गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस 2023 | Guru Arjan Dev Martyrdom Day in Hindi

Guru Arjan Dev ji shaheedi Diwas 2023: गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस  14 जून को पूरे भारत में मनाया जाता है इस दिन गुरुद्वारा साहिब में कई कार्यक्रम होते हैं |  वही गुरुवाणी कीर्तन वह सुखमणि साहिब का पाठ भी होता है  जिसमें सिख धर्म के मानने वाले लोग सम्मिलित होते हैं और अपने गुरु अर्जुन देव को याद करते हैं | उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा के लिए  लगा दिया सिख धर्म के पांचवे गुरु अर्जुन देव थे उन्होंने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान भी निछावर कर देते हैं क्योंकि उन्हें मुगल बादशाह जहांगीर ने गिरफ्तार किया और उन्हें कई प्रकार की यातनाएं दी है जिसके कारण 30 मई 1606 को उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए इसलिए हम आपको इस आर्टिकल में Guru Arjan Dev Martyrdom Day से संबंधित चीजों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे इसलिए आप हमारा आर्टिकल पूरा पढ़े आइए जानते हैं-

जानिए कौन थे गुरु अर्जुन देव जी (Guru Arjan Dev)

अर्जुन (अर्जन) देव का जन्म सिख धर्म के चौथे गुरु,गुरु रामदासजी व माता भानीजी के  15 अप्रैल 1563 को गोइंदवाल (अमृतसर) सोढ़ी खत्री परिवार में हुआ था।  इसलिए बाल काल से उन्होंने अपने पिता का अनुसरण किया और अपने सिख धर्म के प्रचार और प्रसार करने के लिए लगातार वह अपने पिता से सीख लेते रहे थे | श्री गुरु अर्जुन देव सिख धर्म के पांचवे गुरु बने हैं | गुरु अर्जुन देव शिरोमणि, सर्वधर्म समभाव के प्रखर पैरोकार होने के अलावा मानवता के लिए वह लगातार काम करने वाले एक महान साधु थे |

See also  बुद्ध पूर्णिमा 2023 की शुभकामनाएं और बधाई संदेश | Buddha Purnima Wishes & Quotes in Hindi

Also Read: राजा राममोहन राय जीवन परिचय 2023

गुरु अर्जुन देव जीवन परिचय | Guru Arjan Dev Biography in Hindi

पूरा नामगुरु अर्जुन देव
जन्मतिथि15 अप्रैल 1563
जन्म स्थानगोइंदवाल , मुगल साम्राज्य (वर्तमान में तरनतारन जिला, पंजाब, भारत
पिता का नामगुरु राम दास
माता का नामबीवी भानी
पत्नी का नाममाता गंगा
बच्चो का नामगुरु हरगोबिंद साहिब
प्रसिद्धि1. स्वर्ण मंदिर का निर्माण2. तरणतारन साहिब शहर की स्थापना करवाई3. सिख धर्म के पांचवे गुरु
नानागुरु अमर दास
संपादनगुरु ग्रंथ साहिब
सिख धर्म के कितने नंबर के गुरुपांचवे गुरु
मृत्यु कब हुआ30 मई 1606, लाहौर,

Also Read: राजा राममोहन राय की जयंती 2023

गुरु अर्जन देव जी से जुड़ी कथा Guru Arjan Dev Katha

गुरु अर्जुन देव जब सिख धर्म के पांचवे गुरु बने हैं तो उन्होंने धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए दुनिया के कई कोने का चक्कर लगाया इसके अलावा मानवता की भलाई के लिए लगातार काम करते रहे उनके लोग पिता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी ऐसे में उनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता के कारण मुगल बादशाह जहांगीर काफी परेशान था वह नहीं चाहता था कि गुरु अर्जुन देव की लोकप्रियता दूर-दूर तक विस्तारित हो इसके अलावा उसे इस बात का भी गुस्सा था कि गुरु अर्जुन देव ने उसके भाई खुसरो की मदद क्यों की थी  इसी कारण से मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव को गिरफ्तार कर लिया उन्होंने कई प्रकार की यातनाएं दी आखिर में 30 मई 1606 गुरु अर्जुन देव ने अपने शरीर को त्याग दिया |

See also  Teacher's Day 2023 | जानिए शिक्षक दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता हैं?

गुरु अर्जन देव जी की शहीदी

सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी महाराज को मुगल बादशाह जहांगीर ने 1606 को लाहौर में शहीद किया गया था जब उनको शहीद किया गया तो उस समय मिंया मीर ने गुरु अर्जुन देव जी से पूछा आपके पूरे शरीर में छाले पड़े हुए हैं फिर भी आप शांत दिखाई पड़े हैं जब गुरु अर्जुन देव ने कहा कि मेरे शरीर पर जितने छाले पड़ेंगे इतने अधिक हजारों करोड़ों सदके वाले सिखों का जन्म होगा मेरी कुर्बानी जायज नहीं होगी और मैं अपने धर्म के लिए कुछ करके जा रहा हूं इस बात का संतोष मुझे है | तब से ही सिख धर्म के मानने वाले लोग शहीदी दिवस गुरु अर्जुन देव की याद में मनाते हैं ताकि सिख धर्म के लोगों को इस बात की प्रेरणा मिल सके कि धर्म की रक्षा के लिए अगर जान देना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि धर्म की रक्षा करना ही हमारा परम कर्तव्य है | सिख धर्म के इतिहास में गुरु अर्जुन देव पहले ऐसे सिख गुरु हैं जिनकी याद में छबील लगाई जाती है। जो जून की गर्मी में  लोगों को शीतलता प्रदान करने की एक एक अनूठी पहल है हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने सभी सिखों से अपील की है कि वे गुरु साहिब के इतिहास को जरूर पढ़े। यही असल में शहीदी गुरु पर्व मानाना होगा।

Also Read: Shani Jayanti in Hindi 2023

जानें- क्या है इस (गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस) दिन का महत्व

18 साल की उम्र में गुरु अर्जुन देव ने सिख धर्म के 5 गुरु के रूप में सिख समुदाय की कमान संभाली उनके पिता गुरु रामदास सिख धर्म के चौथे गुरु थे गुरु बनने के बाद उन्होंने अपने धर्म का प्रचार प्रसार किया पंजाब के प्रमुख प्रमुख शहरों जैसे – तरनतारन साहिब और करतारपुर के संस्थापक बने। 1588 में उन्होंने हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा की आधारशिला रखी थी जिसे बाद में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है | मंदिर में हर जाति, पंथ, नस्ल और धर्म के लोगों का स्वागत किया जाता था और उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए बनाया जाता था।  ऐसे में जब उनकी लोकप्रियता काफी तेजी के साथ बढ़ रही थी तो मुगल बादशाह जहांगीर ने उन्हें कैद कर लिया और उन्हें कई प्रकार की यातनाएं दी |  जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई उनके मृत्यु के बाद उनके पुत्र गुरु हरगोबिंद सिंह सिख धर्म के  छठ गई गुरु बने

See also  गांधी जयंती से जुड़ी अहम जानकारी | Gandhi Jayanti 2023 (जीवन परिचय, जयंती 2 अक्टूबर)

गुरु अर्जन देव पुण्यतिथि 2023 कैसे मनाया जाएगा

गुरु अर्जुन देव की पुण्यतिथि के दिन सिख धर्म के सभी गुरुद्वारों में भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है और वहां पर उन्हें सिख धर्म के मानने वाले लोगों के द्वारा याद किया जाता है | इसके अलावा जुलूस भी निकाले जाते हैं जिसमें सिख धर्म के लोग सम्मिलित होते हैं गुरुद्वारों में गुरु साहिबा का पाठ करवाया जाता है | गुरुद्वारों में इस दिन लंगर का आयोजन किया जाता है जिसमें गरीब लोगों को भोजन करवाई जाती है क्योंकि गुरु अर्जुन देव का विश्वास था कि मानवता की रक्षा के लिए हमें काम करना चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों ना हो?

Also Read: Nurses Day Wishes Quotes Shayari in Hindi

गुरु अर्जुन देव को किसने मारा

गुरु अर्जुन देव को मुगल बादशाह जहांगीर के द्वारा मारा गया था जहांगीर ने उन्हें कैद कर उन्हें कई प्रकार के घोर यातनाएं दी जिसके बाद उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया |

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Optimized with PageSpeed Ninja