Joshimath News in Hindi | जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण | जोशीमठ में जमीन क्यों धँस रही है? वैज्ञानिक कारण जाने

Joshimath News

Joshimath News in Hindi:- जैसा की आप लोगों को मालूम होगा कि जोशीमठ में जमीन तेजी के साथ धंस रही है और कई लोगों के मकान भी बर्बाद हो चुके हैं जिसके कारण कई लोगों को अपना घर भी छोड़ना पड़ा है और इस घटनाक्रम पर सरकार ने भी अपनी पैनी नजर बना कर रखी है और हर संभव लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में सवाल आता है कि जोशीमठ (Joshimath) में जमीन क्यों धंस रही है? जमीन धंसने के वैज्ञानिक कारण क्या हो सकते हैं और जमीन मठ पर सरकार का क्या फैसला है पर आप इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं-

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आर्टिकल का प्रकारधार्मिक स्थल
आर्टिकल का नामजोशीमठ में भू-धंसाव के कारण ;
कहां पर हैउत्तराखंड राज्य में
कैसे पहुंचेसड़क रेल हवाई मार्ग के द्वारा
समुद्र तल से जोशीमठ की ऊंचाई कितनीयह समुद्रतल से 2500 मी० (8200 फीट) से 3050 मी० (10,010 फीट) तक की ऊंचाई पर स्थित
क्या जोशीमठ में हवाई अड्डा है?जॉली ग्रांट हवाई अड्डा जोशीमठ का निकटतम हवाई अड्डा है जो 272 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

जोशीमठ में जमीन क्यों धंस रही है? Due to landslide in Joshimath

जोशीमठ में जमीन की उधर रही है इसके पीछे कारण काफी हैरान करने वाला है दरअसल, जोशीमठ करीब 500 मीटर ऊंचे मलबों के पहाड़ पर बसा है। वो मलबे अतीत में हुए भूस्खलन के हैं। यहां की जमीन खोखली है जब-जब जमीन खिसकती है, या उसके नीचे हलचल होती है, तब दरारें उभरने लगती हैं। मौके पर हालात अध्ययन करने एक्सपर्ट की टीम ने केंद्र सरकार को अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा है कि स्थानीय आबादी और पर्यटक की संख्या में बढ़ोतरी भी जोशीमठ की जमीन झेल नहीं पा रही है जिसकी वजह से जोशीमठ में जमीन नीचे की तरफ धंस रही है I

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जोशीमठ की जमीन धसने के वैज्ञानिक कारण | Scientific Reasons for land Subsidence Of Joshimath

जोशीमठ के जमीन धंसने के पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है इसके बारे में भी जान को का कहना है कि जोशीमठ में जो भी जमीन धंस रहे हैं उसके पीछे हमारे द्वारा किया जाने वाला कार्य है क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में जिस प्रकार विकास के काम तेजी के साथ हो रहे हैं सभी वजह से भी इस प्रकार के स्थिति यहां पर उत्पन्न हुई है I भूकंप वाले क्षेत्रों में जिस तरह से मकान बनाए जाने के लिए गाइडलाइन हैं उसे भी फॉलो नहीं किया जाता है. इसके अलावा विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जोशीमठ में मकान बनाते वक्त वैज्ञानिक पद्धति का ध्यान नहीं रखा गया और नियमों की धज्जियां उठा दी गई हैं।

इलाके के मुताबिक ठोस मकान नहीं बने विज्ञानिक के टीम के द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है इस तरह की घटनाओं में प्लेट टेक्टोनिक्स का कोई योगदान नहीं है. ये बहुत नीचे होते भी नहीं हैं. संभव है कि ये 3-4 मीटर नीचे ही हो रहे हों.

जोशीमठ पर सरकार के फैसला | Joshimath Government Decided

जोशीमठ पर सरकार का क्या फैसला है तो हम आपको बता दें कि सरकार ने कहा कि जितने भी प्रभावित मकान और होटल है उन सभी को यहां पर विध्वंस किया जाएगा और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थापित किया जाएगा क्योंकि अब पूरा इलाका खतरे की स्थिति में कुछ चुका है और ऐसे में अगर लोगों को यहां पर छोड़ दिया गया तो कई लोगों की जानें जा सकती हैं यही वजह है कि इस इलाके के सभी घरों और होटलों से लोगों को बाहर निकाल कर उन्हें दूसरे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है I

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ताकि यहां पर जितने भी घर और होटल है उन सब को नष्ट किया जा सके इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से इस पर गंभीर चर्चा की है और प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा इस बात का आश्वासन दिया गया है कि हर संभव मदद की जाएगी  I

FAQ’s Joshimath News in Hindi

Q.जोशीमठ कौन से राज्य में है?

Ans.उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में हो रही घटनाओं की वजह से यह इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है I

Q.समुद्र तल से जोशीमठ की ऊंचाई कितनी है?

Ans.यह समुद्रतल से 2500 मी० (8200 फीट) से 3050 मी० (10,010 फीट) तक की ऊंचाई पर स्थित है.

Q.जोशीमठ का पुराना नाम क्या है?

Ans.पांडुकेश्वर में पाये गये कत्यूरी राजा ललितशूर के तांब्रपत्र के अनुसार जोशीमठ कत्यूरी राजाओं की राजधानी थी, जिसका उस समय का नाम कार्तिकेयपुर था।

Q.क्या हम जनवरी में जोशीमठ जा सकते हैं?

Ans.अक्टूबर का मानसून के बाद का महीना और सर्दियों के महीने (नवंबर से फरवरी) भी जोशीमठ की यात्रा के लिए एक उत्कृष्ट समय हो सकता है I

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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