गांधी जयंती पर निबंध | Essay On Gandhi Jayanti in Hindi, 10 लाइन (कक्षा 3 से 10 के लिए)

Gandhi Jayanti Essay in Hindi

Gandhi Jayanti Essay in Hindi: भारत में हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गांधी जयंती मनाई जाती हैं। यह अवसर देश में हर नागरिक द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाला एक अवसर है। इसे आधिकारिक तौर पर भारत की राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक के रूप में घोषित किया गया था और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया था। स्मारक सेवाएँ इसे चिह्नित करती हैं, और पूरे भारत में इस दिन गांधी जी को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है, जिसमें वे प्रसिद्ध स्थान भी शामिल हैं जहाँ उन्होंने दौरा किया था और उनका अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी स्मृति में चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताएं का भी आयोजन किया जाता है।इसके साथ ही अहिंसा का पालन करने वाली सर्वोत्तम परियोजनाओं और सेवाओं को भारत के नागरिकों को पुरस्कार और सम्मान बैज देकर पुरस्कृत किया जाता है। अहिंसक आंदोलन महात्मा गांधी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी के प्रयास का जश्न मनाने के लिए इसे लागू किया जाए और पुरस्कृत किया जाए। 

महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन, रघुपति राघव राजा राम, आमतौर पर उनकी याद में गाया जाता है। पूरे भारत में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है और कुछ लोग उस दिन मांस और शराब का सेवन करने से परहेज करते हैं। जैसे कि हमने आपको बताया कि इस दिन निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है तो इसके मद्देनजर हम इस लेख के जरिए आपके लिए महात्मा गांधी जी की जयंती पर निबंध लेकर आएं है जो आप निबंध प्रतियोगिता में कार उपयोग में ले सकते हैं। इस लेख में आपको निबंध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 से लेकर किसी भी प्रकार की बड़ी निबंध प्रतियोगिता में उपयोग में ले सकते है और अपने लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। इस लेख में कई पॉइन्ट जोडे़ गए है जैसे कि गांधी जयंती Gandhi Jayanti Essay in Hindi 2023, Gandhi Jayanti Par Nibandh, 2 October PR Nibandh, गांधी जयंती पर निबंध | Essay on Gandhi Jayanti 2023,Gandhi Jayanti ka Nibandh, गांधी जयंती पर निबंध 10 लाइन | 10 Lines on Gandhi jayanti,Gandhi Jayanti Par Nibandh, FAQ’s। इस लेख को अंत तक पढ़े और एक से बढ़कर एक महात्मा गांधी जयंती पर निबंध पाएं।

Gandhi Jayanti Essay in Hindi 2023- Overview

जयंती का नाममहात्मा गांधी गांधी जयंती 2023
कब मनाया जाता हैहर साल 2 अक्टूबर
कैसे मनाया जाता हैभारत में अलग-अलग समारोह आयोजित करके
क्यों मनाया जाता हैमहात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता थे, उनके सम्मान में

गांधी जयंती पर निबंध | Gandhi Jayanti Par Nibandh

Gandhi Jayanti Par Nibandh:- गांधी जयंती का त्यौहार हर साल 2 अक्टूबर को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता मानते है जिस वजह से उनके जन्मदिन के अवसर पर देश के अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो राजकोट के कोर्ट में दीवान का काम करते थे। महात्मा गांधी का विवाह महज 12 वर्ष की आयु में 13 वर्ष की कस्तूरबा गांधी से तय कर दिया गया था। विवाह के बाद महात्मा गांधी बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए थे।

अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद वह मुंबई में कुछ दिनों तक वकालत की प्रैक्टिस करते रहे उसके बाद साउथ अफ्रीका के बड़े सेठ का केस लड़ने के लिए उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। अपनी पत्नी के साथ वह दक्षिण अफ्रीका चले गए और वहां के लोगों की दयनीय स्थिति को देखकर वहां के लोगों के लिए आंदोलन करना शुरू किया। महात्मा गांधी कुछ गिने-चुने वकीलों में शामिल हो गए जिन्होंने अहिंसा के दम पर केवल अपनी वकालत के ज्ञान को दर्शाते हुए अंग्रेजों से अपने हिसाब का कानून बनवाया। लगभग 21 साल साउथ अफ्रीका में रहने के बाद वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ भारत 1915 में वापस आए।

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गांधी जयंती लॉन्ग निबंध | Long Essay On Gandhi Jayanti

प्रस्तावना

गांधी जयंती भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश है जो 2 अक्टूबर को मोहनदास करमचंद गांधी के जन्मदिन पर मनाया जाता है। यह गांधी के जीवन और कार्य का स्मरण कराता है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता थे। भारत में गांधी को अक्सर “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है, और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। उनकी स्मृति और विरासत का सम्मान करने के लिए गांधी जयंती पर कई कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इनमें सार्वजनिक भाषण, अंतरधार्मिक सभाएं, शैक्षिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सेवा परियोजनाएं शामिल हैं।

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महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, भारत में हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। वह एक हिंदू परिवार से आते थे। उनके पिता करमचंद गांधी पोरबंदर राज्य के दीवान थे। उनकी माँ, पुतलीबाई, एक धार्मिक महिला थीं जो नियमित रूप से उपवास करती थीं।गांधीजी की शिक्षा राजकोट के स्थानीय स्कूलों में हुई और बाद में उन्होंने भावनगर के सामलदास कॉलेज में पढ़ाई की। 1888 में, वह इनर टेम्पल में कानून का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड गए। लंदन में रहते हुए, उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथ पढ़े और लियो टॉल्स्टॉय और जॉन रस्किन के प्रभाव में आये। वे शाकाहारी समाज से भी जुड़े।1891 में भारत लौटने के बाद, गांधीजी ने बॉम्बे (अब मुंबई) में कानून का अभ्यास शुरू किया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के अधिकारों की भी वकालत की, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा भेदभाव का सामना कर रहे थे। 1915 में, वह भारत लौट आए और ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) पार्टी का नेतृत्व किया।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान

महात्मा गांधी को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का जनक माना जाता है। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पुणे, भारत में एक हिंदू परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। एक युवा व्यक्ति के रूप में, उन्होंने लंदन में कानून की पढ़ाई की और फिर अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए भारत लौट आए। हालाँकि, जल्द ही उनकी रुचि राजनीति में बढ़ गई और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।गांधी जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के अधिकारों के लिए लड़कर की। उन्होंने 1893 से 1914 तक वहां 21 साल बिताए, उनकी स्थितियों को सुधारने के लिए काम किया। उन्होंने हिंद स्वराज या इंडियन होम रूल नामक एक पुस्तक भी लिखी, जिसमें स्वतंत्र भारत के लिए उनका दृष्टिकोण सामने आया।

जब प्रथम विश्व युद्ध छिड़ा, तो गांधी ने भारतीयों से उनका विश्वास और सहयोग हासिल करने के लिए ब्रिटिश युद्ध प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। युद्ध के बाद, उन्होंने सविनय अवज्ञा और सत्याग्रह (अहिंसक प्रतिरोध) जैसे विरोध के शांतिपूर्ण तरीकों का उपयोग करके स्वतंत्रता के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी। ये तकनीकें भारत के अंदर और बाहर दोनों जगह जनमत जीतने में बहुत सफल रहीं। 26 जनवरी, 1930 को, गांधीजी ने ब्रिटिश द्वारा लगाए गए नमक कर के विरोध में नमक इकट्ठा करने के लिए समुद्र तक एक मार्च का नेतृत्व किया। इस घटना को नमक मार्च के नाम से जाना गया और इससे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने में मदद मिली। 1932 में, गांधीजी ने हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव करने वाली ब्रिटिश नीतियों का विरोध करने के लिए भूख हड़ताल शुरू की। इससे भी स्वतंत्रता के लिए जनता का समर्थन जुटाने में मदद मिली।

अहिंसा और सत्याग्रह के विचार

अहिंसा और सत्याग्रह के कई अलग-अलग विचार हैं, लेकिन उन सभी का एक ही लक्ष्य है: शांतिपूर्ण तरीकों से न्याय प्राप्त करना। अहिंसक प्रतिरोध उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ एक शक्तिशाली हथियार है, और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए पूरे इतिहास में इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है। सत्याग्रह, या सत्य-बल की अवधारणा, महात्मा गांधी द्वारा भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद का विरोध करने के एक तरीके के रूप में विकसित की गई थी। सत्याग्रह इस विश्वास पर आधारित है कि सत्य हिंसा से अधिक शक्तिशाली है, और अहिंसक प्रतिरोध से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन हो सकता है। गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के लिए अपने अभियानों में सत्याग्रह का बहुत प्रभावी ढंग से उपयोग किया।आज भी न्याय और समानता की हमारी लड़ाई में अहिंसा और सत्याग्रह के विचार प्रासंगिक बने हुए हैं। ऐसी दुनिया में जहां हिंसा बहुत आम है, हमें याद रखना चाहिए कि शांति संभव है। हमें प्रेम और करुणा की शक्ति से नफरत और कट्टरता के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। हमें अधिक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण विश्व की अपनी खोज कभी नहीं छोड़नी चाहिए।

सत्य और अहिंसा के सिद्धांत

गांधी जयंती दो मुख्य सिद्धांतों का जश्न मनाती है: सत्य और अहिंसा। गांधी जीवन के सभी पहलुओं में सच्चाई और ईमानदारी में विश्वास करते थे, साथ ही लोगों को दूसरों के साथ बातचीत में अहिंसक होने की आवश्यकता पर भी विश्वास करते थे। उन्होंने महसूस किया कि ये सिद्धांत एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण समाज बनाने के लिए आवश्यक थे। इसलिए गांधी जयंती अधिक सामंजस्यपूर्ण विश्व प्राप्त करने के तरीके के रूप में इन मूल्यों को बढ़ावा देती है।

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गाँधी जी को प्राप्त प्रमुख उपलब्धियाँ या पुरस्कार

  • -गांधी जी 1948 में नोबेल शांति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे
  • -उन्हें 1930 में टाइम मैगजीन का मैन ऑफ द ईयर नामित किया गया था
  • -गांधी जी को 1948 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था
  • -उन्हें 1989 में मानवाधिकार के लिए राफ्टो पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था
  • -गांधी जी को 1915 में ब्रिटिश सरकार द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने 1922 में इसे त्याग दिया।

गांधी जयंती समारोह

गांधी जयंती का अवसर भारत में एक भव्य त्योहार है। यह उत्सव हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में होता है, जहां महात्मा गांधी की स्मृति का सम्मान करने के लिए प्रार्थना सेवाएं या श्रद्धांजलि आयोजित की जाती हैं। वह कई अच्छी चीजों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति थे, जिसमें नस्लवाद के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता भी शामिल थी, जिसे हम आज भी देखते हैं, भले ही वह चले गए हों।ये आयोजन पूरे स्कूलों में होते हैं – सरकारी संस्थान और निजी दोनों; वहाँ स्मारक समारोह भी देखे जा सकते हैं। लेखन, कला और अन्य गतिविधियों के लिए प्रतियोगिताएँ दुनिया भर में होती रहती हैं। इन प्रतियोगिताओं के लिए कीमतें भी वितरित की जाती हैं। कई स्कूलों और विश्वविद्यालयों में छात्र महात्मा गांधी की यात्रा के बारे में नाटक और वृत्तचित्र भी देखते हैं।परिणामस्वरूप, युवाओं को अहिंसक जीवन शैली जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, गांधी जी के पसंदीदा भजन (हिंदू भक्ति गीत) गाने के अवसर भी होते हैं। उत्सव के तौर पर गांधी जी के स्मारकों को फूलों और मालाओं से सजाया गया है। गांधी जयंती महात्मा गांधी के उत्कृष्ट चरित्र का जश्न मनाती है। यह इस शानदार व्यक्तित्व के जीवन को रुकने और सराहने का मौका है। इस दिन सभी को उनके जैसा जीवन जीने का प्रयास भी करना चाहिए। दरअसल, गांधी जयंती को भारत में देशभक्ति का दिन माना जाता है।

उपसंहार

गांधी जयंती देश के महानतम नायक का सम्मान करने वाला एक राष्ट्रीय त्योहार है, जिन्होंने लाखों लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त कराया। इसके अलावा, गांधी जयंती भारत की तीन राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया। यह त्यौहार वास्तव में भारत में एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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Gandhi Jayanti Essay in Hindi | 2 October PR Nibandh

अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के नेतृत्व में उन्होंने भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय किया। उन्होंने 1917 से अपना आंदोलन शुरू किया जिसमे उनका पहला आंदोलन बिहार के चंपारण जिले से शुरू हुआ था जिसे चंपारण सत्याग्रह कहा जाता है। इस तरह के अलग-अलग आंदोलन करते हुए 1942 में महात्मा गांधी ने अपना आठवां आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन को शुरू किया और अंततः देश को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों के हाथ से मुक्त करवाया। 

महात्मा गांधी को उनके विचार और बेहतरीन कार्य की वजह से भारत का राष्ट्रपिता कहा जाता है। उन्होंने विषम परिस्थिति में बेहतरीन तरीके से देश के नौजवानों का नेतृत्व किया और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए देश को अंग्रेजों से मुक्त करवाया। आज भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की उनकी रणनीति काफी कारगर मानी जाती है जिसके बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य 2 अक्टूबर को किया जाता है। देश के प्रत्येक नौजवानों को सत्य और अहिंसा के बारे में समझाने का प्रयास किया जाता है।

प्रत्येक साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्म दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ विभिन्न प्रकार के समारोह के जरिए संपन्न में किया जाता है। सरकार इस दिन विभिन्न प्रकार के नियम और योजनाओं को लागू करती है। हर साल की तरह इस साल भी महात्मा गांधी के बलिदान और उनके अतुलनीय कार्य को सराहना देने के लिए गांधी जयंती का त्यौहार मनाया जाएगा। 

गांधी जयंती पर निबंध | Essay on Gandhi Jayanti 2023

गांधी जयंती का त्यौहार हर साल बड़े हर्षोल्लास के साथ 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी के दादाजी उम्र चंद्र गांधी गुजरात के राजवाड़ा परिवार में दीवान का कार्य किया करते थे। अंग्रेजों का शासन शुरू हुआ तो उनके पिता को राजकोट के कोर्ट में दीवान के कार्य के लिए ट्रांसफर कर दिया गया। वहां से उनके पिता ने वकील और जज के बारे में समझा और अपने बेटे को इस पद पर आगे बढ़ने का नेर्तित्व किया। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई करने के दौरान महात्मा गांधी का विवाह महज 12 वर्ष की आयु में उनसे 1 साल बड़े कस्तूरबा गांधी के साथ कर दिया गया था।

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महात्मा गांधी शादी के कुछ सालों बाद अपनी बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए थे। लंदन में अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद मुंबई में कुछ सालों तक मुंबई के कोर्ट में प्रैक्टिस किया था। उसी दौरान उन्हें दक्षिण अफ्रीका में एक केस लड़ने का मौका मिला था जहां केस जीतने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लोगों के साथ हो रहे नस्ली भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने का निर्णय किया था। अपनी पत्नी के साथ 21 वर्ष तक महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रहे थे। उसके बाद अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के नेतृत्व पर वह 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे। महात्मा गांधी अपनी वकालत के कार्य की वजह से दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए भी भारतीय अखबारों में हमेशा सुर्खियों में रहते थे।

गांधी जयंती पर निबंध | Gandhi Jayanti PR Essay

Gandhi Jayanti Par Nibandh:- भारत में उन्होंने 1917 से अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन प्रक्रिया शुरू किया था। भारत में उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में शुरू किया जिसमें उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा आंदोलन, रौलट एक्ट विरोध, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन, जैसे विभिन्न प्रकार के आंदोलनों का निर्वाहन किया था। 

मोहनदास करमचंद गांधी किस सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर आजादी मांगने के तरीके से प्रभावित होकर महान लेखक रविंद्र नाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी। महात्मा गांधी पूरे भारत में प्रचलित हुए थे और उनके बलिदान के लिए आजादी के बाद उन्हें राष्ट्रपिता घोषित किया गया था। हर साल उनके बलिदान और बेहतरीन कार्य के लिए हम 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का त्यौहार मनाते है। इस दिन महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा की बात की जाती है अलग-अलग जगह पर गांधी जयंती का समारोह आयोजित किया जाता है और इस तरह भारत में गांधी जयंती का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आने वाले समय में भी हमें इस तरह गांधी जयंती का त्यौहार मनाते रहेंगे और महात्मा गांधी के विचारों का निर्वहन करते हुए उनके सत्य और अहिंसा के पथ पर चलने का प्रयास करेंगे। 

गांधी जयंती पर निबंध 10 लाइन | 10 Lines On Gandhi Jayanti

  1. महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर हम गांधी जयंती का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ पूरे भारतवर्ष में हर साल 2 अक्टूबर को मनाते है।
  2. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था।
  3. महात्मा गांधी जात से एक वैष्णव परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां उनके दादा परदादा राजवाड़ा परिवार में दीवान का काम किया करते थे।
  4. महात्मा गांधी भारत से अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए लंदन गए थे।
  5. महात्मा गांधी का विवाह 12 वर्ष की आयु में 13 वर्ष की कस्तूरबा गांधी से कर दिया गया था।
  6. महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी था और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।
  7. महात्मा गांधी बैरिस्टर की पढ़ाई करने के बाद दक्षिण अफ्रीका चले गए थे जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लोगों के लिए नस्लभेद के खिलाफ आवाज उठाया था और आंदोलन किया था।
  8. 9 जून 1915 को महात्मा गांधी इस वर्ष बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे।
  9. अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के साथ उन्होंने 1 साल भारत भ्रमण किया था जिसके बाद 1917 से उन्होंने आंदोलन प्रक्रिया शुरू की थी।
  10. 1917 में महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के साथ आंदोलन शुरू किया था।
  11. 1920 में उन्होंने असहयोग आंदोलन और 1922 में उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के साथ पूरे भारतवर्ष में सत्य और अहिंसा का बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया था।
  12. महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन काल में आठ महत्वपूर्ण आंदोलनों को अंजाम दिया था जिसके परिणाम स्वरूप 1947 में भारत आजाद हुआ था।
  13. महात्मा गांधी के अतुलनीय कार्य नेतृत्व और निर्वाहन प्रक्रिया के साथ किए गए कार्य के बाद उन्हें राष्ट्रपिता घोषित किया गया।
  14. हर साल गांधी जयंती के अवसर पर अलग-अलग समारोह का आयोजन किया जाता है और महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के मार्ग को स्पष्ट रूप से लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है। 

Gandhi Jayanti Par Nibandh FAQ’s

Q. गांधी जयंती कब मनाया जाता है?

हर साल गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाया जाता है।

Q. गांधी जयंती का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

गांधी जयंती का त्यौहार महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए मनाया जाता है।

Q. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का खिताब किसने दिया?

महात्मा गांधी को सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रपिता का खिताब दिया था।

Q. महात्मा गांधी को महात्मा का खिताब किसने दिया था?

महात्मा गांधी को महान लेखक रविंद्र नाथ टैगोर ने महात्मा का खिताब दिया था। 

Q. महात्मा गांधी के गुरु कौन थे?

महात्मा गांधी के गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने Gandhi Jayanti Par Nibandh 2023 से जुड़ी विस्तार पूर्वक जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत की है। इस लेख में अपने Gandhi Jayanti nibandh बेहतरीन तरीके से पाया होगा। अगर हमारे द्वारा साझा की गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप गांधी जयंती और महात्मा गांधी के बारे में विस्तारपूर्वक समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूलें।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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