महिला दिवस पर कविता हिंदी में | Women’s Day Poem in Hindi

Women's Day Poem in Hindi

Women’s Day Poem in Hindi:- “एक अच्छा राष्ट्र बनाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना एक शर्त है, जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो स्थिरता वाले समाज का आश्वासन दिया जाता है। महिलाओं का सशक्तिकरण आवश्यक है क्योंकि उनकी मूल्य प्रणाली एक अच्छे परिवार, समाज और अंततः एक अच्छे राष्ट्र के विकास की ओर ले जाती है। ए पी जे अब्दुल कलाम व्यापक रूप से सम्मानित पूर्व भारतीय राष्ट्रपति का यह उद्धरण हमें समाज में महिलाओं की भूमिका की याद दिलाता है। सुधारकों और बुद्धिजीवियों ने बार-बार हमारी दुनिया में महिला सशक्तिकरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है।

यही कारण भी है कि हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह वह दिन है जब हम अपने जीवन में महिलाओं का जश्न मनाते हैं और दुनिया में उनके योगदान को स्वीकार करते हैं। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य लैंगिक समानता, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, प्रजनन अधिकार और बहुत कुछ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारा ध्यान आकर्षित करना है।महिला दिवस पर कविता,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता,महिला दिवस पर कविता इन हिंदी, women’s day Poem in Hindi 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता 

सरल सुपावन कोमल नारी ।
निर्भर जिस पर दुनियां सारी ।।
माँ बेटी बहिना बहू नामा ।
निज परिवार बनावत धामा ।।
कोमल हृदय सुपावन बानी ।
धरमशील अतिसय गुणखानी ।।
धर्म कर्म अति निपुण विवेका ।
बल प्रताप सब एक ते एका ।।
साहस शील विनय अनुगामी ।
तेजोमयी अरु अन्तरयामी ।।
दृढ़संकल्पित तन मन प्यारा ।
मुट्ठी में जिनके जग सारा ।।
आन मान है शान निराली ।
मात्रृ शक्ति मुस्कान निराली ।।
नभ जल थल में कर्म निरत है ।
विस्मित जिनसे आज जगत है ।।
सबसे पूजित सबसे प्यारी ।
भूमंडल की सिगरी नारी ।।
नारी शक्ति को शीश नवाते ।
“महिला दिवस” हैं आज मनाते ।

International Woman’s Day Poem in Hindi

औरत कहो या कहो नारी 
समाजरूपी खेत में 
खुशियों के फुलों की क्यारी
हर रिश्ते में है ये साथ मेरे 
कभी नाम, कभी अहसास बनकर
माँ, बेटी, बहन, दोस्त, बीवी 
हर रूप में है ये प्यारी 
बोझ नहीं तूम, 

तुम हो जिम्मेदारी तुम हो दुनियाँ… 
तूमसे ही खुशियाँ सारी कर जांउ 
जो हसरतें पूरी सारी वो जो होगी 
खुशनसीबी हमारी हर पल तुमपे है नाज़ ऐ-नारी निखरी है
मेरी कलम की स्याही शब्दों में उतारी 
जब तारीफ तुम्हारी सोच ना सकूं
जहां बिन तुम्हारे शुक्रगुजार है ‘तुम्हारी’… कायनात ‘हमारी’

Woman’s Day Par Kavita

नारी का सम्मान करें सब, करे साल भर प्रतिदिन काम।
उसके के सम श्रमशील न कोई, आँक नहीं पाये हम दाम।1
निज कृतज्ञता ज्ञापित करके, दें उसको समुचित सम्मान,
नित्य कर्म में हाथ बटा कर, उसको दें थोड़ा आराम।2
घर-बाहर मैदान सँभाले, शिकन न आती मुखड़े पर,
मौन साध कर्तव्य निभाती, और बढ़ाती कुल का नाम।3
कदम बढ़ाकर पग-पग चलती, कीर्तिमान रचती है नित्य,
उसकी प्रतिभा के दिखते हैं, नित नूतन जग को आयाम।4
नर-नारी में करें न अंतर, सभी रखें यह मन में ध्यान,
एक-एक जब ग्यारह होते, तब मिलता उत्तम परिणाम।5
एक चेतना अब जागृत हो, तत्व यही जीवन का मूल,
प्रतियोगी से सहयोगी बन, कर्म करें मिल कर निष्काम।6
दिवस मनाएँ एक बार क्यों,  आदर नारी को दें हम रोज,
सम्मानित जीवन मिल पाये, उसका होगा यही इनाम।7

नारी की अवहेलना, नारी का अपमान।
मां-बेटी-पत्नी-बहन, नारी रूप हजार,
नारी से रिश्ते सजे, नारी से परिवार।
नारी बीज उगात है, नारी धरती रूप,
नारी जग सृजित करे, धर-धर रूप अनूप।
नारी जीवन से भरी, नारी वृक्ष समान,
जीवन का पालन करे, नारी है भगवान।
नारी में जो निहित है, नारी शुद्ध विवेक,
नारी मन निर्मल करे, हर लेती अविवेक।
पिया संग अनुगामिनी, ले हाथों में हाथ,
सात जनम की कसम, ले सदा निभाती साथ।
हर युग में नारी बनी, बलिदानों की आन,
खुद को अर्पित कर दिया, कर सबका उत्थान।
नारी परिवर्तन करे, करती पशुता दूर,
जीवन को सुरभित करे, प्रेम करे भरपूर।
प्रेम लुटा तन-मन दिया, करती है बलिदान,
ममता की वर्षा करे, नारी घर का मान।
मीरा, सची, सुलोचना, राधा, सीता नाम,
दुर्गा, काली, द्रौपदी, अनसुइया सुख धाम।
मर्यादा गहना बने, सजती नारी देह,
संस्कार को पहनकर, स्वर्णिम बनता गेह।
पिया संग है कामनी, मातुल सुत के साथ,
सास-ससुर को सेवती, रुके कभी न हाथ।

महिला दिवस पर कविता इन हिंदी

मन ही मन में रोती फिर भी बाहर से हँसती है

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बार-बार बिखरे बालों को सवारती है

शादी होते ही उसका सब कुछ पीछे छुट जाता है

सखी – सहेली,आजादी, मायका छुट जाता है

अपनी फटी हुई एड़ियों को साड़ी से ढँकती है

स्वयं से ज्यादा वो परिवार वालों का ख्याल रखती है

सब उस पर अपना अधिकार जमाते वो सबसे डरती है।

शादी होकर लड़की जब ससुराल में जाती है

भूलकर वो मायका घर अपना बसाती है

जब वो घर में आती है तब घर आँगन खुशियो से भर जाते हैं

सारे परिवार को खाना खिलाकर फिर खुद खाती है

जो नारी घर संभाले तो सबकी जिंदगी सम्भल जाती है

बिटिया शादी के बाद कितनी बदल जाती है।

आखिर नारी क्यों डर-डर के बोलती, गुलामी की आवाज में?

गुलामी में जागती हैं, गुलामी में सोती हैं

दहेज़ की वजह से हत्याएँ जिनकी होती हैं

जीना उसका चार दीवारो में उसी में वो मरती है।

जिस दिन सीख जायेगी वो हक़ की आवाज उठाना

उस दिन मिल जायेगा उसके सपनो का ठिकाना

खुद बदलो समाज बदलेगा वो दिन भी आएगा

जब पूरा ससुराल तुम्हारे साथ बैठकर खाना खायेगा

लेकिन आजादी का मतलब भी तुम भूल मत जाना

आजादी समानता है ना की शासन चलाना

रूढ़िवादी घर की नारी आज भी गुलाम है

दिन भर मशीन की तरह पड़ता उस पर काम है

दुःखों के पहाड़ से वो झरने की तरह झरती है

Mahila Diwas Par Kavita

क्योंकि नारी महान होती है।
कुछ चाहा नही,
ब़दला बस ख़ुद को,
कि रिंश्ता टूट ना जाए कही.
आदतो को बदला,
चाहतो को ब़दला,
भलें मेरें अरमानो ने,
अपनी क़रवट को बदला.

Woman’s Day Poem in Hindi

सम़न्दर की एक बूद बन जाऊ भलें,
बस संमन्दर मे मेरा अस्तित्व तो रहे.
धुल का एक़ क़ण भी मे बन ना सक़ी,
मेरें त्याग की ओझ़ल हो गईं छबि.
नारी सरस्वती का रूप हो तुम
नारी लक्ष्मी का स्वरुप हो तुम
बढ़ जाये जब अत्याचारी
नारी दुर्गा-काली का रूप हो तुम।
नारी खुशियों का संसार हो तुम
नारी प्रेम का आगार हो तुम
जो घर आँगन को रोशन करती
नारी सूरज की सुनहरी किरण हो तुम।
नारी ममता का सम्मान हो तुम
नारी संस्कारों की जान हो तुम
स्नेह, प्यार और त्याग की
नारी इकलौती पहचान हो तुम।
नारी कभी कोमल फूल गुलाब हो तुम
नारी कभी शक्ति के अवतार हो तुम

तेरे रूप अनेक
नारी ईश्वर का चमत्कार हो तुम।
कौंन कहता है कि,
नारी कमजोर होती हैं।
आज़ भी उसकें हाथ मे,
अपनें सारे घर को चलानें की डोर होती हैं।
वो तो दफ्तर भी ज़ाती है,
और अपनें घर परिवार कों भी सम्भालती है।
एक़ बार नारी की ज़िन्दगी जीकर तो देख़ो,
अपनें मर्द होनें के घमन्ड यू उतर जाएगा,
अब हौंसला ब़न तू उस नारी क़ाा,
ज़िसने जुल्म सहकें भी तेरा साथ दिया।
तेरी जिम्मेदारियो का बोझ़ भी,
खुशी से तेरें संग बांट लिया।
चाहतीं तो वो भी क़ह देती,
मुझ़से नही होता।
उसकें ऐसे कहनें पर,
फ़िर तू ही अपने बोझ़ के तलें रोता।

Hindi Poems on Woman’s Day 2023

जिसने दिया हमें पहला निवाला
बड़े नाजों से हमें है पाला
उस मां की ममता की मूरत में
प्यार था अजब निराला।
हर कष्ट को वो जी लेती थी
हर दर्द के जहर को
आंसू बनाकर पी लेती थी।
उस मां की ममता की छाया में
पलकर बड़े हुए हैं हम
जिसके दूध की गंगधार को
पीकर खड़े हुए हैं हम।
उंगली पकड़कर जिसने चलना सिखाया
शरारत करने पर थोड़ा डराया
मेरी हंसी में अपना सब गम बुलाया
रूठ जाने पर जिसने मनाया
चोट लगी मुझे तो पानी
उसकी आंखों में उतर आया
थपकी देकर सीने में छुपाया
जिसके आशीर्वचन ने
मुझे हर दुख से बचाया
उस मां की ममता की
निराली है माया।
जिसके सर पर मां का हाथ है
ईश्वर सदा उनके साथ है
आह! जिसने यह दुनिया रची
विधाता की सुंदर सृष्टि।।

महिला दिवस पर कविता हिंदी में

मन ही मन मे रोती फ़िर भी बाहर से हंसती हैं
बार-बार बिख़रे बालो को संवारती हैं
शादी होतें ही उसक़ा सब कुछ पीछें छूट ज़ाता हैं
सख़ी – सहेली,आज़ाादी, मायका छूट जाता हैं
अपनी फ़टी हुई एडियो को साडी से ढक़ती हैं
स्वय से ज्यादा वों परिवार वालो का ख्याल रख़ती हैं
सब़ उस पर अपना अधिक़ार ज़माते वो सबसें डरती हैं।

तोड़ के हर पिंजरा
जाने कब मैं उड़ जाऊँगी
चाहे लाख बिछा लो बंदिशे
फिर भी दूर आसमान मैं अपनी जगह बनाऊंगी मैं
हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ
भले ही परम्परावादी जंजीरों से बांधे है दुनिया के लोगों ने पैर मेरे
फिर भी उस जंजीरों को तोड़ जाऊँगी
मैं किसी से कम नहीं सारी दुनिया को दिखाऊंगी

हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ
सपनों के घरोंदों को महल बनाने वाली
बिखरी मीनारों को फिर से बसाने वाली
तपती लू में उजड़ गए जो
उन बागों को किया चमन है
नारी तुझको नमन है।
कभी पिता के अभिमान पर
कभी भाई के स्वाभिमान पर
कभी मां के दुलार पर
और कभी बेटी की पुकार पर
तुमने अर्पण किया अपना जीवन है
नारी तुझको नमन है।

सरस मौन राग भरे
तेरे होठों की लालिमा
कभी फागुन का फाग भरें
तेरे केशों की कालिमा
तेरे हाथों के कंगन मर्यादा का बंधन है
नारी तुझको नमन है।
नाजो में तू अल्हड़ बाला
गीतों की तू मधुशाला
यौवन रस का आगार लिए
जीवन की सुंदर पाठशाला
सुध-बुध से बिसरा तन मन है
नारी तुझको नमन है।

FAQ’s Women’s Day Poem in Hindi

Q. महिला दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?

Ans. महिला दिवस का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह महिला सशक्तिकरण, समान अधिकार और अवसरों को बढ़ावा देता है, लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करता है, और महिलाओं को न्याय, समर्थन, सम्मान प्रदान करता है। यह दिन दुनिया भर में महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों की सराहना करने के लिए मनाया जाता है।

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