Rashtriya Ekta Diwas Essay in Hindi:- राष्ट्रीय एकता दिवस या जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस के नाम से भी जाना जाता है, हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है और यह सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में मनाया जाता है जो हमेशा देश की एकता में विश्वास करते थे।प्रथम राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया गया था और उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी। इस दिन राष्ट्रव्यापी मैराथन “रन फॉर यूनिटी” का भी आयोजन किया गया था , जिसके प्रधान मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाई गई थी। राष्ट्रीय एकता दिवस में आयोजित की गई मैराथन में हजारों लोग ने हिस्सा लिया था और इस मैराथन ने रिकॉर्ड ने रिकार्ड कायम किया था।
इस मैराथन का आयोजन युवाओं को जोड़ने के लिए किया गया था। यह राष्ट्र को समग्र रूप से जोड़ने का एक सफल प्रयास था। उल्लेखनिय है कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के राष्ट्रीय एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह स्वतंत्र भारत में रियासतों के एकीकरण के अग्रणी थे। इसलिए, राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस आज़ादी के बाद से भारत की एकता को यादगार बनाने का प्रतीक है। गौरतलब है कि छात्रों को अक्सर उनके स्कूलों और कॉलेजों में राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, जिसके मद्देनजर हमने इस लेख को तैयार किया हैं, जिसका यूज कक्षा-3 से लेकर कक्षा-10 में और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भी कर सकते हैं। अगर आप राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरल भाषा में अच्छे निबंध को खोज रहे है तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़े
Rashtriya Ekta Diwas Essay in Hindi- Overview
आर्टिकल का प्रकार | निबंध |
आर्टिकल का नाम | राष्ट्रीय एकता दिवस |
साल | 2023 |
कब मनाया जाएगा | 31 अक्टूबर को |
क्यों मनाया जाता है | सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में |
कहां मनाया जाएगा | पूरे भारतवर्ष में |
राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध | Rashtriya Ekta Diwas Par Nibandh
राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा इस दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और जितने भी बड़े महानुभाव नेता हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात में हुआ था भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका अतुल्य थी जिन्हें शब्दों में बयान करना हमारे लिए संभव नहीं है I जब देश आजाद हुआ तो देश के सामने विकट समस्या थी क्योंकि उस समय भारत में सभी रियासतें अलग अलग थी और उन्हें एक साथ मिलाकर भारत राष्ट्र निर्माण करना था जो कि बड़ा ही कठिन काम था I इसकी प्रमुख वजह थी कि कई रियासतें पाकिस्तान में सम्मिलित होना चाहती थी I इन सब बातों को देखते हुए सरदार बल्लभ भाई पटेल ने राजनीतिक और सैन्य क्षमता का प्रयोग करते हुए भारत में 563 रियासतों का विलय किया और उसके बाद भी भारत एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश बन पाया I
उनके इस योगदान को देश के लोग याद करें इसी बात को ध्यान में रखते हुए 2014 को देश के प्रधानमंत्री ने गुजरात में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को अब से देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा I ताकि देश के निवासियों में राष्ट्र की भावना कूट-कूट कर भरे और राष्ट्र निर्माण में किस प्रकार की भूमिका निभानी है उसकी प्रेरणा उन्हें मिल सके I तभी से देश में राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत हुई जो आज तक कायम है और आने वाले भविष्य में भी इस दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा I
राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ सभी जगह आयोजित किया जाता है इस दिन सभी लोग सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं I सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के एकीकरण में अपना अतुल्य योगदान दिया था जिसे शब्दों के द्वारा बता पाना असंभव है I
यह दिन भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है इसकी प्रमुख वजह है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अखिल भारतीय सेवा प्रणाली की शुरुआत की गई थी इसलिए इस दिन भारत के जितने भी प्रशासनिक अधिकारी हैं वह सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए सभी सचिवालय में इकट्ठा होते हैं और उनके सम्मान में उनके जीवन के ऊपर अपने विचार रखते हैं I ताकि लोगों को इस बात की जानकारी मिल सके कि सरदार बल्लम भाई पटेल ने देश के अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए उनका योगदान क्या है |
यह भी जानें:-
1. | सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी |
2. | राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध |
3. | सरदार पटेल जयंती कब, क्यों मनाई जाती हैं? |
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व | Rashtriya Ekta Diwas Essay in Hindi
सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री थे। भारत को राष्ट्र के रूप में निर्मित करने का काम सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था राष्ट्रीय एकता दिवस के द्वारा हम दो महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति कर सकते हैं I पहला सरदार बल्लम भाई पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना और दूसरा देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता को कैसे बनाए रखना है I उसकी प्रेरणा हमें राष्ट्रीय एकता दिवस के माध्यम से ही मिल पाएगा I इसलिए हम सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस के शुभ अवसर प्राण लेना चाहिए कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगेI
Essay on National Unity Day in Hindi
National Unity Dayसरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है इसी दिन उनका जन्म हुआ था दूसरी सबसे प्रमुख वजह है कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ से भारत को मजबूत राष्ट्र के रूप में बनाने का काम सरदार बल्लभ भाई पटेल के द्वारा किया गया I जब देश 1947 में आजाद हुआ तो उसमें भारत में कई रियासत थे जो भारत में सम्मिलित नहीं होना चाहते थे जो कि पाकिस्तान में जाने के बारे में सोच रही थी उन सभी को भारत में सम्मिलित करने का काम सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा किया गया था I जिसके कारण भारत में 563 देशों का विलय हुआ और भारत एक राष्ट्र के रूप में निर्मित हुआ I इन सभी कामों के कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष का जाता है I
राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध 500 शब्द | National Unity Day Essay in (500 Words)
राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस हर 31 अक्टूबर को मनाया जाता है बलम भाई पटेल भारत के प्रथम गृह मंत्री और प्रधानमंत्री थे इसके अलावा सरदार बल्लम भाई पटेल स्वतंत्रा सेनानी और राजनेता थे | उन्होंने भारत का एकीकरण करने में अहम योगदान दिया था I
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सरदार पटेल को श्रद्धांजलि
सरदार पटेल भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री मंत्री थे जिन्होंने छोटे राज्यों को भारत संघ में एकीकृत करने में करने में अहम भूमिका निभाई थी स्वतंत्रता से पहले, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने गुजरात में आयोजित सत्याग्रह का नेतृत्व किया था इसमें उन्हें भारी जनमत का समर्थन भी प्राप्त हुआ था
हालांकि, सरदार पटेल एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे, भारत की स्वतंत्रता के दौरान और बाद में एक प्रशासक के रूप में उनकी भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया, तो लगभग 565 स्वतंत्र रियासतें थीं जो मुक्त हो गईं। सरदार पटेल, जिनके पास उस समय गृह मंत्री का विभाग भी था, ने इन राज्यों को भारत संघ में शामिल होने के लिए राजी किया। इसके लिए सरदार पटेल ने हर हथकंडा आजमाया – कुछ रियासत स्वयं से भारत में सम्मिलित होने के लिए राजी हो गए और जिन्होंने सम्मिलित होने से मना किया उनके ऊपर सैन्य कार्रवाई का आदेश जारी किया जिसके फलस्वरूप रियासतों ने भारत में सम्मिलित होने के लिए हां किया I सरदार बल्लभ भाई पटेल का सपना था अखंड भारत और वह अखंड भारत के सपने को पूरा करने के के लिए उन्होंने निरंतर काम किया इसका परिणाम यह हुआ कि भारत एक राष्ट्र के रूप में निर्मित हुआ I अखंड भारत के लिए सरदार पटेल के इस दृढ़ संकल्प ने उन्हें “भारत का लौह पुरुष” नाम दिया था।
इसलिए उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाने की घोषणा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया I
पहला राष्ट्रीय एकता दिवस | First National Unity Day
31 अक्टूबर, सरदार पटेल की जयंती को हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा 2014 में एक आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से लिया गया था।
इसके बाद मंत्रालय ने अधिकारिक बयान देकर इस बात की पुष्टि की है कि अब से 31 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में मनाया जाएगा I 2014 में सरदार पटेल की 140वीं जयंती पर कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। दिल्ली, नागपुर और मुंबई जैसे शहरों में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। कई राजनेताओं और खिलाड़ियों ने आयोजनों में भाग लिया। यहां पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद थे | और उन्होंने भी लिख सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की
दुनिया भर में स्थित भारतीय दूतावासों में स्मारक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सरदार बल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके
घटनाएँ और गतिविधियाँ (Events and Activities)
Rashtriya Ekta Diwas Nibandh : राष्ट्रीय एकता दिवस पर शिक्षण संस्थानों, स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इस संबंध में कार्यालय को दिशा निर्देश जारी करता है
स्कूलों में विशेष स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बच्चे सरदार पटेल को सम्मान देते हैं और उनके जीवन को करीब से जानने का प्रयास करते हैं ताकि उनका चरित्र भी सरदार वल्लभ भाई पटेल की तरह हो सके ताकि राष्ट्र के निर्माण में बच्चे आगे चलकर अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकें |
सरदार पटेल की 182 मीटर लंबी प्रतिमा का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात में किया गया था। यह सूरत से 150 किमी दूर स्थित है और सरदार सरोवर बांध का सामना करता है। सरदार पटेल को सम्मान देने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रतिमा और संग्रहालय देखने आते हैं।
सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ-साथ विपक्ष के सदस्यों द्वारा भी संसद में सरदार पटेल को उचित श्रद्धांजलि दी जाती है |
राष्ट्रीय एकता दिवस पर 10 वाक्या | 10 lines on National Unity Day
1) सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के अवसर पर उनके कार्यों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
2) राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 31 अक्टूबर 2014 को दिल्ली में की गई थी।
3) 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सरदार पटेल को याद करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है, जिसे “रन फॉर यूनिटी” नाम दिया गया है।
4) इसके अलावा स्कूलों और कॉलेजों में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें बैनर, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, निबंध, भाषण, पेंटिंग, कविता, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है।
5) इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है।
6) इस दिन के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी तक राष्ट्रीय एकता का संदेश पहुंचाया जाता है, ताकि आगे चलकर वे राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझ सकें।
7) युवाओं को एकता का मूल्य समझाने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाना आवश्यक है।
8) सरदार पटेल ने आजादी के बाद रियासतों को एक कर देश को ताकत देकर एकता की मिसाल पेश की थी।
9) एकता हमारे देश की ताकत है इसलिए इस दिन को भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
10) प्रत्येक भारतीय को इस तिथि में दिल से भाग लेना चाहिए और भारत के लौह पुरुष को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।
FAQ’s: Rashtriya Ekta Diwas Essay in Hindi
Q: राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाएगा?
Ans: राष्ट्रीय एकता दिवस 31अक्टूबर को मनाया जाएगा |
Q: राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर । राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उद्देश्य भारत लोगों में राष्ट्रीय एकता की भावना को और भी ज्यादा जागृत करना है ताकि देश की अखंडता और राष्ट्रीय एकता बचा जा सके |
Q.’स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ क्या है?
उत्तर । इस महान नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए गुजरात में बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है।