गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है:- इस साल गणेश चतुर्थी का पावन त्यौहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है। हर साल गणेश चतुर्थी के त्योहार के दिन पूरे भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार के मेले का आयोजन किया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार वैसे तो सभी हिंदू धर्म पालन करने वाले लोगों के लिए प्रमुख त्योहार है . मगर मुख्य रूप से यह त्योहार भारत के महाराष्ट्र राज्य में ज्यादा उत्साह से मनाया जाता है। वर्तमान समय में Ganesh Chaturthi का सबसे बड़ा मेला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित किया जाता है। अगर आप गणेश चतुर्थी क्यों और कब मनाया जाता है जैसे सवालों में उलझे है, तो आज के इस लेख में हम आपको इस त्यौहार के पीछे की छुपी हुई घटना सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करेंगे।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। भगवान गणेश से जुड़ी विभिन्न प्रकार की कहानी और मान्यताएं हिंदू धर्म में काफी प्रचलित है। उनमें से एक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की पूजा सभी देवताओं से पहले की जाती है। गणेश चतुर्थी का त्योहार इसलिए भी बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। अंत तक जुड़े रहने पर आप समझ पाएंगे कि गणेश चतुर्थी क्यों और कब मनाया जाता है।

Ganesh Chaturthi 2022 | गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है
त्यौहार का नाम | गणेश चतुर्थी 2022 |
म्हूरत | शाम 3: 23 पर |
कब है | 31 अगस्त 2022 को |
क्यों मनाया जाता है | भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है |
कहां मनाया जाता है | भारत के सभी क्षेत्र में मनाया जाता है वह मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में |
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गणेश चतुर्थी कहां मनाया जाता है?
Where is Ganesh Chaturthi celebrated:- जैसा कि हम सब जानते है भारत में अलग-अलग धर्म रंग रूप जाति संस्कृति समुदाय के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते है। ऐसे में हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी देवताओं से ऊपर का स्थान दिया गया है। इसमें भी महाराष्ट्र राज्य की संस्कृति में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। Ganesh Chaturthi Festival पूरे भारत में हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है मगर मुख्य रूप से यह त्यौहार कुछ अलग ही उत्साह से महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है।
हम ऐसा कह सकते है कि गणेश चतुर्थी के त्योहार के दिन एक बड़े से मेले का आयोजन करते हुए महाराष्ट्र राज्य में यह त्यौहार मनाया जाता है। वर्तमान भारत में गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा मिला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है।
गणेश चतुर्थी कैसे मनाया जाता है?
How is Ganesh Chaturthi celebrated:- गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोग इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना पंडाल में या अपने घर के मंदिर में करते है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष आरती उनके पसंदीदा मोदक के साथ उतारी जाती है। इसके साथ ही मूर्ति के समक्ष कलश स्थापित किया जाता है और भगवान गणेश के निमित्त औरतें उपवास या गणेश व्रत रखती है। इस दिन सभी भक्तगण भगवान गणेश की पूर्ण श्रद्धा से पूजा पाठ करते है।
गणेश चतुर्थी के पूरे दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है औरतें उपवास करती है और रात में अर्ध चंद्रमा को अरग देते हुए बिना चंद्रमा की तरफ देखें गणेश व्रत का समापन करती है। गणेश चतुर्थी के दिन शाम को भगवान गणेश की आरती होती है और बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस तरह भारत के विभिन्न क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ सभी सगे संबंधी एक साथ मिलकर मनाते है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाता है?
When is the festival of Ganesh Chaturthi celebrated:- हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान गणेश के जन्म के वक्त भाद्रपद का महीना शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि थी। इस वजह से भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। अगर हम भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की बात करें तो 30 अगस्त को भाद्रपद का महीना शुरू हो रहा है मगर 31 अगस्त को उदया तिथि 31 अगस्त 2022 बुधवार की सुबह 11:05 से शुरू हो रहा है इस वजह से पूजा अनुष्ठान की तैयारी 31 अगस्त को की जाएगी।
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा को करने के लिए योग बहुत ही मायने रखता है। गणेश चतुर्थी के तिथि की शुरुआत 30 अगस्त दोपहर 3:30 पर हो जाएगी मगर उदया तिथि का शुभ योग 31 अगस्त को बन रहा है इसलिए गणेश व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा और इस वजह से इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है।
हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार इस तरह शुभ योग और भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। निर्धारित तिथि पर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और औरतों के द्वारा गणेशपुरा तक घर की सुख शांति के लिए रखा जाता है।
गणेश जी को क्या पसंद है
what does Ganesh ji like:- गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की आरती और पूजा अर्चना उनके पसंद के व्यंजन और अन्य पदार्थ से की जाती है। भगवान गणेश को मोदक सबसे प्रिय है जो लड्डू का एक प्रकार होता है। इस दिन भगवान गणेश जी की आरती मोदक से उतारी जाती है और भगवान गणेश को पान, फुल, भी पसंद है इसके अलावा पूजा में सुपारी का इस्तेमाल किया जाता है जो भगवान गणेश की पत्नी रिद्धि और सिद्धि का संकेत है।
भगवान गणेश की पूजा के दौरान उनकी पसंदीदा चीजों का इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें खाने में मोदक पसंद है इसलिए आरती के वक्त मोदक और सजावट के लिए पान पत्र, सुपारी और फूल का इस्तेमाल किया जाता है।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है | पौराणिक कथा
Why is Ganesh Chaturthi celebrated:- हिंदू धर्म में हर कथा के पीछे किसी तरह की कथा छुपी होती है। इसी तरह गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल पूरी दुनिया में भव्य तरीके से हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है और इसके पीछे भगवान शंकर और पार्वती से जुड़ी एक रोचक कथा जुड़ी हुई है।
एक समय की बात है जब पार्वती अपने पति शंकर के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करती थी। उस वक्त उन्होंने दरवाजे पर भगवान शंकर के परम भक्त नंदी को पहरेदारी के लिए खड़ा कर दिया और किसी को भी अंदर ना आने का आदेश देकर वे घर के अंदर चली गई। जब भगवान शंकर वहां पधारें तो उन्होंने यह कहकर इस बात को टाल दिया कि यह आदेश बाकी लोगों के लिए है हमारे लिए नहीं और इतना कहकर भगवान शंकर घर के अंदर चले गए। इस बात से माता पार्वती काफी आहत हुई उन्हें ऐसा लगा कि उनके आदेश का यहां सही तरीके से पालन करने वाला कोई नहीं है।

इसलिए माता पार्वती चाहती थी कि उनका एक ऐसा पुत्र हो जो उनका हर आदेश माने और इसलिए उन्होंने कुछ मिट्टी के टुकड़े से एक पुत्र की प्रतिमा बनाई और उसे जीवनदान दिया। उस पुत्र का नाम उन्होंने गणेश रखा और अगले देना भगवान गणेश को यह आदेश दिया कि किसी को भी घर के अंदर आने ना दें और इतना कहकर वह घर के अंदर चली गई। पिछली बार की तरह इस बार भी भगवान शंकर जब दरवाजे पर पधारे तो छोटे बालक गणेश दरवाजे से ना हटने की जिद पर अड़ गए। उनका कहना था कि उनकी माता ने यह आदेश दिया है कि किसी को भी घर में आने ना दिया जाए और इसलिए वह भगवान शंकर को घर में घुसने नहीं देंगे। इतना सुनकर भगवान शंकर बहुत क्रोधित होते है और अपने त्रिशूल से उस बच्चे का गर्दन काट देते है।
गणेश चतुर्थी मानाने के कारण
जब इस तरह के बहस या ध्वनि को सुनकर माता पार्वती बाहर आती है तो भगवान शंकर के द्वारा की गई इस घटना पर बहुत क्रोधित होती है। इस पर भगवान शंकर ने आदेश दिया की इस बच्चे का शीश जल चुका है किसी ने शीश का इंतजाम किया जाए। उस वक्त उनके भक्त जनों के द्वारा हाथी के शीश का इंतजाम किया गया। वक्त कम होने की वजह से उन्होंने इस शीश को हि भगवान गणेश के धड़ से जोड़ दिया। इस घटना पर हर देवता ने भगवान गणेश को एक-एक आशीर्वाद दिया जिसमें इन्हें सभी देवताओं से सबसे भव्य तरीके से पूरे जाने और सबसे ऊंचा स्थान दिया। जब यह घटना घटी थी तब भाद्रपद महीने किस शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि चल रही थी। इस वजह से हर साल भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ पूरे विश्व में हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है।

FAQ’s गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है
Q. गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाता है?
गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
Q. इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाएगा?
इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा।
Q. गणेश चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त क्या है?
इस साल गणेश चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त शाम 3:23 का रखा गया है।
Q. गणेश चतुर्थी का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े भव्य तरीके से पूरे भारत भर में भगवान गणेश जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
निष्कर्ष
इसमें हमने आपको गणेश चतुर्थी क्यों और कब मनाया जाता है से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारी दी है। हमने आपको सरल शब्दों में यह समझाया कि भगवान गणेश की पूजा-अर्चना किस प्रकार की जाती है और आखिर गणेश चतुर्थी से कौन सी कथा जुड़ी हुई है। भगवान गणेश से जुड़ी हुई गणेश चतुर्थी की कथा की जानकारी आज के लेख में सरल शब्दों में हमने आपको दी है अगर इस लेख से अब गणेश चतुर्थी त्योहार के बारे में अच्छे से समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथियों अचार्य किसी भी प्रकार के प्रश्नों को कमेंट में पूछने ना भूले।
Nyc post sir
Sir jis tarah aap jankari dete hai
Uss tarah agar sabhi log jankari de tab to sabhi logo ka help ho paye
Durga Puja आख़िर क्यों मनाया जाता हैं?