गणेश चतुर्थी रोचक तथ्य:- भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। मगर गणेश चतुर्थी रोचक तथ्य के बारे में जानकर आप आश्चर्य हो जाएंगे जब नीचे दिए गए पांच तथ्य को आप ध्यान पूर्वक पड़ेंगे –
1. भगवान गणेश की पूजा गणेश चतुर्थी को क्यों की जाती है?
Ganesh Ki Pooja Ganesh Chaturthi Ko Kyun Manayi Jati Hai: गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा उनके जन्म उत्सव के रूप में की जाती है। भगवान शंकर ने बाल गणेश का गर्दन अपने त्रिशूल से काट दिया था यह कथा हर कोई जानता है। इस दिन हर देवता ने उन्हें वरदान दिया था कि उनका स्थान सभी देवताओं में सबसे ऊपर होगा। उनके जन्म दिवस के रूप में इस पावन घटना को एक समारोह के रूप में आयोजित किया जाता है और मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर आते है।
2. भगवान गणेश को लड्डू का भोग क्यों लगाया जाता है
हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश को लड्डू का भोग बहुत ही पसंद है इस वजह से उन्हें मोदक, बूंदी के लड्डू, सूजी के लड्डू, और भी अलग-अलग प्रकार के लड्डुओं का भोग चढ़ाया जाता है।
3. भगवान गणेश को एक दन्त क्यों कहा जाता है?
महर्षि वेदव्यास एक बार एक ग्रंथ की रचना करना चाहते थे जिसके लिए उन्हें उनके सोचने की रफ्तार से लिखने वाले की तलाश थी। भगवान शंकर ने इसके लिए भगवान गणेश का सुझाव दिया। उसके बाद भगवान गणेश महर्षि वेदव्यास के ग्रंथ लिखने में मदद कर रहे थे। मगर ग्रंथ लिखने के दौरान कलम टूट जाती है, और वेदव्यास अपनी सोचने की रफ्तार से जल्दी जल्दी बोलते रहते है पर उसी वक्त भगवान गणेश ने टूटी हुई कलम को फेककर अपने दांत को तोड़ कर उससे आगे का ग्रंथ लिखना शुरू किया। जब ग्रंथ पूरा हुआ तो भगवान गणेश को उनके कार्य के लिए एकदांत का नाम दिया गया।
4. गणेश जी को बुद्धि का दाता क्यों कहा जाता है?
भगवान गणेश को हर चीज का ज्ञान है उन्हें बुद्धि विवेक और तर्क का देवता माना जाता है। भगवान गणेश को उनके बुद्धिमत्ता की वजह से बुद्धि और तर्क का देवता माना जाता है। अगर कोई विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करता है तो उसे भगवान की तरफ से बुद्धि विवेक और तर्क शक्ति मिलती है।
5. भगवान गणेश के कौन-कौन से राक्षसों का वध किया था
भगवान गणेश ने अपने अलग-अलग अवतार से लोभासुर, क्रोधासुर और गजमुखा सुर का वध किया था। इसमें से गजमुखा सुर वह प्रसिद्ध राक्षस है जिसे भगवान ने गणेश की शरण में आना था तो उसने मूषक का रूप धारण किया और सदैव के लिए भगवान गणेश का वाहन बन गया।