मेरे प्रिय अध्यापक हिंदी निबंध | My Favourite Teacher Essay in Hindi:- शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें शिक्षा के साथ-साथ एक महान नागरिक बने की की शिक्षा भी देते थे किसी भी बच्चों का पहले गुरु मां बाप के बाद शिक्षक ही उसका दूसरा गुरु होता है शिक्षक हम लोगों को समझ में अच्छे से जीवन यापन करने एवं आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं अच्छे एवं बुरे की पहचान करवाते हैं शिक्षक हमेशा हमें सही रास्ता पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं अर्थात एक विद्यार्थी को उसका सामाजिक विकास में शिक्षक का का महत्वपूर्ण योगदान होता है जैसे कि हम लोगों को पता है कोई भी इंसान शिक्षा के बिना अंधे के समान होता है अर्थात उसे किसी भी चीज की समझ नहीं होती है उसे लोग समाज में हीन भाव से देखते हैं |
मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध (300 शब्द) | My Favourite Teacher Essay in Hindi
प्रत्येक छात्रों के जीवन में उनका एक पसंदीदा शिक्षक होता है या रहा होगा और आज भी हम उनके संपर्क मैं रहते होंगे एवं उनके द्वारा दिए गए शिक्षा अर्थात ज्ञान का उपयोग अपने इस वर्तमान समय में करते हैं |
प्रस्तावना:
छात्र स्कूल के हो या कॉलेज के उनके जीवन में अपना एक पसंदीदा शिक्षक होता है जिस शिक्षक के क्लास को छात्र बड़े रुचि के साथ पढ़ते हैं उनके क्लास के पढ़ाई को पढ़ने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं और साथ ही साथ उनके द्वारा जो क्लास लिए जाते हैं उसे क्लास का पढ़ाई को छोड़ना नहीं चाहते हैं स्कूल एवं कॉलेज में हमारे पसंदीदा शिक्षक जो हमें सिखाते हैं वह हमारे वास्तविक जीवन में काफी मदद करता है
मेरा फेवरेट टीचर | My Favourite Teacher
जब मैं कक्षा 4और 5 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक मेरे स्कूल के गिरधारी सिंह मेरा पसंदीदा शिक्षक थे | इनका पढ़ने का और समझने का तरीका ही बिल्कुल अलग था मेरे शिक्षक किसी छात्र को नर्मता और सरल तरीका पढ़ाते थे छात्र बड़ी आसानी पूर्वक समझ पाए थे मेरे शिक्षक गणित के काफी अच्छे शिक्षक थे वह गणित जैसे विषयों को प्रैक्टिकल के द्वारा बड़ी आसानी पूर्वक समझते थे जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में मध्य वर्ग के छात्र भी बड़ी आसानी पूर्वक समझ जाते थे वह छात्रों को हमेशा अच्छी-अच्छी बातों का ज्ञान देते थे | वह अपने छात्रों को हमेशा अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करते थे |
जब कोई विषय पढ़ने या समझने में परेशानी होती थी तब तब मेरे शिक्षा उस विषय को समझने मैं हम लोगों का सहायता करते थे वह पढ़ाई के साथ-साथ हम लोगों को सही रास्ता में चलने के लिए अच्छी-अच्छी ज्ञान देते थे, जो अभी वर्तमान समय में हम लोगों इस ज्ञान का काम आता है एवं जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्र होते थे उनको भी आर्थिक रूप से सहायता प्रदान मेरे शिक्षक करते थे |
मेरे शिक्षक प्रत्येक सप्ताह जिस विषय पर पढाते थे उसे विषय से संबंधित टेस्ट सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे | और जो विद्यार्थी सबसे अच्छा मार्क्स लता था | उसे प्राइस के तौर पर चॉकलेट वितरण करते थे | मेरे शिक्षक पढ़ाई के दौरान कभी-कभी हम लोगों को छात्रों को हंसाने के लिए छोटे-छोटे चुटकुले बोलते थे | ताकि छात्रों को काफी खुशी महसूस होता था | यह सब के कारण वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे |
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के ऊपर दिए गए बातों को पढ़कर यह पता चलता है कि हम लोगों को हमेशा अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए एवं उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को वर्तमान समय में उपयोग करना चाहिए और आज हम लोग जो कुछ भी है उनके कारण ही है इसलिए हम लोगों को अपने शिक्षक को धन्यवाद देना चाहिए |
मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (500 शब्द) | Essay On My Favorite Teacher in Hindi
Mera Priya Adhyapak Nibandh in Hindi :- मैं अपने स्कूल में जिस कक्ष में पढ़ता था उस कक्षा का मैं बहुत कमजोर विद्यार्थी था मेरा इंग्लिश बहुत कमजोर था जिसके कारण मुझे इंग्लिश के कक्षा में बहुत डर लगता था क्योंकि मैं इंग्लिश के विषय में शिक्षा के द्वारा कई बार मार भी खाया हूं लेकिन लेकिन हमारे स्कूल में एक नए शिक्षक इंग्लिश के आए थे जिनका नाम संतोष सिंह था अपना परिचय बड़ी नर्मता के साथ कक्षा में दिए उनका पढ़ने का अंदाज बिल्कुल ही अलग था वह स्कूल के प्रत्येक छात्रों को एक समान देखते थे चाहे छात्र पढ़ाई में कमजोर हो चाहे तेज हो वह खास करके कमजोर छात्रों पर ज्यादा ध्यान देते थे एवं उनको पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे| परीक्षा आने से पहले हम लोगों को अच्छी तरह से गाइड करते थे ताकि हम परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास करें
परीक्षा से पहले एक्स्ट्रा क्लास देते थे |
मेरे पसंदीदा शिक्षक जब हम लोगों का परीक्षा नजदीक आता था तो हमारे शिक्षक हम लोग के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस की सुविधा प्रदान करते थे अगर किसी विद्यार्थी को किसी विषय संबंधित कोई समस्या है तो वह उसे एक्स्ट्रा क्लासेस में अपने विषय संबंधी समस्याओं का सुझाव लेते थे उनका पढ़ने का एवं समझने का तरीका इतना अच्छा था कि विद्यार्थी उनके क्लास को मिस नहीं करते थे |
पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी ख्याल रखती थी |
जैसे ही हम लोग का परीक्षा खत्म होता था हम लोगों के लिए मनोरंजन के लिए कई सारी व्यवस्था हमारे शिक्षक करते थे इस मनोरंजन में हमारे शिक्षक कई प्रकार के गेम का खेलने का व्यवस्था करते थे उनके अनुसार बच्चों को पढ़ के साथ-साथ खेलकूद भी करना जरूरी होता है कभी-कभी तो स्कूल के क्लास में ही मनोरंजन संबंधित एक्टिविटी हमारे शिक्षक करते थे इसलिए वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे
स्टूडेंट को मोटिवेट | Student Ko Motivate
जब कोई विद्यार्थी निराश होता था या डर के कारण उनसे कोई बात नहीं पूछ सकता था तो हमारे शिक्षक हम लोगों का आत्मविश्वास को बढ़ाते थे और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देते थे वह हमेशा एक बात को कहते थे किसी भी समस्या से डर कर मत भागो उसे समस्याओं का सामना करो क्योंकि कोई भी समस्या आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं होती है अगर आप लोगों ने किसी कार्य करने के लिए एक लक्ष्य लिया है तो उस लक्ष्य को अपने मेहनत के द्वारा पूरा करो अगर आपको किसी कार्य में सफलता एक बार में नहीं मिलती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सफल नहीं हो पाएंगे आपको प्रयास करती रहनी चाहिए
सिर्फ आप लोगों को अपने लक्ष्य को पूरा करने में ध्यान देना चाहिए चाहे उसके लिए जितनी भी मेहनत क्यों न करने पड़े क्योंकि ईमानदारी से मेहनत करने वाले लोगों को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता है इन सभी विचारों को सुनकर हम लोग विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और हम लोग और ज्यादा मेहनत करने लगते हैं शिक्षकों को हमेशा विद्यार्थियों का मनोबल को बढाते रहना चाहिए क्योंकि अधिकतर शिक्षक ऐसे होते हैं कि छोटे-छोटे गलतियों पर विद्यार्थियों को डिमोटिवेट कर देते हैं जिसके कारण कई विद्यार्थियों को स्कूल नहीं जाने और पढ़ाई न करने का मन करता है |
यह भी पढ़ें:- Moral Stories in Hindi :-
2. बच्चों के लिए शिक्षाप्रद लघु नैतिक कहानियां
मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (750 शब्द) | Essay On My Favourite Teacher in Hindi
शिक्षकों का अहमियत हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है शिक्षकों को भगवान के रूप में देखा जाता है शिक्षक मोमबत्ती की तरह हमारे जीवन में रोशनी लाते है रोशनी का अर्थ हुआ शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को सही रास्ते पर चलने का राह दिखाए हैं शिक्षक अच्छे बुरे एवं अपने से बड़ों का सम्मान एवं अपने से छोटों का इज्जत करने का ज्ञान हमें प्रदान किए हैं
अगर शिक्षक ना होते तो स्कूल भी नहीं होती और अगर स्कूल नहीं होती तो सभ्य समाज का निर्माण भी नहीं होता| विद्यार्थी अपने शिक्षक के बिना अधूरे होते शिक्षक केवल पढ़ाई संबंधित ज्ञान ही नहीं देते हैं बल्कि हमारे जीवन में अच्छे बुरे की पहचान करने की ज्ञान भी देते हैं साथ ही साथ हम लोगों को एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरणा भी शिक्षक के द्वारा मिलता है
स्कूलों एवं कॉलेज में कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो काफी अच्छे पढ़ाते हैं और उनके अच्छे पढाने के कारण कारण विद्यार्थी उनके साथ घुल मिल जाते हैं और इस प्रकार व शिक्षक हम लोगों का प्रिय शिक्षक बन जाते हैं
विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरा करने में शिक्षक के बिना असमर्थ है शिक्षकों के द्वारा पढ़ना एवं उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने की वजह से सफलता प्राप्त होती है हम लोगों के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए शिक्षकों को भगवान से ऊपर भी माना जाता है |
प्रस्तावना:
मेरा पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद थे इन्होंने मुझे कक्षा-8 से लेकर दसवीं तक इतिहास पढाते थे सबसे पहले कक्षा में उस विषय को छात्रों को पढ़ने के लिए बोलते थे फिर उसे विषय को छोटे-छोटे भागों में अच्छी तरह से समझाते थे इनका समझने का तरीका बिल्कुल सरल भाषा था जिसको समझने में आसानी होती थी |
उसके बाद अगर उसे विषय का अर्थात जिस विषय का पढ़ाई हो चुका है उस विषय से संबंधित प्रश्न विद्यार्थियों को करते थे जिससे विद्यार्थियों को उस विषय को याद रखने में काफी सहायता होती थी
वर्तमान समय में ऐसे शिक्षक मिलना है काफी मुश्किल की बात है जब उनका क्लास रहता था तो सभी विद्यार्थी उनके क्लास में मौजूद होते थे
वक्त के साथ परीक्षा लेना
मेरे पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद जिस पाठ को पढ़ा देते थे उसे पाठ से संबंधित परीक्षा सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे परीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य यह होता था कि विद्यार्थी कितना तक इस पाठ को समझ सके हैं। और जिनका नंबर इस परीक्षा में काम आता था उन पर शिक्षक ज्यादा ध्यान देते थे ताकि अगली बार वह अच्छी तरह से समझ सके |
सबके साथ समान व्यवहार | Equal Treatment
मेरे पसंदीदा शिक्षक कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे | वह सभी को एक समान देखते थे | अगर कोई भी विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर है और कोई विद्यार्थी पढ़ने में तेज है दोनों के साथ समान व्यवहार करते थे। वह सभी विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे।
वह अपने कक्ष में सभी विद्यार्थियों का काफी ध्यान रखती थी वह रोटेशन के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थियों को आगे बैठने का मौका देते थे।
नोट्स वितरण
एक अच्छे शिक्षक का पहचान यह होता है कि प्रत्येक अध्याय का नोट्स वितरण विद्यार्थियों में करना होता है। हम लोग किताब भी पढ़ सकते हैं लेकिन किताबों में लिखी गई भाषा को हमारे शिक्षक नोटिस के माध्यम से उसे सरल बनाकर लिखते हैं जिसको समझने में और पढ़ने में काफी आसानी होती है |
परीक्षा के लिए तैयारी
मेरे शिक्षक परीक्षा से कई दिन पहले परीक्षा की तैयारी करते थे इसके लिए उन्होंने कई वर्ष के पुराने प्रश्न पेपर को सुलझाने के लिए देते थे इससे हम लोग का आत्मविश्वास बढ़ता था और परीक्षा के समय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता था और जो विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे नंबर चलाते थे उनको पुरस्कार भी देते थे।
अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन
जब कभी हम लोगों को इस विषय के बारे में समझ में नहीं आता था हम लोग का शिक्षक एक्स्ट्रा क्लास का प्रबंध करते थे वह इतना अच्छा पढाते थे और समझाते थे कि कक्षा में हम लोग को अच्छी तरह से समझ में आ जाता था।
जीवन के अनुभव
हम लोगों के शिक्षक अपने जीवन से संबंधित अनुभव के बारे में बताते थे । कि हम लोग अपने जीवन में यही फैसला कर सके और सही मार्ग पर चल सके हमारा जिंदगी में जितनी भी कठिन से कठिन समस्या आए उसका सामना कर सके ।
निष्कर्ष
अतः हम लोग कह सकते हैं कि शिक्षक हम लोगों को अच्छे बुरे की पहचान करना सीखाते हैं साथ ही साथ संसार में चलने के लिए एक योग्य इंसान एवं सम्मानित नागरिक बनाने के कार्य शिक्षक करते हैं। हम लोगों को अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए मैं अपने आप को काफी भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे एक अच्छा शिक्षक मिला।
मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Download Mera Priya Adhyapak Essay in PDF Download
मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी मैं आप लोगों को पीडीएफ फाइल के रूप में करवा रहे हैं इसको आप लोग डाउनलोड करके अपने मोबाइल में आसानी प्रयोग देख सकेंगे।
मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध | My Favorite Teacher Essay in Hindi 5 lines
मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध 5 lines निम्न है:-
- मेरी प्रिय अध्यापिका समय मिलने पर गेम खेलने का व्यवस्था करती थी | हैं और जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण बातों को बोलती थी।
- मैं भी अपने अध्यापिका की तरह एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूं।
- जब कभी भी मैं कोई समस्या में फस जाता था तो मैं अपने अध्यापिका से कुछ समस्या का सलाह लेता था और वह हमें हमेशा अच्छी सलाह देती थी।
- मैं हमेशा अपने अध्यापिका का सम्मान करता हूं हम सभी को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए।
- मेरे शिक्षक बहुत ही सरल भाषा में पढ़ाती है ताकि सभी छात्रों को आसानी पूर्वक समझ सके।
Also Read:
मेरा प्रिय शिक्षक निबंध हिंदी में 100 words | My Favourite Teacher Paragraph in Hindi
स्कूल हो या कॉलेज शिक्षक हमेशा हमें शिक्षा के साथ-साथ अच्छी-अच्छी ज्ञान देते हैं जो सामाजिक तौर पर हमारा काम आता है शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं
मेरे प्रिय शिक्षक क्लास 8 के मोहित शर्मा सर जी थे जो हिंदी विषय के साथ-साथ सभी विषयों को पढाते थे। मैं इंग्लिश विषय में काफी कमजोर था लेकिन मेरे प्रिय शिक्षक मोहित शर्मा जी जब आए तो मेरे इंग्लिश विषय को समझने में सुधार किया उनके पढाने की कला इतनी अच्छी थी कि छात्र-छात्राओं को बड़ी आसानी पूर्वक समझ में आ जाती थी। वह हमेशा सभी विद्यार्थियों को एक समान देखते थे सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते थे वह हम लोगों का स्कूली शिक्षा के साथ-साथ हमारे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से मदद भी करते थे
मेरी प्रिय अध्यापक पर निबंध 10 Lines | Mera Priya Adhyapik Par Nibandh 10 Lines
- मेरे प्रिय अध्यापक का नाम श्री राजन गुप्ता है।
- मेरे प्रिय अध्यापक मेरी कक्षा में भूगोल के शिक्षक हैं जिनका समझाने का तरीका सबसे अलग और आसान है।
- मेरे प्रिय शिक्षक स्कूल के सभी छात्रों को एक समान मानते थे किसी भी एक छात्र पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
- मेरे प्रिय शिक्षक एक शिक्षक के साथ ही साथ एक अच्छे इंसान भी हैं वह गरीब वर्ग के छात्रों की बहुत मदद करते हैं।
- मेरे प्रिय शिक्षक का मेरे स्कूल से कुछ दूर में ही उनका घर था।
- मेरे स्कूल के सभी छात्र/छात्राएं अपने शिक्षक का बहुत सम्मान करते हैं। और उनके कक्षा में आने से सभी शांत बैठ जाते हैं।
- अगर कोई छात्र के द्वारा गलती करने पर हमारे प्रिय शिक्षक उनको ज्यादा दण्ड नहीं देते हैं बल्कि हम लोगों को प्यार से समझा देते हैं।
- हम जो भी प्रश्न का उत्तर अपने शिक्षक से पूछते थे तो शिक्षक उसका उत्तर बहुत ही शांत स्वभाव के साथ सरल भाषा में देते हैं।
- मेरे प्रिय अध्यापक हमें बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं वह छुट्टी बहुत कम लेते है।
- मुझे अपने शिक्षक का विद्यार्थी होने पर बहुत गर्व है।
निष्कर्ष
हमारे इस आर्टिकल में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है
मैं आशा करता हूं कि मेरे प्रिय अध्यापक पर जो निबंध लिखा हूं यह आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप लोगों के मन में इस आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न है तो तो आप हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर प्रश्न पूछे मैं आप लोगों को प्रश्नों का उत्तर जरूर दूंगा |