Vasant Panchami 2024:- जैसा कि आप सभी जानते हैं, बसंत पंचमी हिंदू धर्म के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। जो की 2024 में 14 फरवरी, शनिवार को मनाई जाएगी | बसंत पंचमी के बाद प्रकृति में बहुत बदलाव होता है। प्रकृति अपने सौन्दर्य पर होती हैं। (Basant Panchmi 2024) बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की शुभ मुहूर्त में विधि विधान से पूजा की जाती है। ज्ञान की देवी माता सरस्वती का आह्वान किया जाता है। मां सरस्वती ज्ञान, संगीत की देवी है। भारत में कुछ राज्यों में जैसे बिहार, बंगाल और झारखंड में वसंत पंचमी (Vasant Panchmi 2024) के दिन विशेष पर्व आयोजित किए जाते हैं।
आइए जानते हैं, वसंत पंचमी (Vasant Panchmi 2024) क्यों मनाई जाती है? वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है? वसंत पंचमी 2024 में कब मनाई जाएगी? धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वसंत पंचमी की क्या महिमा है? संपूर्ण विवरण इस लेख में विधिवत प्रस्तुत किया जा रहा है। अतः सभी पाठक गण अंत तक इस लेख में बने रहें। लेख में दी जा रही महत्वपूर्ण जानकारी से अपने आप को अनुग्रहित करें।
वसंत पंचमी के दिन क्यों करते हैं, मां सरस्वती की पूजा | Sarsvati Pooja Vidhi
बसंत पंचमी मनाने के पीछे हिंदू धर्म में कुछ धर्म शास्त्रों में वसंत पंचमी का वर्णन मिलता है। जिसमें वसंत पंचमी हिंदू धर्म में कितना महत्व रखता यह साबित होता है। दरअसल धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सृष्टि रचना के समय पृथ्वी लोक पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं था। अर्थात सभी मौन थे। किसी प्रकार की ध्वनि, किसी प्रकार का संगीत, किसी प्रकार की आवाज नहीं होने से शांति देखने को मिलती थी। ऐसी शांति जो सृष्टि के लिए उचित नहीं थी और इसी शांति से त्रिदेव हैरान थे। क्योंकि उन्हें सृष्टि को संरित संचालित करने हेतु स्वर, संगीत तथा आवाज की आवश्यकता थी।
ब्रह्मदेव से आराधना करने पर ब्रह्मदेव ने अपने कमंडल से जल हाथ में लेकर पृथ्वी पर छिड़काव किया। जैसे ही पृथ्वी पर छिड़काव किया वहां पर कंपन होने लगा। थोड़ी देर बाद शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ और एक शक्ति रुपी माता अपने हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में तथास्तु मुद्रा के साथ अवतरित हुई। ऐसी अदम्य शक्ति को देखकर त्रिदेव उन्हें प्रणाम किया। फिर माता शक्ति ने वीणा बजाना शुरू कर दिया और मधुर दान देने लगी। इस वीणा वाणी से संपूर्ण सृष्टि पर जो भी जीव वीणा की धुन सुनते वह सभी आनंद से आत्म विभोर होने लगे।
इस अदम्य शक्ति को त्रिदेव ने मां सरस्वती का नाम दिया। तब से माता सरस्वती की वीणा वादिनी, वरदायिनी, संगीत की देवी कहा जाने लगा। इसी के साथ-साथ स्वर को प्रदान करने वाली माता सरस्वती ही संपूर्ण सृष्टि जगत में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। कोई भी शिक्षा ग्रहण करने से पहले यह शिक्षा समापन करने के तुरंत पश्चात माता सरस्वती की विधिवत पूजा अवश्य करते हैं।
वसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है | Why is Vasant Panchami Celebrated
वसंत पंचमी माघ महीने की पंचांग तिथि को मनाई जाती है। भारत में अधिकांश पश्चिमोत्तर राज्य जैसे बांग्लादेश, नेपाल जैसे कई राष्ट्रों में बसंत पंचमी को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन जातक पीले वस्त्र धारण करते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित वर्णन मिलता है। पुराणों और शास्त्रों में और काव्य ग्रंथों में भी अलग-अलग तरह से बसंत पंचमी पर टिका कर किया गया है। प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मासों में बांटा जाता है। उसमें वसंत माह को लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।
क्योंकि, इस महा में फूलों की बहार आती है, खेतों में सरसों के फूल खिलने लगते हैं, सोना चमकने लगता है, जो और गेहूं की बालियां खिलने लगती है। आम के पेड़ों पर आम लगना शुरू हो जाते हैं। बेर लगना शुरू हो जाते हैं। तरह-तरह की रंग बिरंगी तितलियां फूलों पर मंडराना शुरु कर देती है। बसंत का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवे दिन बड़ा जश्न मनाया जाता है। इसीलिए प्रति वर्ष माघ माह की पंचमी को भी बसंत पंचमी मनाई जाती है। यह एक खुशी का और प्रकृति का सौभाग्य है कि हम इसे देख कर कृतार्थ महसूस करते हैं।
वसंत पंचमी का महत्व क्या है | What is the Importance of Vasant Panchmi 2024
वसंत ऋतु आते ही प्रकृति की हर बेल, पेड़-पौधे, फूल-पुष्प सभी खिल उठते हैं। मानव के साथ-साथ पशुओं में भी बड़ा उत्साह रहता है। उल्लास से पशु-पक्षी नभचर, जलचर, थलचर सभी ख़ुशी के साथ खिले उठते हैं। बसंत पंचमी को नई उमंग के साथ सूर्य उदय होता है। नई चेतना प्रदान करता है। अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है। माघ माह बसंत पंचमी के रूप में पंचम तिथि को मनाया जाता है।
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इसका हिंदू शास्त्रों में हिंदू ग्रंथों में तथा ऋषि पंचमी से उल्लेखित बताया गया है। वसंत पंचमी के दिन अनादि काल से चले आ रहे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिन मनाया जाता है। जो शिक्षा वादी भारत और भारतीयता से प्रेम करते हैं। वे इस दिन मां शारदे की पूजा विधि विधान से करते हैं। माता सरस्वती से ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते हैं। कलाकारों और ज्ञान वाहन कार्य कर्मियों का शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी गुरुजन मां सरस्वती को बड़े आदर के साथ पूजते हैं तथा उनसे आशीर्वाद लेते हैं।
वसंत पंचमी कैसे मनाया जाता है | How is Vasant Panchmi 2024 Celebrated
जैसा की आप सभी उक्त में जान चुके हैं कि, वसंत पंचमी माघ माह की पंचांग तिथि को मनाया जाता है। भारत में लगभग सभी राज्यों में बसंत पंचमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। परंतु अधिकांश तौर पर पश्चिमोत्तर राज्य जैसे बंगाल, नेपाल, उड़ीसा आदि राज्य बसंत पंचमी के दिन बड़े स्तर पर उत्सव मनाते हैं। वसंत पंचमी के दिन जातक पीले वस्त्र धारण करते हैं।
- माता सरस्वती की प्रतिमा सजाते हैं।
- बसंत के समय पर सभी पोस्ट अपनी खूबसूरती को निहार रहे होते हैं।
- वसंत के समय किसान के लिए सरसों की फसल सोने जैसी लगती है।
- वसंत के दिन माता सरस्वती के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पण किए जाते हैं।
- ज्ञान विज्ञान कौशल की शिक्षा को आशीर्वाद देने हेतु माता सरस्वती की पूजा की जाती है।
- वसंत पंचमी के दिन अनेक जातक व्रत धारण करते हैं।
- माता सरस्वती को पीले पुष्प अत्यधिक पसंद है। इसलिए सरसों के फूल या अन्य पीले रंग के फूल माता सरस्वती को अर्पित किए जाते हैं।
- माता सरस्वती की वंदना की जाती है। प्रार्थना की जाती है तथा अंत में आरती की जाती है।
- सभी छोटे और बड़े लोगों को माता सरस्वती के जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी जाती है।
Saraswati Puja Muhurat 2024 | Date Muhurat बसंत पंचमी सरस्वती पूजा, शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांगीय गणना काल (Time) के मुताबिक 5 फरवरी को प्रात: (AM) 6 बजकर 42 मिनट से पंचमी शुरू होगी. यह तिथि अगले दिन 6 फरवरी, शनिवार की सुबह (PM) 6.44 बजे तक रहेगी. इसको लेकर अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करते हैं तथा शुभ मुहूर्त में वैदिक विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं . कला प्रेमी व छात्र-छात्राएं मां शारदे की आराधना करते हैं.
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त :- सुबह 07:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
Saraswati Puja Mantra 2022| सरस्वती मूल मंत्र
विघ्न-बाधाओं का नाश करने वाला मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी।
मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।।
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
Vasant Panchami Pooja Samagree | बसंत पंचमी सरस्वती पूजा एवं हवन सामग्री विवरण
सरस्वती पूजन सामग्री के एलिए आपको कुछ खास सामग्री की आवश्यकता होती . आप घर पर रखी सामग्री का उपयोग कर विधि विधान से पूजा कर सकते हो . महत्वपूर्ण सामग्री में ये वस्तुएं उपयोग कर सकते हैं जैसे:-
एक चौकी, पीला वस्त्र चौकी के लिए
मां सरस्वती की एक मूर्ति या तस्वीर,
पीले रंग की साड़ी या कोई अन्य वस्त्र,
सफेद चंदन, पीली रोली, पीला गुलाल
गेंदे का फूल या कोई अन्य पीला फूल, पीले फूलों की एक माला
बेसन का लड्डू, मोतीचूर लड्डू, सफेद बर्फी, खीर या मालपुआ
गंगाजल, अक्षत्, धूप, कपूर, दीपक, गाय का घी, अगरबत्ती, आम का पत्ता
एक कलश या लोटा, गणेश मूर्ति, सुपारी, पान का पत्ता, दूर्वा, हल्दी, तुलसी पत्ता, रक्षा सूत
सरस्वती पूजा हवन साम्रगी | Sarswati Hawan Samgari
1. एक हवन कुंड, आम की सूखी लकड़ी
2. चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, मुलैठी की जड़, पीपल का तना एवं छाल
3. गूलर की छाल, पलाश, अश्वगंधा, ब्राह्मी आदि
4. चावल, अक्षत्, काला तिल, लोभान, गुग्गल, शक्कर, घी, जौ
5. एक गोला या सूखा नारियल
6. लाल रंग का कपड़ा नारियल पर लपेटने के लिए या रक्षासूत्र
7. एक या दो पैकेट हवन सामग्री
Basant Panchami Quotes in Hindi
माँ सरस्वती का बसंत है त्योंहार
आपके जीवन में आये सदा बहार
सरस्वती द्वार आपके विराजे हरपल
हर काम आपका हो जाये सफल…
मंदिर की घंटी,
आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार,
आप को मुबारक हो बसंत पंचमी का तौहर
तुझमें ही नवाते शीष,
हे शारदा मैया, दे अपना आशीष।
बसंत के आगमन से सराबोर मन,
करता है सहर्ष खुशियों का अभिनंदन।
सरस्वती नमस्तुभ्यम
वरदे कामा रूपिणी!
विद्यारंभम करिश्यमी,
सिद्धिर बवाटू मे सदा!
Vasant Panchami Hindi Quotes | Vasant Panchami Stasus
सरस्वती पूजा का यह प्यारा त्यौहार,
जीवन में खुशी लाएगा अपार, सरस्वती विराजे आपके
द्वार, शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार। बसंत
पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। हैप्पी बसंत पंचमी।
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है,
पतझड बसंत में बदल ही जाता है,
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना ,
समय कैसा भी गुजर ही जाता है…
किताबों का साथ हो, पेन पर हाथ हो,
कोपिया आपके पास हो, पढाई दिन रात हो,
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप पास हो।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
हैप्पी बसंत पंचमी।
बहारो में बहार बसंत
मीठा मौसम मीठी उमंग
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग
हैप्पी बसंत पंचमी
पीले पीले सरसों के फूल, पीली उड़े पतंग,
रंग बरसे पीला और छाये सरसों सी उमंग।
आपके जीवन में रहे सदा बसंत के रंग।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
हैप्पी बसंत पंचमी।
Vasant Panchami Mobile SMS | WhathsApp Status | Maa Sarswati Quotes in Hindi
उमंग दिल में और आँखों में है प्यार
खुशियाँ लेकर आया बसंत का त्योंहार
शरद की फुहार, किरणें सूरज की
हो शुभकामना आपको बसंत की
आई बसंत और खुशियाँ लायी
कोयल गाती मधुर गीत प्यार के
चारों और जैसे सुगंध छाई
फूल अनेकों महके बसंत के
मां सरस्वती का वरदान हो आपको,
हर दिन नई मिले ख़ुशी आपको,
दुआ हमारी है खुदा से ऐ दोस्त,
जिन्दगी में सफलता हमेशा मिले आपको।
बलबुद्धि विद्या देहु मोहि!
सुनहु सरस्वती मातु!
राम सागर अधम को,
आश्रय तू ही देदातु!
आप सब को बसंत पंचमी की बधाई!
जीवन का यह बसंत खुशियां दें अनंत प्रेम
और उत्साह से भर दें जीवन में रंग हैप्पी बसंत पंचमी
साहस शील ह्रदय में भर दे
जीवन त्याग तपोमर कर दे
संयम सत्य स्नेह का वर दे
हे वीणा वादिनी, ऐसा आशीर्वाद तू सबके सिर दे
बसंत पंचमी की बधाई
जीवन का यह बसंत
खुशियाँ दे अनंत
प्रेम और उत्साह का
भर दे जीवन में रंग !
बसंत पंचमी का ऐतिहासिक महत्व | Historical Significance of Vasant Panchami
भारतीय इतिहास के अनुसार बसंत पंचमी का ऐतिहासिक राजा पृथ्वीराज चौहान की याद दिलाता है। उस समय मुगल सम्राट मोहम्मद गौरी को 16 बार पराजित किया गया। परंतु जब सत्य विहार युद्ध हुआ तो पृथ्वीराज चौहान की हार हुई। इस बार मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को नहीं छोड़ा पृथ्वीराज चौहान को मोहम्मद गौरी अफगानिस्तान ले गया और उनकी आंखें फोड़ दी। इसके बाद घटना जग प्रसिद्ध हो गई मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को मृत्युदंड देने से पहले शब्दभेदी बाण की कला देखना चाहता था। तो उसने पृथ्वीराज चौहान के साथ कवि चंदबरदाई के परामर्श पर गोरी के उचित स्थान पर बैठकर तवे पर चोट मारकर संकेत किया तभी चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संकेत किया
“चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रणाम,
ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान”
पृथ्वीराज चौहान ने इस बार भूल नहीं की और उन्होंने तवे पर चोट की। और चंदबरदाई के संकेत से अनुमान लगाकर शब्द भेदी बाण सीधे मोहम्मद गोरी के सीने पर चला दिया। मोहम्मद गौरी अपने प्राणों को खो चूका था। इस घटना के बाद कविराज और पृथ्वीराज ने एक दूसरे के पेट में छुरा भोंप कर आत्महत्या कर ली। यह सभी घटना बसंत पंचमी के दिन ही हुई थी। इसलिए बसंत पंचमी का ऐतिहासिक महत्व इस घटना से भी जुड़ा हुआ है।
FAQ’s Vasant Panchmi 2024
Q. बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है?
Ans. वसंत पंचमी का बहुत महत्व है। जब संसार की रचना हो रही थी। तब संसार में किसी प्रकार का स्वर, संगीत स्वर नहीं था। कोई किसी प्रकार की आवाज नहीं थी। यह सभी ब्रह्मदेव की कृपा से माता सरस्वती के आशीर्वाद से ही संपन्न हो पाया। वसंत के माह में प्रकृति चारों ओर अपनी खूबसूरती बिखेरती है। सभी प्राणियों में अलग उत्साह देखने को मिलता है। इसी उपलक्ष में माघ महीने की पंचम तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है।
Q. वसंत पंचमी पर किसकी पूजा की जाती है?
Ans. वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है। जो ज्ञान विज्ञान और कौशल की भंडार है। माता सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त करते ही संपूर्ण जीवो में स्वर,ज्ञान,ध्वनि आवाज उत्पन्न होती है।
Q. 2022 में बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी?
Ans. 2022 में बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 बुधवार को मनाई जाएगी।