Guru Nanak Jayanti Essay in Hindi:- जैसा कि आप लोग जानते हैं कि 8 नवंबर को भारत में गुरु नानक जयंती काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा . Guru Nanak Jayanti, गुरु नानक जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाई जाती है . इस दिन गुरुद्वारे में विभिन्न प्रकार के भजन कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं . जिसमें सिख धर्म के मानने वाले लोग सम्मिलित होकर ध्यान होकर गुरु नानक जी से प्रार्थना करते हैं कि उनके ऊपर विशेष कृपा उनकी बनी रहे और उनके जीवन में कुछ भी अगर तकलीफ या दुख है उसका समापन हो सके ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि गुरु जयंती पर एक बेहतरीन निबंध हिंदी में कैसे लिखें अगर आप नहीं जानते हैं कि गुरु नानक जयंती पर निबंध कैसे लिख सकते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर बने रहें चलिए शुरू करते हैं-
Guru Nanak Jayanti Essay in Hindi
आर्टिकल का प्रकार | निबंध |
आर्टिकल का नाम | गुरु नानक देव जयंती |
साल | 2022 |
कब मनाया जाएगा | 8 नवंबर को |
क्यों मनाया जाएगा | गुरु नानक जन्मदिन के उपलक्ष में |
कहां मनाया जाएगा | पूरे भारतवर्ष में |
कौन से धर्म के लोग मनाते हैं | सिख धर्म के |
गुरु नानक जयंती पर निबंध हिंदी में Guru nanak Jayanti Nibandh
गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस पावन अवसर पर सिख समुदाय के लोग सुबह से प्रभात फेरी निकालते हैं और साथ में एक गुरुद्वारे में कीर्तन और लंगर ओं का आयोजन किया जाता है गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है इसकी प्रमुख वजह है कि इसी दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक जी का जन्म हुआ था तभी से उनके जन्मदिन को नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है सुबह से ही प्रभात फेरियां निकलते है और गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगरों का आयोजन करते हैं। इस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है, क्योंकि पंजाबी धर्म के मुख्य अनुयाई गुरु नानक देव का जन्म इस दिन हुआ
गुरु नानक जी ने मानवता की भलाई और रक्षा के लिए अपने घर का क्या किया और लगातार 24 सालों तक देश के और भी देश के कोने कोने में उन्होंने भ्रमण किया ताकि लोगों को मानवता की सच्ची परिभाषा समझाइए जा सके उन्होंने सभी लोगों की सेवा निष्ठा और ईमानदारी पूर्वक की किसी में कुछ भी भेदभाव नहीं किया उनका मानना था कि हम सभी लोग ईश्वर की संतान है और हमें ना कोई छोटा है और ना कोई बड़ा है उन्होंने अपनी इस विचार को सभी लोगों के पास पहुंचाने का काम किया और उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की यही कारण है कि उन्हें सिख धर्म का प्रथम गुरु कहा जाता है I इसके अलावा उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों का पुरजोर विरोध किया और लोगों को जागरूक करने का भी उन्होंने काम किया I
Essay on Guru Nanak Jayanti
सिख धर्म में गुरु नानक जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार है। गुरु नानक जयंती को गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती को लोकप्रिय रूप से गुरुपुरब या गुरु नानक का प्रकाश उत्सव कहा जाता है। यह दिन देश और दुनिया में सिख धर्म के लोगों द्वारा बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है।
गुरु नानक जयंती मनाने का महत्व important guru nanak Jayanti in hindi
गुरु नानक देव को सिखों का पहला गुरु माना जाता है। उन्हें सिख धर्म का संस्थापक कहा जाता है। नानक जयंती सिख धर्म के मानने वाले लोगों के लिए विशेष खराब है उन्होंने सिख धर्म के विस्तार और प्रचार करने में जो योगदान दिया था उनको याद करने के लिए वीजा जयंती मनाया जाता है गुरु नानक जयंती को भारत के कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा गुरु नानक की शिक्षाओं को याद किया जाता है और उनका पाठ किया जाता है।
गुरुपर्व का उत्सव (Guruparb 2022)
गुरु नानक जयंती हर साल कार्तिक महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। उत्सव तीन दिनों के लिए मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती के उत्सव की तैयारी घरों और गुरुद्वारे की सफाई और माला, रोशनी, दीये, तार आदि से सजाने के साथ शुरू होती है। इस दिन 48 घंटे गुरु साहिबा ग्रंथ का पाठ किया जाता है और उसमें सिख धर्म के मानने वाले लोग सम्मिलित होकर गुरु नानक जी के विचारों और उनके सिद्धांतों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं और अपने जीवन में आत्मसात करने की कसम खाते हैं
गुरु नानक देव का जन्म Guru nanak dev birthday in Hindi
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव सिखों के पहले गुरु थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को लाहौर के राय भोई की तलवंडी गाँव में हुआ था उनके पिता का नाम मेहता कालू माता माता का नाम तृप्ता वर्तमान में, इसे ननकाना साहिब, पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है। नानक की एक बहन थी जिसका नाम बीबी नानकी था।
गुरु नानक देव को सांसारिक और भौतिकवादी दुनिया से कोई मतलब था नहीं था उन्होंने 30 साल की उम्र के बाद में घर का क्या किया और विभिन्न देशों की यात्रा पर निकल गए वहां पर उन्होंने कई बड़े-बड़े धर्म शास्त्री के जानकार लोगों से वाद-विवाद किया और धर्म में व्यापार धर्म कांड और अंधविश्वास ऐसी चीजों का उन्होंने पुरजोर तरीके से विरोध किया I
गुरु नानक गुरुपर्व कैसे बनाया जाता है celebration of guru nanak gurpurab
लोग गुरु नानक साहिब के जन्मदिन को बहुत धूमधाम, उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं।वे इस अवसर पर नए कपड़े पहनते हैं और घर और गुरुद्वारा कहे जाने वाले पूजा स्थलों को रोशनी, मोमबत्तियों और मालाओं से घर को सजाते हैं इस दिन सिख धर्म के पवित्र धर्म ग्रंथ गुरु साहिबा ग्रंथ बाबा का पाठ 48 घंटे किया जाता है प्रभात फेरी लोगों द्वारा सुबह के समय की जाती है । गुरुपुरब से एक दिन पहले, लोगों के द्वारा कीर्तन पालकी निकाला जाता है जिसमें सभी सिख धर्म के मानने वाले लोग हाथ में झंडा लेकर साथ साथ चलते हैं जाते है। इन जुलूसों का नेतृत्व जुलूस के साथ सिख योद्धाओं ने मार्शल आर्ट, भांगड़ा नृत्य, और भजन गायन का आयोजन किया जाता है I इसके अलावा इस दिन लंगर की व्यवस्था की जाती है ताकि जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जा सके
गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है?
गुरु नानक देव की याद में गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सिख धर्म के लोग उनके जन्मदिन को पूरे हर्षोल्लास के साथ उत्सव के रूप में मनाते हैं। यह दिन गुरु नानक की महत्वपूर्ण शिक्षाओं को याद करने और और जीवन में उनका अनुसरण करना है उसके लिए मनाया जाता है गुरु नानक जी ने अपने पूरे जीवन काल में कई देशों की यात्रा की थी वहां पर उन्हें माता की सेवा कैसे करनी है उसकी लोगों को शिक्षा दी थी
गुरु नानक ने लोगों के लिए लंगर रसोई की व्यवस्था करने का प्रावधान शुरू किया। यह समाज में मौजूद असमानता और मतभेदों को दूर करने के लिए एक दीक्षा थी। यह समाज के सभी वर्गों के बीच भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए एक महान कदम था। यह महान उत्सव ऐसे व्यक्ति के लिए एक श्रद्धांजलि है जिसने अपना जीवन लोगों के कल्याण के लिए समर्पित करने के साथ-साथ एक मूल्यवान शिक्षण प्रदान किया।
Guru Nanak Jayanti Par Nibandh
सिख धर्म के प्रवर्तक और प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म 14 अप्रैल 1469 को लाहौर के तलवंडी में हुआ आज की तारीख में यह आसान स्थान पाकिस्तान में स्थित है
इनके पिताजी का नाम कल्याणचंद था, जो एक कास्तकार थे. जब नानक 16 वर्ष के हुए तो इनका विवाह हो गया, इनको दो पुत्र प्राप्त हुए जिनका नाम श्रीचंद और लक्ष्मीचंद
सिखों के पहले गुरू नानक देव को उनके अनुयायी गुरु नानक, बाबा नानक और नानक शाह के नाम से पुकारते हैं यही कारण है कि तलवंडी का नाम बदलकर नानक साहब कर दिया गया बचपन से ही इनका झुकाव आध्यात्मिकता की तरफ था इसलिए बचपन मैंने स्कूल जाना बिल्कुल पसंद नहीं था और केवल 18 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और अपना पूरा जीवन ईश्वर की भक्ति में समर्पित कर दिया
Guru Nanak Jayanti Essay in Hindi
बालपन से ही नानक का आध्यात्म के प्रति गहरा झुकाव रहा, स्कूल जाने और पढ़ने में इन्हें कोई दिलचस्पी नहीं थी, मात्र आठ वर्ष की आयु में ही इन्होने स्कूल जाना छोड़ दिया तथा ईश्वर के नाम स्मरण में जीवन बीतता गया. उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता के भलाई के लिए समर्पित कर दिया इसके अलावा उन्होंने हमेशा सनातन धर्म की इस्लाम के लोगों से रक्षा किया यही कारण है कि गुरु नानक जी केवल सीखो कि नहीं बल्कि हिंदुओं के लिए भी ईश्वर के समान हैगुरू नानक देव के जन्मदिन को गुरु परब अर्थात गुरुपर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता हैं. यह पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ता है यह सिक्ख समुदाय का एक महत्वपूर्ण पर्व हैं.
गुरु नानक जी का दर्शन
नानक देव ने परम्परागत रूप चली आ रही मूर्ति पूजा का उन्होंने विरोध किया. वे सर्वेश्वरवाद के समर्थक थे. उन्होंने सनातन में एकेश्वरवाद अर्थात अलग अलग ईश्वरों को मानने की बजाय एक ही ईश्वर का ध्यान करने का संदेश
इसके अलावा उन्होंने धर्मों में व्याप्त कुरीतियां और आडंबर का पुरजोर विरोध किया और उन्होंने धर्म के अंदर आने दो प्रकार के बदलाव किए गुरु नानक साहब स्त्रियों के बहुत ज्यादा इज्जत किया करते थे यही कारण था कि उन्होंने इस तरीके के ऊपर कई प्रकार के किताबें लिखी इसके अलावा उनका विश्वास था कि हिंदू और मुसलमान को मिलकर आना चाहिए तभी जाकर हमारी एकता और सद्भावना बनी रहेगी
हिंदी साहित्य से संबंध
गुरु नानक देव जी की गिनती भक्ति काल के कवियों में की जाती है उन्होंने कई प्रकार के निर्गुण रचना का निर्माण भी किया इनके संबंध में आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी ने लिखा है कि भक्ति भाव से पूर्ण होकर गणेश जी भजन किया करते थे उनकी सभी रचनाओं का संग्रह गुरु ग्रंथ साहब ने मिलता है
गुरु नानक की मृत्यु
जीवन भर मानवता एवं एक ईश्वर की प्रार्थना का संदेश देने वाले नानक देव को सर्वाधिक ख्याति जीवन के अंतिम वर्षों उन्हें प्राप्त हुई उन्होंने अपने जीवन के अधिकांश का हाल यात्रा में व्यतीत किया उन्होंने करतारपुर में एक विशाल धर्मशाला का निर्माण करवाया और यही करतारपुर मैं उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया यही कारण है कि पाकिस्तान के करतारपुर में नानी का साहब गुरुद्वारा भी है
. उनके देहांत के बाद प्रिय शिष्य लहना उत्तराधिकारी बने जो बाद में गुरु अंगद देव के नाम से सुप्रसिद्ध हुए.
FAQ Guru Nanak Jayanti Essay in Hindi
गुरु नानक जयंती कब मनाई जाती है?
उत्तर । कार्तिक मास में पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।
Q.2 क्या सिख धर्म के लिए गुरु नानक भगवान हैं?
उत्तर । नहीं, सिख एक ईश्वर में विश्वास करते हैं और गुरुओं की पूजा नहीं करते हैं, बल्कि अपने गुरुओं की शिक्षाओं को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
Q.3 लंगर रसोई की अवधारणा किसने दी?
उत्तर । लंगर की शुरुआत गुरु नानक ने 1500 ई. में की थी। वह सिख धर्म के संस्थापक हैं और उन्होंने दान के लिए लंगर शुरू किया।
Q.4 गुरपुरब क्या है?
उत्तर । गुरु नानक जयंती को लोकप्रिय रूप से गुरुपर्व के नाम से जाना जाता है।