Dussehra 2022:- हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अवधि में नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। नवरात्रि के त्यौहार में आखरी दिन दशमी होता है. उसे मिलाकर पूरे 10 दिन के त्यौहार को हम दशहरा का त्यौहार कहते है। मुख्य रूप से दसवें दिन अर्थात दशमी को दशहरा का त्योहार कहा जाता है। Dussehra के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था इस वजह से यह त्यौहार हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। प्रती साल सितंबर से अक्टूबर के महीने में 10 दिन दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक पूरे विश्व भर में हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के द्वारा दशहरा का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
अगर आप दशहरे का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहते हैं तो दी गई सभी जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि दशहरा का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और आखिर हिंदू धर्म में सभी त्यौहार ज्यादा दशहरा के त्यौहार को महत्व क्यों दिया जाता है।

Dussehra 2022
त्यौहार का नाम | Dussehra 2022 |
कब है | 5 अक्टूबर 2022 |
कैसे मनाते है | रावण दहन करके मनाया जाता है |
कब मनाते है | हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अवधि में |
Dussehra Festival 2022 | Similar Content |
दशहरा कब हैं, पूजा, महत्व, रावण दहन मुहूर्त | Click Here |
विजय दशमी 2022 | Click Here |
दशहरा पर निबंध | Click Here |
Happy Vijayadashami Quotes | Click Here |
दशहरा कब है? | Dussehra 2022
हिंदू धर्म में दशहरा का त्यौहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अवधि में मनाया जाता है। इस साल यह प्रतिपदा आज ही 26 सितंबर से शुरू हो रही है जिस वजह से नवरात्रि का त्यौहार 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक मनाया जाएगा इस नवरात्रि के त्यौहार का आखरी दिन विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री राम ने लंका पति रावण का वध किया था और उसके अत्याचार से धरती को मुक्त किया था।
इस वजह से हर साल नवरात्रि के आखिरी दिन दशमी या विजयादशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है और बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरा मुख्य रूप से नवरात्रि के आखिरी दिन को कहा जाता है जिस वजह से हम यह कह सकते हैं कि यह साल दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। 5 अक्टूबर या नवरात्रि के आखिरी दिन होने वाले दशहरा के त्यौहार में अलग-अलग जगहों पर रावण की मूर्ति जलाई जाती है मां दुर्गा और राम की पूजा की जाती है।
दशहरा पूजा कब है?
Dussehra Puja हर साल दशहरा के दिन किया जाता है। दशहरा पूजा बहुत ही बेहतरीन तरीके से मनाई जाती है। जैसा कि हम जानते हैं इस साल Dussehra 2022 का त्यौहार 5 अक्टूबर तक मनाया जाएगा इसमें 4 अक्टूबर को नवमी है मगर 4 अक्टूबर को दोपहर 2:21 पर दसवीं शुरू हो रही है, मकर दशमी अगले दिन की दोपहर 12:00 बजे तक रहेगी।
यही कारण है कि 5 अक्टूबर को दसवीं का त्यौहार या दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा। 5 अक्टूबर को कभी भी दोपहर 12:00 बजे से पहले दशहरा पूजा करने का शुभ मुहूर्त है। अगर आप नवरात्रि त्यौहार के दिन पूजा कर रहे हैं तो दशहरा पूजा 5 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे करने का नियम तय किया गया है।

दशहरा क्यों मनाया जाता है?
हिंदू धर्म में ऐसी पौराणिक मान्यता है कि दशहरा के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था जिस वजह से यह दिन अच्छाई की बुराई पर जीत को दर्शाता है। दशहरे का त्यौहार इस बात का संकेत है कि जीवन में सत्य और अच्छाई की हमेशा जीत होती है।
दशहरा का त्यौहार 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा भारत के विभिन्न जगहों पर रावण दहन किया जाएगा। रावण का पुतला जलाकर हम इस दिन को बड़े ही बेहतरीन तरीके से मनाते है। दशहरा का त्यौहार सत्य की जीत को दर्शाता है, बड़े हर्षोल्लास के साथ रावण और महिषासुर के वध के दिन को हम आपके खत्म होने के दिन की तरह मनाते हैं।
दशहरा का महत्व
हिंदू धर्म में दशहरा का बहुत महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इस दिन लगभग सभी बुरी शक्तियां खत्म हो जाती है और हर जगह भगवान का वास होता है।
- हर साल अश्वनी माह के शुक्ल पक्ष में मनाए जाने वाले दशहरा का महत्व रावण और महिषासुर के वध की वजह से काफी अधिक है।
- दशहरे के दिन रावण दहन होता है जिसका मेला बहुत बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है।
- इस धन धरती से सभी राक्षसों का अंत हुआ था इस वजह से दशहरा का महत्व काफी अधिक है।
- दशहरा का त्योहार पूरे विश्व में सभी हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- दशहरा का त्यौहार पूरे 10 दिनों तक चलता है जिसमें शुरू के 9 दिन को नवरात्रि कहा जाता है और दसवें दिन को दशहरा कहा जाता है यह बहुत ही सावधानी से करने वाला त्यौहार है इस वजह से इसका महत्व सबसे अधिक है।
रावण दहन
दशहरा के दिन रावण दहन काफी बेहतरीन तरीके से किया जाता है इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था इस वजह से प्रत्येक साला हम रावण की एक भव्य मूर्ति बनाकर किसी व्यक्ति को राम बनाकर उस मूर्ति पर आग लगाने का प्रयास करते है। दशहरा रावण दहन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस दिन में रावण की बहुत बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाई जाती है और उसमे तीर धनुष के जरिए आग लगाया जाता है।
रावण दहन का त्यौहार आपको पूरे भारत में कहीं भी देखने को मिल जाएगा उस दिन रावण के भव्य मूर्ति पर तीर धनुष का वार करके आग लगाया जाता है और रावण की जलती हुई मूर्ति को देखकर अपने अंदर के हर तरह के पाप को खत्म करने का संकल्प लिया जाता है। दशहरा रावण दहन की मूर्ति मैं अलग-अलग प्रकार के पटाखे होते हैं जिसमें आग लगते ही पटाखे फूटने लगते है और जलता हुआ रावण बहुत खूबसूरत दिखता है।
रावण दहन कब होगा
हिंदू पंचांग के अनुसार दशहरा का त्यौहार विजयादशमी के दिन मनाया जाता है इस दिन नवरात्रि के 9 दिन और दशहरे के दिन दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरे का त्यौहार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस साल दशमी 4 अक्टूबर दोपहर 2:21 पर शुरू हो जाएगा मगर 5 अक्टूबर दोपहर 12:00 बजे तक दशमी का दशहरा मुहूर्त रहेगा।
दशहरा रावण दहन 5 अक्टूबर को किया जाएगा, इस दिन रावण दहन कभी भी किया जा सकता है। रावण को जलाने यानी कि पटाखे और रोशनी की बात की जा रही है जो अंधेरे में ज्यादा अच्छा लगता है इस वजह से रावण दहन का शुभ समारोह शाम के बाद आयोजित किया जाता है। इस साल दशहरा रावण दहन बड़े हर्षोल्लास के साथ 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

दशहरा रावण दहन मुहूर्त
रावण दहन हर साल शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अवधि के दसवें दिन को मनाया जाता है। नवरात्रि के दसवें दिन को दशहरा कहा जाता है। इस साल नवरात्रि का त्योहार 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक मनाया जाएगा जिसमें नवमी 4 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है मगर दशमी 4 अक्टूबर को दोपहर 2:00 बजे से शुरू हो जा रहा है। यही कारण है कि 4 अक्टूबर और 5 अक्टूबर के बीच दशहरा के त्यौहार को लेकर काफी असमंजस चल रहा है।
मगर हम आपको बता दें कि 4 अक्टूबर को दोपहर 2:21 से जो दशमी शुरू हो रही है वह 5 अक्टूबर रात्रि तक रहने वाली है। रावण दहन का त्यौहार शाम को मनाया जाता है और 5 अक्टूबर आखिरी दिन है यही कारण है कि भारत के अधिकांश क्षेत्र में 5 अक्टूबर को रावण दहन के रूप में मनाया जाएगा। इस वजह से दशहरा रावण दहन मुहूर्त 5 अक्टूबर रखा गया है।
दशहरा रावण दहन मेला
रावण दहन का मेला पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा बहुत बड़ा त्यौहार होता है जिस वजह से बड़े हर्षोल्लास के साथ रावण दहन का मेला आयोजित किया जाता है। रावण दहन में रावण के बहुत बड़े पुतले को पटाखे से सजाकर आग से जला दिया जाता है जो जलता हुआ बहुत ही खूबसूरत लगता है यह नजारा शाम का होता है और शाम के वक्त दशहरा का बहुत बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।
अगर आप दशहरा रावण दहन मेला को लेकर काफी इच्छुक है और इस दिन को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहते हैं तो रावण दहन का बेहतरीन त्यौहार 5 अक्टूबर को आप अपने घर के आस-पास देख सकते है। 5 अक्टूबर को आप भारत के विभिन्न क्षेत्र में विभिन्न झूले और स्वादिष्ट व्यंजन का लुफ्त उठाते हुए भिन्न प्रकार के लोग मिल जाएंगे। यूपी बिहार और बंगाल में मुख्य रूप से दशहरा रावण दहन का मेला बहुत बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है।
Dussehra 2022 FAQ’s
Q. दशहरा कब है?
दशहरा का त्यौहार 5 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा।
Q. दशहरा क्यों मनाया जाता है?
दशहरे का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ रावण और महिषासुर के वध की खुशी में मनाया जाता है।
Q. दशहरा का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
दशहरा का त्यौहार बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार के मेला और पूजा आयोजित करके मनाया जाता है।
Q. रावण दहन कब किया जाएगा?
इस साल दशहरा के पावन अवसर पर रावण दहन 5 अक्टूबर को शाम के वक्त किया जाएगा भारत के विभिन्न क्षेत्र में रावण की बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाई जाएगी और उसे पटाखों के साथ जलाया जाएगा।
निष्कर्ष
आज इसलिए हमने आपको Dussehra 2022 से जुड़ी विस्तार पूर्वक जानकारी सरल शब्दों में समझाई है। हमने आपको दशहरा से जुड़ी जानकारी में यह समझाने का प्रयास किया कि दशहरा का त्यौहार कैसे मनाया जाता है और किस तरह दशहरा के त्यौहार के लिए लोग तैयारियां कर रहे है। अगर हमारे द्वारा बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप दशहरा के त्यौहार के बारे में सब कुछ समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथी अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूले।