मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के जनजातीय समुदाय के विकास को लेकर सजगता बरती जा रही है। आदिवासी जनजाति समुदाय के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में बड़ी घोषणा की है। आदिवासी समुदाय के लोग बिरसा मुंडा की जयंती ( MP Birsa Munda Jayanti ) बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस जयंती के उपलक्ष पर बीजेपी शासित प्रदेशों में इस दिन को “जनजाति गौरव दिवस” (Janjati Gaurav Diwas) के रुप में मनाया जा रहा है। जनजाति गौरव दिवस के शुभ उपलक्ष पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनजातीय समुदाय के लिए वन धन योजना (MP Van Dhan Vikas Yojana) की शुरुआत की है।
वन धन योजना के अंतर्गत विकास केंद्रों की स्थापना की घोषणा की गई है। जिससे आदिवासी जनजाति लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए जाने हेतु कदम उठाए जाएंगे। जनजातीय समुदाय की आमदनी को बढ़ाने हेतु प्रयास किए जाएंगे।
आइए जानते हैं, वन धन योजना क्या है? मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई वन धन योजना क्या है? वन धन योजना का लाभ कैसे मिलेगा? मध्य प्रदेश वन धन योजना कब शुरू हुई? वन धन योजना के लिए कैसे आवेदन किया जा सकता है? पात्रता दस्तावेज संबंधित संपूर्ण विवरण लेख में सम्मिलित किया जा रहा है। अतः आप लेख में अंत तक बने रहे।
वन धन योजना 2022 | MP Van Dhan Vikas Yojana 2022
दरअसल वन धन योजना की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2018 को शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत केंद्रीय स्तर पर नोडल विभाग के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत और राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में विकसित करने हेतु शुरू किया गया है। इस योजना के तहत आदिवासी जनजाति समुदाय को आमदनी बढ़ाने हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार जनजाति समुदाय को रोजगार से जोड़ने और उधम स्किल को विकसित करने हेतु कार्य योजना का प्रारूप तैयार कर रही है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत में सबसे ज्यादा उत्पाद जंगल क्षेत्र से निर्मित होते हैं। यदि जंगल क्षेत्र में निवास कर रहे। आदिवासी जाति को जंगल के पेड़ पौधों से बनाए जाने वाले उत्पाद का सही प्रशिक्षण दिया जाए, तो उनकी आमदनी तो बढ़ेगी ही साथ ही उनके हुनर का विकास भी होगा। इसी उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा जनजातीय इलाकों में वन्य उपज का प्रसंस्करण और प्रोसेसिंग की जाएगी। जिससे लोगों को बेहतरीन वन उत्पाद मिलेंगे और आदिवासी जनजाति को बेहतरीन जीवन शैली प्राप्त होगी।
वन धन विकास केंद्र पर एक नजर | Have a look at Van Dhan Vikas Kendra
भारत सरकार द्वारा आदिवासी व वन्य जनजातीय लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम और उद्यमिता हुनर सिखाने हेतु वन विकास केंद्र खोले जाने की शुरुआत कर चुकी है। सरकार द्वारा आदिवासियों को सही मूल्य दिलाने के लिए 50 हज़ार Van Dhan Vikas Kendra (VDVK) खोले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। फिलहाल देश में 141 आउटलेट संचालित किए जा रहे हैं। जहां वन उत्पादों की बिक्री की जा रही है। भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 31 मार्च 2021 तक 18 महीने के भीतर ही 2224 वन धन विकास केंद्र क्लस्टर के ग्रुप में 300 वनवासियों के साथ 33308 वन धन विकास केंद्र को खोले जाने पर मंजूरी दी जा चुकी है। वन धन योजना का लाभ सबसे अधिक पूर्वोत्तर के राज्यों में निवास कर रहे आदिवासी जनजाति को मिलने वाला है। जनवरी 2022 तक 927927 लोग लाभाविंत हो चुके हैं . 3110 VDVK Clusters खोले जा चुके हैं . योजना को 461 करोड़ की लागत से 278 जिलों तक पहुचाया जा चूका हैं .
वन धन विकास योजना की विशेषता | Features of Van Dhan Vikas Yojana 2022
केंद्र सरकार द्वारा जनजाति समुदाय के स्तर को बेहतर बनाने हेतु वन उत्पादों को देश में सभी जगह उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी के साथ मध्यप्रदेश में निवास कर रहे जनजातीय समूह को आर्थिक रूप से विकसित करने हेतु सरकार उद्यमिता हुनर को बढ़ाने के लिए आदिवासियों को ट्रेनिंग दे रही है। वन उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देने के पश्चात उन्हें रोजगार से जोड़ा जा रहा है। वन धन योजना की अनेक विशेषताएं हैं जैसे:-
- आदिवासियों को अपने ही क्षेत्र में VDVKC खोले जाने पर लाभ प्राप्त होगा।
- वन धन योजना के अंतर्गत प्राइमरी प्रोसेसिंग और मूल्यवर्धन के लिए 4638 लाख रुपए आवंटित किए गए।
- संपूर्ण देश में आदिवासी क्षेत्रों में 50,000 से अधिक बंधन विकास केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- पूर्वोत्तर राज्यों में 80% वंदन विकास केंद्र खोले जाएंगे।
- भारत में पूर्वोत्तर राज्यों में अधिकांश जनसंख्या आदिवासी एवं अन्य जाति से बिलॉन्ग करती है।
- भारत में बने उत्पादों को बेचने हेतु तकरीबन 141 आउटलेट खोले जा चुके हैं। जहां पर बने वन उत्पादों को केंद्रीय स्तर पर बेचा जाएगा।
- वन धन योजना के अंतर्गत आदिवासी समुदाय को अन्य उत्पाद बेचने हेतु बड़ा मार्केट उपलब्ध करवाया जा रहा है।
- जो आदिवासी समुदाय अन्य उत्पाद बनाने में सक्षम नहीं है। तो उन्हें सरकार द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पास ही खुले गए हैं वन उत्पाद कारखानों में रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
- योजना के अंतर्गत आदिवासियों को देश का सबसे बड़ा ट्राइब्स इंडिया आउटलेट उपलब्ध करवाया जा रहा है। TribesIndia.com के माध्यम से वन उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है।
वन / जंगल से निर्मित उत्पादन | Forest / forest produce
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में वनों की संख्या अधिक है। यहां पर रहने वाले समुदाय आदिवासी तथा वन्य जनजातीय श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इस श्रेणी को अधिक से अधिक वन उत्पाद बनाने का प्रशासन देना अब सरकार ने अपने जिम्मे लिया है। मध्य प्रदेश की सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासियों को वन से उत्पाद बनाने की स्किन सिखा रही है। आमतौर पर बिना किसी वृक्ष को नुकसान पहुंचाएं बहुत से उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें कुछ उत्पाद इस प्रकार हैं:- वनों से निकलने वाले खाद्य पदार्थों से
- कैंडी
- जैल,
- स्केच मसाले
- अचार
संशोधित किलो जैसे अन्य उत्पाद उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
इन सभी उत्पादों का उपयोग भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी खूब होता है। तो अधिकांश मात्रा में उत्पाद विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है। जिसे आदिवासियों की आय बढ़ने लगती है। उन्हें एक अच्छा जीवन शैली मिलता है।
वनों से निर्मित सभी उत्पाद शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। जिसे खरीदना उपयोग करना हर कोई चाहता है।
वन धन योजना के लिए कैसे आवेदन करें | How to apply for Van Dhan Yojana
मध्य प्रदेश के जो जनजाति समुदाय के लोग वन धन योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग लेकर रोजगार से जुड़ना चाहते हैं। तो उन्हें ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करके आवेदन करना होगा। आवेदन करने की संपूर्ण प्रक्रिया इस लेख में दी जा रही है अतः इसे फॉलो करें।
- सर्वप्रथम वन धन योजना की ऑफिशल वेबसाइट trifed.tribal.gov.in पर विजिट करें।
- वेबसाइट होम पेज पर दिखाई दे रहे योजना से जुड़ी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- अब योजना आवेदन फॉर्म पर क्लिक करें।
- आवश्यक दस्तावेज पर क्लिक करें।
Q. वन धन योजना कब शुरू की गई थी?
Ans. वन धन योजना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 31 मार्च 2021 में शुरू की गई थी।
Q. वन धन योजना क्या है?
Ans. वन धन योजना भारत के पूर्वोत्तर राज्य में निवास कर रही आदिवासी एवं वन्य जनजातीय समुदाय को आर्थिक रूप से सक्षम बनाती हैं। वन से निकलने वाले सभी पदार्थों को नए प्रारूप में निर्मित कर बेचा जाता है। जिससे आदिवासियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।
Q. वन धन योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
Ans. वन धन योजना के अंतर्गत पहले आदिवासी समुदाय को वन से उत्पाद बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है। परीक्षण के लिए नजदीकी वन विकास केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं। इसी के साथ ऑफिशल साइट पर विजिट करके भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।