हमारे देश भारत में बहुत बड़ी जनसंख्या निवास करती है। और यहां अनेक भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। भाषाओं की बहुलता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भारत के संविधान में ही 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की हिंदी, भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और बांग्ला भाषा दूसरे स्थान पर बोली जाती है। हिंदी भाषा | Hindi Bhasha हमारे देश भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रतिबिंब है। हिंदी वही भाषा है जिसने भारत को स्वतंत्रता का अर्थ समझाया। भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। और इसके उत्थान के लिए 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। और इस दिवस को हिंदी का महत्व बढ़ाने के लिए मनाया जाने लगा।
इस आर्टिकल में हम हिंदी भाषा | Hindi Bhasha Per Nibandh के बारे में विस्तार से बात करेंगे जैसे की हिंदी भाषा किन-किन देशों में बोली जाती है मातृभाषा क्या होती है, हिंदी मातृभाषा पर बात करेंगे, हिंदी की उत्पत्ति और विकास और हिंदी हमारी कैसे मातृभाषा बनी इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से बात करेंगे।
In Which Countries Hindi Language Is Spoken | किन देशों में बोली जाती है हिंदी भाषा
जैसा की हम सभी जानते है की हिंदी भाषा विश्व में अधिकतम जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत के अतिरिक्त कई देशों में हिंदी भाषा | Hindi Bhasha बोली जाती है। जैसे कि नेपाल, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और फिजी जैसे अन्य देश शामिल है।
Hindi Language Ka Arth | मातृभाषा का अर्थ
मातृभाषा उस भाषा को कहते हैं, जिनको मनुष्य जन्म लेने के बाद से ही बोलना और सीखना शुरू कर देता है। मातृभाषा किसी भी व्यक्ति के सामाजिक भाषई परिचय को दर्शाती है। मातृभाषा व्यक्ति के जन्म स्थान और पालन पोषण की सामान्य भाषा है। मातृभाषा के महत्व को हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि जैसे कि एक बच्चे को पालने वाली उसकी मां होती है वैसे ही हमारी हमारी भाषा भी हमारी मां है। हमको पालने का कार्य हमारी मातृभाषा ही करती है।हम आपको बताना चाहते हैं कि भारतेंदु हरिश्चंद्र जी ने इसीलिए मां और मातृभाषा को बराबर का दर्जा प्रदान किया है।
Essay on Important In Hindi Language | हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध
हमारे देश में धीरे-धीरे हिन्दीभाषा का प्रचलन बढता गया और इस भाषा ने राष्ट्रभाषा का रूप ले लिया। अब हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत पसंद की जाती है। इसका एक कारण यह है कि हमारी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। आज विश्व के कोने-कोने से लोग हमारी भाषा | Hindi Bhasha और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश में घुमने आते है। एक व्यक्ति जो हिंदुस्तान में रहता है उसे कम से कम अपनी मातृभाषा यानी की हिंदी तो आनी ही चाहिए साथ ही हम सभी लोगों को हिंदी भाषा का सम्मान करना चाहिए।
Essay On Mother Tongue | मातृभाषा पर निबंध
हिंदी हिंदुस्तान की भाषा है। मातृभाषा किसी भी देश की पहचान और गौरव होती है। हिंदी हिंदुस्तान को एक करती है उसे बांधती है। इसके प्रति अपना प्रेम और सम्मान प्रकट करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। इसी कर्तव्य हेतु हम हिंदी भाषा के उत्थान के लिए प्रति वर्ष 14 सितंबर के दिन को ‘ हिंदी दिवस‘ के रूप में मनाते हैं।
“भारत दुर्दशा” जैसे निबंध लिखकर इस देश को जगाने वाले महान साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र ने मातृभाषा का महत्व कुछ इस प्रकार से बताया है-
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल ।
बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को शूल ।।
अंग्रेजी पढिके जदपि, सब गुन होत प्रबीन ।
पै निज भाषा ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन ।।
विविध कला, शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार ।
सब देसन से लै करहु, निज भाषा माँहि प्रचार ।।
Essay On The Origin Of Hindi Language | हिंदी भाषा की उत्पत्ति पर निबंध
हम आपको बताना चाहते हैं की मध्ययुगीन आर्य भाषाओ का समय दसवीं शताब्दी के लगभग समाप्त हो जाता है। और वहीं से आधुनिक आर्य भाषाओं का प्रारंभ होता है। इसलिए हिंदी सहित सभी आर्य भाषाओं की उत्पत्ति का समय दसवीं शताब्दी को माना जाता है।
हिंदी भाषा के विकास की तीन अवस्थाएं मानी गई है
- आदिकाल – आदिकाल राजनीतिक उथल-पुथल का समय था। इसमें भाषा का उचित विकास नहीं मिलता है। इसमें भाषा के तीन रूप मिलते हैं।
- अपभ्रंशभाष
- पिंगल
- डिंगल
- मध्य काल- मध्यकाल में भक्ति आन्दोलन में हिन्दी खूब विकसित हुई। पूरे देश के भक्त कवियों ने अपनी वाणी को जन-जन तक पहुंचाने के लिये हिन्दी भाषा का सहारा लिया।
- आधुनिक काल- हिन्दी भाषा के विकास में आधुनिक काल का महत्वपूर्ण योगदान है। और सन् 1800 में अंग्रेजों द्वारा कलकत्ता में स्थापित फोर्ट विलियम कॉलेज का अहम योगदान है। कॉलेज के हिंदुस्तानी विभाग में पहली बार हिन्दी में अच्छे अनुवाद किये गए जिससे हिन्दी गद्य का स्वरूप बनने लगा। इसके बाद हिंदी के प्रेमियों में अपने देश के लिए एक उच्च कोटि की भावना जगी।
Essay On Hindi Language In Hindi | हिंदी भाषा पर निबंध हिंदी में
हिंदी भाषा बहुत ही सरल और सहज भाषा है, जिसको कोई भी व्यक्ति आसानी से सिख और बोल सकता है। हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ाने के लिए ही हमारे देश में हिंदी दिवस मनाया जाना प्रारंभ हुआ। हिंदी दिवस, हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, जब भाषा के महत्व को याद दिलाने का अवसर मिलता है। हिंदी, भारत की राष्ट्रीय भाषा है और हमारे देश की विविधता का प्रतीक है। यह भाषा हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
इस दिन, हम सभी भारतवासियों को हिंदी के महत्व को समझना और बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हमारी भाषा हमें हमेशा गर्वित और जुड़े रहने का अवसर दे।
Importance Of Hindi In Social Relation And Communication | सामाजिक संबंध और संवाद में हिंदी का महत्व
हमारे भारत देश में हिंदी भाषा का उपयोग सामाजिक संबंध और संवाद में भी होता है। यह लोगों को अपने विचार और भावनाओं को सही तरीके से साझा करने का एक माध्यम है इसके मदद से भारतीय अपनी सोच और विचार जाहिर कर पाते है और यह भाषा समृद्धि और सामंजस्य की भावना बनाए रखने में सहायक होती है।
When And Why Is Hindi Diwas Celebrated | हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
हिंदी दिवस हमारे देश में प्रति वर्ष 14 सितंबर के दिन मनाया हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिलने की खुशी में मनाया जाता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने हिंदी भाषा निबंध| Hindi Bhasha Per Nibandh के बारे में विस्तार से बताया कि, हिंदी भाषा क्या होती है हिंदी भाषा के महत्व के बारे में और हिंदी भाषा कैसे हमारी मातृभाषा बनी हिंदी भाषा का कैसे विकास हुआ और हिंदी भाषा के उत्थान के लिए हमारे देश में क्या प्रावधान है इन सभी बिंदुओं पर हमने विस्तार से बात किया है अगर यह दी गई जानकारी आपको मददगार लगी हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें।
ऐसे ही निबंध से जुड़े जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे।