Mahaparinirvan Diwas 2022:- डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस भारत में 6 दिसंबर को डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है I इस दिन भारत के सभी गणमान्य व्यक्ति और प्रधानमंत्री डॉक्टर अंबेडकर के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं I 6 दिसंबर को ही डॉक्टर अंबेडकर हमें छोड़कर इस दुनिया से चले गए थे I जिसके कारण प्रत्येक साल 6 दिसंबर को डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है I अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस कब है? डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस के उद्देश्य क्या हैं? क्यों मनाया जाता है ?अगर आप इन सब के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं
Mahaparinirvan Diwas 2022
आर्टिकल का प्रकार | महत्वपूर्ण दिवस |
आर्टिकल का नाम | डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस |
साल | 2023 |
कब मनाया जाएगा | 6 दिसंबर |
कहां मनाया जाएगा | भारतवर्ष में |
क्यों मनाया जाता है | इसी दिन डॉक्टर अंबेडकर की मृत्यु हुई थी |
Dr. Ambedkar Mahaparinirvan Diwas कब हैं?
डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस 6 दिसंबर 2022 को मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति और जितने भी गणमान्य राजनेता हैं सभी डॉक्टर अंबेडकर की समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं I
डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस के उद्देश्य
डॉ आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस का प्रमुख उद्देश्य डॉक्टर अंबेडकर को याद करना है जैसा कि आप लोग जानते हैं भारत के संविधान बनाने में भीमराव अंबेडकर का योगदान अतुल्य है इसके अलावा भारत में सभी धर्म और जाति वर्ग को एक समान कतार में लाने का काम डॉक्टर अंबेडकर के द्वारा किया गया था I भारतीय संविधान जब बनाया गया तो डॉक्टर अंबेडकर ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान में सभी देश के नागरिकों को एक सामान्य अधिकार देने चाहिए I ताकि कोई भी छोटा बड़ा ना रहे और सभी में समानता स्थापित की जा सके I यही वजह है कि 6 दिसंबर 1956 को जब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हमें छोड़कर इस दुनिया से चले गए तो उनके मृत्यु दिवस को भारत में डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई I
डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता हैं?
अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस हर साल देश के प्रति डॉ भीमराव अम्बेडकर के महान योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है जैसा कि हम लोग जानते हैं कि भारतीय संविधान का निर्माण डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा किया गया था और उन्होंने संविधान में देश के हर एक नागरिक को एक समान अधिकार देने का काम किया है I किसी के साथ कोई भी भेदभाव उन्होंने नहीं किया इसके अलावा भीमराव अंबेडकर देश में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के विकास और उत्थान के लिए लगातार काम किया I ताकि इस वर्ग के लोगों का समुचित विकास किया जा सके I उनके महान प्रयास ने देश को एकजुट रखने में बहुत मदद किया I भारत सरकार के द्वारा डॉ आंबेडकर फाउंडेशन 24 मार्च 1952 को स्थापित किया गया ताकि पूरे देश में लोगों को सामाजिक न्याय दिया जा सके I
डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस की विशेषताएं
डॉक्टर अंबेडकर डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस की विशेषताएं के बारे में अगर हम बात करें तो हम आपको बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक दलित परिवार से आते हैं और उन्होंने अपना जीवन काफी कठिनाई और संघर्ष के साथ बिठाया था I सबसे महत्वपूर्ण बातें की डॉक्टर अंबेडकर ने अपने आखिरी दिनों में बौद्ध धर्म स्वीकार किया था यही वजह है कि जब उनकी मृत्यु हुई तो उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के नियमों के अनुसार मुंबई की दादर चौपाटी पर हुआ। जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया, उसक जगह को अब चैत्य भूमि के तौर पर जाना जाता है। यही वजह है कि प्रत्येक साल जब डॉक्टर अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है तो उनके इस भूमि पर देश के सभी गणमान्य व्यक्ति जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं I
FAQ’s Mahaparinirvan Diwas 2022
Q. डॉक्टर अंबेडकर ने बौद्ध धर्म कब स्वीकार किया?
Ans . डॉक्टर अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म स्वीकार किया था I
Q. डॉक्टर अंबेडकर की मृत्यु कब हुई थी?
Ans. डॉक्टर अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई थी I
Q. परिनिर्वाण क्या है?
Ans. परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतो में से एक है बौद्ध धर्म के अनुसार जो व्यक्ति निर्वाण को प्राप्त होता है उसका मतलब साफ है कि वह कभी भी इस मृत्युलोक में वापस नहीं आएगा उसे मृत्यु और जीवन के चक्र से मुक्ति मिल गई है I
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