Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:- हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही भव्य माना जाता है। भारत के विभिन्न जगहों पर लोग साल भर से Ganesh Chaturthi का इंतजार करते है और इस त्यौहार को बड़े ही भव्य तरीके से मनाते है। कुछ परीक्षा में Ganesh Chaturthi Nibandh लिखने के लिए भी कहा जाता है . अगर आप “गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में” की तलाश गूगल पर कर रहे हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। अगर आप गणेश चतुर्थी निबंध के ऊपर जानकारी ढूंढ रहे है तो नीचे दिए गए सभी निर्देश और आवश्यक जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत के विभिन्न त्योहार की तरह गणेश चतुर्थी का त्योहार भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विभिन्न राज्यों में विभिन्न प्रकार के आयोजनों से संपन्न किया जाता है मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी के त्योहार का भव्य आयोजन महाराष्ट्र राज्य में किया जाता है। इसके संबंध में हमने कुछ खास गणेश चतुर्थी निबंध को नीचे सूचीबद्ध किया है उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।
Ganesh Chaturthi Essay in Hindi
त्योहार का नाम | गणेश चतुर्थी 2022 |
कहां मनाया जाता है | भारत के सभी क्षेत्र में मुख्य रूप से महाराष्ट्र में |
कब मानते है | भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। |
इस साल कब है | 31 अगस्त 2022 |
क्यों मनाते है | भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाते हैं |
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Ganesh Chaturthi Nibandh in Hindi
प्रस्तावना:- हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत बड़े भव्य त्योहार के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत के हर राज्य में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ है भगवान गणेश की पूजा और व्रत से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर गणेश चतुर्थी के दिन भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। हम आपको यह भी बता दें कि गणेश चतुर्थी के दिन सबसे बड़ा मेला महाराष्ट्र के मुंबई शहर के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है।
गणेश चतुर्थी के त्योहार की शुरूआत भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में की जाती है। भगवान गणेश का जब जन्म हुआ था तो गलती से भगवान शिव अपने क्रोध के आवेग में गणेश का गर्दन काट देते हैं जिसके बाद उन्हें हाथी का गर्दन लगाया जाता है। इस बात से उनकी माता बहुत क्रोधित होती है जिस पर सभी देवताओं के द्वारा उन्हें वरदान दिया जाता है कि पृथ्वी पर सबसे पहले किसी भी कार्य में भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। इस तरह भगवान गणेश का जन्म होता है और उनकी पूजा-अर्चना करने के लिए भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चुना जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में यह त्यौहार हर साल पूरे भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर निबंध
आज से कुछ साल पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के लिए बहुत ही भव्य आयोजन किया जाता था जिसमें कुछ लोगों के द्वारा एक स्थान पर भगवान की मूर्ति की स्थापना की जाती थी वर्तमान समय में इस तरह की स्थापना कम कर दी गई है को रोना और विभिन्न प्रकार की महामारी की वजह से लोगों एकजुट होने की संख्या को कम करने को कहा गया है। यही कारण है वर्तमान समय में भगवान गणेश की पूजा के लिए मेला का आयोजन बहुत कम हो गया है।
मगर इसके बावजूद भारत के अलग-अलग जगहों पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए गणेश चतुर्थी के दिन मेला का आयोजन किया जाता है। वर्तमान समय में भारत का सबसे बड़ा गणेश चतुर्थी मेला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित किया जाता है। इस दिन लोग भगवान की मूर्ति की स्थापना करते हैं मोदक का भोग चढ़ाते हैं और 11 दिन तक भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। औरतें गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान के निमित्त व्रत करती हैं और घर की सुख शांति के लिए भगवान गणेश की पूजा करती है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है क्योंकि उनके आगमन मात्र से भक्तों के सभी विघ्न और परेशानी खत्म हो जाती है। भगवान गणेश को तारक बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है जिनकी सवारी मूषक है उनके त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी के रूप में हम हर साल भव्य तरीके से भारत के लग भाग सभी घर में मनाते हैं।
गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में
Ganesh Chaturthi Hindi Nibandh:- गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर साल भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है वर्तमान समय का सबसे बड़ा गणेश चतुर्थी मेला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है। भगवान गणेश को हम लंबोदर विघ्नहर्ता और अन्य नामों से जानते है, उन्हें तर्क बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है। भगवान गणेश की सवारी मूषक है, भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है जिस वजह से उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि कई साल पहले जब माता पार्वती को एक ऐसे बच्चे की जिज्ञासा हुई जो उनका हर तरह का आदेश माने तो उन्होंने गणेश को कीचड़ और मिट्टी से बनाया और उसके बाद जीवन दान देकर उन्हें घर के पहरेदारी पर खड़ा कर दिया भगवान शिव इस बात से अनजान थे और उन्होंने इस बच्चे के सिर पर अपने त्रिशूल से वार करके उनका गर्दन धड़ से अलग कर दिया। माता पार्वती इस बात से बहुत क्रोधित हुई तो अपनी गलती पर पछतावा हुए किसी और तरह कशिश नाम मिलने पर हाथी के शीशे को उनके शरीर से जोड़ दिया गया तब से भगवान गणेश को लंबोदर का नाम दिया गया। सभी देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया जिनमें सबसे पहले उनकी पूजा होगी यह वरदान भी शामिल था।
भगवान गणेश की पूजा हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश की पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ हर साल भारत के अलग-अलग क्षेत्र में लोग मनाते हैं। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और जनता के नाम पर औरतें व्रत रखती हैं उपवास करती हैं इसके अलावा दान दक्षिणा के साथ मुख्य रूप से मोदक या लड्डू का भोग चढ़ाया जाता है। लड्डू गणेश भगवान का प्रिय भोजन है हर कोई इस त्यौहार के दिन भगवान गणेश को लड्डू भेंट करता है। इसके अलावा सुपारी और पान पत्र भगवान के दाहिने और बाएं और रखा जाता है जो उनकी पत्नियों का संकेत है। रिद्धि और सिद्धि को भगवान गणेश की पत्नियां हैं।
भगवान की पूजा बहुत ही भव्य तरीके से इस दिन की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के बाद एक मेला का आयोजन भी किया जाता है अलग-अलग जगहों पर मेला बहुत ही भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है जहां झूला और अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों की व्यवस्था होती है। इस साल गणेश चतुर्थी के रूप में हम 31 अगस्त 2022 को इस भव्य आयोजन का आनंद उठाने वाले हैं।
गणेश चतुर्थी निबंध लेखन
गणेश चतुर्थी हर साल भारत के लगभग सभी क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस भव्य त्यौहार को हम भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाते है। गणेश चतुर्थी के दिन हर कोई भगवान गणेश की पूजा अर्चना करता है और उनके नियमित औरतें व्रत रखती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है इस दिन उनके नियमित ध्यान पूर्वक पूजा करने से भक्तों के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं।
हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल के पावन त्यौहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है और कुछ सूत्रों के मुताबिक इसके शुभ मुहूर्त को शाम के 3:23 का बताया गया है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार की कथाएं प्रचलित हैं मगर सबसे प्रचलित कथा यह है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और भगवान शिव के हाथ से उनका शीश कट गया था जिस वजह से उन्हें हाथी का शीश मिला था। इस पौराणिक कथा के बाद भगवान गणेश का नाम सभी देवताओं में सबसे पहले लिया जाने लगा और तब से लेकर आज तक गणेश चतुर्थी के दिन हर कोई भगवान गणेश को याद करता है।
गणेश चतुर्थी के दिन में हर कोई स्नान करके सुबह-सुबह भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करता है कुछ जगहों पर लोग चांदी और तांबे के मूर्ति की स्थापना करते हैं तो कुछ जगहों पर मिट्टी और गोबर की मूर्ति की स्थापना की जाती है। मूर्ति स्थापित करने के बाद कलश स्थापना होता है जिसमें एक मिट्टी के कलश पर भगवान गणेश की आकृति बनाकर उसे के लाल कपड़े से ढककर मूर्ति के समक्ष रखा जाता है। भगवान गणेश के नाम को याद करते हुए भगवान गणेश की आरती की जाती है और उनके नियमित मंत्र उच्चारण किया जाता है। इस तरह पूरे दिन भगवान की पूजा चलती है और औरतें इस दिन उपवास करती हैं रात को अर्ध चंद्रमा पर अर्घ्य देकर अपने उपवास को तोड़ती है। अगले दिन दान दक्षिणा करने और भगवान की आरती करने के बाद पारणा किया जाता है। मुख्य रूप से यह त्यौहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है वर्तमान समय में भी गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा मेला महाराष्ट्र के शहर मुंबई में आयोजित किया जाता है जहां विभिन्न प्रकार के झूले और विभिन्न प्रकार के भोजन की व्यवस्था की जाती है।
भारत के अलग-अलग क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार अलग अलग तरीके से मनाया जाता है जिसमें सबसे प्रचलित राज्य महाराष्ट्र है जहां के प्रमुख त्योहार के रूप में हम गणेश चतुर्थी को जानते है। यह गणेश चतुर्थी के त्योहार का इंतजार कई दिनों से किया जाता है और अलग-अलग प्रकार के आयोजन का इंतजाम किया जाता है। इस त्यौहार में हर कोई सज धज कर भगवान गणेश की आरती करता है और कुल 11 दिन तक भगवान की आरती करने के बाद उनका बड़े ही धूमधाम से विसर्जन किया जाता है। भारत के अलग-अलग क्षेत्र में गणेश चतुर्थी को मनाने की अलग-अलग प्रथा, परंपरा और संस्कृति चली आ रही है। हर साल की तरह इस साल भी हम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी की बधाई अपने मित्र सगे संबंधी और हर किसी तक पहुंचाएंगे और भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे।
गणेश चतुर्थी पर निबंध कैसे लिखें
Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:- गणेश चतुर्थी भारत की एक प्रचलित त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोग मनाते है। अगर आप इस भव्य त्योहार के ऊपर एक खूबसूरत निबंध लिखना चाहते हैं तो नीचे दिए गए निर्देशों का आदेश अनुसार पालन करें –
- सबसे पहले आपको इस त्यौहार के बारे में थोड़ी सी जानकारी देनी है जैसे इस साल यह त्यौहार कब मनाया जा रहा है और इस त्यौहार को क्यों मनाया जाता है।
- उसके बाद आप को भगवान ने गणेश के बारे में जानकारी देनी है साथ ही इस त्यौहार से जुड़ी किसी प्रकार की कथा को भी बताना है।
- इसके बाद भारत के अलग-अलग क्षेत्र में यह त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता है और मुख्य रूप से यह त्यौहार किस चीज का संकेत देता है इसके बारे में जानकारी देनी है।
- फिर पुराने जमाने में यह त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता था और वर्तमान समय में इस त्यौहार को कैसे मनाया जाता है इससे जुड़ी जानकारी मुहैया करवाएं।
- इस त्यौहार को मनाने की प्रक्रिया और इससे जुड़े कुछ खास बाते और इस त्यौहार को अलग अलग छेत्र में मनाए जाने के अलग-अलग प्रकार और इससे जुड़ी अन्य प्रकार की जानकारी को देते हुए अपने लेख का समापन करे।
FAQ’s Ganesh Chaturthi Essay in Hindi
Q. इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जा रहा है?
इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है।
Q. हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाता है?
हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
Q. गणेश चतुर्थी मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस साल गणेश चतुर्थी को मनाने के लिए भाद्रपद महीने की शुरुआत 31 अगस्त की शाम 3: 23 को बताया गया है।
Q. गणेश चतुर्थी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
Q. गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा मेला कहां लगता है?
भारत के अलग-अलग क्षेत्र में गणेश चतुर्थी के दिन मेला का आयोजन होता है जिसमें सबसे बड़ा मेला महाराष्ट्र के मुंबई शहर के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हमने आपको Ganesh Chaturthi Essay in Hindi से जुड़े कुछ बेहतरीन निबंध के बारे में बताया है। इस लेख में अपने अलग-अलग प्रकार के निबंध को पढ़ा और गणेश चतुर्थी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की जानकारियों को पाया है। इस लेख में हमने गणेश चतुर्थी से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी निबंध के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत की है अगर इससे आपकी समस्या का निराकरण होता है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथी अपने सुझाव विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूलें।