नीम करोली बाबा के चमत्कार | Neem karoli baba miracles: नीम करोली बाबा के चमत्कारों के बारे में पूरी दुनिया जानती है और नीम करोली बाबा के लाखों की संख्या में भक्त हैं सबसे बड़ी बात है कि नीम करोली बाबा के भक्तों में एप्पल के सीईओ से लेकर फेसबुक के संस्थापक जैसी हस्तियां बाबा का अलौकिक आशीर्वाद प्राप्त कर चुकी है हालांकि नीम करोली बाबा आज की तारीख में दुनिया में नहीं है लेकिन उनके जाने के बाद भी उनके अलौकिक चमत्कार उनके भक्तगण महसूस करते हैं | जिसका विवरण उनके भक्तों ने स्वयं लोगों के साथ साझा किया है इसलिए इसलिए हम आर्टिकल में Neem karoli baba Miracles संबंधित जानकारी आपके साथ साझा करेंगे इसलिए आपसे निवेदन है कि हमारा लेख पूरा पढ़े-
Neem Karoli Baba Miracles | नीम करोली बाबा के चमत्कार
आर्टिकल का प्रकार | नीम करोली बाबा के चमत्कार |
आर्टिकल का नाम | नीम करोली बाबा के चमत्कार |
साल | 2023 |
जन्म | 1900 |
मृत्यु | 1973 में |
नीम करोली बाबा धाम कहां है | उत्तराखंड |
Also Read: बैसाखी पर निबंध
Neem Karoli Baba Miracles in Hindi
नीम करोली बाबा के चमत्कार के बारे में बात करें तो उन्होंने अपने जीवन काल में अनेकों प्रकार के चमत्कार किए हैं जिसका पूरा विवरण हम आपको नीचे संक्षिप्त में क्रमानुसार प्रदान करेंगे आइए जानते हैं-:
जब भंडारे में घी कम पड़ गया था –
बाबा नीम करौली के धाम में हमेशा भंडारे चलते हैं और आज भी चला करते हैं एक दिन अचानक भंडारे में घी की कमी हो गई जिसके बाबा के सेवक ने जाकर बाबा से कहा कि बाबा की घी कमी हो गई है तो ऐसे में हमें क्या करना चाहिए तो बाबा ने अपने सेवक को कहा शिप्रा का जल डाल दो !! वो क्या घी से कम है !! बाबा का आदेश मानते हुए सेवक ,बगल में बह रही शिप्रा से कनस्तर में पानी भर कर लाये , तो वह पानी घी में परिवर्तित हो गया।
Read More: Manish Kashyap Contact Number
नीम करोली बाबा का चमत्कार देखकर ,एक विदेशी बन गया रामदास और लिख दी ” Miracle of Love “
रिचर्ड अल्पर्ट नामक अंग्रेज ,जो हारवर्ड यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान में सहायक प्रोफ़ेसर थे , मनुष्य को भ्रमित करने वाले रसायनिक नशे जैसे – एलएसडी पर अध्यन करते करते वह इस नशे के खुद आदि हो गए थे लेकिन उनका मन आध्यात्मिकता ज्यादा था और उसकी खोज में भारत आ गया जहां पर उनकी मुलाकात उनकी मुलाकात बाबा नीम करोली से हुई। उन्होंने बाबा को साधारण बाबा समझकर उन्हें बहुत सारी एलएसडी की गोलिया खाने दे दिया | जिसके बाद बाबा ने सभी गोलियों को खा लिया लेकिन उनकी इस गोलियों का बाबा के ऊपर कुछ असर नहीं हुआ और बाबा का यह चमत्कार देखकर रिचर्डअल्पर्ट उनके शिष्य बन गए |
करोली बाबा ने यह सन्देश दिया कि इस नशे में कुछ नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि अगर आपको नशा करना है तो आध्यात्म का नशा करो। जिसके द्वारा आप ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं बाबा ने अंग्रेज को रामदास का नाम लिया रामदास ने बाबा के चमत्कारों के ऊपर एक किताब भी लिखी जिसका नाम , “miracle of love” रामदास ने सेवा फाउंडेशन और हनुमान फाउंडेशन नामक संस्थाओं की सहायता से भारत और विदेशो में आध्यात्म से जुड़ाव और जनकल्याणकारी कार्य किये।
Also Read: क्रिकेटर रिंकू सिंह का जीवन परिचय
कुवे का खारा पानी मीठा हो गया – Neem Karoli Baba Miracles
बाबा नीम करौली का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ था और कहते हैं कि जिस गांव में उनका जन्म हुआ था वहां पर एक कौवा था जिसका पानी काफी खड़ा था जिसके कारण लोग इस कुएं का पानी पी नहीं पाते थे | एक बार बाबा अपने शिष्यों के साथ यात्रा पर निकले और उन्हें प्यास लगी जब वह अपने शिष्य को उन्होंने कहा कि पानी लेकर आओ तो उनके शिष्य ने कहा कि बाबा इस कुएं का पानी काफी खारा है | इसके बाद बाबा ने कहा कि इस कुएं में एक बुरा चीनी डाल दो पानी मीठा हो जाएगा और वास्तव में कुएं का खारा पानी मीठा हो गया ऐसे बाबा बाबा के इस चमत्कार की चर्चा पूरे फर्रुखाबाद में होने लगी |
बाबा के चमत्कार से बन गया , बाबा लक्ष्मण दास पूरी स्टेशन –
ऐसा कहा जाता है कि जब बाबा ट्रेन से यात्रा पर थे तो बीच यात्रा में टिकट चेक करने के लिए टिकट पर्यवेक्षक आया और उन्हें बाबा से टिकट दिखाने के लिए कहा बाबा ने कहा उनके पास टिकट नहीं है जिसके बाद ट्रेन रुका कर बाबा को ट्रेन के बाहर कर दिया गया बाबा वही किनारे आसन लगाकर बैठ गए इसके बाद रेलवे के स्टाफ ने जैसे ही गाड़ी बढ़ाने की कोशिश की गाड़ी बिल्कुल चलने के लिए राजी नहीं हुई | काफी कोशिश के बाद भी गाड़ी को चलाया जा ना सका तभी एक लोग ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि बाबा के क्रोध के कारण ट्रेन चल नहीं पा रही है | तब रेलवे स्टाफ ने बाबा से याचना करके , बाबा को विशेष कोच में बिठाया। तब गाडी आगे बढ़ पायी। बाद में रेलवे ने वहां एक स्टेशन का निर्माण किया , जिसका नामबाबा लक्ष्मण दास पूरी स्टेशन रखा गया।
गुफा गायब हो गई – नीम करोली बाबा के चमत्कार
करोली बाबा के एक भक्त ने एक कथा सुनाई उनका अनुसार 40 वर्ष पहले रात मेवा कहीं जा रहे थे और अपना रास्ता व भटक गए अंधेरे में गुफा दिखाई दी जहां उजाला हो रहा था जब गुफा के पास गए तो दिखा की गुफा के अंदर महाराज जी बैठे हैं महाराज जी ने उन्हें भोजन करवाया और उसके बाद कहा कि तू रास्ता भटक गया है तुझे उस तरफ जाना है
वे महाराज जी के कथनानुसार 15 -20 कदम आगे गए ,तो उनको जिस गावँ में जाना था , वो मिल गया। जब पीछे मुड़कर देखा तो ना गुफा है ना बाबा थे तब भटका हुआ व्यक्ति आसानी से समझ गया कि यह सभी बाबा की लीला है
बाबा भक्त की भावना देखते थे –Neem Karoli Kaba Miracles in Hindi
नैनीताल जिले के भवाली के पास भूमियाधार में बाबा का एक छोटा आश्रम है। जिसके चारों तरफ अधिकांश अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं एक दिन बाबा अपने आश्रम में आए थे तभी उनका एक अनुसूचित जाति का भक्त एक साथ गिलास में दूध लेकर आया लेकिन गिलास को उसने एक गंदे कपड़े से ढका था जिसको देखकर किसी भी व्यक्ति का दूध पीने का मन नहीं करेगा लेकिन बाबाओं ने उस व्यक्ति को दूध को पिया इस प्रकार बाबा ने कहा कि हमें व्यक्ति को नहीं उसकी भावना को देखना चाहिए कि वह किस भावना से आपके पास आ रहा है
Neem Karoli Baba Miracles After Death in Hindi
नीम करोली बाबा की मृत्यु 1973 में हुई थी उनके मृत्यु के बाद भी लोगों का विश्वास है कि अगर नीम करोली बाबा धाम आएंगे उनके जीवन की जो भी समस्या है उसका निवारण बाबा के माध्यम से होगा | यही वजह है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु दुनिया के कोने-कोने से नीम करोली बाबा धाम आते हैं ताकि उनकी समस्या का निवारण हो सके ऐसे में अगर आपके जीवन में भी कोई समस्या या तकलीफ है तो आप नीम करोली बाबा धाम जा सकते हैं यहां की महिमा अपरंपार है और लोग यहां पर जब भी आते हैं उनकी मनोकामना की पूर्ति आवास होती है |
गाड़ी पास हो गई || Neem karoli baba ke chamtkar
बाबा का चमत्कार वाला यह किस्सा पढ़िए उनके एक अनन्य भक्त युधिष्ठिर जी के शब्दों में एक दिन मैं कानपुर बाबा को गाड़ी में लेकर जा रहा था कानपुर गंगा पुल पर एक और से यात्री और सामने से बैलगाड़ी भारी समान लेकर आ रही थी मैंने सोचा अब गाड़ी से अवश्य टकरायेगी और कार का एक्सीडेंट हो जाएगा लेकिन इतने में बाबा जी ने कहा कि तू आंख बंद कर ले जब मैंने थोड़ी देर बाद आंख उनके कहने से खोलिए देखा की बैलगाड़ी पास हो गई है इस प्रकार भक्तों ने कहा कि बाबा के चमत्कार से गाड़ी का एक्सीडेंट होने से बच गया
बाबा की भक्त वत्सलता
1968 में बाबा के एक भक्त की पुत्री प्रसव काल में थी जिसके कारण उसे अधिक पीड़ा और कष्ट हुए डॉक्टर ने साफ तौर पर कह दिया था कि उसे बचा पाना काफी मुश्किल है इसके बाद बाबा वहां पर प्रकट हुए और सीधे पुत्री के कमरे में चले गए उन्होंने लड़की को एक फूल दिया और साथ में उसका मनोबल ऊंचा किया इसके बाद बाबा चले गए जिसके फलस्वरूप लड़की ने एक पुत्र को जन्म दिया और लड़की को कुछ नहीं हुआ |
Also Read: Neem Karoli Baba Biography in Hindi
बाबा ने बारिश रोक दी –
हनुमानगढ़ी के मंदिर निर्माण का काम चला था इसके बाद जबरदस्त बारिश शुरू हो गई रुकने का नाम नहीं ले रही थी तभी बाबा जी अपनी कुटिया से निकले और उन्हें काली जल भरी घटाओं को आकाश की तरफ़ देखते अपने भक्त से बोले,
पूरन , ये बड़ी उग्र है , बड़ी उग्र है ! तभी महाराज जी ने ऊपर देखते हुये अपने दोनों हाथों से अपने विशाल वक्ष से कम्बल हटाते कुछ गर्जन के साथ बोले। “पवन तऩ़य बल पवन समाना” जिसके बाद देखते देखते हैं पानी रुक गया और आसमान बिल्कुल साफ हो गया |
बाबा के स्पर्श मात्र से बत्तियाँ जल उठी
भूमियाधार में कुछ माई लोग, बाबा का पूजन करने के लिए आश्रम में आए लेकिन बाबा वहां पर नहीं थे बाबा ने हाथ हिलाकर उन्हें लौट जाने का संकेत दिया । जिसके बाद गुरु दत्त शर्मा जी ने बाबा के पास जाकर अनुरोध किया कि मइयों को पूजा करने दीजिए उसके बाद बाबा ने अनुमति प्रदान की लेकिन आरती करने के लिए दियासलाई भूल गई तब बाबा बाबा ने झुँझलाहट में रूई से सनी हुई बत्तियों को हाथ में ले लिया ।और “ठुलिमां ठुलिमां ” कहते हुये हाथ घुमाया , जिसके बाद सभी बतिया जल उठे।
FAQ: Neem Karoli Baba Miracles in Hindi
Q. नीम करोली बाबा का असली नाम क्या था और उनकी शादी कब हुई थी?
Ans.नीम करोली बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा रखा गया था। केवल 11 वर्ष की आयु में उनका विवाह हो गया था।
Q. नीम करोली बाबा किसके सबसे बड़े भक्त थे ?
Ans. नीम करोली बाबा हनुमान जी के सबसे बड़े भक्त थे।
Q. नीम करोली बाबा को और किस नाम से जाना जाता था ?
Ans. नीम करोली बाबा चमत्कारी बाबा के नाम से भी जाना जाता था।
Q. नीम करोली बाबा की मृत्यु कब और कहां हुई थी?
Ans. नीम करोली बाबा की मृत्यु 1973 में मथुरा वृंदावन में हुई थी।