Lakshmi Pujan:- दिवाली को व्यापक रूप से भारत का सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक अवकाश माना जाता है और निश्चित रूप से यह वह त्यौहार है जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है। दीपावली हिंदुओं का एक पावन त्यौहार है और 2023 में दीपावली 12 नवंबर को पूरे धूमधाम के साथ भारत के सभी राज्यों में मनाया जाएगा। “रोशनी के त्योहार” के रूप में जाना जाता है, हर साल पर्यवेक्षक दिवाली को अंधेरे पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई के विस्तार के त्योहार के रूप में मनाते हैं। उत्सव के दौरान पांच दिनों तक, देश जश्न में डूबा रहता है और सड़कें दीयें और रोशनी से जगमगाती रहती हैं।भारतीय पौराणिक कथाएँ इतनी विशाल हैं कि तदनुसार, कई देवता हैं जिन्हें दिवाली के समय पूरे उपमहाद्वीप में मनाया जाता है। हालाँकि, इन सभी में सबसे प्रमुख निस्संदेह सुंदरता, भाग्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी हैं। आगामी वर्ष में अच्छे भाग्य का स्वागत करने की आशा में, दिवाली मनाने वाले पूरे अवकाश के दौरान लक्ष्मी को पूजा की जाती है और पूष्पांजलि अर्पित की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके आने की खुशी में अयोध्या निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था I जिसके बाद से ही दीपावली मनाने की परंपरा की शुरुआत भारत में हुई और आज तक परंपरा कायम है I ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल आता होगा कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है? पूजा कैसे करेंगे? पूजा के विधि क्या होगी? पूजन मंत्र क्या होगा? लक्ष्मी पूजा आरती कैसे होगी? ऐसे तमाम चीजों के बारे में अगर आप जानना चाहते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे पोस्ट पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं:-
Lakshmi Pujan 2023- Overview
त्यौहार का नाम | दीपावली |
साल | 2023 |
2023 में कब मनाया जाएगा | 12 नवंबर को |
क्यों मनाया जाता है | श्री राम अयोध्या वापस आए थे |
कौन सा धर्म के लोग मनाते हैं | हिंदू धर्म |
लक्ष्मी पूजा कहां-कहां मनाई जाती है | पश्चिम बंगाल बिहार असम |
दिवाली पूजा 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली कार्तिक मास के अमावस्या महीने में मनाई जाती है 2023 में दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी I दिवाली पूजा के दिन सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान से करते हैं I ताकि उनके ऊपर उनकी कृपा बनी रहे I इसके अलावा इस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं और पूजा संपन्न होने के बाद मिठाइयां प्रसाद के रूप में लोगों को वितरण करते हैं I हम दूसरे लोगों के घर में जाते हैं वहां पर उन्हें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं I छोटे बच्चे एक दिन पटाखे खुद जलाते हैं या काफी हर्षोल्लास और उत्साह का पावन पर्व है I
लक्ष्मी पूजन | Laxmi Poojan
दीपावली के दिन पर लक्ष्मी पूजन हम सभी लोग अपने घर में करते हैं क्योंकि इससे हमारे घर में धन की वृद्धि होती है क्योंकि माता लक्ष्मी को धन का देवी कहा जाता है ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी पूजन अगर आप करते हैं तो आपके घर में किसी प्रकार के भी आर्थिक तंगी होगी तो उसका निवारण माता लक्ष्मी खुद करेंगे क्योंकि जिस घर में माता लक्ष्मी निवास करती है वहां पर आर्थिक तंगी या परेशानी आती ही नहीं है I
Laxmi Pooja 2023
लक्ष्मी पूजा 2023 में 12 नवंबर को पश्चिम बंगाल और असम बिहार जैसे राज्यों में मनाया जाएगा बिहार जैसे राज्य में इसे बिहार में खासकर मैथिलि बहुल क्षेत्रों में इसे ‘कोजागरी पूजा’ के नाम से जाना जाता है। देशभर में यह दिन शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2023) के नाम विख्यात है I पश्चिम बंगाल में इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उसके बाद लोगों के बीच में प्रसाद का वितरण किया जाता है लक्ष्मी पूजा में नारियल की बनी हुई लड्डू काफी मशहूर है इसे ही प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है I
दीपावली पूजा (Diwali Pooja)
दीपावली पूजा 2023 में 12 नवंबर को भारत के सभी राज्यों में मनाया जाएगा I
laxmi pujan Muhurat 2023
Puja Muhurta | Pujan Time |
लक्ष्मी पूजन समय | 18:54:52 से 20:16:07 तक |
शुभ मुहूर्त अवधि | 1 घंटे 21 मिनट |
प्रदोष काल | 17:43:11 से 20:16:07 तक |
वृषभ काल | 18:54:52 से 20:50:43 तक |
लक्ष्मी पूजा कैसे करें (Lakshmi Pujan Kaise Kare)
दीपावली के सामने लक्ष्मी पूजा की जाती है दिन सबसे पहले एक चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि लक्ष्मी के दायीं दिशा में गणेश रहें और उनका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। उनके सामने बैठकर चावल के ऊपर कलश की स्थापना करें इसके बाद आपको कलर्स के ऊपर एक नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखना होगा आप ऐसे रखेंगे कि नारियल का सिर्फ अग्रभाग ही दिखाई पड़े इसके बाद आपको दो बड़े दीपक लेने हैं और उसमें घी डालकर उसे जलाना है । एक को मूर्तियों के चरणों में और दूसरे को चौकी की दाई तरफ रखें। उसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के मूर्ति पर तिलक लगाएंगे I अब आप माता लक्ष्मी और गणेश जी के सामने दीपक जलाएंगे औ रजल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी गुलाल माता लक्ष्मी को अर्पित करेंगे इसके बाद जो भी मंत्र हैं उसका उच्चारण करेंगे इस प्रकार आप लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं I
लक्ष्मी पूजा विधि (Laxmi Puja Vidhi)
लक्ष्मी पूजा के दिन सबसे पहले आपको पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या आप माता लक्ष्मी की तस्वीर भी दीवार पर लगा सकते हैं इसके अलावा बगल में एक कलश रखेंगे I इसके बाद आपको कलश के ऊपर एक नारियल रखना होगा I जिससे कपड़े में लपेट कर रखना है I
अब आप माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पतीले लगाएंगे और दीपक जला कर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें। इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें। पूजा घर के सभी लोग मिलकर करें इससे सभी व्यक्ति के ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहेगी I महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें। पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।
लक्ष्मी पूजन मन्त्र (Lakshmi Pujan Mantra)
माता लक्ष्मी धन की देवी कहा जाता है और दीपावली के दिन उनकी पूजा विधि विधान से की जाती है ताकि लक्ष्मी जी की विशेष कृपा हमारे ऊपर बनी रहे ऐसे में अगर आप भी लक्ष्मी पूजन करते हैं तो आपको कुछ विशेष प्रकार के मंत्रों का उच्चारण करना होगा तभी जाकर आपकी पूजा सफल मानी जाएगी उस मंत्र का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं जो इस प्रकार है-
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
लक्ष्मी पूजा आरती
लक्ष्मी पूजा के दौरान आरती करना भी आवश्यक होता है ऐसे में अगर आप माता की आरती करते हैं आपको आरती की प्रक्रिया भी मालूम होनी चाहिए उसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं-
- लक्ष्मी जी की आरती में 16 पंक्तियां हैं।
- शक्ति तत्व की देवी होने से इन पंक्तियों को ऊंची राग के साथ मध्यम स्वर और मध्यम वेग में गाया जाना चाहिए
- आरती का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए।
- लक्ष्मी जी की आरती में मधुर स्वर उत्पन्न करने वाले वाद्य यंत्र बजाने चाहिए। इन यंत्रों को हल्के हाथों से बजाएं ताकि उसे मधुर ध्वनि उत्पन्न हो क्योंकि माता लक्ष्मी को मधुर ध्वनि बहुत ज्यादा पसंद है
- आरती के लिए शुद्ध कपास यानी रूई से बनी घी की बत्ती होनी चाहिए।
- कपूर आरती भी की जाती है। बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस हो सकती है। आरती घड़ी के कांटो की दिशा में लयबद्ध तरीके से करनी चाहिए।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2 ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2.
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FAQ’s Lakshmi Pujan 2023
Q:दीपावली कब है?
Ans: 12 नवंबर को पूरे भारत में मनाई जाएगी
Q: लक्ष्मी पूजा भारत के किन किन राज्यों में मनाई जाती है?
Ans: लक्ष्मी पूजा भारत के बिहार आसाम और विशेष तौर पर पश्चिम बंगाल में मनाई जाती है पश्चिम बंगाल में तो सभी घरों में लक्ष्मी पूजा काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है I
Q: लक्ष्मी पूजा कब है?
Ans: लक्ष्मी पूजन समय :18:54:52 से 20:16:07 तक
अवधि :1 घंटे 21 मिनट
प्रदोष काल :17:43:11 से 20:16:07 तक
वृषभ काल :18:54:52 से 20:50:43 तक