स्वामी विवेकानंद का भाषण | Swami Vivekananda Speech in Hindi

By | मार्च 20, 2023

Swami Vivekananda Speech in Hindi:- स्वामी विवेकानंद भारत के महान हिंदू भिक्षुओं में से एक हैं। वह न केवल एक आध्यात्मिक नेता हैं, जिन पर भारत गर्व है, बल्कि एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे। जिन्होंने उन्हें गहराई से समझा और पढ़ा है वह उन्हें स्वतंत्रा सेनानी भी थे, वहीं भारत की आजादी में योग्यादान देने वाले महान स्वतंत्रा सेनानी ने कहा भी है कि उनके अंदर आजादी की अलख जागाने वालों में से एक स्वामी विवेकानंद भी थे। आज भीवना सिर्फ हम भारतीय बल्कि पूरी दुनिया उनके सिद्धांतों का सम्मान करती है और उनका पालन करती है। उन्होंने अपने अभूतपूर्व भाषण के माध्यम से विश्व संस्कृति और धर्म पर कभी ना कम होने वाला प्रभाव डाला है। उनके उपदेशों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों के प्रति मानवता और सहानुभूति के गुणों का आह्वान किया है।

ads

आज हम इस लेख के जरिए स्वामी विवेकानंद के उसी भाषण के बारे में चर्चा करेंगे। इस लेख में हम आपको स्वामी विवेकानंद का भाषण ,शिकागो में स्वामी विवेकानंद का भाषण,स्वामी विवेकानंद के प्रशिद्ध भाषण ,स्वामी विवेकानंद के यादगार भाषण। स्वामी विवेकानंद के भाषण को बारे में जानने के लिए अखिर तक इस लेख को पढ़े।

Swami Vivekananda Speech in Hindi

स्वामी विवेकानंद ने वैसे तो कई जगह भाषण दिए हैं, लेकिन शिकागो में दी गई स्पीच काफी फेमस रही और आज भी लोग उनकी यह स्पीच सुनने को उत्सुक रहते हैं। बता दें कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। उनके घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त का निधन 1884 में हो गया था, जिसके चलते घर की आर्थिक दशा बहुत खराब हो गई थी। मात्र 39 वर्ष की आयु में स्वामी जी का निधन हो गया था।

Speech of Vivekananda 

Swami VivekanandaSimilar Content
स्वामी विवेकानंद जयंतीक्लिक करें
स्वामी विवेकानंद पर निबंध हिंदी मेंक्लिक करें
स्वामी विवेकानंद कोट्स हिंदी मेंक्लिक करें
स्वामी विवेकानंद के विचारक्लिक करें
स्वामी विवेकानंद का भाषणक्लिक करें
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचयक्लिक करें
राष्ट्रीय युवा दिवस निबंधक्लिक करें
राष्ट्रीय युवा दिवस पर भाषणक्लिक करें
राष्ट्रीय युवा दिवसक्लिक करें

स्वामी विवेकानंद लघु परिचय  

संगीत, साहित्य और दर्शन में विवेकानंद की काफी रुचि थी। तैराकी, घुड़सवारी और कुश्ती उनका शौक था। स्वामी जी ने तो 25 वर्ष की उम्र में ही वेद, पुराण, बाइबिल, कुरान, धम्मपद, तनख, गुरूग्रंथ साहिब, दास केपीटल, पूंजीवाद, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और दर्शन की तमाम तरह की विचारधारा को घोंट दिया था। वे जैसे-जैसे बड़े होते गए सभी धर्म और दर्शनों के प्रति अविश्वास से भर गए। संदेहवादी, उलझन और प्रतिवाद के चलते किसी भी विचारधारा में विश्वास नहीं किया। नरेंद्र की बुध्दि बचपन से ही तेज थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे ब्रम्ह समाज में गए, लेकिन वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ। 

READ  Gandhi Jayanti Speech in Hindi | गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में
टाइटलस्वामी विवेकानंद का भाषण
लेख आर्टिकल
साल2023
स्वामी विवेकानंद का जन्म कब हुआ था12 जनवरी
स्वामी विवेकानंद का जन्म स्थानकोलकाता
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस उम्र में हुई39 साल
स्वामी विवेकानंद ने कब भाषण दिया11 सितंबर 1893 
स्वामी विवेकानंद ने कहां अपना यादगार भाषणशिकागो (अमेरिका)

रामकृष्ण परमहंस की शरण में 

अपनी जिज्ञासाएं शांत करने के लिए ब्रम्ह समाज के अलावा कई साधु-संतों के पास भटकने के बाद अंत में वे रामकृष्ण परमहंस की शरण में गए। रामकृष्ण के रहस्यमय व्यक्तित्व ने उन्हें प्रभावित किया, जिससे उनका जीवन बदल गया। रामकृष्ण को गुरू बनाने के बाद उनका नाम विवेकानंद हुआ। 

स्वामी विवेकानंद का प्रसिध्द भाषण | Famous Speech of Vivekananda

स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (chicago) (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। विवेकानंद का जब भी जिक्र आता है, उनके इस भाषण की चर्चा जरूर होती है। 

शिकागो में स्वामी विवेकानंद का भाषण

मेरे प्यारे अमेरिका के बहनो और भाइयो, 

आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा ह्रदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया की सबसे प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं। मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं । और सभी जाति, संप्रदाय के लाखों, करोड़ों हिंदुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं। मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी है, जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। 

READ  Hindi Diwas Speech in Hindi | हिंदी दिवस पर भाषण हिंदी में

स्वामी जी आगे कहते हैं कि, मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है, कि हमने अपने ह्रदय में उन इस्त्राइलियों की पवित्र स्मृतियां संजोकर रखी हैं, जिनके धर्म स्थलों को रोमन हमलावरों ने तोड़-तोड़कर खंडहर बना दिया था और फिर उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली थी। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने महान पारसी धर्म के लोगों को शरण दी और अभी भी उन्हें पाल-पोस रहा है। भाइयो, मैं आपको एक श्लोक की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहूंगा, जिसे मैने बचपन से याद कर रखा और दुहराया है और जो रोज करोड़ों लोगों के द्वारा हर दिन दोहराया जाता है। 

Swami Vivekananda Chicago Speech in Hindi

जिस तरह अलग-अलग स्त्रोतों से निकली विभिन्न नदियां अंत में समुद्र में जाकर मिलती हैं, उसी तरह मनुष्य अपनी इच्छा के अनुरूप अलग-अलग मार्ग चुनता है। वे रास्ते देखने में भले ही सीधे या टेढ़े-मेढ़े लगें, पर सभी भगवान तक ही जाते हैं। वर्तमान सम्मेलन जो कि आज तक की सबसे पवित्र सभाओं में से है, यह गीता में बताए गए इस सिध्दांत का प्रमाण है कि, “जो भी मुझ तक आता है, चाहे वह कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं। लोग चाहे कोई भी रास्ता चुनें, आखिर में मुझ तक ही पहुंचते हैं।“ 

सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसके भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजे में जकड़े हुए हैं। इन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है। कितनी बार ही यह धरती खून से लाल हुई है। कितनी ही सभ्यताओं का विनास हुआ है और ना जाने कितने देश नष्ट हुए हैं। 

READ  23 मार्च शहीद दिवस पर दमदार भाषण हिंदी में | Shahid Diwas Speech in Hindi

अगर ये भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नत होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चुका है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी हठधर्मिताओं, हर तरह के क्लेश, चाहे वे तलवार से हों या कलम से और सभी मनुष्यों के बीच की दुर्भावनाओं का विनाश करेगा।  

स्वामी विवेकानंद के यादगार भाषण 

विवेकानंद पर वेदांत दर्शन, बुध्द के आष्टांगिक मार्ग और गीता के कर्मवाद का गहरा प्रभाव पड़ा। वेदांत, बौध्द और गीता के दर्शन को मिलाकर उन्होंने अपना दर्शन गढ़ा ऐसा नहीं कहा जा सकता। उनके दर्शन का मूल वेदांत और योग ही रहा । विवेकानंद मूर्तिपूजा को महत्व नहीं देते थे, लेकिन वे इसके विरोधी भी नहीं थे। उनके अनुसार, “ईश्वर” निराकार है। ईश्वर सभी तत्वों में निहित एकत्व है। जगत ईश्वर की ही सृष्टि है। आत्मा का कर्तव्य है कि शरीर रहते ही ‘आत्मा के अमरत्व’ को जानना। मनुष्य का चरम भाग्य ‘अमरता की अनुभूति’ ही है। राजयोग ही मोक्ष का मार्ग है। उनके यादगार भाषण ने लोगों का दिल जीत लिया। 

 FAQ’s Swami Vivekananda Speech in Hindi

Que. स्वामी विवेकानंद के अनुसार ईश्वर कैसा है ?

Ans. स्वामी विवेकानंद के अनुसार ईश्वर निराकार है।

Que. स्वामी विवेकानंद ने किसे मोक्ष का मार्ग कहा है ?

Ans. स्वामी विवेकानंद ने राजयोग को मोक्ष का मार्ग कहा है।

Que. स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भाषण कब दिया ?

Ans. 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भाषण दिया था।

Que. स्वामी विवेकानंद के प्रसिध्द भाषण की शुरुआत कैसे हुई ?

Ans. मेरे अमेरिका के भाइयो और बहनों से प्रसिद्ध भाषण की शुरुआत हुई थी।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *