Teacher’s Day 2023 | जानिए शिक्षक दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता हैं?

Teacher's Day 2023 | शिक्षक दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता हैं?

Teacher’s Day 2023:- शिक्षक किसी भी समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह लोगों को जीवन में सही राह दिखाता है। किसी भी समाज की तरक्की शिक्षक पर निर्भर करती है। शिक्षक को आदर सत्कार और सम्मान देने के लिए विश्व के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। कुछ देश में किसे पूर्ण छुट्टी के साथ मनाया जाता है तो कुछ देश में कार्य करते हुए मनाया जाता है। भारत में हर साल टीचर्स डे कार्य करते हुए 5 सितंबर को मनाया जाता है। भारत के सभी नागरिक प्रतीक साल 5 सितंबर को अपने भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन सर्वपल्ली के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाते हैं।

आज इस लेख के माध्यम से हम शिक्षक दिवस से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत करने जा रहे है। इसे पढ़कर आप समझ पाएंगे कि शिक्षक का समाज में क्या महत्व होता है। शिक्षक दिवस क्यों, कब और कैसे मनाया जाता है जैसी कुछ जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे।

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शिक्षक दिवस 2023| Teacher’s Day in Hindi – Overview

त्यौहार का नामTeacher’s Day (शिक्षक दिवस 2023)
कब है5 सितंबर 2023 
क्यों मनाया जाता हैशिक्षकों को सम्मान देने के लिए
किसके लिए मनाया जाता हैभारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर

टीचर डे कब है 2023 | Teacher’s Day Kab Hai 2023

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक युवा मस्तिष्कों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा होते हैं। हर साल शिक्षक दिवस उन महान शिक्षकों के जीवन और कार्यों को महत्व देने के लिए मनाया जाता है, जो अपने छात्रों को अपने बच्चों की तरह प्यार करते हैं। शिक्षक भगवान के निकट होते हैं। शिक्षक कक्षा की आत्मा होते हैं। कम उम्र से ही बच्चे शिक्षकों से अपने मूल्य, नैतिकता, जीवन के सबक और अच्छे कर्म सीखते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के लिए आदर्श होते हैं। शिक्षक वास्तव में युवा पीढ़ी के मस्तिष्क के निर्माण में आजीवन समर्पण के रूप में सेवा दे रहे हैं। इस लेख में हम आपको कई बिंदूओं के आधार पर तैयार किया है। इस लेख में हमने जो कई पॉइन्ट्स जोड़े जैसे कि Teachers Day Kab Hai 2023 | टीचर डे कब है 2023,Teachers day kab aata hai | शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है,शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है teachers day kyu manaya jata hai,शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है,5 अक्टूबर को कौनसा दिवस मनाया जाता है,teacher day kyu manaya jata hai,शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है,टीचर डे क्यों मनाया जाता है। इस लेख को अंत तक पढ़े और शिक्षक दिवस के बारे में डिटेल में जानें।

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Teachers Day Kab Aata Hai | शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

एक प्रतिष्ठित विद्वान के रूप में अपनी प्रतिष्ठा के कारण डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षकों के पास देश में सबसे अच्छा दिमाग होता है। जब उनके कुछ दोस्त और छात्र उनके लिए जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने के विचार के साथ उनके पास आए, तो उन्होंने उनसे कहा कि अगर उस दिन का उपयोग देश में शिक्षकों को मनाने के लिए किया जाता है तो उन्हें सम्मानित किया जाएगा। 1962 से शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन के दिन यानी 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक समाज में अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण हैं; वास्तव में कई मायनों में वे समाज की धुरी हैं। ऐसे में यह बहुत अच्छा है कि हम अपने शिक्षकों को सम्मानित करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए एक समर्पित दिन रखते हैं, उन्हें बताते हैं कि हम उनकी कितनी सराहना करते हैं। शिक्षक छात्रों को समाज में महत्वपूर्ण व्यक्ति बनने के लिए तैयार करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं। शिक्षक के बिना कोई भी अन्य व्यवसायों के अलावा अकाउंटेंट, डॉक्टर, पायलट, वैज्ञानिक, इंजीनियर, मौसम विज्ञानी नहीं बन पाता। शिक्षक दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों और अभिभावकों को समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका का एहसास कराने में मदद करता है। इस समझ के माध्यम से, सम्मान पैदा होता है और इस प्रकार प्रभावी सीख प्राप्त होती है।

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शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है Teachers Day Kyu Manaya Jata Hai

Teacher Day Kyu Manaya Jata Hai:- शिक्षक दिवस या शिक्षक दिवस देश के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) जो भारत के दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) बने, एक विद्वान, दार्शनिक, भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन का प्रतीक है। उनका जन्म साल 1888 में 5 सितंबर को हुआ था। लेकिन शिक्षक दिवस पहली बार साल 1962 में उनके 77वें जन्मदिन पर मनाया गया था। वह एक शिक्षक थे जो आगे चलकर एक दार्शनिक, विद्वान और राजनीतिज्ञ बने। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों के जीवन में शिक्षा के महत्व की दिशा में काम करने के लिए समर्पित कर दिया।

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शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

Teacher Day Kiski Yaad Me Manaya Jata Hai: यह दिन देश भर में शिक्षकों को उनकी बहुमूल्य सेवा और योगदान के लिए सम्मान और सम्मान देने के लिए विशेष है। 19वीं सदी में शिक्षक दिवस मनाना शुरू हुआ। इसकी जड़ें महान विद्वान-शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन में हैं। 5 सितंबर को इस महान शिक्षक का जन्मदिन है। उस दिन के दौरान आमतौर पर शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों या स्थानीय शिक्षक और उनके प्रभावों का स्मरण किया जाता है। भारतीय स्कूल शिक्षक दिवस (Teacher Day) को अपनी पूरी भव्यता और भव्यता के साथ मनाते हैं। वे उस विशेष दिन पर अपने शिक्षकों के लिए एक विशेष स्थान प्रदान करके उनके प्रति अपना प्यार और सम्मान प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं। शिक्षक दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। डोमिंगो फॉस्टिनो सार्मिएंटो के मृत्यु दिवस को अर्जेंटीना में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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5 अक्टूबर को कौनसा दिवस मनाया जाता है?

5 October Ko Konsa Diwas Manaya Jata Hai: शिक्षक दिवस एक वैश्विक उत्सव है और यह कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है। विश्व शिक्षक दिवस मनाने की तारीख देश के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कई देशों के साथ मिलकर हर साल 5 अक्टूबर को यह दिन मनाता है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका मई के पहले पूर्ण सप्ताह के दौरान मंगलवार को और ऑस्ट्रेलिया इसे अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार को मनाता है। विश्व शिक्षक ‘पिछले दशक में इस दिन की लोकप्रियता बढ़ी है क्योंकि दुनिया भर में लोग सभी के लिए समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और दुनिया भर में आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रयासों में तेजी ला रहे हैं। विश्व शिक्षक दिवस का उद्देश्य स्वीकार करना, मूल्यांकन करना है और संसार के प्रशिक्षकों को बढ़ाओ। अब तक आपकी शिक्षा में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देने के लिए एक मिनट का समय निकालें।

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

Shikshak Diwas Kyu Manate Hai: शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो एक शिक्षक, विद्वान और दार्शनिक भी थे। भारत की शिक्षा को आकार देने में उनका योगदान बहुत बड़ा है। शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है। 1962 में, जब उन्होंने भारत के राष्ट्रपति का पद संभाला, तो उनके छात्रों ने 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनसे संपर्क किया। यह दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि सभी शैक्षणिक संस्थानों के छात्र अपने सभी शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान दिखाते हैं और गुरु.शिक्षकों को समाज के विकास में उनके अनकहे योगदान के लिए भी पहचाना जाता है। स्कूल भी डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देते हैं।

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टीचर डे क्यों मनाया जाता है?

Teacher Day Kyu Manaya Jata Hai: शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित डॉ. राधाकृष्णन इस सूची में शीर्ष पर हैं। कई महत्वाकांक्षी मस्तिष्कों के लिए आदर्शों में से एक डॉ. राधाकृष्णन हैं। विश्व शिक्षक दिवस राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के ठीक एक महीने बाद 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता था। दो अवसरों को मनाने के लिए, शिक्षकों के सम्मान में दो दिन अलग-अलग तारीखों पर मनाए जाते हैं। भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों की स्थिति, शिक्षण विधियों और कानूनी अधिकारों को संबोधित करने वाली 1966 की सिफारिशों की मंजूरी को विश्व शिक्षक दिवस पर मनाया जाता है।

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डॉक्टर राधाकृष्णन सर्वपल्ली कौन थे | Dr. Radhakrishnan Sarvepalli

भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में अधिकांश लोग डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जानते है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्रमनी नाम के गांव में हुआ था। राधाकृष्णन बचपन से ही किताबों के बड़े शौकीन थे गरीब परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से भी ज्यादा किताबें खरीद नहीं पाते थे, मगर घंटों अपने स्कूल और विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में बैठे रहते थे और अलग-अलग तरह की किताबों को पढ़ते रहते थे। अपने डॉक्टरेट की पढ़ाई को पूरा करने के बाद वह एक शिक्षक के रूप में कार्य करने लगे।

प्रोफेसर के रूप में कार्य करते हुए “डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन” अपने छात्र छात्राओं के बीच अपने अनूठी पढ़ाने की तकनीक की वजह से प्रचलित बने। हालांकि देश की स्थिति खराब होने की वजह से एक कर्मठ, भावी और समझदार राजनेता की जरूरत थी तब अपने इलाके के कुछ राजनीतिज्ञ के लिए उन्होंने अपना कदम राजनीति में रखा। धीरे-धीरे सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजनीति में काफी प्रचलित हुए और भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में चयनित हुए। इसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु के पश्चात डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दूसरा राष्ट्रपति बनाया गया। अपने बेहतरीन कार्य से देश को संभालते हुए राधाकृष्णन जी की मृत्यु चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ। इसी दौरान उन्हें भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया और 5 सितंबर जो उनका जन्म दिवस था उस दिन भारत में भारतीय शिक्षक दिवस का ऐलान किया।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस कब है?

हम सब जानते हैं कि भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। हम आपको बता देना चाहते हैं कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था और भारत के राष्ट्रपति होने के अलावा राधाकृष्णन जी एक प्रचलित शिक्षक थे जिस वजह से इस दिल को शिक्षक दिवस के रूप में उन्हें समर्पित किया गया।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्मणी नाम के गांव में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक सामान्य घर से ताल्लुक रखते थे गरीबी के कारण वाह अधिक किताबों को खरीद नहीं पाते थे मगर सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति पाकर उन्होंने विदेश से अपनी शिक्षा को पूर्ण किया। हमारे पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस 5 सितंबर 1888 का है और 1975 में उनके मृत्यु के बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करते हुए भारत ने उनके जन्मदिवस 5 सितंबर को भारतीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। 

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डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

हम सब जानते हैं कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है मगर बहुत सारे बच्चों का यह सवाल होता है कि आखिर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

हम आपको बताना चाहते हैं कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही पढ़ने लिखने में बहुत तेज थे। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद उन्होंने छात्र वृद्धि हासिल करके विदेश से अपनी पढ़ाई को पूरा किया। इसके बाद उन्होंने शिक्षक के रूप में कार्य किया और एक प्रोफेसर के रूप में सर्वपल्ली राधाकृष्णन बेहतरीन रहबर साबित हुए। राजनीति में आने से पहले छात्र छात्रा सर्वपल्ली राधाकृष्णन से पढ़ना चाहता था क्योंकि उनके पढ़ाने के तरीके भारत भर में प्रचलित थे।

Shishak Divas in Hindi | Teachers Day 5 September

Teachers Day: उस जमाने में एक बेहतरीन शिक्षक के रूप में सर्वपल्ली राधाकृष्णन हर किसी को पसंद आते थे मगर देश की स्थिति सही ना होने के कारण उन्हें राजनीति में उतरना पड़ा। अलग अलग जगहों और अलग अलग है भाग में इलेक्शन जीतने और उसे बेहतरीन तरीके से संभालने के बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन को आजादी के बाद भारत का प्रथम उपराष्ट्रपति और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के बाद भारत का दूसरा राष्ट्रपति बनाया गया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे वह अपने भाषणों में उनके विचारों की बात किया करते थे। 1975 में जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन हुआ तो भारतीय सरकार ने उनके जन्मदिवस 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में सदैव मनाने का ऐलान किया तब से आज तक हम प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को अलग-अलग स्कूल, विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षक दिवस के रूप में अपने शिक्षकों को सम्मान प्रस्तुत करते हुए मनाते हैं।

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शिक्षक दिवस पर लेख | Articles on Teacher’s Day in Hindi

किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षक की बहुत अहमियत होती है। अगर हमारा जीवन एक नाटक है तो शिक्षक उसके म्यूजिक का काम करते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से सामने तो नजर नहीं आते मगर उनके बिना जीवन का यह नाटक फीका सा लगने लगता है। ज्ञान, जानकारी, ऊर्जा, और समृद्धि के एक निरंतर प्रवाह को शिक्षक कहते है। शिक्षक के जीवन में आम लोगों की तरह बहुत परेशानी आती है मगर इसके बावजूद वह अपने सभी परेशानियों को दरकिनार करके अपने छात्र छात्राओं के बारे में सोचते हैं और उन्हें जीवन में आने वाली परेशानियों के लिए तैयार करते हैं ताकि उनका जीवन सुख समृद्धि के एक अल्लाह में बहता हुआ चले।

किसी भी सफल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ हमेशा साफ नजर आता है। शिक्षक की अहमियत केवल आज से नहीं बल्कि भारतीय इतिहास और हमारी पौराणिक कथाओं में भी किया गया है। इसलिए हम अर्जुन में गुरु द्रोण को, राम में वशिष्ठ, और कृष्ण में संधिपनी को देख सकते है। जब इस धरती पर भगवान अवतरित हुए तो वह भी बिना किसी शिक्षक के अपने जीवन को लयबद्ध ना कर सके इसीसे हम एक शिक्षक के जीवन में अहमियत को देख सकते है, और भारतीय संस्कृति की पौराणिक कथाओं में ही बताया गया है कि किस प्रकार एकलव्य जैसा एक महान छात्र अपने शिक्षक के कहने पर अपना अंगूठा उन्हें गुरु दक्षिणा के रूप में दे देता है। यह सम्मान हमेशा से भारतीय संस्कृति में शिक्षक के लिए भरा हुआ है।

Shishak Divas 2023 | शिक्षक दिवस

वैसे तो शिक्षक का कोई खास दिन नहीं होता हमें हर दिन शिक्षक की इज्जत करनी चाहिए उनके सामने अपने सर को नमन करना चाहिए मगर वर्तमान समय में हमारी पीढ़ी में किसी खास दिन को एक खास तरीके से मनाने का फैशन है, जिस वजह से भारत के दूसरे राष्ट्रपति पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने की प्रथा 1975 से शुरू की गई है। तब से लेकर आज तक भारत के हर स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विभिन्न प्रकार के समारोहों के जरिए खूबसूरत तरीके से सबके समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

इसी के साथ आज 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं और इसी तरह हर दिन अपने शिक्षक को सम्मान देते हुए हम आगे भी भारतीय संस्कृति के अनुसार शिक्षक दिवस की पारंपरिक प्रथा को निभाते रहेंगे।

FAQ’s: Teacher’s Day 2023

Q. शिक्षक दिवस कब है?

प्रत्येक साल की तरह इस साल भी शिक्षक दिवस का त्योहार 5 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा।

Q. शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

अपने जीवन में शिक्षक की अहमियत को दर्शाने और उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान प्रदान करने के लिए शिक्षक दिवस का त्यौहार हर साल मनाया जाता है।

Q. पूरे विश्व में शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

आपको बता दें कि शिक्षक दिवस विश्व के 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है हर देश से अलग अलग दिन किसी विशेष तारीख को शिक्षक दिवस का त्यौहार मनाता है।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आप को शिक्षक दिवस कब है Teacher’s Day 2023 क्यों मनाया जाता है और शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है कि साथ-साथ शिक्षक दिवस पर एक संक्षिप्त लेख प्रस्तुत करते हुए आपको बताया कि शिक्षक दिवस कितना महत्वपूर्ण त्यौहार है और हम किस प्रकार प्रत्येक साल 5 सितंबर को अपने सभी शिक्षकों के लिए सम्मान प्रकट करते हुए इस त्योहार को मनाते हैं।

अगर हमारे द्वारा प्रस्तुत किए गए इस लेख में आप शिक्षक दिवस के बारे में समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथी अपने सुझाव विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले। 

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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