Guru Ravidas Jayanti 2024: संत रविदास जयंती पर पाएं ढ़ेरों शुभकामनाएं, अपनों को भेजें संत रविदास के कोट्स

Guru Ravidas Jayanti 2024

रविदास जयंती की शुभकामनाएँ | Happy Ravidas Jayanti: गुरु रविदास की जयंती के सम्मान में मनाई जाती है और यह दिन भारत में विशेष रूप से उत्तर भारत और पंजाब में माघ पूर्णिमा के दिन अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर. गुरु रविदास जिन्हें भगत रविदास के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध रहस्यवादी संत थे और उन्होंने 14वीं और 15वीं शताब्दी के दौरान भक्ति आंदोलन में बहुत योगदान दिया। संत रविदास एक महान कवि, समाज सुधारक और प्रसिद्ध धार्मिक संत थे। समाज में उन्होंने समानता लाने के लिए लगातार काम किया। 2024 में रविदास जयंती 24 फरवरी को मनाई जाएगी इस दिन देश भर में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें रविदास जी के जीवन परिचय के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी ऐसे में अगर आप भी रविदास जयंती के शुभ अवसर पर अपने दोस्तों या परिजनों को Happy Ravidas Jayanti व्हाट्सएप या दूसरे सोशल मीडिया के माध्यम से भेजना चाहते हैं’ परंतु आप इंटरनेट पर बेहतरीन Happy Guru Ravidas Jayanti | Sant Ravidas Quotes in Hindi |  Ravidas Jayanti Images | की तलाश कर रहे हैं तो आज के आर्टिकल में हम आपको Happy Ravidas Jayanti 2024 से जुड़ी जानकारी आपसे साझा करेंगे आर्टिकल पर बने रहिएगा आईए जानते हैं:-

गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएँ | Happy Guru Ravidas Jayanti

Happy Guru Ravidas Jayanti 2024

करम बंधन में बन्ध रहियो,

फल की ना तज्जियो आस,

कर्म मानुष का धर्म है,

संत भाखै रविदास।

Happy Guru Ravidas Jayanti 2024

 ऐसा चाहूं राज मैं जहां मिले सबन को अन्न।

छोट बड़ो सब सम बसे रविदास रहे प्रसन्न।।

संत रविदास जयंती 2024 की शुभकामनाएं।।

जन्म जात मत पूछिए, का जात और पात।

रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात।।

गुरु रविदास जयंती 2024 की ढेरों शुभकामनाएं।।

रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच,

नर कूं नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच

Happy Guru Ravidas Jayanti 2024

ऐसा राज चाहूं मैं जहां मिले सभी को अन्न.

छोट बड़ो सब सम बसे रविदास रहे प्रसन्न.

Happy Guru Ravidas Jayanti 2024

 करम बंधन में बन्ध रहियो,

फल की ना तज्जियो आस,

कर्म मानुष का धर्म है,

संत भाखै रविदास.

आज का दिन है खुशियों भरा,
आपको और पूरे परिवार को,
संत गुरु रविदास जयंती की,
बहुत-बहुत शुभकामनाएं
गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाई

ऐसा चाहूं राज मैं जहाँ मिले सबन को अन्न
छोट बड़ो सब सम बसे रविदास रहे प्रसन्न..!!

आपको और आपके परिवार को गुरु रविदास जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ

गुरुजी आपके पूरे परिवार पर अपनी कृपा बरसाएं

गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाइयाँ

मन चंगा तो कठौती में गंगा,

संत परंपरा के महान योगी,

परम ज्ञानी संत श्री रविदास जी,

आपको कोटि-कोटि नमन.

कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै, 

तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाई 

संत परंपरा के महान योगी और परम ज्ञानी संत श्री रविदास जी को कोटि कोटि नमन।

उनकी शिक्षाएं आपके जीवन में प्रकाश लेकर आएं।

महान संत गुरु रविदास की जयंती पर बधाई

ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न।

छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न।। 

संत शिरोमणि गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं

जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात 

रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति न जात 

गुरु रविदास जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं

जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड में बास।

प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रैदास।।

संत रविदास जयंती की बधाई 

रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच।

नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।।

महान ज्ञानी संत रविदास की जयंती पर आपको बहुत-बहुत शुभकामना 

यह भी पढ़ें: संत रविदास जी का जीवन परिचय

संत रविदास के कोट्स हिंदी में | Sant Ravidas Quotes in Hindi

Sant Ravidas Quotes in Hindi

किसी का भला नहीं कर सकते
तो किसी का बुरा भी मत करना,
फूल जो नहीं बन सकते तुम
तो कांटा बनकर भी मत रहना.

करम बंधन में बन्ध रहियो,
फल की ना तज्जियो आस,
कर्म मानुष का धर्म है,
संत भाखै रविदास।

जाति-जाति में जाति हैं
जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके
जब तक जाति न जात

रैदास जन्म के कारणै, होत न कोई नीच।
नर को नीच करि डारि हैं, औछे करम की कीच।।

जन्म जात मत पूछिए, का जात और पात।
रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात।।

का मथुरा का द्वारका, का काशी हरिद्वार।
रैदास खोजा दिल आपना, तउ मिलिया दिलदार

संत रविदास जी ने दुराचार, अधिक धन का संचय, अनैतिकता और मांसाहार को गलत माना है। उन्होंने अंधविश्वास, भेदभाव, मानसिक संकीर्णता को समाज विरोधी माना है।

संत रविदास जी कर्म को प्रधानता देते थे। ‘व्यक्ति को कर्म में विश्वास करना चाहिए। आप कर्म करेंगे, तभी आपको फल की प्राप्ति होगी। फल की चिंता से कर्म न करें।’

संत रविदास ने कहा है कि ‘व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए। दूसरों को तुच्छ न समझें। उनकी क्षमता जिस कार्य को करने की है, संभवत: वह आप नहीं कर सकते।’

‘हम सभी यह सोचते हैं कि संसार ही सबकुछ है, लेकिन यह सत्य नहीं है। परमात्मा ही सत्य है।’

कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा अपने जन्म के कारण नहीं बल्कि अपने कर्म के कारण होता है। व्यक्ति के कर्म ही उसे ऊंचा या नीचा बनाते हैं। 

हमें हमेशा कर्म करते रहना चाहिए और साथ साथ मिलने वाले फल की भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य 

कभी भी अपने अंदर अभिमान को जन्म न दें। इस छोटी सी चींटी शक्कर के दानों को बीन सकती है परन्तु एक विशालकाय हाथी ऐसा नहीं कर सकता। 

भगवान उस हृदय में निवास करते हैं जिसके मन में किसी के प्रति बैर भाव नहीं है। कोई लालच या द्वेष नहीं है।

~ जीव को यह भ्रम है कि यह संसार ही सत्य है। किंतु जैसा वह समझ रहा है वैसा नही है। वास्तव में संसार असत्य है।

~ ईश्वर की भक्ति बड़े भाग्य से प्राप्त होती है। यदि आप में थोड़ा सा भी अभिमान नहीं है तो निश्चित ही आपका जीवन सफल है।

~ कभी भी अपने अंदर अभिमान को जन्म न दें। एक छोटी सी चींटी शक्कर के दानों को बीन सकती है परन्तु एक विशालकाय हाथी ऐसा नहीं कर सकता।

~ हरी के समान बहुमूल्य हीरे को छोड़ कर अन्य की आशा करने वाले अवश्य ही नरक जायेगें। यानि प्रभु भक्ति को छोड़ कर इधर-उधर भटकना व्यर्थ है।

~ जिसके हृदय में रात – दिन राम समाये रहते हैं। ऐसा भक्त राम के समान है। उस पर न तो क्रोध का असर होता है और न ही काम भावना उस पर हावी हो सकती है।

~ मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए, उससे मिलने वाले फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कर्म करना मनुष्य का धर्म है तो उसका फल मिलना हमारा सौभाग्य।

~ जिस प्रकार तेज़ हवा के कारण सागर मे बड़ी-बड़ी लहरें उठती हैं और फिर सागर में ही समा जाती हैं। उनका अलग अस्तित्व नहीं होता। इसी प्रकार परमात्मा के बिना मानव का भी कोई अस्तित्व नहीं है।

~ राम, कृष्ण, हरी, ईश्वर, करीम, राघव सब एक ही परमेश्वर के अलग – अलग नाम हैं। वेद, कुरान, पुराण आदि सभी ग्रंथो में एक ही ईश्वर का गुणगान किया गया है। और सभी ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार का पाठ सिखाते हैं।

~ सभी कामों को यदि हम एक साथ शुरू करते हैं तो हमें कभी उनमें सफलता नहीं मिलती है। ठीक उसी प्रकार यदि किसी पेड़ की एक एक टहनी और पत्ती को सींचा जाये और उसकी जड़ को सूखा छोड़ दिया जाये तो वह पेड़ कभी फल नहीं दे पायेगा

रविदास जयंती इमेज | Ravidas Jayanti images

रविदास जयंती का इमेज कहां से प्राप्त करेंगे तो हम आपको आर्टिकल में रविदास जयंती का इमेज उपलब्ध करवाएंगे जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। 

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रविदास कोट्स हिंदी में | Ravidas Quotes in Hindi

जिसका मन निर्मल होता है भगवान उसी में वास करते हैं। जिस व्यक्ति के मन में कोई बैर भाव नहीं है, किसी प्रकार का लालच नहीं है, किसी से कोई द्वेष नहीं है तो उसका मन भगवान का मंदिर, दीपक और धूप है। ऐसे पवित्र विचारों वाले मन में प्रभु सदैव निवास करते हैं।

~ किसी की पूजा इसलिए नहीं करनी चाहिये क्योंकि वो किसी पूजनीय पद पर बैठा हैं। यदि उस व्यक्ति में योग्य गुण नहीं हैं तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहिये। इसके विपरीत यदि कोई व्यक्ति ऊँचे पद पर नहीं बैठा है परन्तु उसमे योग्य गुण हैं तो ऐसे व्यक्ति को पूजना चाहिये।

~ भ्रम के कारण साँप और रस्सी तथा सोने के गहने और सोने में अन्तर नहीं जाना जाता। किन्तु भ्रम दूर होते ही इनका अन्तर ज्ञात हो जाता है। उसी प्रकार अज्ञानता के हटते ही मानव आत्मा, परमात्मा का मार्ग जान जाता है। तब परमात्मा और मनुष्य में कोई भेदभाव वाली बात नहीं रहती।

~ जिस तरह केले के पेड़ के तने को छीला जाये तो पत्ते के नीचे पत्ता, फिर पत्ते के नीचे पत्ता और अंत में पूरा पेड़ खत्म हो जाता है। लेकिन कुछ नही मिलता। उसी प्रकार इंसान भी जातियों में बाँट दिया गया है। इन जातियों के विभाजन से इन्सान तो अलग – अलग बंट जाता है। और अंत में इन्सान भी खत्म हो जाते हैं। लेकिन यह जाति खत्म नहीं होती है। इसलिए जब तक ये जाति खत्म नहीं होगी तब तक इन्सान एक दुसरे से जुड़ नहीं सकता

यदि आपका मन पवित्र है तो साक्षात् ईश्वर आपके हृदय में निवास करते है।

जिसके हर्दय मे रात दिन राम समाये रहते है, ऐसा भक्त राम के समान है, उस पर न तो क्रोध का असर होता है और न ही काम  भावना उस पर हावी हो सकती है।

जिस प्रकार तेज़ हवा के कारण सागर मे बड़ी-बड़ी लहरें उठती हैं, और फिर सागर में ही समा जाती हैं, उनका अलग अस्तित्व नहीं होता । इसी प्रकार परमात्मा के बिना मानव का भी कोई अस्तित्व नहीं

गुरु रविदास स्टेट्स | Guru Ravidas Status 

मन चंगा तो

कठौती में गंगा।

हैप्पी रविदास जयंती 

कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा

अपने जन्म के कारण नहीं

बल्कि अपने कर्म के कारण होता है।

व्यक्ति के कर्म ही उसे

ऊँचा या नीचे बनाते है.

किसी का भला नहीं कर सकते

तो किसी का बुरा भी मत करना,

फूल जो नहीं बन सकते तुम

तो कांटा बनकर भी मत रहना.

हैप्पी गुरु रविदास जयंती

कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव,

जब लग एक न पेखा।

वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।।

गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाइयाँ।

जहां धरती आत्मा को नमन करेगी, वहां होगा रविदास का जन्म जयंती का उत्सव।”

रविदास जी की करुणा से जगत के दुख हरे, सबको आशीर्वाद देने आएं ये देवता के अवतार।”

जग में इस दिन आराध्य हैं रविदास जी, उनके आशीर्वाद से जीवन मिल जाता है सच्चा आनंद।” 

जग में फूल खिला करो, रविदास जी की पूजा करो।” 

आओ मिलकर गाएं रविदास जी के भजन, प्रभु की लीला जग ko सुनाएं।”

गुरु रविदास जी का दरबार, एक नये सृजन का स्थान है।”

जगत के मोहताज गुरु रविदास, अंधकार को करेंगे दूर।”

नाम जपो रविदास का, दूर करो सभी कलंक।

रविदास जी की जयंती पर, भगवान की रचना का गान सुनाएं।

चरण छू लो रविदास के, भगवान का आशीर्वाद पाओ।

हमारी उम्मीद गुरु रविदास जी हैं, उनकी कृपा हमेशा साथ हो।”

गुरु रविदास कोट्स हिंदी में | Guru Ravidas Quotes in Hindi

आज का दिन है खुशियों भरा,
आपको और पूरे परिवार को,
संत गुरु रविदास जयंती की,
बहुत-बहुत शुभकामना ..!! गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाई

ऐसा चाहूं राज मैं जहाँ मिले सबन को अन्न
छोट बड़ो सब सम बसे रविदास रहे प्रसन्न

जीव को यह भ्रम है कि यह संसार ही सत्य है किंतु जैसा वह समझ रहा है वैसा नही है, वास्तव में संसार असत्य है.

 कभी भी अपने अंदर अभिमान को जन्म न दें। इस छोटी से चींटी शक्कर के दानों को बीन सकती है परन्तु एक विशालकाय हाँथी ऐसा नहीं कर सकता.

कृष्ण करीम राम हरि राघव जब लग एक ना पेखा

वेद कतेब कुरान पुरानन सहज एक नहिं देखा

चारो वेद के करे खंडौती। जन रैदास करें दंडोती। 

भगवान उस हृदय में निवास करते हैं

जिसके मन में किसी के प्रति

वैर भाव नहीं है कोई लालच या द्वेष नहीं है।

जाति-जाति में जाति है, जो केतन के पात

रैदास मनुष्य ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।

हरि सा हीरा छांट के करै आन की आसते

नर जमपुर जाहिंगे सत भावै रविदास।

आपका मन अगर पवित्र है

तो ईश्वर आपके हृदय बसते हैं।

कह रैदास तेरी भगति दूरी है, भाग बड़े सो पावै

तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनी खावै।

वर्णाश्रम अभिमान तजि, पद रज बंदहिजासु की

संदेह-ग्रंथि खंडन-निपन बानि विमुल रैदास की।

Conclusion:

 उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में 

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FAQ’s: Sant Ravidas Wishes in Hindi

Q. 2024 में रविदास जयंती कब मनाया जाता है? 

Ans. 2024 में रविदास जयंती 24 फरवरी को मनाई जाएगी |

Q. संत रविदास की मृत्यु कहाँ हुई थी?

Ans. संत रविदास की मृत्यु वाराणसी में हुआ था।

Q. मन चंगा तो कठौती में गंगा किसकी रचना है?

Ans. मन चंगा तो कटौती में गंगा की रचना संत रविदास के द्वारा किया गया था।

Q. संत रविदास जी की माता का नाम क्या था? 

Ans. संत रविदास जी के माता का नाम कलसा देवी था। 

Q. संत रविदास जी के शिष्य कौन थे?

Ans. चित्तौड़ की ‘झालारानी’ उनकी शिष्या थीं, जो महाराणा सांगा की पत्नी थीं।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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