यमराज बहन भाई थे. और वो दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा हंसने करते थे जमुना जब अपने भाई युवराज को अपने घर पर आने के लिए आमंत्रित करती हुई तो इमरान कहते कि उनके पास टाइम नहीं है क्योंकि वह अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त है बार-बार वालों ने टाल देते एक दिन उनकी बहाने उनसे वचनबद्ध ले लिया और कहा कि उन्हें उनके घर आना ही होगा तो ऐसे में 1 दिन यमराज उनके घर जाते हैं जहां पर उनका स्वागत उनकी बहन काफी अच्छी तरह से करती है उनके माथे पर तिलक लगाती है और विभिन्न प्रकार का व्यंजन उन्हें खाने के लिए देती है यमराज काफी खुश होते हैं और वह अपनी बहन से कहते हैं कि तुम जो मांगना चाहो मांग सकती हो इस पर उनकी बहन ने कहा कि मेरी तमन्ना है कि तुम प्रत्येक साल मेरे घर आओ इस पर राज करते हैं कि ऐसा ही होगा और तब से भाई दूज बनाने की परंपरा शुरू हो गई
Bhai Duj ki Kahani in Hindi
इसके अलावा एक और भी कहानी इसके बारे में बहुत ज्यादा प्रचलित है भगवान श्री कृष्ण ने जब नरकासुर का वध किया और द्वारिका वापस आए तो उनकी बहन सुभद्रा ने उनका काफी अच्छे तरीके से स्वागत किया और उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की इस पर भगवान श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और उन्होंने अपनी बहन सुभद्रा को वरदान दिया कि प्रत्येक वर्ष मैं तुम्हारे यहां आऊंगा और तुम इसी तरह मुझे अपना समय देना तभी से भैया दूज बनाने की परंपरा शुरू हुई I
भाई दूज कथा | Bhai Dooj Katha
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया की दो संताने थी। यमराज और यमुना। भाई और बहन दोनों में बड़ा ही स्नेह था। बहन यमुना हमेशा चाहती थी भाई यमराज उनके घर आकर भोजन ग्रहण किया करें। लेकिन हमेशा काम में व्यस्त रहने वाले यमराज बहन की विनती को टाल देते थे।
एक बार बहन यमुना ने कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर अपने घर के दरवाजे पर भाई यमराज को देखकर अत्यंत प्रसन्न हुई। बहन यमुना ने बहुत ही प्रसन्न मन से भाई यमराज को भोजन करवाया। बहन के स्नेह और प्यार को देखकर भाई यमदेव ने वर मांगने को कहा।
तब बहन ने वरदान के रूप में यमराज से यह वचन मांगते हुए कहा कि आप हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भोजन करने आएं। साथ ही इस तिथि पर जो बहने अपने भाई को टीका लगाकर उन्हें भोजन खिलाएं उनमें आपका भय न हो।
तब यमदेव ने बहन यमुना को यह वरदान देते हुआ कहा कि आगे से ऐसा ही होगा। तब से यही परंपरा चली आ रही है कि हर वर्ष जो बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर भोजन कराएंगी उसे और उसके भाई को कभी भी यमदेव का भय नहीं सताएगा।
FAQ Bhai Dooj 2022
Q: भाई दूज कब मनाया जाएगा?
Ans: Bhai Dooj 2022 अक्टूबर 26 को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा
Q: भाई दूज त्यौहार कौन से धर्म के लोग मनाते हैं?
Ans: भाई दूज त्यौहार हिंदू धर्म के लोग मनाते हैं
Q: भाई दूज त्यौहार क्यों मनाते हैं?
Ans: जैसा कि मैंने आपको आर्टिकल में दो पौराणिक कथाओं के बारे में बताया है उसके कारण ही भैया 2G त्यौहार मनाया जाता है I
Q: भाई दूज के त्यौहार पर भाई अपनी बहन को क्या देते हैं
Ans: भाई दूज पर भाई अपने बहन को उपहार देते हैं I