Atal bihari Vajpayee Biography in Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और एक मशहूर राजनेता थे। अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का ध्रुव तारा भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री के तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यकाल काफी सफल रहा, उनके कार्यकाल में ही भारत में 1998 में परमाणु परीक्षण किया गया।इसके अलावा उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता के कारण ही भारत को कारगिल के युद्ध में जीत हासिल हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे वक्ता थे। अटल बिहारी वाजपेयी एक लेखक और कवि थे। अटल बिहारी वाजपेयी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। भारतीय राजनीति में उनका योगदान अतुल्य है। उनके द्वारा लिखी गई कविताएं लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है | अटल बिहारी वाजपेयी महात्मा गांधी के द्वारा संचालित भारत छोड़ो आंदोलन में भी शामिल हुए थे। हाल में उनके जीवन पर आधारित मैं अटल हूं’ फिल्म भी रिलीज होने वाली है। जिसमें अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभाई है।
ऐसे में भारत के हर एक नागरिक के मन में अटल बिहारी वाजपेयी के निजी जीवन के बारे में जानने की जिज्ञासा तेजी के साथ बढ़ रही है, अटल बिहारी वाजपेयी कौन है? (Atal bihari Vajpayee Kon Hai) प्रारंभिक जीवन’ शिक्षा’ राजनीति करियर अगर आप इन सब के बारे में जानना चाहते हैं, तो आज के आर्टिकल में हम आपको Atal bihari Vajpayee Biography in Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे आप हमारे साथ आर्टिकल पर बने रहें आईए जानते हैं:-
अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi)
जीवन परिचय बिंदु | अटल बिहारी जीवन परिचय |
पूरा नाम | अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) |
जन्म | 25 दिसम्बर 1924 |
मृत्यु | 16 अगस्त 2018 |
जन्म स्थान | ग्वालियर, मध्यप्रदेश |
माता-पिता | कृष्णा देवी, कृष्णा बिहारी वाजपेयी |
विवाह | नहीं हुआ |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
अवार्ड | 1992 – पद्म विभूषण 1994 – लोकमान्य तिलक अवार्ड 1994 – बेस्ट सांसद अवार्ड 1994 – पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त अवार्ड 2014 – भारत रत्न |
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अटल बिहारी वाजपेयी परिवार | Atal Bihari Vajpayee Family
पिता का नाम | कृष्णा बिहारी वाजपेयी |
माता का नाम | कृष्णा देवी |
दादा का नाम | पंडित श्याम लाल वाजपेयी |
एक बच्ची जिसे गोद ली थी उसका नाम | नमिता |
अटल बिहारी वाजपेयी इतिहास | Atal Bihari Vajpayee History
अटल बिहारी वाजपेयी के इतिहास के बारे में अगर हम बात करें तो उनका राजनीतिक इतिहास काफी संघर्ष भरा रहा था। 1996 के आम चुनाव के बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए कहा गया। भले ही बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी, लेकिन स्पष्ट बहुमत की कमी भी थी। तेरह दिनों के बाद, वाजपेयी को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पार्टी बहुमत हासिल करने के लिए अन्य दलों से आवश्यक समर्थन हासिल करने में असमर्थ थी।1998 के आम चुनावों में, भाजपा ने एक बार फिर सबसे अधिक वोट हासिल किए और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की स्थापना के लिए अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ हाथ मिलाया।
अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन 13 महीना के अंदर ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई क्योंकि डीएमके पार्टी की प्रमुख नेता जयललिता ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने 13 महीना के प्रधानमंत्री कार्यकाल में पोखरण का परमाणु परीक्षण और भारत-पाकिस्तान के बीच प्यार और सद्भावना बढ़ाने के लिए बस सेवा की शुरुआत जैसे महत्वपूर्ण काम अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा किया गया था। उस दौरान कारगिल का युद्ध भी हुआ था जिसमें भारत को जीत हासिल हुई थी जिसके कारण अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक स्थिति मजबूत हो गई।
1999 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने,वाजपेयी ने अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और कई आर्थिक और बुनियादी ढांचे में सुधार लागू किए। उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना थी। सभी को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करने के लिए, उन्होंने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और वाजपेयी दोनों ने ऐतिहासिक विज़न दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए। नवगठित सरकार के मूल संगठन आरएसएस ने हिंदुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उस पर दबाव डाला। लेकिन पार्टी अपनी इच्छा नहीं थोप सकी क्योंकि उसे गठबंधन के समर्थन की ज़रूरत थी। ट्रेड यूनियनों ने निजीकरण की उनकी प्रवृत्ति के लिए उनकी आलोचना की। वाजपेयी प्रशासन भारत के सबसे सुधार-समर्थक प्रशासनों में से एक था, और कई सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करने का काम भी वाजपेयी सरकार ने किया था जो घाटे में चल रहे थे।
अयोध्या मुद्दा वह मुद्दा था जिसने वाजपेयी सरकार को अन्य सभी मुद्दों में से सबसे अधिक तनाव में डाल दिया था। बाबरी मस्जिद में, विश्व हिंदू परिषद ने एक मंदिर के निर्माण के लिए मजबूर करने की मांग की। कानून के प्रति घोर अनादर के अलावा, इसका तात्पर्य नस्लीय हिंसा का खतरा भी है। 2002 में भाजपा शासित राज्य गुजरात में हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क उठे। दंगों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मुस्लिम मारे गए, और स्थिति को तुरंत नियंत्रण में लाने में विफलता के कारण वाजपेयी आलोचना के घेरे में आ गए। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की जीत के परिणामस्वरूप, वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 2003 के अंत में छह महीने पहले आम चुनाव कराने के लिए आगे बढ़ी।
2004 के आम चुनावों में, हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन निर्णायक बहुमत हासिल करने में असमर्थ रहा। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) उस गठबंधन का नाम है जो कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ बनाया था। गठबंधन का नेता मनमोहन सिंह को चुना गया। वाजपेयी के इस्तीफे के बाद मनमोहन सिंह भारत के प्रधान मंत्री बने।
About Atal Bihari Vajpayee
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 26 दिसंबर 1924 स्कोर मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था | वह मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे थे। उनके पिता कृष्ण बिहारी स्कूल शिक्षक थे | तथा उनकी माता का नाम कृष्णा देवी है। अटल बिहारी वाजपेयी जब 18 साल के थे उस वक्त भारत में भारत छोड़ो आंदोलन अपने चरम सीमा पर था। गांधी जी के द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन से प्रभावित होकर अटल बिहारी वाजपेयीआंदोलन में सम्मिलित हो गए | इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी अटल बिहारी वाजपेयी ने भूमिका निभाई थी |
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अटल बिहारी वाजपेयी शिक्षा | Atal Bihari Vajpayee Education
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख शिक्षा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित प्राथमिक विद्यालय से हुई है। उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से संस्कृत, अंग्रेजी, और और हिंदी में स्नातक की पढ़ाई की इसके बाद डीएवी कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान से M.A. किया था। उन्होंने लखनऊ के कॉलेज से Law भी पढ़ाई की है।
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अटल बिहारी बाजपेयी की शादी | Atal bihari Vajpayee Marriage
अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की थी उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया था हालांकि उन्होंने अपने दोस्त राजकुमारी कौल और प्रो बीएन कौल के बेटी को गोद लिया था। जिसका नाम उन्होंने नमिता रखा था।
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अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक करियर | Atal Bihari Vajpayee Political Career
- अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा किया था। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने उन्हें राष्ट्रीय प्रचारक बना दिया था।
- अटल बिहारी बाजपेई पत्रकार भी थे उन्होंने राष्ट्रधर्म, स्वदेश और वीर अर्जुन, पांचजन्य जैसे समाचार पत्रों में अटल बिहारी वाजपेयी काम किया था।
- अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय संघ में शामिल हो गए जहां पर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
- 1957 में पहली बार मध्य प्रदेश के बलरामपुर लोकसभा से उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने
- 1968 में राष्ट्रीय जन संघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय का जब निधन हो गया उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
- 1977 के आम चुनावों में, भारतीय जनसंघ सहित पार्टियों के गठबंधन से देश में जनता पार्टी का गठन किया था।
- 1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की जिसे आजकल बीजेपी कहा जाता है।
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अटल बिहारी प्रधानमंत्री यात्रा (Atal Bihari Prime Minister Journey)
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रधानमंत्री यात्रा का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आई जानते हैं:-
अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने
अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ की लोकसभा सीट से संसद के रूप में जीत गए फिर उन्हें पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री बनाया गया 16 में 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली लेकिन कुछ राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उन्हें 28 में 1996 को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने:-
1998 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीत कराई जिसके बाद कई पार्टियों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई 19 मार्च 1998 को दूसरी बार अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया था। दूसरे कार्यकाल में केवल वह 13 महीना के लिए ही देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अपने 13 महीने के कार्यकाल में उन्होंने कई प्रकार के महत्वपूर्ण काम भी किए थे थे। जैसे 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण और भारत-पाकिस्तान के बीच सद्भावना बढ़ाने के लिए बस सेवा शुरू किया था।
अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे:-
अटल बिहारी ने 13 अक्टूबर 1999 को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के रूप में शपथ ली उन्होंने अपने जीवन में तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में काम किया था। इस बार अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के 5 साल का कार्यकाल पूरा किया था। इस दौरान उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं देश भर में लागू किया था।
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टल बिहारी वाजपेयी के बारे में कुछ रोचक (Atal Bihari Unknown Facts)
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कुछ रोचक जानकारी जिसका विवरण नीचे दे रहे हैं-
- अटल बिहारी वाजपेयी ने लॉ की पढ़ाई अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज से पूरा किया है इस दौरान अपने पिता के साथ एक ही हॉस्टल में रहा करते थे l
- अटल बिहारी वाजपेयी को उनके दोस्त और करीबी लोग बाप जी’ कहकर संबोधित करते थे
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें भारतीय राजनीति का भीष्म पितामह कहा था।
- अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था लेकिन वह मांस मछली खाना पसंद करते थे।
- पुरानी दिल्ली का करीम होटल उनका पसंदीदा मांसाहारी होटल है.
- 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अटल बिहारी वाजपेयी शामिल हुए थे इसके लिए उन्हें 24 दिनों की सजा हुई थी ।
- उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से किया था
- अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे राजनेता है जो चार राज्यों से लोकसभा के सांसद बने थे उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश दिल्ली और गुजरात
- 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए थे |
- मासिक पत्रिकाओं “राष्ट्रधर्म” और “पांचजन्य” के संपादक रहे. साथ ही दो दैनिक समाचार पत्र “स्वदेश” और “वीर अर्जुन” के संपादक भी रहते हैं |
- अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने |
- अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया था |
- 1999 का कारगिल युद्ध और 2001 संसद हमला उनके कार्यकाल में हुआ था।
- 1950 में जब अटल जी और आडवाणी जी एक साथ दिल्ली में रहते थे अटल बिहारी वाजपेयी उन्हें खिचड़ी बनाकर खिलाते थे।
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर उन्हें गुरुदेव कहते थे।
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अटल बिहारी वाजपेयी अवार्ड व अचिवेमेंट्स (Atal Bihari Awards And Achievement)
अटल बिहारी वाजपेयी को निम्नलिखित प्रकार के पुरस्कार दिए गए हैं, जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आई जानते हैं:-
वर्ष (year) | अवार्ड व अचिवेमेंट्स |
1952 | “पदम विभूषण” |
1993 | D.LT उपाधि कानपुर विश्वविद्यालय |
1994 | लोकमान्य तिलक पुरस्कार |
1994 | सर्वश्रेष्ठ सांसद |
2014 | में D.LT मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय |
2014 | भारत रत्न पुरस्कार |
93 वर्ष की आयु में हुआ निधन (Atal Bihari Death)
अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। उनकी मृत्यु नई दिल्ली के आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एमएमएस) में हुई थी, जहां पर उन्हें इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। आज भले ही अटल बिहारी बाजपेई इस दुनिया में नहीं है’ लेकिन सदा हमारे दिलों में जीवंत रहेंगे |
Summary
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय आपको पसंद आया होगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद मिलते हैं अगले आर्टिकल में
FAQ’s:
Q. अटल बिहारी वाजपेयी की पत्नी का नाम क्या है?
Ans. अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की थी |
Q. अटल बिहारी की मृत्यु कब हुई ?
Ans. अटल बिहारी की मृत्यु 16 अगस्त 2018 को हुई थी |
Q. अटल बिहारी वाजपेयी जन्म स्थान क्या है?
Ans. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म स्थान मध्य प्रदेश का ग्वालियर है।
Q. अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न कब दिया गया था?
Ans. अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न 2014 में दिया गया था |
Q. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि कब है?
Ans. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि 16 अगस्त को है क्योंकि 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हुई थी।