Ganesh Visarjan 2023:– गणेश विसर्जन कब और कैसे किया जाता हैं? जानें शुभ मुहूर्त:- जैसा कि हम सब जानते है गणेश चतुर्थी का पावन त्यौहार हर साल बड़े हर्षोल्लास के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। मगर से गणपति बप्पा आते हैं तो 10 दिन तक घर में उनकी पूजा होती है उपासना होती है जिसके बाद उन्हें जल में विसर्जित कर दिया जाता है। गणेश चतुर्थी की मूर्ति इस साल बड़े हर्षोल्लास के साथ हर किसी ने अपने घर और मंदिर में स्थापित की है। अब गणेश विसर्जन कब है? और कैसे किया जाता है इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी आज के लेख में प्रस्तुत की गई है जिसे पढ़ने के बाद अब समझ जाएंगे कि गणेश चतुर्थी का त्योहार इस साल किस प्रकार समाप्त होने वाला है।
जैसा कि हमने आपको बताया था गणेश चतुर्थी का यह पावन त्यौहार रवि योग में पढ़ रहा था जिस वजह से यह गणेश चतुर्थी बहुत ही विशेष बन गई थी। इस साल गणेश चतुर्थी का पावन त्यौहार बहुत ही विशेष तरीके से विसर्जित भी किया जाएगा। गणेश चतुर्थी के विसर्जन को अनंत चतुर्थी कहा जाता है। आप इस साल गणेश चतुर्थी की मूर्ति का विसर्जन कब करेंगे इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।
गणेश विसर्जन | Ganesh Visarjan 2023 –Overview
त्यौहार का नाम | गणेश विसर्जन 2023 |
कब है | 19 सितंबर 2023 |
कब विसर्जित किया जाता है | हर वर्ष भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को विसर्जित किया जाता है |
कैसे सेट किया जाता है | भगवान गणेश की पूजा और आरती करने के बाद उनकी प्रतिमा और उनके कलर्स को जल स्रोत में सम्मान के साथ डाला जाता है। |
गणेश विसर्जन मुहूर्त 2023
Ganesh Visarjan Muhurat: हर साल गणेश मूर्ति का Ganesh Visarjan 2023 में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस साल गणेश विसर्जन के लिए भाद्रपद की चतुर्दशी 19 सितंबर 2023 को पड़ रही है। वैसे तो भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी 8 सितंबर रात 9:00 बजे से प्रारंभ होगी मगर रात 9:00 बजे से विसर्जन प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है इस वजह से अगले दिन 9 सितंबर को विसर्जन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अगर हम विसर्जन के विशेष मुहूर्त की बात करें तो
गणपति विसर्जन: तिथि एवं शुभ मुहूर्त:-
तीसरे दिन- 3 Day:- (21 सितंबर)
प्रातःकाल का शुभ मुहूर्त – सुबह 05:37 बजे से सुबह 07:08 बजे तक
अमृत मुहूर्त – सुबह 10:11 बजे से दोपहर 02:44 बजे तक
, इसके अलावा आप शाम 5:00 बजे से शाम 6:31 तक विसर्जन कर सकते हैं।
5वें दिन (23 सितंबर)
प्रातःकाल का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:08 बजे से 08:39 बजे तक
दोपहर का अमृत मुहूर्त – सुबह 11:41 बजे से शाम 04:14 बजे तक
सायंकाल लाभ मुहूर्त – शाम 05:45 से शाम 07:14 तक
रात्रि शुभ मुहूर्त – रात 08:43 से रात 01:10,
गणेश प्रतिमा विसर्जन कैसे होता है?
Ganesh Partima Visrjan Kaise Hota Hai: गणेश चतुर्थी के दिन हम एक गणेश प्रतिमा की स्थापना अपने मंदिर या घर में करते हैं उसके बाद 10 दिनों तक उपासना और आरती के साथ ही इस मूर्ति की पूजा की जाती है। अंत में 10 दिन के बाद भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को गणेश प्रतिमा के विसर्जन का दिन आता है। इस दिन भगवान गणेश की आरती उतारकर गणेश प्रतिमा की सही तरीके से पूजा करने के बाद उसे लेकर नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।
अगर आपके घर के आसपास नदी नहीं है तो गणेश प्रतिमा का विसर्जन किसी भी पानी में किया जा सकता है। कुछ जगहों पर लोग तालाब तो कुछ जगहों पर लोग अपने घर में ही साफ-सुथरे पानी में भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन करते है। आरती और पूजा के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को पानी में डाल दिया जाता है और आशीर्वाद मांगा जाता है इससे गणेश चतुर्थी की पूजा समाप्त होती है।
गणेश प्रतिमा पूजा विधि | Ganesh Partima Pooja Vidhi
Ganesh Partima Pooja Vidhi:- गणेश चतुर्थी के दिन जब भगवान गणेश की प्रतिमा को घर में स्थापित किया जाता है तब से भगवान गणेश की प्रतिमा का विशेष तरीका से पूजा अर्चना किया जाता है। इस प्रक्रिया में भगवान गणेश की प्रतिमा को एक लकड़ी के टुकड़े पर लाल कपड़े पर रखा जाता है और मूर्ति के दोनों तरफ पान पत्र और सुपारी रिद्धि-सिद्धि के नाम पर रखा जाता है। इसके बाद एक कलश में थोड़ा सा जल भरकर उसमें नारियल और आम के पत्ते लगाए जाते है।
इस तरह हक भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ एक कलश की स्थापना होती है और विसर्जन के दिन प्रतिमा के साथ उस कलश को भी पानी में खाली कर दिया जाता है। विशेष पूजा विधि में भगवान गणेश की प्रतिमा को सही तरीके से सजाकर रोज आरती की जाती है और मोदक, पान पत्र और फूल चढ़ाए जाते है। इस तरह रोजाना लगातार 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा करने के बाद दसवीं धन भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के निर्धारित मुहूर्त पर भगवान गणेश की विशेष आरती उतारी जाती है जिसमें उनकी पूजा और आरती को लंबे समय तक किया जाता है और उसके बाद कलर्स के साथ उनकी मूर्ति को जल में विसर्जित कर दिया जाता है।
गणेश विसर्जन की संपूर्ण विधि
अगर आप अपने घर में Ganesh Visarjan 2023 के बारे में विचार कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि आपके घर में गणेश चतुर्थी के दिन जिस मूर्ति की स्थापना हुई थी गणेश विसर्जन के निर्धारित मुहूर्त पर आपको उसी प्रतिमा का विसर्जन करना होगा। 10 दिनों तक भगवान गणेश की स्थापित मूर्ति की पूजा की जाती है और उसके बाद उस मूर्ति को विसर्जित किया जाता है।
गणेश विसर्जन की विधि के तौर पर सबसे पहले भगवान गणेश की प्रतिमा की विशेष पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद भगवान गणेश की आरती उतारी जाती है। इसके बाद भगवान गणेश के प्रतिमा की स्थापना के दिन आपने जो कलश स्थापित किया था जिसमें नारियल और आम पत्र को लगाया था उसे प्रतिमा के साथ उठाकर जल स्रोत तक लेकर जाना है। वैसे तो गणेश विसर्जन में भगवान गणेश की प्रतिमा और कलर्स का विसर्जन किसी नदी में किया जाता है मगर आसपास नदी ना होने पर आप तालाब या अपने घर में बाल्टी या किसी दूसरे वस्तु में पानी रखकर उसमें विसर्जित कर सकते हैं।
मूर्ति को ध्यान से जल स्रोत में डालें और कलर्स को भी उसमें खाली कर दें वहां भगवान गणेश की एक साधारण पूजा करें और नमन निवेदित करके वहां से वापस लौट जाएं। भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित करते समय याद रखें उनके विसर्जन मूर्ति पर अपनी पीठ ना दिखाएं उल्टा चलते हुए कुछ दूर तक जाएं और उसके बाद पीछे मुड़े।
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गणेश विसर्जन कहां करना चाहिए |
वैसे तुम गणेश विसर्जन बहुत ही विशेष रूप से किया जाता है और अब बड़े ही धूमधाम से किया जाता है। गणेश विसर्जन के दिन सबसे अधिक हर्षोल्लास और बड़े पैमाने पर यह त्यौहार महाराष्ट्र के मुंबई शहर में देखने को मिलता है जहां बड़े-बड़े मूर्ति को जल में विसर्जित करने का प्रयास किया जाता है। लोग अक्सर इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि भगवान गणेश की प्रतिमा को कहां विसर्जित करना चाहिए।
वैसे तो भगवान गणेश की प्रतिमा को किसी नदी या समुद्र में विसर्जित करना चाहिए मगर हर जगह नदी और समुद्र मौजूद नहीं होता है। इस वजह से भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए आप अपने घर के आस-पास तालाब यह किसी भी जल स्रोत का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके घर के आसपास इस तरह का जल स्रोत मौजूद नहीं है तो अपने घर में बाल्टी या किसी भी अन्य वस्तु में साफ जल लेकर उसमें भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित कर सकते हैं। कुछ देर तक प्रतिमा और कलश को पानी में रखने के बाद एक साधारण पूजा करके उस मूर्ति को वापस निकाल कर कहीं रख सकते हैं।
यह भी ध्यान रखें कि अगर आपने अपने घर में किसी वस्तु में पानी लेकर भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया है तो कुछ देर बाद उस पानी में से भगवान गणेश की प्रतिमा को बाहर निकाल कर रख ले। मगर ध्यान रखें एक विसर्जन मूर्ति को ज्यादा दिन तक घर में नहीं रखना चाहिए अगर आपको कहीं भी मौका मिले तो उस मूर्ति को किसी तालाब या आसपास के जल स्रोत में कुछ दिन के अंदर जल्दी से जल्दी डाल दें।
गणेश विसर्जन पर रखी जाने वाली सावधानियां:-
- गणेश विसर्जन के लिए अगर आप भगवान गणेश की प्रतिमा को उठाने जा रहे हैं तो उठाने से पहले उसकी आरती और पूजा कर ले।
- भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए अगर आप किसी तालाब नदी कुंडलियां अपने घर के टब या बाल्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो हर जगह मूर्ति को बड़े सम्मान के साथ विसर्जित करें फेंके नहीं।
- मूर्ति का सम्मान के साथ विसर्जन करने के बाद क्षमा मांगे और अगले बरस आने का निवेदन अवश्य दें।
- मूर्ति विसर्जन के बाद वहां से जाने के लिए पीछे ना मुड़े, पहले उल्टा चलते हुए कुछ दूर जाए और उसके बाद अपनी पीठ दिखाएं।
- अगर आपने घर में किसी बाल्टी में भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया है तो उस पानी को कहीं फेंकने की जगह गमला या गार्डन में शांति से डाल दें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ उनके पूजा स्थान पर जो कलश रखा गया है उसमें मौजूद सभी सामग्री को जल में विसर्जित करें।
FAQ’s Ganesh Visarjan 2023
Q. गणेश विसर्जन कब है?
इस साल भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन 19 सितंबर 2023 को किया जाएगा।
Q. गणेश विसर्जन कैसे किया जाता है?
गणेश विसर्जन के पावन अवसर पर आपको सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी है और उसके बाद उनकी प्रतिमा और कलर्स को किसी भी जल स्रोत में शांति से डालते हुए क्षमा मांगना है और अगले बरस आने का निवेदन देना है।
Q. गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या है?
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर 2023 को सुबह 6:00 से 10:31 तक है जबकि दोपहर में इसके बाद दोपहर में 12:18 से 1:52 तक विसर्जन का मुहूर्त रहेगा, इसके अलावा आप शाम 5:00 बजे से शाम 6:31 तक विसर्जन कर सकते हैं।
Q. गणेश विसर्जन कब किया जाता है?
Ganesh Visarjan 2023 बड़े धूमधाम से भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है जो इस साल 8 सितंबर रात 9:00 बजे के बाद शुरू हो रहा है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में गणेश विसर्जन कब और कैसे किया जाता है कि विस्तारपूर्वक जानकारी देने का प्रयास किया गया। हमने आपको Ganesh Visarjan 2023 का शुभ मुहूर्त कब है और गणेश विसर्जन की प्रक्रिया क्या है के बारे में सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया है। अगर इस लेख को पढ़ने के बाद आप गणेश विसर्जन प्रक्रिया गणेश विसर्जन से जुड़े कुछ खास बातों को भी समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझावों विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न कमेंट में पूछना ना भूलें।