स्वामी अमोघ लीला दास का जीवन परिचय | Amogh Lila Prabhu (Das) Biography in Hindi

Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi

Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi: आज के इस दुनिया में युवाओं की सबसे बड़ी तमन्ना होती है अधिक से अधिक पैसे कमाए ताकि वह जीवन को ऐसो आराम से व्यतीत कर सके’ लेकिन आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे युवा के बारे में बताएंगे जिसने दुनिया के सभी ऐसो आराम  को छोड़कर आध्यात्मिकता का अपना लिया आज के वक्त में हुआ लोगों को आध्यात्मिकता के पथ पर  कैसे चलना है उसके लिए प्रेरित करते हैं उनका नाम Amogh Lila Prabhu (Das) है | आज के आर्टिकल में हम आपको स्वामी अमोघ लीला दास का जीवन परिचय (Amogh Lila Prabhu) जीवन के प्रत्येक पहलू के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे इसलिए आप हमारे साथ बने रहें-

 अमोघ लीला प्रभु कौन हैं? Amogh Lila Prabhu Kon Hai

अमोघ लीला प्रभु  आज के तारीख में इस्कॉन के उपाध्यक्ष हैं | भगवत गीता के माध्यम से वह भगवत गीता में लिखे हुए लोगों के युवाओं को ईश्वर के प्रति किस प्रकार हम अपने आप को जोड़ सकते हैं उसके बारे में मार्गदर्शन देते हैं | इस्कॉन पूरी दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार करता है |

अमोघ लीला दास का रियल नाम | Amogh Lila Prabhu Shubh Name

 अमोघ लीला दास का रियल नाम  आशीष अरोड़ा है एक पंजाबी परिवार से  संबंध रखते हैं |

Amogh lila prabhu (Das) wikipedia | अमोघ लीला प्रभु विकी.

नाम (full Name)आशीष अरोड़ा (अमोघ लीला दास)
जन्म (Date of Birth)1 जुलाई
आयु (Age)42 वर्ष
जन्म स्थान (Birth Place)लखनऊ
पिता का नाम (Father Name)उपलब्ध नहीं है
माता का नाम (Mother Name)उपलब्ध नहीं है
पत्नी (Marital Status/WifeUnmarried
पेशा (Occupationसंत, प्रेरक वक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता
बच्चे (Children)NA
भाई (Brother)ज्ञात नहीं
बहन (Sister)2 बहने
एजुकेशन (Education/Qualification)सॉफ्टवेयर इंजीनियर
धर्म (Religion)हिन्दू
Caste (Cast)ज्ञात नहीं
अवार्ड (Award)ज्ञात नहीं
Net Worthज्ञात नहीं

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अमोघ लीला प्रभु का प्रारंभिक जीवन | Amogh Lila Prabhu Early Life

अमोघ लीला प्रभु का जन्म 1 जुलाई 1990 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था | उनके बारे में कहा जाता है कि बचपन में जब इनका कुंडली बनाया गया तो कुंडली जाने वाले पंडित ने कहा कि बड़े होकर या आध्यात्मिकता की तरफ से ले जाएंगे और उनकी बात सत्य साबित हुई और बचपन से ही इनका झुकाव ईश्वर के प्रति ज्यादा था यही वजह है कि उन्होंने बड़े होकर घर द्वार त्याग दिया और आध्यात्मिक तरफ चले गए थे |

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अमोघ लीला प्रभु का शिक्षा | Amogh Lila Prabhu Qualification, Education

अमोघ लीला प्रभु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के स्कूल से प्राप्त की इसके अलावा 2000 में उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 2001 सॉफ्टवेयर इंजीनियर में दाखिला करवाया |  2004 में इन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई पूरी कर ली इसमें उनका 89% नंबर था |  इसके बाद उन्होंने मास्टर डिग्री में एडमिशन करवाया और वहां पर उन्होंने अच्छे नंबर से पास किया 2004 में नए सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मिल गई और 6 साल तक तो नौकरी करने के बाद 2010 नौकरी छोड़ दी और अब ब्रह्मचारी बनने के लिए द्वारिका चले गए |

अमोघ लीला दास परिवार | Amogh Lila Prabhu Family

अमोघ लीला प्रभु के परिवार में  माता पिता और भाई बहन है कि हम आपको बता दें कि उनके पिता Raw Agent अधिकारी रह चुके हैं ‘ लेकिन उनका नाम क्या है  उनके बारे में कोई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है और ना ही उनके माता के बारे में,  जैसे ही कोई जानकारी आती है हम आपको तुरंत अपडेट करेंगे |

अमोघ लीला दास का करियर (सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग) | Swami Amogh Lila Prabhu Career

Amogh Lila Das  के करियर के बारे में बात करें तो मैंने अपने करियर की शुरुआत सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में की थी हालांकि बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और द्वारिका के इस्कॉन मंदिर में जाकर प्रभु की सेवा में अपने आप को समर्पित कर दिया |

अमोघ लीला दास विवाद | Swami Amogh Lila Prabhu Controversy

अमोघ दास लीला आज के समय में मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई थी कि उन्होंने गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर एक विवादित बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर स्वामी विवेकानंद मछली खाते हैं तो क्या हुआ वह सिद्ध पुरुष हैं ‘क्योंकि कोई भी सिद्ध पुरुष मछली नहीं खाएगा क्योंकि मछली को भी दर्द होता है और जो व्यक्ति सिद्ध पुरुष होता है उसके हृदय में करुणा होती है |  इसके अलावा भी उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उसके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर कई ऐसे बयान दिए हैं जो विवाद का विषय बन गए हैं |

 अमोघ लीला दास को इस्कॉन से प्रतिबंधित कर दिया गया

अमोघ लीला दास को इस्कॉन के द्वारा 1 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया क्योंकि इसके पीछे की वजह है कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर कुछ विवादित बयान दिए जिसके बाद इस्कॉन के कमेटी सदस्य के द्वारा उन्हें 1 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया |

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अमोघ लीला प्रभु परिवार और नेटवर्थ | Amogh Lila Prabhu Networth

अमोघ लीला के परिवार और उनके कुल संपत्ति के बारे में बात करें तो हम आपको बता दें कि परिवार के बारे में हमने आपको आर्टिकल में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया है जहां तक  उनकी संपत्ति के बारे में बात करें तो अभी तक इसके बारे में कोई भी टाटा इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है जैसे ही जानकारी आएगी हम आपको तुरंत अपडेट करेंगे |

श्रील प्रभुपाद और इस्‍कॉन के संपर्क में कैसे आये

श्रील प्रभुपाद को इस्कॉन का संस्थापक मान जाता है क्योंकि उनके द्वारा ही 1966 में, International Society of Krishna Consciousness (ISKCON)  की स्थापना की गई और यह एक ऐसा स्थान है जहां पर कोई भी धर्म और जाति का व्यक्ति आकर कृष्ण भक्ति कर सकता है |

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अमोघ दास के गुरु कौन हैं | Amogh Lila Ke Guru Kon Hai

अमोघ दास  गुरु का नाम  श्रील प्रभुपाद था हालांकि इसके बारे में भी एक बहुत ही विचित्र कहानी है क्योंकि उन्होंने कभी भी श्रील प्रभुपाद गुरु दीक्षा के लिए क्योंकि जब उन्होंने अपनी आध्यात्मिक करियर की शुरुआत की तो उन्होंने उनके द्वारा लिखे गए पुस्तक को पढ़ा तभी जाकर उनका रुझान आध्यात्मिकता की तरफ ज्यादा है इसलिए उन्होंने श्रील प्रभुपाद अपना गुरु माना लेकिन अपना गुरु बनाने से पहले श्रील प्रभुपाद अपना शरीर त्याग दिया | इसलिए 2006 में अमोघ दास परम पूज्य गोपाल कृष्ण गांधी को अपना गुरु बनाया और उनसे दीक्षा ली |

अमोघ के इस्‍कॉन से जुड़ने के कारण

इस्कॉन से जुड़ने के पीछे कई प्रकार के महत्वपूर्ण कारण है जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं-

पहला कारण:

 भगवत गीता के प्रति आकर्षण होना

दूसरा कारण:

 भगवान को धन्यवाद जनाना कि उन्होंने उन्हें अपनी शरण में ले लिया और अपना पूरा जीवन अब उनकी सेवा में ही बिताएंगे

तीसरा कारण

उनका मानना था कि इंसान के पास धन दौलत सभी होने के बावजूद भी वह दिखावे के लिए दिखाता है कि वह खुश है लेकिन मन में खुश नहीं है इसलिए उनका मानना था कि लोगों की मन से सेवा करनी चाहिए ताकि उनके जीवन में खुशियां सके जब उन्होंने इस्कॉन में अपना कदम रखा है तूने महसूस किया कि आप तीनों चीजों के प्रति एक ही जगह पर की जा सकती है यही वजह है कि उन्होंने इस्कॉन से जुड़ने का फैसला किया |

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अमोघ के जीवन में क्या संघर्ष रहा | Amogh Lila Prabhu Struggle

प्रभु लीला  बताते हैं कि 12 वर्षों से युवा इस्कॉन में काम करने वाले शिष्य के संपर्क में थे उन्होंने संसार में व्याप्त आकर्षण होने के बावजूद भी आध्यात्मिकता के रास्ते पर लगातार चलते रहे | उन्होंने जीवन में  समाज के आकर्षण और विकार को अपने ऊपर हावी होने नहीं देंगे | उनके दोस्तों में मजाक उड़ाया कि जिस उम्र में तुम्हें लड़कियों को लेकर घूमना चाहिए उसमें में तुम माला जपते हो तुम अपने जीवन को बर्बाद कर लो इन सब बातों अनदेखा किया और लगातार आध्यात्मिकता के पथ पर चलते हैं |

अमोघ लीला दास जीवनी (Amogh Lila Short Biography in Hindi) 

अमोघ लीला दास  का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में 1 जुलाई 1990 को हुआ था और उनके पिता भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट है और उनकी माता और कुशल ग्रहणी थी उनके घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं थी यही वजह है कि उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजन की पढ़ाई पूरी की और नौकरी भी किया लेकिन उनका मन बचपन से ही आध्यात्मिकता के तरफ ज्यादा था यही वजह है कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर इस्कॉन ज्वाइन कर लिया और वहीं पर प्रभु की सेवा करने लगे | आज के तारीख में मीडिया में चर्चा का विषय बने हैं क्योंकि उनके ऊपर 1 साल का प्रतिबंध  इस्कॉन के द्वारा लगा दिया गया है |  इसके पीछे की वजह है कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर कुछ विवादित बयान दिए हैं |

अमोघ लीला दास प्रभु की बड़ी रोचक बातें

●  अमोघ लीला प्रभु एक संत होने के अलावा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी है।

● उनके बारे में कहा जाता है कि वह अपने शब्दों के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिकता की तरह प्रेरित करते हैं |

Amogh Lila Prabhu के सबसे बड़ी खासियत है कि बड़े परिवार इंजीनियर होने के बावजूद उन्होंने संत बनने का फैसला किया |

अमोघ लीला प्रभु इस्कॉन द्वारिका का मुख्य संत में से एक है’ क्योंकि जहाँ ISKCON का नाम आता है |  

●  लीला दास प्रभु को धर्म का प्रचार करते हुये कई नेताओ के साथ भी देखा गया है जहा वो लोगो को भगवत गीता वितरण भी करते हैं |

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