Army Day 2023 | थल सेना दिवस कब और कैसे मनाया जाता है?

ARMY-DAY

Army day 2023:-भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। पूरे भारत में 53 छावनियां और नौ ठिकाने हैं। भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ चौथी सेना में आती है।सभी भारतीय निवासियों को भारतीय सेना पर गर्व है। भारतीय सेना भारत को साल में 365 दिन, दिन और रात बचाती हैं। आज भी भारतीय सेना हर सीमा पर देश और देशवासियों की रक्षा के लिए तैयार है। जब भी भारत में आतंकवादी हमले की संभावना होती है, हमारी सेना हर हमले का जवाब देती है। भारतीय सेना दिवस का प्राथमिक उद्देश्य उन बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने भारत की सीमाओं की रक्षा और देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है।थल दिवस राष्ट्र के प्रति समर्पण और प्रेरणा का एक पवित्र अवसर माना जाता है।

भारतीय सेना आपदा और सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं में मानवीय सहायता के लिए प्रशासन का समर्थन करती है। इस लेख में हम थल दिवस से जुड़ी सभी जरुरी जानकारियों के बारे में आपको बताएंगे। इस लेख में हम आपको थल सेना दिवस 2023 ,थल सेना दिवस कब है ,आर्मी डे 2023 ,थल सेना स्थापना दिवस,थल सेना दिवस क्यों मनाया जाता है,थल सेना अध्यक्ष कौन है ,थल सेना दिवस कैसे मनाया जाता है? इन सभी बिंदूओं पर आधारित जानकारी साझा करेंगे।

Rashtriya Suraksha Divas 2023

Indian Navy Day 2023

आर्मी डे 2023 | Army Day

टॉपिकथल सेना दिवस 2023 
लेख प्रकारआर्टिकल
साल2023
कब है थल सेना दिवस15 जनवरी
थल सेना के कप्तानलेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे
इस साल थल सेना दिवस कौन सी सीटी में मनाया जाएगा हैबैंगलुरू 
थल सेना दिवस को अंग्रजी में क्या कहते हैआर्मी डे

थल सेना दिवस कब है? | Army Day Kab Hai

Army day:-आर्मी का नाम सुनते ही हर युवा का दिल जोश से भर जाता है और मन में एक बार विचार जरूर आता है कि, काश मैं भी आर्मी (army) का हिस्सा होता और देश की सेवा करने का अवसर मिलता। भारतीय थल सेना (Indian army) दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है, इसलिए आर्मी वालों के लिए यह दिन खास होता है। भारतीय सेना 15 जनवरी को अपना 75वां आर्मी दिवस (Army day) मनाएगी। भारतीय सेना के अनुसार इस बार का सेना दिवस परेड बैंगलुरू (Bengaluru) में आयोजित की जाएगी। ऐसा मौका पहली बार आया है कि सेना दिवस परेड को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित किया जाएगा। सेना दिवस का एक मुख्य उद्देश्य भारत की शक्ति का प्रदर्शन करना है। सेना दिवस के मौके पर सभी प्रकार के सैन्य हथियार और उपकरण भी प्रदर्शित किए जाते हैं। 

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थल सेना दिवस की स्थापना 

भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी (East india company) की सेनाओं से हुई, जो बाद में ‘ब्रिटिश भारतीय सेना’ और बाद में स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सेना बन गई। भारतीय सेना की स्थापना करीब 127 साल पहले अंग्रेजों ने 1 अप्रैल, 1895 को की थी। सेना दिवस उन सैनिकों को सम्मानित करने के लिए हर साल मनाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा और भाईचारे की सबसे बड़ी मिशाल कायम की है तथा जिनके लिए देश प्रेम सबसे बढ़कर है। सेना दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन किया जाता है।

आज के ही दिन फील्ड मार्शल (Field marshal) केएम करियप्पा ने आजादी के बाद 1949 में ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस बुचर ने भारतीय सेना की पूरी कमान ली थी। फ्रांसिस ने भारत में अंतिम ब्रिटिश जनरल के रूप में काम किया और इसके बाद भारतीय सेना की कमान फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को सौंप दी, जिसके बाद करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने। केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पद संभालने के ही उपलक्ष्य में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना को विश्व की चौथी सबसे मजबूत सेना माना जाता है।

थल सेना अध्यक्ष कौन है? | Who is the Army Chief

वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को थल सेना के 29वें प्रमुख की कमान सौंपी गई है। वे मनोज मुकुंद नरवणे की जगह लेंगे। पांडे ने कई अहम पदों पर काम किया है। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं। 

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पहली बार दिल्ली से बाहर होगी आर्मी डे परेड / Army day parade भारतीय सेना 15 जनवरी को अपना 75वां आर्मी दिवस परेड बैंगलुरू में आयोजित करेगी। पीएम मोदी के विजन के हिसाब से दिल्ली के बाहर राष्ट्रीय और सैन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब आर्मी डे परेड का आयोजन दिल्ली के बाहर होगा। इससे पहले पीएम मोदी के विजन के अनुरूप भारतीय वायु सेना ने चंडीगढ़ में अपनी वायु सेना दिवस परेड (air force day parade) और फ्लाईपास्ट (fly past) का आयोजन किया था। आर्मी डे परेड का आयोजन अलग जगह करने का मुख्य लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा सैन्य भागीदारी बढ़ाकर लोगों में सैन्य जागरुकता बढ़ाना है। 

दक्षिणी कमान ने शुरू किया आउटरीच अभियान

सेना ने एक महीने में स्कूल और कॉलेज के छात्रों, दूरदराज के गांवों और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ कार्यक्रम आयोजित करके नागरिकों के साथ संबंध मजबूत बनाने के लिए एक बड़े स्तर के आउटरीच अभियान की योजना बनाई है। समाज के सभी वर्गों के नागरिकों की समग्र भागीदारी के साथ अगले एक महीने में दक्षिणी कमान की सेना इकाइयों द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए सेना की प्रतिबध्दता को दर्शाने वाले प्रोग्रामों की योजना बनाई गई है।

आठ राज्यों के 75 रिमोट गांवों को जोड़ रही सेना

भारतीय सेना के दक्षिणी कमान ने अपने उत्तरदायित्व के क्षेत्र के तहत महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित आठ राज्यों के 75 दूरदराज गांवों में एक आउटरीच अभियान की योजना बनाई है। यह अभियान शुक्रवार (30 दिसंबर) को लांच की गई। ‘ग्राम सेवा – देश सेवा’ थीम के तहत चलाए जा रहे आउटरीच अभियान में भारतीय सेना के जवान नई स्थापित ‘अग्निपथ रक्षा भर्ती’ योजना पर जागरुकता अभियान आयोजित करने के लिए 75 गांवों का दौरा करेंगे। स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा देने के लिए सेना के जवान भी ग्रामीणों के साथ स्वच्छता अभियान में शामिल होंगे। 

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थल सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे 15 जनवरी को बैंगलुरू (Bangalore) में शहीदों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और सेना दिवस परेड की समीक्षा करेंगे। युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए मार्चिंग टुकड़ियों और सैन्य बैंड के साथ-साथ मोटरसाइकिल प्रदर्शन, पैरा मोटर्स और पारा जम्प जैसी साहसिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

सेना दिवस पर 9-15 जनवरी तक हथियारों और उपकरणों जैसी अतिरिक्त गतिविधियां प्रदर्शन, बैंड प्रदर्शन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, पेंटिंग और निबंध-लेखन प्रतियोगिताएं, साइक्लोट्रॉन, युध्द स्मारक और संग्रहालयों का दौरा और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ विषय पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सम्मानित होंगे जवान – सेना के जवानों और इकाइयों की वीरता और मेधावी सेवा की मान्यता में सेना प्रमुख द्वारा कई वीरता पुरस्कार और यूनिट प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। सेना दिवस की प्रस्तावना के रूप में, दक्षिणी कमान अलंकरण समारोह भी 15 जनवरी को बैंगलुरू में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, आर्मी कमांडर, दक्षिणी कमान, सेना के जवानों को विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान करेंगे।

थल सेना दिवस कैसे मनाया जाता है? | How is Army Day Celebrated

इस मौके पर दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में विशेष परेड का आयोजन होता है। इस दिन की शुरुआत इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रध्दांजलि देने से होती है। काफी तादात में लोग यहां पर मौजूद होते हैं और कार्यक्रम का लुत्फ उठाते हैं। प्रोग्राम में मंत्री और अधिकारी सहित कई वीवीआईपी मेहमान भी शिरकत करते हैं। जवानों के द्वारा इस दिवस पर वीरता के करतव देखने को मिलते हैं। 

FAQ’s :-Army day 2023 | थल सेना दिवस कब और कैसे मनाया जाता है

Q. थल सेना दिवस का आयोजन कब होता है?

Ans. 15 जनवरी को थल सेना दिवस का आयोजन होता है

Q. 2023 में थल सेना दिवस कहां मनाया जाएगा?

Ans. बैंगलौर में 2023 में थल सेना दिवस मनाया जाएगा

Q. थल सेना के अध्यक्ष कौन हैं ?

Ans. जनरल मनोज पांडे थल सेना के अध्यक्ष  हैं ।

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