Essay on Teachers Day in Hindi:- भारत में हर साल शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार 5 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व के 100 से ज्यादा देशों में शिक्षक को सम्मान देने के लिए एक दिन समर्पित किया जाता है। भारतवर्ष में यह महत्वपूर्ण दिवस हमारे दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर आता है। इस साल 5 सितंबर 2023 को अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षकों को सम्मान देने के लिए अलग-अलग प्रकार के समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उनमें से कुछ सम्मान समारोह में शिक्षक दिवस पर निबंध, कविता और अन्य प्रस्तुति पेश करने का सौभाग्य दिया जाता है। अगर आप ऐसी ही किसी प्रस्तुति के लिए Teachers Day Eassy in Hindi ढूंढ रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है इस लेख में हम आपको कुछ बेहतरीन निबंध की सूची पेश करने जा रहे हैं।
शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन होता है जो पूरी तरह से शिक्षकों को समर्पित किया जाता है। शिक्षक दिवस पर लोग अपने शिक्षकों को सम्मान देते है। शिक्षकों को बड़े ही आदर सत्कार के साथ समाज में उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया जाता है। Shikshak Divas Par Nibandh लिखकर शिक्षक दिवस के वर्तमान और इतिहास के बीच एक पुल का निर्माण करते है जो सभी लोगों को इसके महत्व के बारे में बता सके। इस वजह से आज के लिए एक में बेहतरीन शिक्षक दिवस की जानकारी दी गई है।
Essay on Teachers Day in Hindi 2023
त्यौहार का नाम | शिक्षक दिवस 2023 |
कब मनाया जाएगा | 5 सितंबर 2023 |
क्यों मनाया जायेगा | देश के सभी शिक्षकों का विशेष रूप से सम्मान करने के लिए |
किसके लिए मनाया जाएगा | डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर देश के सभी शिक्षकों के लिए |
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शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में | Teacher Day 2023 in Hindi
Teacher Day 2023:- शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर इस दिन को भारत के सभी शिक्षकों को समर्पित किया जाता है। इस दिन हम देश के सभी शिक्षकों का सम्मान करते है। जैसा कि हम सब जानते हैं शिक्षक किसी भी समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें जीवन में सही राह दिखाता है और हमें कुछ सिखाता है। 1962 में जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस मनाया जा रहा था तब उन्होंने अपने जन्मदिवस को भारत के सभी शिक्षकों के लिए समर्पित कर दिया था।
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Teacher Day: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्माणी गांव में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिवार बहुत ही गरीब था उनके पिता एक गांव के पंडित थे वह बहुत ही ज्ञानीपंडित माने जाते थे। बचपन से ही धर्म ग्रंथ और अलग-अलग तरह की किताबों को पढ़ने के कारण राधाकृष्णन जी का उत्साह किताब पढ़ने में बढ़ने लगा। यही कारण था कि अलग-अलग भाषा में सर्वपल्ली राधाकृष्णन किताबों को पढ़ने लगे थे। उन्होंने छात्रवृत्ति पाकर वह दर्शनशास्त्र में स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद दर्शनशास्त्र के अध्यापक बने उनके बढ़ाने के तरीके इतने बेहतरीन थे कि हर छात्र छात्रा खुद को उनके पढ़ाने के तरीके से जोड़ पाता था और अधिक सीख पाता था।
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एक बेहतरीन शिक्षक के रूप में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए बुलाया गया। मगर कुछ साल विलायत में रहने के बाद उन्हें भारत की याद बहुत आने लगी और इस वजह से वह वापस लौट आए वापस आने के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त किए गए और इसके बाद धीरे-धीरे उनकी प्रचलिता तेजी से बढ़ने लगी। जवाहरलाल नेहरू के निवेदन पर उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा और पहला काम राजदूत के तौर पर किया। उसके बाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में भी कार्यरत रहे। हर कोई डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित रहता था और शिक्षा को लेकर उनके जुड़ाव और उनके विचार के बारे में जानने का प्रयास करते थे। 1962 में जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस 5 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने की तैयारी चल रही थी तब उन्होंने अपने जन्मदिवस को देश के सभी शिक्षकों को समर्पित करने का ऐलान किया।
5 सितंबर 1962 से लेकर आज तक हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर भारत के सभी शिक्षकों को सम्मान देते हुए शिक्षक दिवस मनाते आ रहे है। इस दिन भारत के सभी स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षकों को सम्मान देने के लिए अलग-अलग प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है। किसी स्थान पर शिक्षक को सम्मान देने के लिए नाटक प्रस्तुत किया जाता है तो किसी स्थान पर भाषण प्रस्तुत किया जाता है। शिक्षक समाज की नीव होती है इस वजह से विश्व में सबसे अधिक देशों में शिक्षक दिवस के नाम पर एक दिन जरूर रखा जाता है।
Shikshak Diwas Par Nibandh | Essay For Teacher Day
इसी तरह आने वाले समय में भी हम शिक्षक दिवस को बेहतरीन तरीके से मनाते रहेंगे और इसके महत्व के बारे में लोगों को बताएंगे। देश के सभी बच्चों को शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में मालूम होना चाहिए कि इस दिन किस प्रकार एक शिक्षक के बिना किसी भी व्यक्ति का जीवन अधूरा होता है और कैसे एक शिक्षक समाज को गढ़ने का काम करता है। किसी भी व्यक्ति के सफल जीवन में हम उसके शिक्षक का हाथ देख सकते हैं और इस वजह से हर व्यक्ति को शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर अपने सभी शिक्षक गणों के लिए सम्मान प्रकट करना चाहिए।
Hindi Essay on Teachers Day
शिक्षक किसी भी समाज का आर्किटेक्चर होता है। शिक्षक यह तय करता है कि समाज आने वाले समय में कैसा बनेगा। शिक्षक अपने छात्रों को सही गलत और जीवन में सही रास्ते का चयन करने का सुझाव देता है। अगर हम भारत में सबसे महान शिक्षक व्यक्तित्व की बात करें तो डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का ख्याल हमारे मन में आता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक बहुत ही बेहतरीन शिक्षक थे जिन्होंने ना केवल अपने छात्र छात्राओं का बल्कि उस जमाने के शिक्षकों का भी सही मार्गदर्शन किया था। शिक्षा को लेकर उनके विचार और उनके पढ़ाने के तरीके ने देश में हर किसी का दिल मोह लिया था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने दर्शनशास्त्र को पढ़ाने के तरीके में विवेकानंद को आदर्श मानते थे। यही कारण था कि काफी कम समय में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन विश्वभर में प्रचलित हो गए थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाने का बुलावा आया था उन्होंने कुछ सालों तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाया भी मगर भारत होने बहुत याद आता था इस वजह से वह भारत वापस लौट आए। Oxford से वापस आने के बाद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के रूप में काम करने लगे।
Teachers Day Hindi Essay 2023
उसी दौरान डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को राजनीति में आना पड़ा। जवाहरलाल नेहरू के दबाव में सर्वपल्ली राधाकृष्णन को राजनीति में आना पड़ा और उन्होंने अपने दर्शनशास्त्र के विचार से राजनीति को भी एक नई राह दिखाई। हर कोई महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित था। 5 सितंबर 1962 में जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस मनाया जा रहा था तब उन्होंने अपने जन्मदिवस को हमेशा के लिए देश के सभी शिक्षकों को समर्पित कर दिया। उस समय से लेकर आज तक हम अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस के रूप में 5 सितंबर को समारोह का आयोजन करते है। शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में अलग-अलग तरह की प्रस्तुति और सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। यह बच्चे और शिक्षक दोनों के लिए काफी उत्साह से भरा हुआ त्यौहार होता है।
5 सितंबर 1962 से लेकर आज तक शिक्षक दिवस के नाम पर हर साल एक पावन त्यौहार का आयोजन किया जाता है। इस दिन देश के सभी शिक्षकों को विशेष सम्मान दिया जाता है। अलग-अलग तरह के समारोह और आयोजन गठित किए जाते है। आने वाले समय में भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार का आयोजन किया जाएगा। किसी के साथ शिक्षक दिवस का यह पावन त्यौहार देश के सभी शिक्षकों को विशेष महत्व प्रदान करने के लिए आयोजित किया जाता है।
शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi
देश के सभी शिक्षकों का विशेष सम्मान करने के लिए शिक्षक दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पावन दिन है। कई सालों से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शिक्षक किसी भी समाज का एक वक्त होता है। इंसान की नहीं धरती पर जब भगवान ने भी अवतार लिया तो उन्होंने भी शिक्षा को महत्व दिया है। भारतीय संस्कृति में दर्शाया गया है की अर्जुन के लिए गुरु द्रोण, कृष्ण के लिए संदीपनी और भगवान राम के लिए वशिष्ठ बहुत ही आवश्यक है उन्होंने भगवान को धरती पर शिक्षा दी है। इसी तरह हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का महत्व होता है और उच्च शिक्षा को प्रदान करने वाला शिक्षक का स्थान में भगवान से भी ऊपर माना गया है।
भारत के महान राजनीतिज्ञ डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति से पहले एक महान शिक्षक के रूप में देखा जाता था। उन्होंने दर्शनशास्त्र को एक अलग तरीके से बच्चों को समझाया था जिस वजह से केवल भारत ही नहीं भर में उनके पढ़ाने के तरीके के चर्चे हो रहे थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व और शिक्षा के स्वच्छ शहर को ही बहुत प्रभावित था। यही कारण था कि 5 सितंबर 1962 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर अपना जन्मदिवस देश के सभी शिक्षकों को समर्पित किया था।
तब से लेकर आज तक हम भारत में 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते आ रहे है। भारत में शिक्षक दिवस के दिन अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है और इस समारोह में शिक्षक का विशेष सम्मान किया जाता है। अगर आप शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर अपने शिक्षकों का विशेष सम्मान में करते है। कई सालों से आज तक शिक्षक दिवस को बेहतरीन तरीके से मनाया जा रहा है और हर कोई आने वाले समय में इस त्यौहार को और ज्यादा विशेष तरीके से मनाने का प्रयास कर रहा है।
आज जमाना इंटरनेट का आ चुका है लोग मोबाइल से शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं एक दूसरे तक पहुंचा रहे हैं और अलग-अलग तरीके से शिक्षक दिवस मनाने के विचार को इंटरनेट से प्राप्त कर पा रहे हैं और शिक्षक दिवस के दिन अपने शिक्षक का विशेष सम्मान करने के तरीके को ढूंढ पा रहे है। उम्मीद करते हैं इसी तरीके से आने वाले समय में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भारत में मनता रहेगा।
शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन
- शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- शिक्षक दिवस का त्यौहार भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर मनाया जाता है।
- शिक्षक किसी भी समाज की नींव होती है जो अपने छात्रों को जीवन में सही गलत के फैसले को समझाता है इस वजह से उन्हें सम्मान देने के लिए साल का एक विशेष दिन चुना जाता है जिसे शिक्षक दिवस कहते है।
- शिक्षक दिवस का त्यौहार भारत में 5 सितंबर 1962 से मनाया जा रहा है।
- शिक्षक दिवस के दिन भारत के सभी शिक्षकों को सम्मान में देने के लिए अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है।
- हमारे प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्माणी गांव में हुआ था।
- डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान राजनेता के बनने से पहले एक महान शिक्षक थे जिन्होंने अपने दर्शनशास्त्र पढ़ाने के तरीके से न केवल भारत बल्कि विश्वभर के छात्रों का दिल मोह लिया था।
- डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दर्शनशास्त्र थे जिन्होंने अपने जन्मदिवस को भारत के सभी शिक्षकों को समर्पित कर दिया था और ना के छात्र बल्कि शिक्षकों को भी उचित मार्गदर्शन प्रदान किया था।
- शिक्षक दिवस का यह पावन त्यौहार 100 से अधिक देशों में अलग-अलग तारीख को मनाया जाता है।
- भारत में शिक्षक दिवस 1962 से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है आने वाले समय में शिक्षक दिवस के दिन इसी तरह शिक्षकों का विशेष सम्मान किया जाएगा और शिक्षक दिवस के समारोह को और भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखें? Teacher Day Par Nibandh Kaise Likhen
अगर ऊपर बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद भी आप शिक्षक दिवस पर एक विशेष निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे दिए गए निर्देशों का आदेश अनुसार पालन करें –
- शिक्षक दिवस के निबंध में सबसे पहले शिक्षक दिवस के बारे में जानकारी दीजिए।
- इसके बाद शिक्षक दिवस शिक्षकों को किस प्रकार समर्पित किया गया और शिक्षक समाज में कितनी अहमियत रखता है इस बात को सरल शब्दों में समझाइए।
- उसके बाद शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में बताइए जिसमें डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के इतिहास का भी वर्णन करें।
- इसके बाद वर्तमान समय में शिक्षक दिवस का त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता है और इस त्यौहार को क्यों इतना महत्व दिया जाता है इन सभी बातों को अपने शब्दों में लिखें।
- अंत में अपने निबंध को खत्म करते हुए शिक्षक दिवस का त्यौहार आने वाले समय में कैसे मनाया जाएगा और आप शिक्षक दिवस के भविष्य को किस प्रकार देखते हैं इसे समझाने का प्रयास करें।
FAQ’s: Essay on Teachers Day in Hindi
Q. शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार कब मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस का त्यौहार हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है।
Q. शिक्षक दिवस का त्यौहार कब शुरू किया गया था?
शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार 5 सितंबर 1962 को शुरू किया गया था।
Q. शिक्षक दिवस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार देश के सभी शिक्षकों का विशेष रूप से सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपके समक्ष Essay on Teachers Day in Hindi प्रस्तुत किया है। हमने आप को शिक्षक दिवस के इतिहास वर्तमान स्थिति और आने वाले समय में शिक्षक दिवस के महत्व को भी समझाने का प्रयास किया है। अलग-अलग समारोह में शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर निबंध और अलग-अलग प्रस्तुति प्रस्तुत की जाती है अगर आप शिक्षक दिवस के निबंध की जानकारी इस लेख से इकट्ठा कर रहे हैं और आपको इससे लाभ महसूस होता है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथियों अपने सुझाव विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले।