Ganesh ji Ko kaise Prasann kare: जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि भारत में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाएगा | ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन लोग सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश जी की पूजा करेंगे ताकि उनके जीवन में खुशियां और समृद्धि आ सके हम आपको बता दें कि भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन आप भगवान गणेश जी को खुश करना चाहते हैं तो उसके कई प्रकार के उपाय हैं लेकिन हम आज के आर्टिकल में आपको पांच ऐसे आसान उपाय के बारे में बताएंगे जिसके माध्यम से आप गणेश जी को खुश कर सकते हैं उन पांच उपाय के बारे में अगर आप जानना चाहते हैं तो आज के आर्टिकल में हम आपको Ganesh ji Ko Kaise Prasann Kare संबंधित पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक उपलब्ध करवाएंगे आर्टिकल पर अंतिम तक बन रहे आईए जानते हैं-
गणेश जी को खुश करने के उपाय | Ganesh Ji Ko Prasann Karne Ke Upay
गणेश जी को खुश करने के सबसे अच्छा उपाय है कि आप भगवान गणेश जी को दूर्वा अर्पित करना है। दूर्वा गणेश जी को अधिक पसंद है क्योंकि इसमें अमृत मौजूद होता है। ऐसा कहा जाता है कि गणपति अथर्वशीर्ष में इस बात का विवरण दिया गया है कि अगर कोई गणेश जी की पूजा विधि विधान साथ से करता है वह व्यक्ति कुबेर के बराबर जाता है |
हम आपको बता दें कि गणेश जी को खुश करने के लिए कम से कम कम 21 दूब, 2 शमी और 2 बेल पत्र जरूर अर्पित करेंगे इससे आपके मन की हर एक मनोकामना की पूर्ति भगवान गणेश जी के माध्यम से पूर्ण की जाएगी |
Ganesh ji Ko Kaise Prasann Kare
गणेश जी को आप कैसे खुश कर सकते हैं तो हम आपको बता दें कि भगवान गणपति बप्पा को खुश करने के लिए कई प्रकार के उपाय हैं और आर्टिकल में हम आपको बेहतर पांच उपाय के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे इसलिए आर्टिकल पर आप बनी रहिएगा
गणपति को खुश करने के लिए करें ये पांच आसान उपाय
गणपति को खुश करने के लिए आप पांच आसान उपाय का अनुसरण कर सकते हैं इसके माध्यम से आप भगवान गणेश को खुश कर सकते हैं आईए जानते हैं उन सभी पांच उपाय के बारे में-
प्रत्येक दिन चढ़ाएं पांच दुर्वा
हम आपको बता दे की गणपति बप्पा को खुश करने के लिए आप प्रत्येक दिन पांच दूर्वा जरूर उन्हें अर्पित करें क्योंकि उन्हें दूर्वा बहुत पसंद है हम आपको बता दे कि आप हमेशा दूर्वा उनके माथे पर रख कभी भी पैरों में ना रखें
शमी पेड़ के पत्ते अर्पित करें:-
यदि आप भगवान गणेश को शमी के पेड़ के पत्ते अर्पित करते हैं तो इससे भगवान गणेश बहुत पसंद होते हैं भगवान राम ने रावण को युद्ध हारने के लिए शमी के पेड़ के पूजा की थी |
चावल के पवित्र दान
भगवान गणेश जी की पूजा में अगर आप चावल के पवित्र दाने उन्हें अर्पित करते हैं तो आपकी मनोकामना की पूर्ति अवश्य होगी ऐसे में भगवान गणेश जी को पसंद करने के लिए चावल के पवित्र दाने आपको पूजा सामग्री के तौर पर इस्तेमाल करना होगा एक बात का ध्यान रखेगी कि आप जो भी चावल इस्तेमाल करें वह टूटा हुआ नहीं होना चाहिए एक बात का ध्यान रखेगा की कभी भी आप गणेश जी को सुख चावल अर्पित ना करें बल्कि चावल को गिला करें और उसके बाद आप विशेष प्रकार के मंत्र’इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए आप चावल को भगवान भगवान गणपति को समर्पित करेंगे |
लाल सिंदूर
भगवान गणपति को लाल सिंदूर बहुत ज्यादा प्रिया है ऐसे में अगर आप उन्हें खुश करना चाहते हैं तो लाल सिंदूर भगवान गणपति को अर्पित जरूर करें ताकि आपकी मनोकामना की पूर्ति हो और यदि आपके जीवन में दुख तकलीफ है उसका निवारण भगवान गणेश जी के द्वारा हो सके | गणेश जी को सिंदूर अर्पित करते समय आपको विशेष मंत्र बोलें, ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’ का उच्चारण करना चाहिए |
मोदक:-
मोदक भगवान गणेश जी का प्रिय भोजन है ऐसे में अगर आप उन्हें खुश रखना चाहते हैं तो आप उन्हें मोदक जरूर अर्पित करें इसके पीछे भी कहानी है कहा जाता है कि भगवान परशुराम से युद्ध करते समय इनका दांत टूट गया था जिसके कारण इन्हें खाने में तकलीफ आ रही थी इसके बाद उन्होंने मोदक को भोजन के रूप में ग्रहण करना शुरू किया क्योंकि मोदक काफी मुलायम होता है इसे आसानी से खाया जा सकता है |
गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के फायदे | Durva Ke Fayde
- दु:ख और कष्ट का निवारण होता है
- बुध दोष से मुक्ति की प्राप्ति होती है
- हम आपको बता दें कि गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से घर में सुख और शांति का वातावरण स्थापित होता है |
- जीवन की आर्थिक समस्या को दूर कर सकते हैं |
- नौकरी व व्यापार में तरक्की के लिए आपको बुधवार के दिन 11 या 21 गांठ दूर्वा की अर्पित करें। ताकि नौकरी और व्यापार में जो भी दिक्कत आ रही है उसे दूर किया जा सके |
गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का मंत्र | Durva Ke Mantra
.. गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का मंत्र कौन-कौन सा है तो उसकी पूरी सूची का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं चलिए जानते हैं-
- ॐ गणाधिपाय नमः
- ॐ उमापुत्राय नमः
- ॐ विघ्ननाशनाय नमः
- ॐ विनायकाय नमः
- ॐ ईशपुत्राय नमः
- ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
- ॐ एकदन्ताय नमः
- ॐ इभवक्त्राय नमः
- ॐ मूषकवाहनाय नमः
- ॐ कुमारगुरवे नमः
Summary : उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा ऐसे में आर्टिकल से जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में आकर अपनी प्रतिक्रिया को दर्ज कर सकते हैं जिसका जवाब हम आपको जल्द से जल्द देने का हर संभव प्रयास करेंगे तब तक की धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में-