Savitribai Phule Speech in Hindi :- सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) देश की एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और कवियित्री थीं। Savitribai Phule ने अपने पति के साथ मिलकर Maharashtra के साथ में देश में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर करने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी थी। Savitribai Phule ने नारीवादी आंदोलन को India में अग्रणी माना था। इस लेख में हम Savitribai Phule से जुड़ी जानकारियों के बारे में आपको अवगत कराएंगें। सावित्रीबाई फुले देश की एक प्रेरणादायक महिला थी तो अक्सर उनके उपर भाषण प्रस्तुत करने का अवसर मिल जाता है।
इस लेख के जरिएं जो हम आपको जानकारी देंगे उसकी मदद से आप Savitribai Phule के ऊपर अच्छा सा भाषण तैयार कर सकेंगे। इस लेख के जरिए आपको सावित्रीबाई फुले भाषण (savitribai phule speech) सावित्रीबाई फुले भाषण हिंदी में (Savitribai Phule Speech in Hindi ) सावित्रीबाई फुले के जीवन पर भाषण, सावित्रीबाई फुले का लघु जीवन परिचय (Short biography of Savitribai Phule) को लेकर निबंध और स्पीच तैयार करने में मदद मिलेगी। Savitribai Phule के जीवन पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।
सावित्रीबाई फुले भाषण हिंदी में
Savitribai Phule देश की जानी-मानी शिक्षाविद और कवित्री थी। Savitribai Phule देश की पहली महिला शिक्षक भी थी। सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 में हुआ था। Savitribai Phule ने अपना पूरा जीवन समाज और महिला को अधिकारों में सुधार लाने के लिए लगा दिया था। एक छोटे से गांव में पैदा हुई Savitribai Phule ने पूरे देश में अपना और अपने गांव का नाम रोशन किया था। सावित्री फुले की मात्र 9 साल की उम्र में शादी हो गई थी। देश की पहली महिला शिक्षक के साथ Savitribai Phule देश की पहली Girls School की Principal भी थी। जब Savitribai Phule की शादी हुई थी तब उन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता था। वही उनके पति ज्योति राव फूले की शादी के वक्त उम्र 13 साल थी और वह तीसरी कक्षा में पढ़ाई करते थे। Savitribai Phule एक दलित परिवार से थी।
Savitribai Phule के पिता का नाम खन्दोजी नेवसे से और मां का नाम लक्ष्मी था।सन 1840 में 9 साल की उम्र में Savitribai Phule की शादी हो गई थी। Savitribai Phule को उनकी उपलब्धियों के कारण विशेष रूप से देशभर में 3 जनवरी के दिन याद किया जाता है। 3 जनवरी के दिन हर साल देश भर में सावित्रीबाई फुले ज्यंती के मनाई जाती है। Savitribai Phule ने अपना पूरा जीवन शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में महिलाओं और अछूतों का उत्थान करने में बता दिया था। सावित्रीबाई फुले ने मात्र 1838 में पुणे (Pune) में देश का पहला कन्या विद्यालय (First Girls School) खोला था।
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Savitribai Phule Speech
टाइटल | सावित्रीबाई फुले भाषण |
लेख टाइप | आर्टिकल |
साल | 2023 |
सावित्रीबाई फुले का जन्म | 3 जनवरी 1831 |
सावित्रीबाई फुले का जन्म स्थान | महाराष्ट्र का नयागांव |
सावित्रीबाई फुले के पति का नाम | महात्मा ज्योतिराव फुले |
सावित्रीबाई फुले की शादी के वक्त उम्र | 9 साल |
महात्मा ज्योतिराव फुले की शादी के वक्त उम्र | 13 साल |
सावित्रीबाई फुले की मृत्यु | 10 मार्च 1897 |
सावित्रीबाई फुले की मृत्यु कारण | प्लेग |
सावित्रीबाई फुले भाषण हिंदी में | Savitribai Phule Speech in Hindi
जब Savitribai Phule की शादी हुई थी तब वह जरा भी शिक्षित नहीं थी। उन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता था। लेकिन उनके पति Mahatma Jyotirao Phule ने उन्हें घर पर ही रह कर शिक्षित किया था। जब Jyotirao काम करने के लिए जाते थे उसी बीच वह अपनी पत्नी Savitribai Phule और बहन सगुनाबाई को पढ़ाते थे। Jyotirao Phule ने सावित्रीबाई फुले को प्राथमिक शिक्षा दी थी।
इसके बाद ज्योति राव के मित्र सखाराम यशवंत और केशव शिवराम की मदद से सावित्रीबाई फुले और सगुनाबाई ने आगे की शिक्षा प्राप्त की। वही सावित्रीबाई फुले ने 2 टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम (Teacher Training Program) में भी हिस्सा लिया था । पहला Ahmednagar के अमेरिकन मिशनरी स्कूल (American Missionary School) था, वही दूसरा एक साधारण सा स्कूल था जो पुणे में था। ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद सावित्रीबाई फुले पूरे भारत की पहली महिला टीचर बनी।
सावित्रीबाई फुले के स्कूल थे कई ज्यादा बेहतर
Savitribai Phule ने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद महारवाड़ा में जो कि Pune में था वहां के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना शुरू किया।Savitribai Phule ने यह काम अपनी नंद सगुनाबाई के साथ मिलकर किया जोकि बहुत ही विख्यात नारीवादी थी। Sugna Bai के साथ मिलकर सावित्रीबाई ने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। वहीं कुछ समय बाद सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ में लेकर विजयवाड़ा में खुद का स्कूल शुरू कर लिया था।
जहां वह सामाजिक अध्ययन, गणित, विज्ञान की पारंपरिक और पश्चिमी पाठ्यक्रम पढ़ाती थी। साल 1851 में सावित्रीबाई फुले ने Pune में तीन अलग-अलग स्कूल सिर्फ लड़कियों के लिए शुरू किए थे। तीनों स्कूल में कुल मिलाकर 150 से ज्यादा बच्चे नामांकित थे। वही इस संदर्भ में लेखिका दिव्या कुनकुरी का मानना है कि जो तीन स्कूल Jyotirao Phule और Savitribai Phule संचालित कर रहे थे उनकी शिक्षा सरकारी स्कूलों और मिशनरी स्कूलों की तुलना में कई ज्यादा बेहतर थी।
सावित्रीबाई फुले के जीवन पर भाषण | Speech on the life of Savitribai Phule
Savitribai Phule ने अपनी पूरी जिंदगी महिलाओं और अछूतों के उत्थान में लगा दी। Savitribai Phule ने महिलाओं को शिक्षित करने के लिए अपने जी जान लगा दी थी। लेकिन महिलाओं के लिए जो सराहनीय कार्य Savitribai Phule कर रही थी उस समय के समाज को यह गवारा नहीं था। दलित लड़कियां स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करें यह बात किसी को पसंद नहीं थी। यही कारण है कि जब Savitribai Phule जब भी स्कूल जाती थी तो लोग उन पर पत्थर मारते थे। वही सावित्रीबाई फुले पर गंदगी फेंक कर भी उन्हें अपमानित किया जाता था।
Savitribai Phule को अपने जीवन में कई संघर्षों का भी सामना करना पड़ा। जो कार्य Savitribai Phule अपने पति के साथ मिलकर कर रहे थे उस काम के विरोध में स्थानीय रूढ़िवादी विचारों वाले लोग खड़े हो गए जिसकी वजह से Jyotorao Phule को उनके पिता का घर छोड़ना पड़ा। ऐसा कहा जाता और सुनने में आता था कि उनके द्वारा किए जा रहे काम मनुस्मृति और उस जैसे कुछ ब्राह्मण ग्रंथों के हिसाब से पाप की दृष्टि में आते थे। अपना घर छोड़ने के बाद ज्योति राव (Jyotirao Phule) अपने मित्र उस्मान शेख के साथ उनके परिवार के साथ रहने लगे, जहां उनकी मुलाकात फातिमा बेगम शेख (Fatima Begum Sheikh) से हुई।
Savitribai Phule Biography
फातिमा बेगम शेख उस समय भारत की एकमात्र मुस्लिम महिला शिक्षक (First Muslim Teacher) थी। 1853 में ज्योति राव फुले ने एक ईसाई मिशनरी पत्रिका में इंटरव्यू के दौरान अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) और उनके काम के बारे में बताया कि मुझे अपनी मां पर बहुत गर्व है, क्योंकि एक मां ही है जो बच्चों को सुधार पाती है।
एक मां के कारण जब एक बच्चें में सुधार आता है तब वे सुधार बहुत ही महत्वपूर्ण और अच्छा होता है। लेकिन यदि हम इसे सुधार और कल्याण की चिंता करते हैं तब हमें ऐसी ही स्त्रियों की स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए। ज्ञान का हर संभव प्रयास जरूर करना चाहिए। इसलिए मैंने सबसे पहले लड़कियों के लिए स्कूल शुरू किया। लेकिन जिस समाज से मैं आता हूं वहां पर स्त्रियों को शिक्षा मुख्य तौर पर नहीं दी जाती है। इसलिए मेरे कुछ भाइयों और पड़ोसियों को यह पसंद नहीं था।
यही कारण है जो मेरे पिता ने मुझे घर से निकाल दिया। कोई भी स्कूल चलाने के लिए जगह देने के लिए तैयार नहीं था और ना ही हमारे पास इतने पैसे थे। वही लोग भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे थे । फिर भी हमने हार नहीं मानी और हमारे साथ मिलकर लहूजी राग रावत ने और रणवा ने अपने आसपास के जातियों के भाइयों को शिक्षित होने के लाभ के बारे में बताया और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए आश्वस्त किया।
सावित्रीबाई फुले का लघु जीवन परिचय
Savitribai Phule का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान 3 जनवरी 1831 को नायगांव महाराष्ट्र में हुआ था। सावित्रीबाई फुले के पिता का नाम खंडूजी नेवसे था वही माता का नाम लक्ष्मी था। मात्र 9 साल की उम्र में ज्योति राव फुले के साथ Savitribai Phule का विवाह हो गया था। जब उनका विवाह हुआ था तो उन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता था। वही उनके पति 13 वर्ष के थे और वह तीसरी कक्षा में पढ़ते थे। Savitribai Phule माली समाज से थी। सावित्रीबाई फुले की संतान नहीं थी, लेकिन उन्होंने यशवंतराव को गोद लिया था जो कि एक ब्राह्मण विधवा से उत्पन्न पुत्र था। Savitribai Phule पढ़ी-लिखे नहीं थे जब उनकी शादी हुई थी लेकिन उनके पति ने उन्हें घर पर पढ़ाया इसके बाद उन्होंने दो Teacher Training Program में हिस्सा लिया। पहला Ahmednagar में एक मिशनरी स्कूल था और दूसरा Pune का साधारण स्कूल था।
सावित्रीबाई फुले ने खोले 18 स्कूल
Savitribai Phule ने अपने पति Jyotirao Phule के साथ मिलकर बाल हत्या प्रतिबंधक गृह नामक सेंटर भी खोला था. जिसमें बलात्कार से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को बच्चे को जन्म देने और उनके बच्चों को पालने की सुविधा दी जाती थी। Jyotirao Phule ने अपने पति के साथ मिलकर कुल 18 स्कूल खोले थे। महिलाएं अधिकारों से संबंधित मुद्दों में भी जागरूकता बढ़ाने का कार्य Jyotirao Phule ने किया था जिसके लिए उन्होंने महिला सेवा मंडल की स्थापना की थी। Jyotirao Phule ने Child Marriage के खिलाफ अभियान चलाया था और विध्वा पुनर्विवाह की भी वकालत की थी। जब Savitribai Phule ने स्कूल शुरू किए थे उनका कई लोगों ने काफी विरोध किया था। Savitribai Phule की मृत्यु 10 जनवरी 1897 में 66 वर्ष की उम्र में Maharashtra के Pune में Plague होने के कारण हो गई थी।
FAQ’s :- Savitribai Phule Speech in Hindi
Q. सावित्रीबाई फुले की शादी कौन सी उम्र में हुई थी ?
Ans. 9 साल की उम्र में सावित्रीबाई फुले की शादी हो गई थी.
Q. सावित्रीबाई फुले की कितनी संतान थी ?
Ans. सावित्रीबाई फुले की एक भी संतान नहीं थी, उन्होंने यशवंत राव नाम के लड़के को गोद लिया था
Q. सावित्रीबाई फुले जन्म और मृत्यु दिनांक ?
Ans. सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था वहीं उनकी मृत्यु 10 मार्च 1897 को पुणें में हुई थी
Q. सावित्रीबाई फुले की मृत्यु के वक्त क्या उम्र थी ?
Ans. 66 साल की उम्र में प्लेग का कारण सावित्रीबाई फुले की मृत्यु हो गई थी।