Hindi Diwas Poem in Hindi:- हिंदी दिवस भारत के कुछ महत्वपूर्ण त्यौहार में से एक माना जाता है। हिंदी दिवस का त्यौहार 14 सितंबर 1953 से मनाया जा रहा है। Hindi Diwas को मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय लोगों के बीच हिंदी भाषा की जागरूकता को फैलाना है। हिंदी भारत में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है और 1949 के केंद्रीय सभा बैठक के दौरान हिंदी को केंद्रीय भाषा के रूप में चुना गया था। मगर इसके बावजूद भारत में हिंदी भाषा को वह अहमियत नहीं दी जाती है जिसकी वह हकदार है जिस वजह से हिंदी दिवस हर साल पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस पर अलग-अलग संस्थानों में कविता भाषण जैसी प्रतियोगिताएं रखी जाती है। इंटरनेट का युग आने की वजह से हिंदी दिवस के अवसर पर लोग विभिन्न प्रकार के स्टेटस और Quotes, Hindi Diwas Poem for Students का इस्तेमाल अपने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करने लगे है। आज इसलिए हम आपको हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में प्रस्तुत करने जा रहे है। अगर आप हिंदी दिवस पर कविता ढूंढ रहे थे तो नीचे दिए गए कविताओं के संग्रहण का इस्तेमाल कर सकते है।
Overview – Hindi Diwas Poem (Kavita)
त्यौहार का नाम | Hindi Divas 2024 |
कहां मनाया जाता है | पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है |
क्यों मनाया जाता है | भारत में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए |
कब मनाया जाता है | हर साल 14 सितंबर को |
कैसे मनाया जाता है | अलग-अलग संस्थानों में कविता और भाषण की प्रस्तुति प्रस्तुत की जाती है |
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Hindi Diwas Poem for Students
हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा में अलग-अलग प्रकार के कविता और भाषण की प्रस्तुति विभिन्न संस्थानों के द्वारा आयोजित करवाई जाती है।अगर आप भी हिंदी दिवस पर एक बेहतरीन कविता की तलाश कर रहे हैं तो नीचे दी गई सूचियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें – यह प्रथम कविता B. L. Kumawat द्वारा लिखी गई है इसे वीडियो फॉर्मेट में भी बनाया गया हैं।
आसान होते संवाद मेरे,
जब कथन हिंदी में कहता हूं।
और लगे प्यारी मुझे ये,
जब हर शब्द इसका लिखता हूं।
गर्व है वर्णमाला पर इसकी,
कठिन है मगर आसान समझता हूं।
होता हूं आनंद विभोर मैं,
जब हर शब्द इसका पढ़ता हूं।
लगे आसान वेद पुराण उपनिषद,
जब हिंदी भाषा में सुनता हूं।
कोई ना संशय रहता मन में,
हर शब्द को भावार्थ में समझता हूं।
हर भाषा का एक स्वरूप होता है,
मैं हिंदी को निजी स्वरूप समझता हूं।
आसान होते संवाद मेरे,
जब कत्ल हिंदी में कहता हूं।
गूंजी हिन्दी विश्व में,
स्वप्न हुआ साकार;
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयकार;
हिन्दी का जयकार,
हिन्दी हिन्दी में बोला;
देख स्वभाषा-प्रेम,
विश्व अचरज से डोला;
कह कैदी कविराय,
मेम की माया टूटी;
भारत माता धन्य,
स्नेह की सरिता फूटी!
बनने चली विश्व भाषा जो,
अपने घर में दासी,
सिंहासन पर अंग्रेजी है,
लखकर दुनिया हांसी,
लखकर दुनिया हांसी,
हिन्दी दां बनते चपरासी,
अफसर सारे अंग्रेजी मय,
अवधी या मद्रासी,
कह कैदी कविराय,
विश्व की चिंता छोड़ो,
पहले घर में,
अंग्रेजी के गढ़ को तोड़ो।
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पड़ने लगती है पियूष की शिर पर धारा।
हो जाता है रुचिर ज्योति मय लोचन-तारा।
बर बिनोद की लहर हृदय में है लहराती।
कुछ बिजली सी दौड़ सब नसों में है जाती।
आते ही मुख पर अति सुखद जिसका पावन नामही।
इक्कीस कोटि-जन-पूजिता हिन्दी भाषा है वही।
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Poem on Hindi Day | Hindi Diwas Par Kavita
हिंदी दिवस के अवसर पर अगर आप कुछ बेहतरीन कविता की तलाश कर रहे हैं तो नीचे दिए गए कविताओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
राष्ट्रभाषा की व्यथा।
दु:खभरी इसकी गाथा।।
क्षेत्रीयता से ग्रस्त है।
राजनीति से त्रस्त है।।
हिन्दी का होता अपमान।
घटता है भारत का मान।।
हिन्दी दिवस पर्व है।
इस पर हमें गर्व है।।
सम्मानित हो राष्ट्रभाषा।
सबकी यही अभिलाषा।।
सदा मने हिन्दी दिवस।
शपथ लें मने पूरे बरस।।
स्वार्थ को छोड़ना होगा।
हिन्दी से नाता जोड़ना होगा।।
हिन्दी का करे कोई अपमान।
कड़ी सजा का हो प्रावधान।।
हम सबकी यह पुकार।
सजग हो हिन्दी के लिए सरकार।।
संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी,
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी,
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी,
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी,
पढ़ने व पढ़ाने में सहज़ है सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी,
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी,
वागेश्वरी के माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी,
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपने पन से लुभाती है ये हिन्दी,
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।
Hindi Diwas Kavita in Hindi for Students
अगर आप हिंदी भाषा में हिंदी दिवस पर कोई बेहतरीन कविता ढूंढ रहे है तो हिंदी दिवस की कुछ बेहतरीन कविताओं को नीचे दी गई सूची में ध्यानपूर्वक पढ़ें –
हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दुस्तान की जाई हूँ……
सबसे सुन्दर भाषा हिन्दी,
ज्यों दुल्हन के माथे बिन्दी,
सूर, जायसी, तुलसी कवियों की,
सरित-लेखनी से बही हिन्दी,
हिन्दी से पहचान हमारी,
बढ़ती इससे शान हमारी,
माँ की कोख से जाना जिसको,
माँ,बहना, सखी-सहेली हिन्दी,
निज भाषा पर गर्व जो करते,
छू लेते आसमान न डरते,
शत-शत प्रणाम सब उनको करते,
स्वाभिमान..अभिमान है हिन्दी…
हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दुस्तान की जाई हूँ।
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मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
राष्ट्रभाषा हूँ मैं अभिलाषा हूँ मैं,
एक विद्या का घर पाठशाला हूँ मैं |
मेरा घर एक मंदिर बचा लो मुझे,
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे |
देख इस भीड़ में कहां खो गई,
ऐसा लगता है अब नींद से सो गई |
प्यार की एक थपक से जगा लो मुझे,
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे |
मैं हीं गद्य भी बनी और पद्य भी बनी,
दोहे, किससे बनी और छंद भी बनी |
तुमने क्या-क्या ना सीखा बता दो मुझे,
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे |
मैं हूँ भूखी तेरे प्यार की ऐ तू सुन,
दूँगी तुझको मैं हर चीज तू मुझको चुन।।।
हिंदी दिवस पर कविता पाठ | Hindi Diwas Par Kavita
हिंदी दिवस के पावन अवसर पर कुछ बेहतरीन कविताओं की सूची नीचे दी गई है जिसे पढ़कर आप अपने हिंदी कविता को किसी भी स्थान पर प्रस्तुत कर सकते हैं और बेहतरीन तरीके से लोगों का दिल जीत सकते हैं –
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषाज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।।
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।।
निज भाषा उन्नति बिना, कबहुँ न ह्यैहैं सोय
लाख उपाय अनेक यों भले करो किन कोय।।
इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग
तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।।
और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात
निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।।
तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय
यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।
भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।।
सब मिल तासों छाँड़ि कै, दूजे और उपाय
उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।।
मुगल आए या आए गोरे
सबको मार भगाया था।
सारा भारत जब आपस में
हिंदी से जुड़ पाया था।
तभी तो हिंदी भाषा में
गाया जाता राष्ट्रगान है,
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई
आपस में ये सब भ्राता हैं
है हिंदी जिसके कारण ही
आपस में इनका नाता है,
मिल जुलकर जो ये रहते तो
भारत का होता निर्माण है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।
हिंदी में सीखें पढ़ना हम
गाने हिंदी में गाते हैं
फिर क्यों हिंदी अपनाने में
व्यर्थ ही हम घबराते हैं,
सारे देश के संचार साधनों
की यही तो एक जान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।
FAQ’s
Q. हिंदी दिवस (Hindi Diwas) कब मनाया जाता है?
हर साल हिंदी दिवस का त्यौहार 14 सितंबर को मनाया जाता है।
Q. हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?
हिंदी दिवस का त्यौहार अपने देश में हिंदी भाषा के महत्व को दोबारा लोगों तक पहुंचाने के लिए मनाया जाता है।
Q. हिंदी दिवस कब से मनाया जा रहा है?
1949 में हिंदी भाषा को देश की केंद्रीय भाषा माना गया था उसके बाद 1953 से हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई थी।
निष्कर्ष
इसलिए हमने आपको हिंदी दिवस पर कविता (Hindi Diwas Poem) की सूची प्रस्तुत की है। हमने आपको सरल शब्दों में यह बताने का प्रयास किया कि हिंदी दिवस कैसे और क्यों मनाया जाता है साथ ही आपके लिए हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर विभिन्न प्रकार के कविताओं की सूची को भी प्रस्तुत किया गया। अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप हिंदी दिवस के बारे में अच्छे से समझ पाए हैं साथी हिंदी दिवस की कविताएं आपको अच्छी लगी है तो इसे अपने मित्रों के साथ हि साझा करें साथी अपने सुझाव विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न कमेंट में पूछना ना भूलें।