Vice President Election 2022 | कब होगा उपराष्ट्रपति चुनाव, वोटिंग प्रक्रिया, जाने कौन हैं उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

Voice President Election 2022

उपराष्ट्रपति चुनाव 2022:- हाल के दिनों में उपराष्ट्रपति के चुनाव 2022 की खबर लगातार अलग-अलग सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल पर सुर्खियों में बन रही है। भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा 6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति चुनाव दिनांक चुना गया है। आपको बता दें कि वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकई नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त 2022 को समाप्त हो रहा है। 6 August 2022 को उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा जिसके अनुसार 11 अगस्त को भारत के नए उपराष्ट्रपति कार्यभार के लिए शपथ लेंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव 2022 (Vice President Election) से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारियों को आज के लेख में आपके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति के चुनाव की तरह जटिल नहीं होता है. हालांकि आम चुनाव की तरह कोई भी साधारण व्यक्ति सीधे तौर पर उपराष्ट्रपति को नहीं चुनता। उपराष्ट्रपति का चुनाव विधानसभा में चयनित जनप्रतिनिधि के द्वारा किया जाता है। उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत में 1952 से हो रहा है। वर्तमान समय में चुनाव आयोग अपने संवैधानिक अधिकारों का पूर्ण निर्वहन करते हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव को आयोजित करवा रहा है। 

उपराष्ट्रपति चुनाव 2022 

चुनाव का नाम उपराष्ट्रपति चुनाव 2022
वर्तमान उपराष्ट्रपतिVenkaiah Naidu 
उपराष्ट्रपति चुनाव कब है6 अगस्त 2022
भारत के नए उपराष्ट्रपति कब बनेंगेजल्द घोषित

Vice president election 2022 

भारत में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 में लागू किया गया था। जिसके अनुसार प्रत्येक 5 वर्ष पर भारत में चुनाव आयोग के द्वारा सभी संवैधानिक अधिकारों और नियमों का पूर्ण रूप से निर्वहन करते हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव आयोजित करवाया जाता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव की बहुत सारी प्रक्रिया आम चुनाव जैसी होती है जिस वजह से इसे बड़ी आसानी से समझा जा सकता है। भारत के संविधान अनुच्छेद 66 के तहत उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कोई भी जनता सीधे तौर पर वोट नहीं कर सकती है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में दोनों सदन के जनप्रतिनिधि वोट डालते है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में सदन के लोग मनोनीत किसी भी सदन के सदस्य को वोट डाल सकते है।

राज्यसभा सदस्यों की संख्या 245 है इसके अलावा लोक सभा में मौजूद सदस्यों की संख्या 545 है जिसके बाद कुल मंडल सदस्यों की संख्या 790 होती है। इस चुनाव प्रक्रिया को जीतने के लिए किसी भी चयनित उम्मीदवार को आधे से एक अधिक वोट की आवश्यकता होती है। अगर आपको उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीतना है तो आपके पास 391 वोट होने चाहिए।

इस बार उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मार्गरेट अल्वा के बीच मुकाबला छिड़ा है। भारत के नए उपराष्ट्रपति का नाम हमें आने वाले महीने में पता चल जाएगा, जिससे पहले आपको इस चुनाव की प्रक्रिया के अन्य जानकारी होनी चाहिए जिसे नीचे सरल शब्दों में बताया गया है।

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उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया | Vice President election process

आपने कभी भी अपने आसपास किसी व्यक्ति को उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट देते हुए नहीं देखा होगा। ऐसा इस वजह से है क्योंकि जनता सीधे तौर पर उपराष्ट्रपति का चयन नहीं करती है और इस चुनाव में सीधे तौर पर जनता हिस्सा नहीं लेती है। उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए सांसद में बैठे जनप्रतिनिधि हिस्सा लेते है। आपको बता दें कि इस चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के अध्यक्ष हिस्सा ले सकते है, इसके अलावा मनोनीत अध्यक्ष भी उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट डाल सकते हैं।

अगर हम मौजूदा सभी सांसद की गिनती करें तो पाएंगे कि राज्यसभा में कुल 245 सदस्य है। जिनमें 12 मनोनीत सदस्य हैं जिन्हें सीधा राष्ट्रपति के तरफ से चुना जाता है। इसके बाद लोकसभा में 543 जनप्रतिनिधि सांसद मौजूद है और दो मनोनीत सदस्य होते हैं जिसके बाद लोकसभा में कुल सांसद की संख्या 545 हो जाती है। इसी के साथ लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 790 सांसद होते है। इसके बाद इन लोगों के बीच चुनाव प्रक्रिया होती है जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोटिंग सिस्टम कहा जाता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया बहुत ही सरल होती है इसमें मतदाता को एक ही वोट देना होता है मगर अपनी वोटिंग के दौरान उन्हें प्राथमिकता का चयन करना होता है। सरल शब्दों में जिसे वोट देना है उसे पहली प्राथमिकता और उसके बाद आप किसे चाहते हैं उसे दो और तीसरे स्थान पर आप जिसे प्राथमिकता देना चाहते हैं उसे 3। इस तरह से प्राथमिकता के अनुसार अंक देना होता है। जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक पहली प्राथमिकता चुनी गई होगी उसे उपराष्ट्रपति के पद पर चुना जाएगा। इस चुनाव में प्राथमिकता के आधार पर उपराष्ट्रपति का चयन किया जाता है।

उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोटों की गिनती कैसे होती है

जैसे बाकी आम चुनाव में वोट की गिनती करते वक्त यह देखा जाता है कि किस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट दिया गया है इसी तरह उपराष्ट्रपति के चुनाव में किस उम्मीदवार को पहली प्राथमिकता चुनी गई है इस बात की गिनती की जाती है। आम चुनाव में जिस प्रकार बहुत सारे सांसद अलग-अलग इलाके से खड़े होते है इस तरह उपराष्ट्रपति के लिए नहीं होता। उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अलग-अलग पार्टी से एक उम्मीदवार खड़ा होता है। इस चुनाव के लिए पार्टी कार्यकर्ता अधिक प्रचार प्रसार नहीं करते। इस बार भारतीय जनता पार्टी के तरफ से जगदीप धनखड़ और कांग्रेस पार्टी के तरफ से मार्गरेट अल्वा चुनाव प्रक्रिया में खड़े हैं। इन दोनों के बीच जगदीप धनखड़ के जीतने की संभावना अधिक नजर आ रही है।

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अगर हम उपराष्ट्रपति चुनाव में होने वाले गिनती प्रक्रिया पर नजर डालें तो पाएंगे कि इस चुनाव में वोट प्राथमिकता के आधार पर किए जाते हैं जिसमें वोट देने के लिए सांसद को अपनी प्राथमिकता चुननी होती है। इस चुनाव में वोट देते वक्त लोग अपनी पहली प्राथमिकता चुनते हैं उसके बाद दूसरी प्राथमिकता और जरूरत पड़ने पर तीसरी प्राथमिकता तक चुनते हैं। वोट गिनती के दौरान पहली प्राथमिकता सबसे ज्यादा किस उम्मीदवार को मिली है इसे गिना जाता है। सबसे ज्यादा लोग जिसे अपनी पहली प्राथमिकता मानेंगे उसे उपराष्ट्रपति चुनाव का विजेता समझा जाएगा और नया उपराष्ट्रपति बना दिया जाएगा।

उपराष्ट्रपति की शक्तियां | Powers of Vice President

उपराष्ट्रपति के पास किस तरह की शक्तियां होती है इसे समझने के लिए नीचे सूचीबद्ध जानकारी दी गई है – 

  • राष्ट्रपति के बाद भारत में उपराष्ट्रपति को सबसे गणमान्य व्यक्ति माना जाता है।
  • राष्ट्रपति अगर किसी बीमारी या अन्य समस्या की वजह से कार्य करने में असमर्थ हैं तो 6 महीने तक राष्ट्रपति के स्थान पर उपराष्ट्रपति कार्य कर सकते हैं।
  • प्रधानमंत्री के गैरमौजूदगी या पदत्याग या बीमारी जैसी किसी समस्या पर उपराष्ट्रपति उस पद का भी निर्वहन करते हैं।

Vice president election 2022 में घोषित उपराष्ट्रपति उम्मीदवारों का परिचय

वर्तमान समय में उपराष्ट्रपति के पद के लिए जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा सबसे प्रचलित उम्मीदवार है। अगर आप उपराष्ट्रपति के लिए कैंडिडेट की जानकारी को नहीं समझ रहे हैं तो नीचे इसकी संक्षिप्त सूची दी गई है – 

जगदीप धनखड़ परिचय

जगदीप धनखड़ राजस्थान के किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं वो राजस्थान के जाट समुदाय से संबंध रखते है। राजस्थान में जगदीप धनखड़ का काफी नाम था उन्होंने राजस्थान के लोगो जाट समुदाय के लिए आरक्षण की सुविधा दिलवाई थी। जगदीप धनखड़ राजनीति के बहुत पुराने खिलाड़ी हैं .इन्होंने राजस्थान में विधायक और सांसद के रूप में कई सालों तक काम किया है वर्तमान समय में वह उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव लड़ते हुए अपने राजनीतिक करियर को एक सुनहरा नाम देना चाहते हैं। जगदीप धनखड़ की सम्पूर्ण जीवनी पढ़े

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मार्गरेट अल्वा परिचय

वर्तमान समय में उपराष्ट्रपति के लिए मार्गरेट अल्वा एक दूसरा प्रचलित नाम है यह कांग्रेस से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने 1974 में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत किया है। राज्यसभा अध्यक्ष और विधायक के रूप में इन्होंने कई सालों तक कांग्रेस पार्टी के साथ कार्य किया है बीते कुछ सालों में इन्होंने गोवा उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में राज्यपाल की भूमिका भी निभाई है। 2008 में इनके बेटे को चुनाव का टिकट ना मिलने की वजह से कांग्रेस पार्टी में सोनिया गांधी से इनकी दूरी बढ़ गई। हालांकि इसके अलावा अलग-अलग तरह की कॉन्ट्रोवर्सी के बाद अब मार्गरेट अल्वा उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए खड़ा हो रही है।

FAQ’s उपराष्ट्रपति चुनाव 2022

Q. उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है?

Ans. उपराष्ट्रपति चुनाव एक सिंगल ट्रांसफरेबल इलेक्शन होता है। इस चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद हिस्सा ले सकते है। इस चुनाव प्रक्रिया में वोट देने वाले सांसद से उनकी प्राथमिकता पूछी जाती है जिस उम्मीदवार को पहली प्राथमिकता चुनी जाती है वह इलेक्शन जी चाहता है।

Q. राष्ट्रपति चुनाव 2022 कब है?

Ans. 6 अगस्त 2022 को निर्वाचन आयोग के द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव की तिथि रखी गई है 10 अगस्त को वर्तमान उपराष्ट्रपति के राज्य का समापन होगा जिसके साथ ही 11 अगस्त 2022 को हम नए उपराष्ट्रपति को जान पाएंगे।

Q. उपराष्ट्रपति क्या कार्य करता है?

Ans. उपराष्ट्रपति का प्रमुख कार्य राष्ट्रपति के स्थान पर कार्य करना होता है। अगर राष्ट्रपति बीमारी, हत्या, पदत्याग जैसी किसी भी समस्या में आ जाते हैं तो 6 महीने तक राष्ट्रपति के स्थान को उपराष्ट्रपति संभालते हैं।

निष्कर्ष

उपराष्ट्रपति चुनाव 2022 को सरल शब्दों में समझाने के लिए आज का यह लेख आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस लेख में हमने आपको समझाने का प्रयास किया कि मार्गरेट अल्वा और जगदीप धनखड़ किस प्रकार आने वाले उपराष्ट्रपति के लिए एक टक्कर के उम्मीदवार है। इसके अलावा उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया और उपराष्ट्रपति की शक्तियों को भी हमने आपके समक्ष उजागर किया।

अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव 2022 को आप सरल शब्दों में समझ पाए हैं तो इस लेख को अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझावों विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में बताना ना भूले।

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